<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu and Kashmir News:</strong> श्रीनगर में बहुचर्चित स्मार्ट सिटी परियोजना करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों में फंस गई है. परियोजना के दो कर्मचारियों पर अधिक संपत्ति के मामले में मामला दर्ज होने के बाद, अब प्रोजेक्ट के कई अन्य कामों की जांच की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितना है इस परियोजना का बजट ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय (MOUD) की परियोजना का हिस्सा है. श्रीनगर के लिए इस परियोजना को अप्रैल 2017 में क्षेत्र आधारित विकास और सड़क एवं परिवहन सहित अन्य शहरी समाधानों के लिए 3535 करोड़ से अधिक के बजट के साथ मंजूरी दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब यही परियोजनाएं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच के दायरे में हैं. एसीबी ने छह से अधिक स्थानों पर चल रही श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कोबल (देवरी) पत्थरों के दुरुपयोग और घटिया सामग्री के उपयोग से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Anti Corruption Bureau J&K, registers Disproportionate Assets (DA) cases against Sajid Yousuf Bhat, Chief Financial Officer and Zahoor Ahmad Dar Executive Engineer of Srinagar Smart City Limited. More details on <a href=”https://t.co/E6N1KZkRcI”>https://t.co/E6N1KZkRcI</a> <a href=”https://twitter.com/diprjk?ref_src=twsrc%5Etfw”>@diprjk</a> <a href=”https://twitter.com/shaktipathak71?ref_src=twsrc%5Etfw”>@shaktipathak71</a></p>
— J&K Anti Corruption Bureau (@JKACB) <a href=”https://twitter.com/JKACB/status/1877697845324636614?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 10, 2025</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>निजी लाभ के लिए बेच दी सामग्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ACB के एक अधिकारी के अनुसार, एजेंसी ने श्रीनगर में देवरी स्टोन, पाथ टाइल्स, आयरन ग्रिल्स आदि सहित सामग्रियों के दुरुपयोग का संकेत देने वाले विश्वसनीय इनपुट के बाद पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो श्रीनगर में प्रारंभिक जांच (PE) संख्या 0.01/2025 दर्ज की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने कहा, “संदेह है कि सामग्री का कोई हिसाब नहीं था या कथित तौर पर निजी लाभ के लिए खुले बाजार में बेची गई थी. जबकि इसे संबंधित इंजीनियरिंग डिवीजन के स्टोर में रखा गया था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानबूझकर देर से किया काम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने श्रीनगर में फोरशोर रोड निशात में साइकिल ट्रैक, डल झील के सामने फुटपाथ और निशात से नसीम बाग पीएचसी (सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र) तक देखने के डेक आदि के लिए चल रहे विकास कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो श्रीनगर में दूसरी प्रारंभिक जांच (PE) संख्या 0.02/2025 भी दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने कहा, “श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाभार्थी ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके अनिवार्य प्रक्रियाओं को भी जानबूझकर टाला, जिससे कार्यों की गुणवत्ता से समझौता हुआ. दोनों प्रारंभिक जांचों की जांच जारी है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना में 10 जनवरी को एक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कांड सामने आया, जिसमें ACB ने श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (SSCL) के शीर्ष अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से धन अर्जित करने के आरोपों की पूरी जांच शुरू की. साथ ही कई स्थानों पर छापे मारने के अलावा दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) साजिद यूसुफ भट और कार्यकारी अभियंता जहूर अहमद डार के खिलाफ आरोपों की एसीबी द्वारा गुप्त जांच के बाद मामले दर्ज किए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसुफ भट पर संपत्ति रखने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1) (बी) के साथ 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में डार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) सहपठित 13(2) के तहत अपराध करने में संलिप्त पाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्मार्ट सिटी मिशन शहरी विकास मंत्रालय (MOUD) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था. जिसमें शहरी नवीनीकरण और रेट्रोफिटिंग के लिए 100 शहरों का चयन किया जाना था, जिसका उद्देश्य उन शहरों को बढ़ावा देना था जो बुनियादी ढांचे प्रदान करते हैं. अपने नागरिकों को जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता प्रदान करते हैं और सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए स्मार्ट समाधान लागू करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में, श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक निगमित कंपनी है जो निदेशक मंडल द्वारा शासित है और इसके अध्यक्ष प्रशासनिक सचिव, आवास और शहरी विकास विभाग, जम्मू-कश्मीर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमय बीमारी के कारण दो और बच्चों की मौत, अब तक 14 ने गंवाई जान” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-two-more-children-die-from-mysterious-disease-in-rajouri-death-toll-increased-to-14-2863131″ target=”_self”>Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमय बीमारी के कारण दो और बच्चों की मौत, अब तक 14 ने गंवाई जान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu and Kashmir News:</strong> श्रीनगर में बहुचर्चित स्मार्ट सिटी परियोजना करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामलों में फंस गई है. परियोजना के दो कर्मचारियों पर अधिक संपत्ति के मामले में मामला दर्ज होने के बाद, अब प्रोजेक्ट के कई अन्य कामों की जांच की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कितना है इस परियोजना का बजट ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय (MOUD) की परियोजना का हिस्सा है. श्रीनगर के लिए इस परियोजना को अप्रैल 2017 में क्षेत्र आधारित विकास और सड़क एवं परिवहन सहित अन्य शहरी समाधानों के लिए 3535 करोड़ से अधिक के बजट के साथ मंजूरी दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब यही परियोजनाएं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच के दायरे में हैं. एसीबी ने छह से अधिक स्थानों पर चल रही श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कोबल (देवरी) पत्थरों के दुरुपयोग और घटिया सामग्री के उपयोग से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Anti Corruption Bureau J&K, registers Disproportionate Assets (DA) cases against Sajid Yousuf Bhat, Chief Financial Officer and Zahoor Ahmad Dar Executive Engineer of Srinagar Smart City Limited. More details on <a href=”https://t.co/E6N1KZkRcI”>https://t.co/E6N1KZkRcI</a> <a href=”https://twitter.com/diprjk?ref_src=twsrc%5Etfw”>@diprjk</a> <a href=”https://twitter.com/shaktipathak71?ref_src=twsrc%5Etfw”>@shaktipathak71</a></p>
— J&K Anti Corruption Bureau (@JKACB) <a href=”https://twitter.com/JKACB/status/1877697845324636614?ref_src=twsrc%5Etfw”>January 10, 2025</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>निजी लाभ के लिए बेच दी सामग्री</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>ACB के एक अधिकारी के अनुसार, एजेंसी ने श्रीनगर में देवरी स्टोन, पाथ टाइल्स, आयरन ग्रिल्स आदि सहित सामग्रियों के दुरुपयोग का संकेत देने वाले विश्वसनीय इनपुट के बाद पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो श्रीनगर में प्रारंभिक जांच (PE) संख्या 0.01/2025 दर्ज की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने कहा, “संदेह है कि सामग्री का कोई हिसाब नहीं था या कथित तौर पर निजी लाभ के लिए खुले बाजार में बेची गई थी. जबकि इसे संबंधित इंजीनियरिंग डिवीजन के स्टोर में रखा गया था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जानबूझकर देर से किया काम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने श्रीनगर में फोरशोर रोड निशात में साइकिल ट्रैक, डल झील के सामने फुटपाथ और निशात से नसीम बाग पीएचसी (सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र) तक देखने के डेक आदि के लिए चल रहे विकास कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग के संबंध में पुलिस स्टेशन एंटी करप्शन ब्यूरो श्रीनगर में दूसरी प्रारंभिक जांच (PE) संख्या 0.02/2025 भी दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने कहा, “श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाभार्थी ठेकेदार के साथ मिलीभगत करके अनिवार्य प्रक्रियाओं को भी जानबूझकर टाला, जिससे कार्यों की गुणवत्ता से समझौता हुआ. दोनों प्रारंभिक जांचों की जांच जारी है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना में 10 जनवरी को एक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कांड सामने आया, जिसमें ACB ने श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (SSCL) के शीर्ष अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से धन अर्जित करने के आरोपों की पूरी जांच शुरू की. साथ ही कई स्थानों पर छापे मारने के अलावा दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) साजिद यूसुफ भट और कार्यकारी अभियंता जहूर अहमद डार के खिलाफ आरोपों की एसीबी द्वारा गुप्त जांच के बाद मामले दर्ज किए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यूसुफ भट पर संपत्ति रखने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1) (बी) के साथ 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में डार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(बी) सहपठित 13(2) के तहत अपराध करने में संलिप्त पाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>स्मार्ट सिटी मिशन शहरी विकास मंत्रालय (MOUD) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था. जिसमें शहरी नवीनीकरण और रेट्रोफिटिंग के लिए 100 शहरों का चयन किया जाना था, जिसका उद्देश्य उन शहरों को बढ़ावा देना था जो बुनियादी ढांचे प्रदान करते हैं. अपने नागरिकों को जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता प्रदान करते हैं और सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए स्मार्ट समाधान लागू करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में, श्रीनगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक निगमित कंपनी है जो निदेशक मंडल द्वारा शासित है और इसके अध्यक्ष प्रशासनिक सचिव, आवास और शहरी विकास विभाग, जम्मू-कश्मीर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमय बीमारी के कारण दो और बच्चों की मौत, अब तक 14 ने गंवाई जान” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-two-more-children-die-from-mysterious-disease-in-rajouri-death-toll-increased-to-14-2863131″ target=”_self”>Jammu-Kashmir: राजौरी में रहस्यमय बीमारी के कारण दो और बच्चों की मौत, अब तक 14 ने गंवाई जान</a></strong></p> जम्मू और कश्मीर कश्मीर घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज, जम रहा नदियों, कुएं और तालाब का पानी