हरियाणा में पैसे लेते पटवारी का VIDEO:पर्स में डाले, व्यक्ति बोला- रिश्वत ली, कर्मचारी ने कहा- मैंने सिर्फ कागज लिए

हरियाणा में पैसे लेते पटवारी का VIDEO:पर्स में डाले, व्यक्ति बोला- रिश्वत ली, कर्मचारी ने कहा- मैंने सिर्फ कागज लिए

हरियाणा में सोनीपत के एक पटवारी की पैसे लेते की वीडियो सामने आई है। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति का दावा है कि जमीन का इंतकाल करवाने के नाम पटवारी ने उससे 2 हजार रुपए रिश्वत ली। वह वीडियो में पैसे लेता और फिर उन्हें अपने पर्स में डालते हुए नजर आ रहा है। हालांकि 2 दिन पहले सामने आई भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट में इस पटवारी का नाम शामिल नहीं है। इस लिस्ट में सोनीपत से 41 नाम शामिल हैं। पटवारी धर्मवीर खरखौदा के गांव आंवली का रहने वाला है। उसने दैनिक भास्कर से बातचीत में आरोपों को नकार दिया। धर्मवीर ने कहा कि उसने सिर्फ कागज लिए थे। कोर्ट ने इंतकाल करने के निर्देश जारी किए थे
मामला खरखौदा क्षेत्र के गांव कव्वाली का है। यहां जमीन को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। मामले में कोर्ट ने प्रवीण के परिजनों के फेवर में फैसला दे दिया था। जिसके चलते साझा जमीन परिवार के लोगों ने अलग-अलग खेवट करवा ली थी। इस दौरान कोर्ट ने इंतकाल करने के निर्देश जारी कर दिए थे, लेकिन पटवारी ने पैसों की खातिर मामले को लटकाए रखा। पटवारी ने पैसे भी ले लिए, लेकिन इंतकाल नहीं हुआ। इसी दौरान दूसरी पार्टी ने कोर्ट से स्टे ले लिया। जिसके चलते दोबारा मामला कोर्ट में चला गया। प्रवीण के मुताबिक पटवारी ने ज्यादा पैसे की मांग की थी ,लेकिन उसके पास उस वक्त केवल 2 हजार रुपए ही थे। पटवारी ने बाकी के पैसे इंतकाल के रेट अन्य पटवारी से पूछकर देने की बात कही। अब पढ़िए पटवारी और व्यक्ति के बीच क्या बातचीत हुई… पटवारी: अगले महीने जमीन का इंतकाल होगा। इस महीने बिल्कुल नहीं होगा, दो-तीन दिन झरोठ की जमाबंदी की जिम्मेदारी मेरी लगाई गई है। अगले सप्ताह हमारी हड़ताल आएगी। सोमवार से गुरुवार तक की छुट्टी होती है। शुक्रवार को आना पड़ेगा। पटवारी: मतलब जनवरी के पहले हफ्ते में करवा दूंगा। कभी ये न सोचो कि तड़के तक हो जाएगा, नहीं होगा। पटवारी: अभी काम ज्यादा है, नहीं तो जल्दी करवा देता। कोई बात ही नहीं है, ठीक है ना…और आदेश करो। व्यक्ति: कुछ सेवा पानी। पटवारी: दे जाओ, दो हैं ना, तकसीम इंतकाल के है ना, सोनीपत के पटवारी को भी दे रखे हैं। पटवारी: जो दूसरे पटवारी कहेंगे 10 रुपए कम दे देना। व्यक्ति: यह लो 2000 रुपए हैं साहब। पटवारी: 2000 हजार रुपए हैं। व्यक्ति: बाकी बाद में दे दूंगा, कितने और देने हैं। पटवारी: अन्य पटवारी से पूछ कर आ जाइए। पटवारी: वहां कृष्ण से पूछ लेना, तकसीम के इंतकाल है। कितने पैसे लगेंगे, फिर उतने दे देना। अब पढ़िए पटवारी ने क्या कहा… पटवारी बोला- मैंने पैसे नहीं कागज लिए थे
पटवारी धर्मवीर ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। मैंने पैसे नहीं कागज लिए थे। खेवट अलग करने के कागज हैं। मेरा ट्रांसफर हो गया था और और उनको कह दिया था कि विजेंद्र पटवारी आ गया है। इसकी पहले गिरदावर करेगा। इसके बाद इंतकाल चढ़ेगा। उसके कागज दे दिए गए थे। उसने शपथ पत्र भी दिया था। मैंने कोई भी रिश्वत नहीं ली है। उसमें सिग्नेचर भी हैं। तहसीलदार से भी साइन करवाए गए हैं। कोर्ट का यह मामला था और कब्जा कार्रवाई गिरदावर के माध्यम से की जानी थी। मैंने उनको समझाया। फिर दूसरी पार्टी ने स्टे ले लिया। हरियाणा में सोनीपत के एक पटवारी की पैसे लेते की वीडियो सामने आई है। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति का दावा है कि जमीन का इंतकाल करवाने के नाम पटवारी ने उससे 2 हजार रुपए रिश्वत ली। वह वीडियो में पैसे लेता और फिर उन्हें अपने पर्स में डालते हुए नजर आ रहा है। हालांकि 2 दिन पहले सामने आई भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट में इस पटवारी का नाम शामिल नहीं है। इस लिस्ट में सोनीपत से 41 नाम शामिल हैं। पटवारी धर्मवीर खरखौदा के गांव आंवली का रहने वाला है। उसने दैनिक भास्कर से बातचीत में आरोपों को नकार दिया। धर्मवीर ने कहा कि उसने सिर्फ कागज लिए थे। कोर्ट ने इंतकाल करने के निर्देश जारी किए थे
मामला खरखौदा क्षेत्र के गांव कव्वाली का है। यहां जमीन को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। मामले में कोर्ट ने प्रवीण के परिजनों के फेवर में फैसला दे दिया था। जिसके चलते साझा जमीन परिवार के लोगों ने अलग-अलग खेवट करवा ली थी। इस दौरान कोर्ट ने इंतकाल करने के निर्देश जारी कर दिए थे, लेकिन पटवारी ने पैसों की खातिर मामले को लटकाए रखा। पटवारी ने पैसे भी ले लिए, लेकिन इंतकाल नहीं हुआ। इसी दौरान दूसरी पार्टी ने कोर्ट से स्टे ले लिया। जिसके चलते दोबारा मामला कोर्ट में चला गया। प्रवीण के मुताबिक पटवारी ने ज्यादा पैसे की मांग की थी ,लेकिन उसके पास उस वक्त केवल 2 हजार रुपए ही थे। पटवारी ने बाकी के पैसे इंतकाल के रेट अन्य पटवारी से पूछकर देने की बात कही। अब पढ़िए पटवारी और व्यक्ति के बीच क्या बातचीत हुई… पटवारी: अगले महीने जमीन का इंतकाल होगा। इस महीने बिल्कुल नहीं होगा, दो-तीन दिन झरोठ की जमाबंदी की जिम्मेदारी मेरी लगाई गई है। अगले सप्ताह हमारी हड़ताल आएगी। सोमवार से गुरुवार तक की छुट्टी होती है। शुक्रवार को आना पड़ेगा। पटवारी: मतलब जनवरी के पहले हफ्ते में करवा दूंगा। कभी ये न सोचो कि तड़के तक हो जाएगा, नहीं होगा। पटवारी: अभी काम ज्यादा है, नहीं तो जल्दी करवा देता। कोई बात ही नहीं है, ठीक है ना…और आदेश करो। व्यक्ति: कुछ सेवा पानी। पटवारी: दे जाओ, दो हैं ना, तकसीम इंतकाल के है ना, सोनीपत के पटवारी को भी दे रखे हैं। पटवारी: जो दूसरे पटवारी कहेंगे 10 रुपए कम दे देना। व्यक्ति: यह लो 2000 रुपए हैं साहब। पटवारी: 2000 हजार रुपए हैं। व्यक्ति: बाकी बाद में दे दूंगा, कितने और देने हैं। पटवारी: अन्य पटवारी से पूछ कर आ जाइए। पटवारी: वहां कृष्ण से पूछ लेना, तकसीम के इंतकाल है। कितने पैसे लगेंगे, फिर उतने दे देना। अब पढ़िए पटवारी ने क्या कहा… पटवारी बोला- मैंने पैसे नहीं कागज लिए थे
पटवारी धर्मवीर ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। मैंने पैसे नहीं कागज लिए थे। खेवट अलग करने के कागज हैं। मेरा ट्रांसफर हो गया था और और उनको कह दिया था कि विजेंद्र पटवारी आ गया है। इसकी पहले गिरदावर करेगा। इसके बाद इंतकाल चढ़ेगा। उसके कागज दे दिए गए थे। उसने शपथ पत्र भी दिया था। मैंने कोई भी रिश्वत नहीं ली है। उसमें सिग्नेचर भी हैं। तहसीलदार से भी साइन करवाए गए हैं। कोर्ट का यह मामला था और कब्जा कार्रवाई गिरदावर के माध्यम से की जानी थी। मैंने उनको समझाया। फिर दूसरी पार्टी ने स्टे ले लिया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर