<p style=”text-align: justify;”><strong>Ashok Chaudhary:</strong> मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान बेगूसराय में महिलाओं के कपड़ा पहनने पर एक बयान दिया था, जिसके बाद बिहार में राजनीति पूरी तरह गर्म हो गई. नेता प्रतिपक्ष ने तो मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल भी उठा दिया था कि उनके अपने महिला मंत्री, विधायकों से भी पूछे कि 2005 के पहले वह क्या पहनती थीं. साथ ही तेजस्वी यादव ने अपशब्दों का भी प्रयोग किया था. आब तेजस्वी यादव के बयान पर नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा प्रहार किया है और 2005 के पहले वाले लालू राबड़ी शासन काल में लाठी पिलावन रैली का जिक्र करते हुए उनकी मानसिकता को उजागर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक चौधरी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने कहा कि देखिए भाषा की परिमार्जिता कहीं नहीं रह गई है. आरजेडी उद्दंडो की पार्टी है, जो लोग 2005 के पहले थे इस प्रदेश में किस तरह का भाव रखते थे. कोई भी महिला शाम में जाने में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती थी. ये जो लोग हैं वह लाठी पिलावन, लाठी घुमावन रैली का आयोजन करते थे, उनसे क्या एक्सेप्ट किया जा सकता है. जो लोग चरवाहा विद्यालय का निर्माण करवाए थे, उनसे एक्सेप्ट करते हैं कि इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज बनवाने वाले लोगों की मानसिकता के बराबर हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने कहा कि इस तरह की भाषा का जो प्रयोग करते हैं, जिनको यह भी समझ में नहीं आता है कि किस संदर्भ में बोला जा रहा है और किस भाषा का प्रयोग करें. प्रदेश की महिलाओं के लिए उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ आ जाते हैं, तब उनकी भाषा देखें. उनकी भाषा क्या होती है और जब वह नीतीश कुमार को छोड़ देते हैं, दूसरों के साथ चले जाते हैं. तब उनकी भाषा क्या है? तो यह पता चलता है ना कि आपके पास आते हैं तो वही व्यक्ति चंदन वंदना करने लायक हो जाते हैं और आपको छोड़ देते हैं तो इस तरह की भाषा का प्रयोग आप करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए बयान को समझाते हुए कहा कि हमारे नेता का कहना था कि 2005 के पहले जब जीविका से नहीं जुड़ी थीं तब उनका रहन-सहन कैसा था और 2005 के बाद जीविका से लोग जुड़ीं हैं, तो उन लोगों का जीवन स्तर बदला है, अच्छे से कपड़ा पहनने लगीं हैं. अच्छा बोलने लगी हैं. उनका मनोबल बढ़ा है. काम करना शुरू की हैं. खुद आगे बढ़ रही हैं. हमारी जो आधी आबादी है, उसको बढ़ने का मौका मिला है. प्रदेश के मुख्यमंत्री से महिला का संवाद करना कि आप ने बहुत अच्छा काम किया है. इस पर मुख्यमंत्री खुश हो रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव का क्या था बयान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि सीएम के कपड़े वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार का नाम पूरे देश में शर्मसार कर दिया है. हम लोग का सिर झुकाने का काम उन्होंने किया है. नीतीश कुमार का जो बयान है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. उन्होंने कैसे कह दिया कि बिहार की महिला पहले कपड़ा नहीं पहनती थी. इससे ज्यादा शर्मनाक बयान तो कुछ हो ही नहीं सकता है. नीतीश कुमार अपनी महिला विधायकों और मंत्रियों से पूछिए कि क्या वह पहले कपड़े नहीं पहनती थीं. बार-बार मुख्यमंत्री महिलाओं के प्रति ऐसी घिनौनी बात बोलते रहते हैं, वह हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/former-union-minister-pashupati-paras-came-in-support-of-dafadar-chowkidar-demand-ann-2867487″>अघोषित रूप से NDA के खिलाफ सड़क पर उतरे पशुपति पारस, दफादार चौकीदार को मुद्दा बनाने की क्या है वजह? </a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Ashok Chaudhary:</strong> मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान बेगूसराय में महिलाओं के कपड़ा पहनने पर एक बयान दिया था, जिसके बाद बिहार में राजनीति पूरी तरह गर्म हो गई. नेता प्रतिपक्ष ने तो मुख्यमंत्री के बयान पर सवाल भी उठा दिया था कि उनके अपने महिला मंत्री, विधायकों से भी पूछे कि 2005 के पहले वह क्या पहनती थीं. साथ ही तेजस्वी यादव ने अपशब्दों का भी प्रयोग किया था. आब तेजस्वी यादव के बयान पर नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा प्रहार किया है और 2005 के पहले वाले लालू राबड़ी शासन काल में लाठी पिलावन रैली का जिक्र करते हुए उनकी मानसिकता को उजागर किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अशोक चौधरी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने कहा कि देखिए भाषा की परिमार्जिता कहीं नहीं रह गई है. आरजेडी उद्दंडो की पार्टी है, जो लोग 2005 के पहले थे इस प्रदेश में किस तरह का भाव रखते थे. कोई भी महिला शाम में जाने में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती थी. ये जो लोग हैं वह लाठी पिलावन, लाठी घुमावन रैली का आयोजन करते थे, उनसे क्या एक्सेप्ट किया जा सकता है. जो लोग चरवाहा विद्यालय का निर्माण करवाए थे, उनसे एक्सेप्ट करते हैं कि इंजीनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज बनवाने वाले लोगों की मानसिकता के बराबर हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने कहा कि इस तरह की भाषा का जो प्रयोग करते हैं, जिनको यह भी समझ में नहीं आता है कि किस संदर्भ में बोला जा रहा है और किस भाषा का प्रयोग करें. प्रदेश की महिलाओं के लिए उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ आ जाते हैं, तब उनकी भाषा देखें. उनकी भाषा क्या होती है और जब वह नीतीश कुमार को छोड़ देते हैं, दूसरों के साथ चले जाते हैं. तब उनकी भाषा क्या है? तो यह पता चलता है ना कि आपके पास आते हैं तो वही व्यक्ति चंदन वंदना करने लायक हो जाते हैं और आपको छोड़ देते हैं तो इस तरह की भाषा का प्रयोग आप करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए बयान को समझाते हुए कहा कि हमारे नेता का कहना था कि 2005 के पहले जब जीविका से नहीं जुड़ी थीं तब उनका रहन-सहन कैसा था और 2005 के बाद जीविका से लोग जुड़ीं हैं, तो उन लोगों का जीवन स्तर बदला है, अच्छे से कपड़ा पहनने लगीं हैं. अच्छा बोलने लगी हैं. उनका मनोबल बढ़ा है. काम करना शुरू की हैं. खुद आगे बढ़ रही हैं. हमारी जो आधी आबादी है, उसको बढ़ने का मौका मिला है. प्रदेश के मुख्यमंत्री से महिला का संवाद करना कि आप ने बहुत अच्छा काम किया है. इस पर मुख्यमंत्री खुश हो रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तेजस्वी यादव का क्या था बयान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि सीएम के कपड़े वाले बयान पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार का नाम पूरे देश में शर्मसार कर दिया है. हम लोग का सिर झुकाने का काम उन्होंने किया है. नीतीश कुमार का जो बयान है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है. उन्होंने कैसे कह दिया कि बिहार की महिला पहले कपड़ा नहीं पहनती थी. इससे ज्यादा शर्मनाक बयान तो कुछ हो ही नहीं सकता है. नीतीश कुमार अपनी महिला विधायकों और मंत्रियों से पूछिए कि क्या वह पहले कपड़े नहीं पहनती थीं. बार-बार मुख्यमंत्री महिलाओं के प्रति ऐसी घिनौनी बात बोलते रहते हैं, वह हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/former-union-minister-pashupati-paras-came-in-support-of-dafadar-chowkidar-demand-ann-2867487″>अघोषित रूप से NDA के खिलाफ सड़क पर उतरे पशुपति पारस, दफादार चौकीदार को मुद्दा बनाने की क्या है वजह? </a></strong></p> बिहार यूपी के इस जिले में लगेगा 600 मेगावाट का सोलर प्लांट, 2700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण पूरा