मानसा में ट्रैफिक नियमों का पालन करने वाले को एसडीएम ने गुलाब देकर सम्मानित किया। इस दौरान जो बाइक सवार बिना हेलमेट के थे, उन्हें हेलमेट दिया गया। एसडीएम कलाराम काउंसिल ने टाणुकोणी चौक पर आयोजित ट्रैफिक सुरक्षा कार्यक्रम में नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन न केवल अपनी बल्कि दूसरों की जान बचाने के लिए भी जरूरी है। पुलिस अधिकारियों ने यातायात के प्रमुख नियमों पर विशेष जोर दिया। इनमें लाल बत्ती का पालन, शराब पीकर वाहन न चलाना, सीट बेल्ट का उपयोग और ड्राइविंग के दौरान फोन का प्रयोग न करना शामिल है। रात में गाड़ी चलाते समय इंडिकेटर का उपयोग और वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। 1 जनवरी से 31 जनवरी तक यातायात माह मनाया जा रहा है। इस दौरान पुलिस द्वारा लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। एसडीएम ने लोगों से अपील की कि वे अपनी गाड़ी के सभी आवश्यक कागजात साथ रखें और यातायात नियमों का पालन करें। मानसा में ट्रैफिक नियमों का पालन करने वाले को एसडीएम ने गुलाब देकर सम्मानित किया। इस दौरान जो बाइक सवार बिना हेलमेट के थे, उन्हें हेलमेट दिया गया। एसडीएम कलाराम काउंसिल ने टाणुकोणी चौक पर आयोजित ट्रैफिक सुरक्षा कार्यक्रम में नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन न केवल अपनी बल्कि दूसरों की जान बचाने के लिए भी जरूरी है। पुलिस अधिकारियों ने यातायात के प्रमुख नियमों पर विशेष जोर दिया। इनमें लाल बत्ती का पालन, शराब पीकर वाहन न चलाना, सीट बेल्ट का उपयोग और ड्राइविंग के दौरान फोन का प्रयोग न करना शामिल है। रात में गाड़ी चलाते समय इंडिकेटर का उपयोग और वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। 1 जनवरी से 31 जनवरी तक यातायात माह मनाया जा रहा है। इस दौरान पुलिस द्वारा लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। एसडीएम ने लोगों से अपील की कि वे अपनी गाड़ी के सभी आवश्यक कागजात साथ रखें और यातायात नियमों का पालन करें। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मानसा में 11 साल से जूस बेच रही लड़की:भाई-पिता की मौत के बाद लगाई रेहड़ी, सीएम भी मिल चुके, जूसवाली के नाम से मशहूर मानसा में अपने पिता और भाई की मौत के बाद लड़की पिछले 11 सालों से सड़क पर जूस का ठेला लगाकर अपनी मां और खुद का पेट पाल रही है। इस लड़की को देखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान तीन से चार बार उससे मिल चुके हैं और इस लड़की की तारीफ बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी की थी। मानसा जिले के गांव हमीरगढ़ ढपई में पिता और भाई की मौत के बाद हुसैन कौर नाम की युवती पिछले 11 सालों से पढ़ाई छोड़कर जूस का ठेला लगाने को मजबूर है। हुसैन कौर ने बताया कि पहले उसके भाई और बाद में पिता की मौत हो गई, जिसके बाद उसने 12वीं करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और वह हैंडबॉल कैप्टन के तौर पर खेलों में भी हिस्सा ले चुकी है, लेकिन घर में आजीविका का कोई साधन न होने के कारण उसने अपनी मां और खुद का पेट पालने के लिए जूस का ठेला लगाना शुरू कर दिया। सीएम मान मिल चुके इसके बाद वह अभी भी सड़क पर ठेला लगाकर काम कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत कौर उनसे तीन-चार बार मिल चुकी हैं और उन्होंने उनके ठेले पर रुककर उनकी तारीफ भी की थी, लेकिन उस समय भी हुसैन कौर ने मुख्यमंत्री से नौकरी की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें कोई रोजगार नहीं मिला है। लड़की होने के नाते मिसाल बनी हुसैन ने बताया कि बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल 20 से 25 मिनट तक उनके पास गईं और उनकी समस्याएं सुनीं और आर्थिक मदद भी की। कुछ अन्य समाजसेवियों ने भी उनकी मदद की, लेकिन हुसैन ने कहा कि अगर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी मिल जाए तो वह अपनी मां और घर का बोझ खुद अपने कंधों पर उठा लेंगी। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं लड़की होने के नाते मिसाल बन गई हूं। …
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लुधियाना में करंट से किशोरी की मौत:लोहे की अलमारी पर कपड़े कर रही थी प्रेस, झटका लगने से कई फीट दूर गिरी पंजाब के लुधियाना में बीती रात एक किशोरी की करंट लगने से मौत हो गई। लड़की अपनी स्कूल ड्रेस प्रेस कर रही थी। अचानक उसने कपड़े और आयरन को लोहे की अलमारी पर रख दिया। जिससे उसे झटका लगा और वह कई फीट दूर जा गिरी। इससे पहले कि परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मेहरबान इलाके में बुधवार रात की यह घटना है। लड़की की उम्र महज 12 वर्षीय थी। परिवार के लोग उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां से उसे सिविल अस्पताल भेज दिया गया। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही लड़की की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया और मेहरबान थाने की पुलिस को सूचना दी। लोहे की अलमारी से लगा झटका मृतक लड़की की पहचान मेहरबान इलाके के धरमपुरा कॉलोनी निवासी के रूप में हुई है। मृतक के पिता सुरजीत सिंह के अनुसार लक्ष्मी घर में लोहे की अलमारी पर कपड़े प्रेस कर रही थी। इसी दौरान उसे करंट लग गया। वह कुछ दूर जाकर गिरी और बेहोश हो गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लक्ष्मी कक्षा 7 की छात्रा थी। आज पोस्टमार्टम के बाद लक्ष्मी का शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
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पंजाब के 5 जिलों में AQI 400 पार:कई शहर ग्रेप-1 श्रेणी में, पराली के बाद पटाखों से हुआ हवा जहरीला, आज हालात और बिगड़ने के आसार दिवाली की रात पंजाब में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। ज्यादातर शहरों में प्रदूषण ऑरेंज अलर्ट पर पहुंच गया है, यानी यहां ग्रेप-1 की स्थिति लागू हो गई है। रात को जब पटाखे जलने शुरू हुए तो AQI 500 के पार पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के चिंताजनक स्तर पर पहुंचने पर लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। पंजाब सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से दिवाली के दौरान पटाखे जलाने का समय सीमित कर दिया है। सरकारी निर्देशों के अनुसार दिवाली पर पटाखे जलाने का समय रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। लेकिन, इसके बावजूद शाम से शुरू हुआ पटाखे देर रात तक चलते रहे। जिसके बाद अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। इतना ही नहीं, इन शहरों का औसत AQI भी 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। जानें अपने शहर की स्थिति प्रमुख शहरों में AQI खतरनाक स्तर पर लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, और पटियाला जैसे शहरों में AQI खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया। पटाखों के कारण उत्सर्जित हानिकारक गैसों और धूल के कणों ने वायु की गुणवत्ता को काफी खराब कर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषकों का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक हो गया, जिससे सांस, अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। प्रतिबंधों के बावजूद प्रदूषण में बढ़ोतरी पंजाब सरकार और पर्यावरण विभाग द्वारा पटाखों पर लगाए गए आंशिक प्रतिबंधों के बावजूद लोगों ने भारी मात्रा में पटाखे जलाए। नियमों की अनदेखी और देर रात तक पटाखों के फूटने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया। प्रशासन ने जनता से अपील की थी कि वह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाते हुए कम प्रदूषण वाले पटाखों का उपयोग करें, लेकिन इसके बावजूद पटाखों की आवाज और धुआं शहरों में व्यापक रूप से फैला रहा। स्वास्थ्य पर प्रभाव प्रदूषण के कारण बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पड़ा है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायतों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, घर के अंदर रहने, और खासकर सुबह और रात में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। विशेषज्ञों की चेतावनी और उपाय पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पटाखों के उपयोग को सख्ती से नियंत्रित नहीं किया गया, तो आने वाले वर्षों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सरकार और प्रशासन को प्रदूषण के प्रति सख्त रवैया अपनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन मिल सके।