हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के टोनी देवी और सुजानपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष का आज सर्वसम्मति से चयन कर दिया गया है। सुजानपुर मंडल का अध्यक्ष जसवंत सिंह और टोनी देवी मंडल का विक्रम सिंह को अध्यक्ष चुना गया। चुनाव अधिकारी सुमित शर्मा ने बताया कि दोनों मंडलों में एक-एक ने नामांकन भरा था। सुजानपुर भाजपा के पार्टी कार्यालय में पूर्व विधायक राजेंद्र राणा की उपस्थिति में यह चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें सुजानपुर मंडल के 104 बूथ अध्यक्ष भी मौजूद रहे। सुजानपुर विधानसभा में बने दो मंडल अध्यक्ष पार्टी हाईकमान के फैसले के अनुसार, सुजानपुर विधानसभा में दो मंडल बनाए गए है। सुजानपुर मंडल में 60 बूथ और टोनी देवी मंडल में 44 बूथ शामिल किए गए। नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष जल्द अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करेंगे, जिससे पार्टी संगठन और मजबूत होगा। इस वजह से लटका था चुनाव बता दें कि कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने 23 मार्च 2024 को बीजेपी जाइन की और भाजपा के टिकट पर उप चुनाव लड़ा। राजेंद्र राणा सुजानपुर और टोणी देवी ब्लॉक में अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहे थे और बीजेपी के पुराने नेता अंदरखाते राणा का विरोध कर रहे थे। इस वजह से एक महीने से अधिक समय से ब्लॉक अध्यक्ष का चुनाव लटका रहा। आज नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया गया है। बड़सर विधानसभा के बिझड़ी ब्लाक और हमीरपुर विधानसभा के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष का भी कुछ देर बाद ऐलान संभव है। पार्टी इस पर सहमति बनाने में जुटी हुई है। हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के टोनी देवी और सुजानपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष का आज सर्वसम्मति से चयन कर दिया गया है। सुजानपुर मंडल का अध्यक्ष जसवंत सिंह और टोनी देवी मंडल का विक्रम सिंह को अध्यक्ष चुना गया। चुनाव अधिकारी सुमित शर्मा ने बताया कि दोनों मंडलों में एक-एक ने नामांकन भरा था। सुजानपुर भाजपा के पार्टी कार्यालय में पूर्व विधायक राजेंद्र राणा की उपस्थिति में यह चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें सुजानपुर मंडल के 104 बूथ अध्यक्ष भी मौजूद रहे। सुजानपुर विधानसभा में बने दो मंडल अध्यक्ष पार्टी हाईकमान के फैसले के अनुसार, सुजानपुर विधानसभा में दो मंडल बनाए गए है। सुजानपुर मंडल में 60 बूथ और टोनी देवी मंडल में 44 बूथ शामिल किए गए। नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष जल्द अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करेंगे, जिससे पार्टी संगठन और मजबूत होगा। इस वजह से लटका था चुनाव बता दें कि कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने 23 मार्च 2024 को बीजेपी जाइन की और भाजपा के टिकट पर उप चुनाव लड़ा। राजेंद्र राणा सुजानपुर और टोणी देवी ब्लॉक में अपने समर्थकों की ताजपोशी चाह रहे थे और बीजेपी के पुराने नेता अंदरखाते राणा का विरोध कर रहे थे। इस वजह से एक महीने से अधिक समय से ब्लॉक अध्यक्ष का चुनाव लटका रहा। आज नए अध्यक्ष का ऐलान कर दिया गया है। बड़सर विधानसभा के बिझड़ी ब्लाक और हमीरपुर विधानसभा के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष का भी कुछ देर बाद ऐलान संभव है। पार्टी इस पर सहमति बनाने में जुटी हुई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, आज नरसिंह भगवान की शाही जलेब:373 साल का इतिहास; 283 देवी-देवता ढालपुर पहुंचे, कई देश के लोग ले रहे हिस्सा अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में आज दोपहर बाद भगवान नरसिंह की शाही जलेब निकाली जाएगी। आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी चलेगी। पीछे आधा दर्जन से ज्यादा देवी-देवता और बीच में भगवान नरसिंह की पालकी चलेगी। पालकी में रूपी रियासत के राज घराना से संबंध रखने वाले रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह नरसिंह भगवान की निशानी ढाल लेकर सवार होंगे। कुल्लू की सांस्कृतिक धरोहर एवं राजा की जलेब का दशहरे में विशेष महत्व है। जलेब यानी राजा की शोभा यात्रा। इसमें हजारों लोग और देवलू (देवता के कारिंदें) पारंपरिक बाध्य यंत्रों की थाप पर नाचते-गाते हुए आगे बढ़ेंगे। देवी देवताओं के भव्य मिलन के बाद आज दोपहर बाद नरसिंह भगवान की जलेब निकलेगी। 7 दिन तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भगवान रघुनाथ जी की शोभा यात्रा के साथ बीते रविवार को शुरू हो गया है। इसमें 283 देवी देवता भाग ले रहे हैं, जबकि निमंत्रण 332 देवी-देवताओं को दिया गया था। इस मेले के लिए बाह्य सराज, आनी, निरमंड और सैंज की शांघड़ घाटी के दूरस्थ इलाकों के देवी-देवता पैदल चलकर पहुंचे है। जलेब का इतिहास और क्यों निकाली जाती है? माना जाता है कि रजवाड़ाशाही के दिनों में राजा यह जलेब सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था देखने के लिए निकालते थे। वहीं, देवी-देवता बुरी आसुरी शक्तियों को खत्म करने के मकसद से इस जलेब में शामिल होते थे। स्थानीय लोग इस प्रथा को आज भी कायम रखे हुए हैं। सदियों से जलेब निकालने की परंपरा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में नरसिंह भगवान की जलेब निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। नरसिंह की जलेब अगले 3 दिन तक निकाली जाएगी। इस दौरान अलग-अलग घाटियों के देवी-देवता अलग-अलग दिनों में शरीक होते हैं, जिसमें लोग नाचते गाते हुए आगे बढ़ते हैं। नरसिंग भगवान के सिंहासन से शुरू होगी जलेब यह शोभा यात्रा कुल्लू के ढालपुर में भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर के साथ बने नरसिंह भगवान के सिंहासन से शुरू होगी। जो क्षेत्रीय अस्पताल, कॉलेज गेट, लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र से पीछे और BDO दफ्तर होकर वापस नरसिंह भगवान के सिंहासन तक पहुंचेगी। राजा जगत सिंह के समय से शुरू हुई दशहरा मनाने की परम्परा रूपी रियासत के राजा जगत सिंह ने 1637 से 1662 तक शासन किया। तब उन्होंने दमोदर दास को मूर्ति लाने का जिम्मा दिया गया। 1651 में मूर्ति राजभवन मकराहड़ वर्तमान गड़सा घाटी लाई गई। यहां मूर्ति का भव्य स्वागत हुआ। 1653 में पहला दशहरा मणिकर्ण में मनाया गया। वहीं पर दशहरा मनाने का फैसला लिया गया। 1660 में ढालपुर में मनाना शुरू हुआ। उस दौरान से मूर्ति यहां पर ही है। कुल्लू में एक साथ दिखेगी देशी और विदेशी संस्कृति कुल्लू दशहरा में करीब 25 देशों के कलाकार भाग ले रहे हैं। इसमें रूस, अमेरिका, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, इंडोनेशिया, म्यांमार और किर्गिस्तान के कलाकार भाग लेंगे। आईसीसीआर का संयुक्त सांस्कृतिक दल भी प्रस्तुति देगा। वहीं, उतराखंड, असम, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के सांस्कृतिक दल भी दशहरा में अपने कार्यक्रम देंगे। रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाहिद माल्या, कुलविंदर बिल्ला, ट्रेप बैंड, शारदा पंडित, हिमालयन रूट्स, गुरनाम भुल्लर, कुमार साहिल, नीरज श्रीधर और बांबे वाइकिंग जैसे कलाकार और बैंड उत्सव में लोगों का मनोरंजन करेंगे। दशहरा उत्सव में कई विदेशी राजदूत भी शामिल होंगे। इस मेले का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया, जबकि समापन्न अवसर पर 18 अक्टूबर को CM सुखविंदर सुक्खू विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे।
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हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य बोले:रत्न टाटा को भारत रत्न से नवाजा जाए, पहले भी इसी मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल चुका हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बिजनेस टायकून रत्न टाटा को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी पैरवी की है। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 से दिया जा रहा है। शुरू में इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। मगर 1955 में इसे मरणोपरांत देने का भी प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में अधिकतम तीन लोगों को यह पुरस्कार दिया जा रहा है। रत्न टाटा का 86 साल की उम्र में बुधवार देर रात निधन हो गया है। उनकी सेवाओं को देखते हुए हिमाचल के मंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने की पैरवी की है। भारत के शीर्ष सम्मान से सम्मानित रत्न टाटा भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रत्न टाटा को उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अवार्ड दिए जा चुके हैं। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से और 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। पहले भी रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हैशटैग भारत रत्न फॉर रत्न टाटा अभियान चलाया जा चुका है। मानवता के लिए खूब काम किया रत्न टाटा ने टाटा ग्रुप के जरिए कई सालों तक देश की सेवा की है। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप के कारोबार को बढ़ाया, बल्कि मानवता के लिए भी खूब काम किए। समय-समय पर जरूरतमंदों को खूब पैसे भी डोनेट किया। कोरोना काल में दिया 1500 करोड़ का दान करोना काल में टाटा समूह ने 1500 करोड़ रुपए का दान दिया। यही वजह कि देशवासी समय समय पर रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं।
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे
हिमाचल सीएम कल प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात:BBMB से 4000 करोड़ के एरियर की करेंगे मांग; आपदा राशि, पावर-प्रोजेक्ट में रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाएंगे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला से दिल्ली रवाना हो गए हैं। सीएम सुक्खू कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के समक्ष हिमाचल के कई मसलों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में हिमाचली हित बेचे है। स्टेट को मिलने वाली रॉयल्टी माफ की है। इस मसले को वह प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के पास लंबित पड़े हिमाचल के करोड़ों रुपए के भुगतान का मामला भी उठाया जाएगा। केंद्र से हिमाचल को मिलनी प्रस्तावित आपदा राशि को लेकर भी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है। इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। हिमाचल ने बीबीएमसी से लेना है 4000 करोड़ BBMB के पास हिमाचल की 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। मगर 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि इससे हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। लिहाजा रॉयल्टी के मसले पर भी मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, क्योंकि कई केंद्रीय कंपनियों ने रॉयल्टी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है।