हिमाचल प्रदेश में आज और कल प्रदेश में बारिश बर्फबारी होने की संभावना है। बीते कल से ही प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। वहीं कल से 6 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार विशेषकर शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मौसम में बदलाव से प्रदेश के तापमान में उछाल आया है। प्रदेश में सामान्य तापमान 4 से 6 डिग्री अधिक उछाल दर्ज किया गया है। शिमला का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री पहुंच गया है, जो सामान्य से 5.6 डिग्री अधिक है। केलांग में न्यूनतम तापमान -3.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.8 डिग्री अधिक है। कल 6 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट IMD शिमला ने 23 जनवरी को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। 24 जनवरी से मैदानी इलाकों में घने कोहरे की भी चेतावनी दी गई है। जनवरी में सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार जनवरी में अब तक सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 21 जनवरी के बीच केवल 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि में सामान्य बारिश 50.3 मिलीमीटर होती है। प्रदेश का औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी क्रमशः 3.1 और 2.5 डिग्री सामान्य से अधिक चल रहा है। हिमाचल प्रदेश में आज और कल प्रदेश में बारिश बर्फबारी होने की संभावना है। बीते कल से ही प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। वहीं कल से 6 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार विशेषकर शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी जिलों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मौसम में बदलाव से प्रदेश के तापमान में उछाल आया है। प्रदेश में सामान्य तापमान 4 से 6 डिग्री अधिक उछाल दर्ज किया गया है। शिमला का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री पहुंच गया है, जो सामान्य से 5.6 डिग्री अधिक है। केलांग में न्यूनतम तापमान -3.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 6.8 डिग्री अधिक है। कल 6 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट IMD शिमला ने 23 जनवरी को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। 24 जनवरी से मैदानी इलाकों में घने कोहरे की भी चेतावनी दी गई है। जनवरी में सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार जनवरी में अब तक सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 से 21 जनवरी के बीच केवल 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि में सामान्य बारिश 50.3 मिलीमीटर होती है। प्रदेश का औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान भी क्रमशः 3.1 और 2.5 डिग्री सामान्य से अधिक चल रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया
हिमाचल प्रदेश में विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र:एक बूथ पर हेलिकॉप्टर तो दूसरे पर नांव से पहुंची पोलिंग टीमें; खतरनाक नाला-पहाड़ भी पार किया हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां मतदान करवाना चुनौती से कम नहीं। राज्य में एक पोलिंग बूथ ऐसा है, जहां हेलिकॉप्टर से पहुंचा जा सकता है। एक मतदान केंद्र में नाव से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर कर पोलिंग पार्टी पहुंच पाई हैं। प्रदेश में दर्जनों ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को ऊंचे-ऊंचे पहाड़, खतरनाक नदी-नाले और बर्फ के पहाड़ पार कर पहुंचना पड़ा। यही नहीं, विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थापित मतदान केंद्र भी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में है। कुछ रोचक पोलिंग स्टेशनों के बारे में भास्कर की रिपोर्ट.. बड़ा भंगाल में हेलिकॉप्टर से पहुंचा मतदान दल
हिमाचल के कांगड़ा जिला में अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से भेजी गई है। गुरुवार शाम को मतदान दल EVM के साथ हेलिकॉप्टर में बड़ा भंगाल के लिए उड़ा। यह टीम आज शाम तक पोलिंग बूथ को वोटिंग के लिए तैयार करेगा। शनिवार को वोटिंग के बाद पोलिंग पार्टी बड़ा भंगाल में ही नाइट स्टे करेगी। 2 जून को पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से ही वापस बैजनाथ लौटेंगी। पैदल बड़ा भंगाल पहुंचने में लगते हैं 3 दिन
बड़ा भंगाल हिमाचल का इकलौता ऐसा मतदान केंद्र है, जहां पोलिंग पार्टी हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जाती है। वापस भी हेलिकॉप्टर से ही लाई जाती है। सड़क कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां से लोगों का जीवन भी कठिनाइयों से भरा रहता है। बैजनाथ से बड़ा भंगाल पैदल पहुंचने में कम से कम 3 दिन लगते हैं। आधे रास्ते में एक नाइट का स्टे करना पड़ता है। यहां नेता भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते
बैजनाथ से बरोट-मुल्थान होते हुए गड़सापुल तक सड़क से पहुंचा जा सकता है, लेकिन यहां से आगे 3 दिन पैदल चलना पड़ता है। इस वजह से यहां चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार भी वोट मांगने नहीं पहुंच पाते हैं। बताया जाता है कि पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल, वूल फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष व बीजेपी नेता त्रिलोक कपूर और बैजनाथ के पूर्व विधायक मुल्ख राज प्रेमी जरूर यहां एक बार वोट मांगने पहुंचे थे। मगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादातर बार कोई कैंडिडेट यहां नहीं पहुंच पाता। कुठेड़ा पोलिंग बूथ को नाव से पहुंची टीम
कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा में कुठेड़ा पोलिंग बूथ को पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को नाव का सहारा लेना पड़ा। इस टीम की वापसी भी नाव से ही हो पाएगी। यह पोलिंग बूथ पौंग डैम के टापू पर बनाया गया है। मतदान कर्मियों को लगभग साढ़े 5 किलोमीटर का सफर नाव में करना पड़ा। तब जाकर कर्मचारी पोलिंग बूथ तक पहुंच पाए। एहलमी पहुंचने को 15KM पैदल चलना पड़ता है
मंडी लोकसभा के अंतर्गत चंबा जिले की भरमौर विधानसभा के मैहला खंड में एहलमी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी 15 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंची है। वहीं, शिमला जिले में डोडराक्वार में पंडार और कुल्लू जिले में शाकटी मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को 11 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उधर, कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भटियात विधानसभा क्षेत्र में चक्की मतदान केंद्र पर 13 किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचना पड़ता है। इन जिलों में भी खतरनाक रास्तों से पहुंची पोलिंग पार्टियां
मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, चंबा और किन्नौर जिले में दर्जन भर ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को खतरनाक नदियों को पार करना पड़ा। बर्फ के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ चढ़ने पड़े। खतरनाक व जोखिम भरे रास्तों से सफर तय कर मंजिल पहुंचना पड़ा। सामान ढोने की स्पेन का भी सहारा लिया। हिमाचल में दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला पोलिंग बूथ
विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर पोलिंग बूथ हिमाचल के लाहौल-स्पीति के ताशीगंग में है। इस मतदान केंद्र में कुल 62 मतदाता हैं। यहां 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। यह मतदान केंद्र समुद्र तल से 15,256 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस केंद्र को सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मॉडल पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस पोलिंग बूथ के लिए भी गुरुवार को ही मतदान दल रवाना कर दिया गया है।
हिमाचल पुलिस का ड्रग तस्करों पर एक्शन:42 जगह छापेमारी, 8 तस्कर गिरफ्तार, 3 वाहन जब्त, डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी पुलिस
हिमाचल पुलिस का ड्रग तस्करों पर एक्शन:42 जगह छापेमारी, 8 तस्कर गिरफ्तार, 3 वाहन जब्त, डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी पुलिस हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अवैध ड्रग व्यापार के खिलाफ बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। राज्य में पहली बार 42 टीमों ने एक साथ 42 स्थानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए। इस कार्रवाई के दौरान 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत 4 मामले और एक्साइज एक्ट के तहत 4 केस दर्ज किए। NDPS एक्ट के तहत 5 किलोग्राम पोपी हस्क और 25 ग्राम हेरोइन जब्त की गई, जबकि एक्साइज एक्ट में 57 लीटर अवैध शराब जब्त की गई। इन जगह चलाया अभियान पुलिस द्वारा यह कार्रवाई 15 सितंबर को कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में की गई। कांगड़ा जिला में 8 जगह, नूरपुर पुलिस जिला में 10, चंबा में 7, ऊना में 6 और बिलासपुर में 11 स्थानों पर पुलिस ने एक साथ रेड की। 3 वाहन भी कब्जे में लिए इस दौरान पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 3 वाहन भी कब्जे में लिए। इस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध का घर सरकारी भूमि पर पाया गया, इसे लेकर आगामी कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। अब डिजिटल उपकरणों की जांच में जुटी पुलिस प्रदेश पुलिस अब की विशेष टीम अब तलाशी के दौरान जब्त डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच में जुट गई है, ताकि इस अवैध कारोबार के आगामी एवं प्रतिगामी संबंधों का पता लगाया जा सके और प्रमुख अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाया जा सके। मोबाइल फोरेंसिक जांच के परिणामों को भी गहराई से देखा जाएगा। नशा तस्करों पर शिकंजा कसने को कार्रवाई इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की जब्ती और बड़े तस्करी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण सबूत जुटाना, प्रमुख संचालकों की पहचान करना और उनकी संपत्तियों का पता लगाना था।
पठानकोट भरमौर नेशनल हाईवे पर पिछले 15 घंटे से जाम:मणिमहेश जा रहे यात्री फंसे; सड़क चौड़ी करने का जारी
पठानकोट भरमौर नेशनल हाईवे पर पिछले 15 घंटे से जाम:मणिमहेश जा रहे यात्री फंसे; सड़क चौड़ी करने का जारी पठानकोट भरमौर नेशनल हाईवे पर पिछले 15 घंटे से मणिमहेश यात्री जा में फंसे हुए हैं। यह जाम लूना से लेकर दुनाली तक लगा हुआ है। पुलिस प्रशासन ने जाम को खोलने के प्रयास कर रही है। लेकिन अभी तक भी जाम नहीं खुल पाया है। इस बार लाखों के हिसाब से श्रद्धालु मणिमहेश डल झील में आए हैं। पिछले तीन दिनों से लोग जाम में फंस रहे हैं। जन्माष्टमी के दो दिन पहले ही जाम को खोलने के लिए और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। आलम यह है कि यहां पर लोग अपनी गाड़ियों को छोड़कर पैदल ही मणिमहेश की ओर रुख करने को मजबूर हो गए हैं। पिछले करीब 10 सालों से यहां पर एनएच ने सड़क चौड़ी करने का काम चला हुआ है जो कछुआ गति से चला है। सरकार व प्रशासन ने अभी तक भी इस ओर कठोर कदम नहीं उठाए गए हैं, जिसके कारण श्रद्धालुओं को इस परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।