हरियाणा के शिक्षकों को अब डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की तैयारी चल रही है। जिसके तहत प्रदेश भर के शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता पर क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि वे विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से शिक्षा दे सकें। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद हरियाणा ने प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) और डाइट प्राचार्यों को पत्र लिखा है। जिसके तहत सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जारी किए गए पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि शैक्षिक प्रौद्योगिकी विंग द्वारा शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता पर क्षमता विकास (आवासीय) का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए सभी को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। 2 बैच में होगी ट्रेनिंग शिक्षकों की ट्रेनिंग 2 बैच में होगी। गुरुग्राम स्थित एससीईआरटी हॉल में पांच-पांच दिन की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। जिसके तहत पहले बैच की ट्रेनिंग 20 जनवरी से 24 जनवरी तक होगी। वहीं दूसरे बैच की ट्रेनिंग 27 जनवरी से 31 जनवरी तक होगी। जिसमें शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों को डिजिटल पढ़ाई के लिए सक्षम बनेंगे शिक्षक रोहतक डाइट प्राचार्य विरेंद्र मलिक ने बताया कि शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसको लेकर पत्र जारी किया गया है। इसमें शिक्षकों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया जाएगा। ताकि डिजिटल माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा सके। ट्रेनिंग में भाग लेने वाले शिक्षकों की लिस्ट… हरियाणा के शिक्षकों को अब डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की तैयारी चल रही है। जिसके तहत प्रदेश भर के शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता पर क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि वे विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से शिक्षा दे सकें। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद हरियाणा ने प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) और डाइट प्राचार्यों को पत्र लिखा है। जिसके तहत सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जारी किए गए पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि शैक्षिक प्रौद्योगिकी विंग द्वारा शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता पर क्षमता विकास (आवासीय) का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए सभी को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। 2 बैच में होगी ट्रेनिंग शिक्षकों की ट्रेनिंग 2 बैच में होगी। गुरुग्राम स्थित एससीईआरटी हॉल में पांच-पांच दिन की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। जिसके तहत पहले बैच की ट्रेनिंग 20 जनवरी से 24 जनवरी तक होगी। वहीं दूसरे बैच की ट्रेनिंग 27 जनवरी से 31 जनवरी तक होगी। जिसमें शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों को डिजिटल पढ़ाई के लिए सक्षम बनेंगे शिक्षक रोहतक डाइट प्राचार्य विरेंद्र मलिक ने बताया कि शिक्षकों के डिजिटल साक्षरता को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसको लेकर पत्र जारी किया गया है। इसमें शिक्षकों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया जाएगा। ताकि डिजिटल माध्यम से भी विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा सके। ट्रेनिंग में भाग लेने वाले शिक्षकों की लिस्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में इंजीनियरिंग कंपनी की चलती बस में आग:ड्राइवर ने पानी डाला तो और भड़की; कर्मचारियों ने खिड़कियों से कूद जान बचाई
हरियाणा में इंजीनियरिंग कंपनी की चलती बस में आग:ड्राइवर ने पानी डाला तो और भड़की; कर्मचारियों ने खिड़कियों से कूद जान बचाई हरियाणा के फरीदाबाद में शनिवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे इंजीनियरिंग कंपनी की चलती बस में आग लग गई। यह बस कर्मचारियों को फैक्ट्री लेकर जा रही थी। जिस वक्त आग लगी, बस में 8 वर्कर बैठे हुए थे। बस में आग की लपटें निकलने लगी और धुआं भरने लगा तो ड्राइवर ने तुरंत बस को रोका। जिसके बाद वर्करों बसों की खिड़कियों से छलांग लगाकर जान बचाई। जिससे उनकी जान बच गई। इसके बाद फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया। जिसके बाद आग पर काबू पाया जा सका। पलवल की फैक्ट्री में जा रही थी बस
बस में सवार युवक सुदीप ने बताया कि वह पलवल के दुधौला स्थित विशाल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड में काम करते हैं। बस कंपनी की है, जो रोजाना की तरह वर्करों को लेने के लिए बस कल्याण पुरी चौक पर आई थी। वहां से 7-8 कर्मचारियों को बिठाकर बस चल पड़ी। इसी दौरान फरीदाबाद के 3 नंबर इलाके में स्थित कल्याणपुरी चौक पर बस में आग लग गई। इंजन से धुआं निकला, पानी डाला तो आग भड़की
बस के इंजन से अचानक तेज धुआं निकलने लगा, जो बस के भीतर भी भरने लगा। यह देख ड्राइवर ने तुरंत बस को रोका। उसने बस के इंजन में पानी डाला तो आग और भड़क गई। इससे बस के भीतर धुआं भरने लगा। इसके बाद ड्राइवर ने तुरंत बस को खाली कराया। सभी वर्कर निकल भागे। लोगों ने भी मदद की, ड्राइवर के अलर्ट रहने से बची जान
आसपास के लोग भी यह देखकर मदद के लिए दौड़े। हालांकि आग बढ़ती गई और वह उस पर काबू नहीं पा सके। जिसके बाद फायर ब्रिगेड को कॉल की गई। सुदीप के मुताबिक यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो हादसा बड़ा हो सकता था। ड्राइवर की सूझबूझ और आसपास के लोगों की मदद के साथ समय पर फायर ब्रिगेड आने के चलते बड़ा हादसा टल गया।
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग शुरू हो गई है। रुझान में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। वह भाजपा की तरफ से CM फेस हैं। इसी तरह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस में वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के प्रबल दावेदार हैं। जुलाना से पहलवान विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं। 5 अक्टूबर को राज्य में 67.90% वोटिंग हुई। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। लाइव अपडेट्स… सिलसिलेवार ढंग से राज्य की 10 VIP सीटों पर वोटिंग % के मायने जानिए… लाडवा: वोटिंग % का ट्रेंड CM नायब सैनी के हक में
BJP सरकार में CM नायब सैनी करनाल से बदलकर कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 74.96% मतदान हुआ। 2019 में यहां 75.4% वोटिंग हुई थी। सीएम सैनी की सीट पर 0.44% वोटिंग कम हुई है। 2014 की बात करें तो इस सीट पर 83.1% वोटिंग हुई थी। पिछले 2 चुनाव का ट्रेंड देखें तो यहां जब भी मतदान घटा तो नई पार्टी का उम्मीदवार चुनाव जीता है। इस लिहाज से सीएम सैनी के जीतने के अच्छे आसार नजर आ रहे हैं क्योंकि 2019 में यहां कांग्रेस के मेवा सिंह विधायक थे। गढ़ी सांपला किलोई : हुड्डा की जीत संभव, लेकिन अंतर घट सकता है
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई में 67.02% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 73.3% और 2014 में यहां 74.8% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भूपेंद्र हुड्डा की जीत हुई। 2019 में हुड्डा की जीत का अंतर 58312 और 2014 में 47,185 रहा था। यह सीट हुड्डा का गढ़ है। इस बार पिछले 2 चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग हुई है। ऐसे में हुड्डा की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन उनकी जीत का अंतर घट सकता है। जुलाना : कम वोटिंग % विनेश के लिए टेंशन
विनेश फोगाट की जुलाना सीट पर 74.66% वोटिंग हुई। 2019 में जुलाना में 73% और 2014 में 78.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार यहां वोटिंग बढ़ी तो जीतने वाली पार्टी बदल गई। 2014 में इनेलो के परमिंदर ढुल तो 2019 में जजपा के अमरजीत ढांडा जीते। वोटिंग बढ़ी तो यह नई पार्टी और खास तौर पर विनेश के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि कांग्रेस के सामने इस सीट पर करीब 15 साल का सूखा है। आखिरी बार 2005 में कांग्रेस के शेर सिंह ने जीत दर्ज की थी। उचाना कलां : वोटिंग % घटने से दुष्यंत की राह आसान नहीं
दुष्यंत चौटाला की उचाना कलां सीट पर 75.44% वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 76.9% और 2014 में 85.4% वोटिंग हुई थी। वोटिंग बढ़ने के बाद 2014 में जीती भाजपा की प्रेमलता की जगह 2019 में दुष्यंत चौटाला जीत गए। हालांकि इस बार वोटिंग % पिछले दोनों चुनावों से कम है। ऐसे में यहां पासा किसी भी तरफ जा सकता है। ऐसे में दुष्यंत चौटाला के लिए यहां जीत आसान नहीं लग रही। हिसार: सावित्री जिंदल की राह मुश्किल
देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल वाली हिसार सीट पर रात 12 बजे तक 61.44% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 59.9% और 2014 में 70.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार BJP के डॉ. कमल गुप्ता जीते थे। कमल गुप्ता इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले 2 चुनावों में उनके लिए कम और ज्यादा वोटिंग, दोनों ही फायदेमंद रही। ऐसी सूरत में सावित्री जिंदल की राह मुश्किल नजर आती है। अटेली : वोटिंग % और नया चेहरा आरती राव के हक में
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव वाली अटेली सीट पर 70.58% वोटिंग हुई। 2019 में इस सीट पर 67.8% और 2014 में 77.7% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार भाजपा जीती लेकिन उम्मीदवार अलग-अलग थे। इस बार भी वोटिंग % दोनों चुनावों के बीच का है लेकिन आरती नई उम्मीदवार हैं। ऐसे में इस सीट पर पॉलिटिकल डेब्यू में ही उनकी जीत की उम्मीद जताई जा रही है। अंबाला कैंट : वोटिंग% विज के लिए चिंता, जीते भी तो अंतर मामूली होगा
प्रदेश के दिग्गज पंजाबी नेता अनिल विज की अंबाला कैंट सीट पर 64.45% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 62.7% और 2014 में 72.8% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार अनिल विज यहां से चुनाव जीते। 2014 में उनकी जीत का अंतर 15,462 और 2019 में 20,165 रहा था। इन आंकड़ों को देखें तो विज कड़े मुकाबले में फंसे नजर आते हैं। अगर वे जीते तो फिर अंतर कम हो सकता है। तोशाम : बंसीलाल की विरासत का साथ मिला तो वोटिंग % श्रुति के हक में
पूर्व CM बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी वाली तोशाम सीट पर रात 12 बजे तक 72% वोटिंग हुई थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 72.24% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 70.8% और 2014 में 82.3% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार कांग्रेस की किरण चौधरी ने चुनाव जीता था। किरण श्रुति की मां हैं जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ चुकी हैं। वोटिंग % फिलहाल उन्हीं के हक में दिख रहा है लेकिन यहां से कांग्रेस ने बंसीलाल परिवार से ही अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग से किसी एक पक्ष में लहर की जगह यहां बंसीलाल की विरासत का फायदा जिसे मिलेगा, वही जीत सकता है। इस रेस में श्रुति चौधरी आगे दिख रही हैं। सिरसा : कम वोटिंग कांडा के पक्ष में लेकिन सेतिया की वजह से टेंशन हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के सुप्रीमो गोपाल कांडा वाली सिरसा सीट पर शनिवार रात 12 बजे तक 64% वोटिंग थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 67.76% हो गया। 2019 में यहां 69.5% और 2014 में 77.8% वोटिंग हुई थी। इस बार की वोटिंग पिछले 2 चुनावों के मुकाबले कम है। 2014 में ज्यादा वोटिंग हुई तो कांग्रेस के मक्खनलाल को फायदा हुआ था। 2019 में कम वोटिंग कांडा के पक्ष में गई थी। हालांकि इस बार अहम ये भी है कि कांडा ने पिछली बार जिस निर्दलीय गोकुल सेतिया को महज 602 वोटों से हराया, वही सेतिया इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ऐसे में कांडा के लिए वोटिंग % टेंशन बढ़ाने वाले हैं। आदमपुर : बिश्नोई परिवार बड़ी पार्टी से उम्मीदवार को वोटिंग कम
पूर्व CM भजनलाल परिवार की विरासत वाली आदमपुर सीट पर भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ रहे हैं। रात 12 बजे तक वोटर टर्नआउट एप पर यहां की वोटिंग 72.9% थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 75.47% हो गया है। 2019 में यहां 76.5% और 2014 में 78.4% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई जीते थे लेकिन 2014 में उन्होंने हजकां और 2019 में कांग्रेस से चुनाव जीता। इस बार उनके बेटे भव्य को भाजपा ने टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग % उनकी थोड़ी चिंता बढ़ा सकता है क्योंकि 2014 में जब कुलदीप ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ा तो लोगों ने खूब वोट दिए। 2019 में वे कांग्रेस से लड़े तो वोटिंग % कम हो गया। इस बार भी वोटिंग % और कम हुआ है तो इसकी चिंता भजनलाल परिवार को ही हो सकती है। हालांकि उनके गढ़ की वजह से वह थोड़े आश्वस्त जरूर हो सकते हैं।
कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, कुल बजट का 15% पैसा लगेगा
कांग्रेस के हरियाणा में 7 वादों का एनालिसिस:यूथ-महिलाओं समेत डेढ़ करोड़ वोटर्स साधे, 30 हजार करोड़ का बोझ, कुल बजट का 15% पैसा लगेगा कांग्रेस ने हरियाणा में 7 वादे कर करीब 1.5 करोड़ वोटरों काे साधने का प्रयास किया है। अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन वादों को पूरा करने के लिए खजाने पर अच्छा खासा बोझ पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक कांग्रेस के इन वादों से करीब 30 हजार करोड़ रुपए सालाना का वित्तीय बोझ पड़ेगा। फरवरी में खट्टर सरकार की तरफ से साल 2024-25 के लिए कुल 1 लाख 89 हजार 876 करोड़ बजट पेश किया गया था। ऐसे में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो बजट का लगभग 15% पैसा किए गए वादों पर खर्च होगा। हालांकि मेनिफेस्टो जारी करते वक्त कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने सारे वादे बजट को देखते हुए किए हैं। अब पढ़िए 7 गारंटियों का एनालिसिस… 60 लाख महिला वोटरों पर फोकस
हरियाणा कांग्रेस ने महिलाओं पर फोकस किया है। पहले वादे के तहत हरियाणा में 18 से 60 साल उम्र की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपए दिए जाएंगे। इस ऐलान से कांग्रेस ने प्रदेश की करीब 60 लाख महिला वोटरों को साधने की कोशिश की है। इस पर करीब 1440 करोड़ रुपए का सालाना खर्च आएगा। इसी गारंटी के दूसरे पॉइंट में कांग्रेस ने 500 रुपए में महिलाओं को सिलेंडर देने का वादा किया है। अभी हरियाणा में करीब 46 लाख ऐसे परिवार हैं, जिन्हें सरकार 500 रुपए में घरेलू गैस का सिलेंडर दे रही है। इस पर करीब 230 करोड़ रुपए का हर महीने खर्च आ रहा है। इसका सालाना खर्च 2 हजार 700 करोड़ रुपए है। यानी पहली गारंटी को पूरा करने पर 4140 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। 2. पेंशन बढ़ाने पर 20 हजार करोड़ बोझ पड़ेगा
दूसरी गारंटी में कांग्रेस ने बुढ़ापा, दिव्यांग और विधवा पेंशन 6000 रुपए हर महीने देने का वादा किया है। अभी वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ 35 लाख से भी अधिक लोग ले रहे हैं। अभी इस योजना के तहत पेंशन लाभार्थियों को 3000 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं। जिस पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। कांग्रेस ने पेंशन को दोगुना यानी 6000 रुपए मासिक देने का वादा किया है। ऐसे में कांग्रेस की सरकार आने पर पेंशन पर करीब 20 हजार करोड़ रुपए बोझ पड़ेगा। 3. हिमाचल की तरह OPS देने का वादा
कांग्रेस ने ढाई लाख कर्मचारियों को भी साधने की कोशिश की है। ये कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। इसके लिए कर्मचारियों के एक गुट ने OPS संघर्ष मोर्चा भी बनाया हुआ है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को कर्मचारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। हिमाचल प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ओपीएस के चक्कर में ही करारी हार का सामना करना पड़ा था। हिमाचल हरियाणा का सीमावर्ती स्टेट है, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि यह मुद्दा हरियाणा के चुनाव में भी प्रभावी हो। यही वजह है कि कांग्रेस ने इसको अपने मेनिफेस्टो में लागू किया है। 4. फ्री बिजली पर खर्च होंगे 2500 करोड़
हरियाणा में कांग्रेस ने 300 यूनिट फ्री बिजली का भी दांव चला है। प्रदेश में करीब 45 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन हैं। अभी बिजली का करंट टैरिफ 2500 करोड़ रुपए सालाना है। इसके अलावा हर साल 4 प्रतिशत की करंट टैरिफ पर बढ़ोतरी भी होती है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की इस घोषणा से हर साल 300 से 400 करोड़ रुपए का प्रदेश के खजाने पर बोझ पड़ेगा। वहीं राजस्थान की पूर्व अशोक गहलोत सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में चिरंजीवी योजना लागू करने का वादा किया है। इस योजना के तहत लोगों का 25 लाख रुपए का फ्री में इलाज किया जाएगा। 5. दो लाख नौकरियों से 11.2% को साधने की कोशिश
हरियाणा में बेरोजगारी मुद्दा चर्चा में है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को साधने के लिए 2 लाख पक्की नौकरी देने का वादा किया है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं की बेरोजगारी दर 11.2% फीसदी है। 2023 में हरियाणा में 37 फीसदी लोग बेरोजगार थे। चुनाव में हमेशा से ही बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहता है। ऐसे में कांग्रेस ने इस बेरोजगार आबादी को सीधे-सीधे टारगेट किया है। इसके अलावा हरियाणा में नशा भी बड़ा मुद्दा है। 2021 में नशा करने वाले लगभग 95,863 लोग अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे थे, जिसमें से 28,283 महिलाएं थी। अब संख्या करीब 2 लाख पहुंच गई है। 6. किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून
हरियाणा में करीब 80% आबादी किसानी से जुड़ी हुई है। 2020-21 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया था। इन कानूनों को निरस्त कर दिया गया था। इस दौरान केंद्र की सरकार ने किसानों से वादा किया था कि वह एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर कानून बनाएंगे। इसको लेकर एक कमेटी भी बनाई गई थी, लेकिन अभी तक कमेटी इस पर कोई फैसला नहीं दे पाई है। ऐसे में कांग्रेस ने एमएसपी को कानूनी गारंटी के दायरे में लाकर बड़ा दांव खेला है। 7. क्रीमी लेयर के जरिए साधे 16% वोटर
कांग्रेस ने अपनी 7वीं गारंटी में जातिगत सर्वे का वादा किया है। हालांकि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसे शामिल किया था। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। कांग्रेस शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराने का वादा कर रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हरियाणा में करीब 21% दलित वोटर हैं। वहीं इसी गारंटी में कांग्रेस ने क्रीमी लेयर की लिमिट 10 लाख रुपए करने की बात भी शामिल की है। अभी हरियाणा में इसकी लिमिट 8 लाख रुपए के करीब है। इस क्रीमी लेयर का मतलब ओबीसी का अपेक्षाकृत समृद्ध और शिक्षित वर्ग है। अभी इस वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है। आरक्षण का लाभ वंचित वर्ग के लोगों को मिले, इसके लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान किया गया है। हरियाणा में इसकी आबादी करीब 16% है। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में 7 वादे:महिलाओं को हर महीने ₹2 हजार, ₹500 में गैस सिलेंडर; जातिगत सर्वे कराएंगे हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार (18 सितंबर) को मेनिफेस्टो जारी कर दिया। दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे रिलीज किया। इसमें कांग्रेस ने 7 पक्के वादे किए हैं। खड़गे ने बताया कि मेनिफेस्टो 53 पन्नों का है। इसके बारे में विस्तार से चंडीगढ़ में बताएंगे। (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनी तो CM कौन होगा?:खड़गे बोले- जो काम करता है, उसे कुर्सी मिल जाती है; सैलजा-सुरजेवाला गैरहाजिर रहे हरियाणा चुनाव के बीच कांग्रेस में CM कुर्सी को लेकर मची खींचतान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बुधवार को खड़गे ने दिल्ली में कांग्रेस का मेनिफेस्टो जारी किया। जिसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस CM फेस लेकर चुनाव में जाएगी?। (पूरी खबर पढ़ें)