<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC in Uttarakhand:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लागू होने की संभावना है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस ऐतिहासिक कदम की घोषणा कर सकते हैं. समान नागरिक संहिता राज्य में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों को एक समान कानून के दायरे में लाने का प्रयास है. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए नियमावली तैयार कर ली है. यह विधायी विभाग के पास परीक्षण के लिए भेजी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें किसी केंद्रीय कानून का दोहराव न हो. इसके तहत ब्लॉक स्तर पर कार्मिकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन कर्मचारियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रियाओं की जानकारी दी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>26 जनवरी को यीसीसी लागू होने की संभावना<br /></strong>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी 2025 के अंत तक यह कानून लागू कर दिया जाएगा. निकाय चुनाव की मतगणना 25 जनवरी को होनी है, जिसके बाद 26 जनवरी को इस कानून को लागू करने की घोषणा की संभावना है. समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राज्य में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, उत्तराधिकार और वसीयत जैसे मामलों में कई अहम बदलाव होंगे. सभी नागरिकों को विवाह का पंजीकरण कराना होगा. किसी भी धर्म के व्यक्ति के लिए बहुपत्नी रखना अपराध की श्रेणी में आएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में यूसीसी के लागू होने से हलाला और इद्दत पर रोक लगाई जाएगी. मुस्लिम समुदाय में प्रचलित इन प्रथाओं को समाप्त कर दिया जाएगा. सभी धर्मों और वर्गों में बेटा और बेटी को समान संपत्ति का अधिकार मिलेगा. जायज और नाजायज बच्चों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC के नियमों का उल्लंघन करने वाले पर दंडात्मक कार्रवाई होगी<br /></strong>समान नागरिक संहिता के तहत नियमों का पालन न करने पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया है. गलत या झूठी जानकारी देने पर तीन महीने की जेल या 25,000 रुपये का जुर्माना. लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण न कराने पर तीन महीने की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना. बहुपत्नी प्रथा या विवाह नियमों का उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना. जुर्माना न देने पर जेल की अवधि छह महीने और बढ़ाई जा सकती है. शुरुआती नियमावली में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत आदि के पंजीकरण के लिए 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक का शुल्क प्रस्तावित किया गया था. हालांकि, सरकार ने इसे अधिक मानते हुए शुल्क को 100 रुपये से 500 रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा, जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरुआती कुछ महीनों तक यह पंजीकरण निशुल्क किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के लगभग 1,500 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कर्मचारियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रियाओं के साथ-साथ कानून की बारीकियों को समझाया जा रहा है. पोखरी विकासखंड सभागार में आयोजित एक प्रशिक्षण सत्र में उपजिलाधिकारी अबरार अहमद और मास्टर ट्रेनर उपेंद्र रावत ने कर्मचारियों को लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण और शिकायत प्रक्रियाओं की जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>समान नागरिक संहिता राज्य के हर वर्ग के लिए- सीएम धामी<br /></strong>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को राज्य की प्रगति और समाज के हर वर्ग को समान अधिकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र पर आधारित है. मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की कानूनी और सामाजिक प्रणाली में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक पहल करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सामाजिक समरसता बढ़ेगी. सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए जाएंगे. महिलाओं को विवाह, तलाक और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा. बेटा और बेटी दोनों को समान संपत्ति अधिकार मिलेगा. गलत जानकारी देने वालों पर सख्त दंड का प्रावधान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड में UCC का लागू होना ऐतिहासिक कदम<br /></strong>समान नागरिक संहिता का लागू होना उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा. यह कानून न केवल समाज के हर वर्ग को समान अधिकार प्रदान करेगा, बल्कि राज्य में सामाजिक न्याय और प्रगतिशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में यह पहल राज्य को एक नई दिशा देने का काम करेगी. 26 जनवरी को इस कानून की औपचारिक घोषणा का इंतजार अब पूरे प्रदेश को है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-said-step-motherly-treatment-to-people-of-bihar-and-up-in-delhi-corona-time-2863505″>’दिल्ली में बिहार-यूपी के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार’, मायावती ने किसे सुना डाली खरी-खोटी?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UCC in Uttarakhand:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लागू होने की संभावना है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस ऐतिहासिक कदम की घोषणा कर सकते हैं. समान नागरिक संहिता राज्य में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों को एक समान कानून के दायरे में लाने का प्रयास है. इसके साथ ही मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए नियमावली तैयार कर ली है. यह विधायी विभाग के पास परीक्षण के लिए भेजी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें किसी केंद्रीय कानून का दोहराव न हो. इसके तहत ब्लॉक स्तर पर कार्मिकों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इन कर्मचारियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रियाओं की जानकारी दी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>26 जनवरी को यीसीसी लागू होने की संभावना<br /></strong>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी 2025 के अंत तक यह कानून लागू कर दिया जाएगा. निकाय चुनाव की मतगणना 25 जनवरी को होनी है, जिसके बाद 26 जनवरी को इस कानून को लागू करने की घोषणा की संभावना है. समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद राज्य में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, उत्तराधिकार और वसीयत जैसे मामलों में कई अहम बदलाव होंगे. सभी नागरिकों को विवाह का पंजीकरण कराना होगा. किसी भी धर्म के व्यक्ति के लिए बहुपत्नी रखना अपराध की श्रेणी में आएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य में यूसीसी के लागू होने से हलाला और इद्दत पर रोक लगाई जाएगी. मुस्लिम समुदाय में प्रचलित इन प्रथाओं को समाप्त कर दिया जाएगा. सभी धर्मों और वर्गों में बेटा और बेटी को समान संपत्ति का अधिकार मिलेगा. जायज और नाजायज बच्चों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>UCC के नियमों का उल्लंघन करने वाले पर दंडात्मक कार्रवाई होगी<br /></strong>समान नागरिक संहिता के तहत नियमों का पालन न करने पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया है. गलत या झूठी जानकारी देने पर तीन महीने की जेल या 25,000 रुपये का जुर्माना. लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण न कराने पर तीन महीने की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना. बहुपत्नी प्रथा या विवाह नियमों का उल्लंघन करने पर तीन साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना. जुर्माना न देने पर जेल की अवधि छह महीने और बढ़ाई जा सकती है. शुरुआती नियमावली में विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत आदि के पंजीकरण के लिए 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक का शुल्क प्रस्तावित किया गया था. हालांकि, सरकार ने इसे अधिक मानते हुए शुल्क को 100 रुपये से 500 रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा, जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरुआती कुछ महीनों तक यह पंजीकरण निशुल्क किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों के लगभग 1,500 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कर्मचारियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रियाओं के साथ-साथ कानून की बारीकियों को समझाया जा रहा है. पोखरी विकासखंड सभागार में आयोजित एक प्रशिक्षण सत्र में उपजिलाधिकारी अबरार अहमद और मास्टर ट्रेनर उपेंद्र रावत ने कर्मचारियों को लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण और शिकायत प्रक्रियाओं की जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>समान नागरिक संहिता राज्य के हर वर्ग के लिए- सीएम धामी<br /></strong>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को राज्य की प्रगति और समाज के हर वर्ग को समान अधिकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यह कानून प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र पर आधारित है. मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की कानूनी और सामाजिक प्रणाली में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक पहल करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सामाजिक समरसता बढ़ेगी. सभी धर्मों और समुदायों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए जाएंगे. महिलाओं को विवाह, तलाक और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा. बेटा और बेटी दोनों को समान संपत्ति अधिकार मिलेगा. गलत जानकारी देने वालों पर सख्त दंड का प्रावधान होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>उत्तराखंड में UCC का लागू होना ऐतिहासिक कदम<br /></strong>समान नागरिक संहिता का लागू होना उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा. यह कानून न केवल समाज के हर वर्ग को समान अधिकार प्रदान करेगा, बल्कि राज्य में सामाजिक न्याय और प्रगतिशीलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में यह पहल राज्य को एक नई दिशा देने का काम करेगी. 26 जनवरी को इस कानून की औपचारिक घोषणा का इंतजार अब पूरे प्रदेश को है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-said-step-motherly-treatment-to-people-of-bihar-and-up-in-delhi-corona-time-2863505″>’दिल्ली में बिहार-यूपी के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार’, मायावती ने किसे सुना डाली खरी-खोटी?</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मिल्कीपुर के चुनावी दंगल से पीछे क्यों हट रही हैं मायावती? विश्वनाथ पाल ने बता दी बड़ी वजह