गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू के मामले में अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देने वाले बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह फिर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस मामले में खुद को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उनका यह भी दावा है कि इंटरव्यू के समय लॉरेंस एजीटीएफ की हिरासत में था। इसके बावजूद यह दर्शाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। ऐसे में जिन अधिकारियों की हिरासत में लॉरेंस था, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करना है। गुरशेर ने कोर्ट में मुख्य रूप से दो दलीलें दीं गुरशेर के वकील ने कोर्ट में मुख्य रूप से जांच की बातें सामने रखीं। उन्होंने बताया कि सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच एजीटीएफ कर रही थी। उनके पास कोई पूछताछ केंद्र नहीं था। ऐसे में उन्हें सीआईए खरड़ में रखा गया था। ऐसे में वे हमेशा एजीटीएफ की हिरासत में ही रहते थे। इसके बावजूद यह दिखाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। जो कि बिल्कुल झूठ है। गुरशेर सिंह का करियर शानदार रहा है। उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। उनके प्रमोशन की भी तैयारी की जा रही थी। लेकिन इस मामले में उनका नाम आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वकील ने बताया कि उन्होंने एक और अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद दो कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि इस मामले में सरकार किस तरह जवाब दाखिल करे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि संधू की अर्जी में सवाल उठाए गए हैं। जिसका जवाब चाहिए। पहले इंटरव्यू में ली मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को प्रसारित हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस ने कहा कि मूसेवाला गाने की बजाय गैंगवार में शामिल हो रहा था। मूसेवाला अपने कॉलेज के दोस्त अकाली नेता विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में भी शामिल था, इसलिए उसने उसे मरवा दिया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू है जो उसने सीआईए की हिरासत से दिया था। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। गैंगस्टर लॉरेंस के टीवी इंटरव्यू के मामले में अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देने वाले बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह फिर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस मामले में खुद को भी पक्षकार बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। उनका यह भी दावा है कि इंटरव्यू के समय लॉरेंस एजीटीएफ की हिरासत में था। इसके बावजूद यह दर्शाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। ऐसे में जिन अधिकारियों की हिरासत में लॉरेंस था, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करना है। गुरशेर ने कोर्ट में मुख्य रूप से दो दलीलें दीं गुरशेर के वकील ने कोर्ट में मुख्य रूप से जांच की बातें सामने रखीं। उन्होंने बताया कि सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच एजीटीएफ कर रही थी। उनके पास कोई पूछताछ केंद्र नहीं था। ऐसे में उन्हें सीआईए खरड़ में रखा गया था। ऐसे में वे हमेशा एजीटीएफ की हिरासत में ही रहते थे। इसके बावजूद यह दिखाया गया है कि लॉरेंस उनकी हिरासत में था। जो कि बिल्कुल झूठ है। गुरशेर सिंह का करियर शानदार रहा है। उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। उनके प्रमोशन की भी तैयारी की जा रही थी। लेकिन इस मामले में उनका नाम आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वकील ने बताया कि उन्होंने एक और अर्जी दाखिल की थी। जिसके बाद दो कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि इस मामले में सरकार किस तरह जवाब दाखिल करे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि संधू की अर्जी में सवाल उठाए गए हैं। जिसका जवाब चाहिए। पहले इंटरव्यू में ली मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को प्रसारित हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस ने कहा कि मूसेवाला गाने की बजाय गैंगवार में शामिल हो रहा था। मूसेवाला अपने कॉलेज के दोस्त अकाली नेता विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या में भी शामिल था, इसलिए उसने उसे मरवा दिया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू है जो उसने सीआईए की हिरासत से दिया था। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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