हरियाणा में दो दिन सरकारी ऑनलाइन सेवाएं बंद रहेगी। जिसके चले रोडवेज बसों में ई-टिकट नहीं मिलेंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट काटने के निर्देश गए हैं। इसी के साथ ई-दिशा केंद्रों में भी कामकाज ठप रहेगा। सरल पोर्टल से लेकर रजिस्ट्री पोर्टल तक बंद रहेंगे। सरकार का ऑनलाइन डेटा मेंटेनेंस करने के लिए यह फैसला लिया है। रोडवेज प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यालय के आदेशों के अनुसार 24 से 27 जनवरी तक किसी भी कर्मचारी के ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। क्योंकि सर्वर डाउन रहेगा। जो ई-टिकटिंग मशीन 24 जनवरी को मिलेगी, उसे 27 जनवरी तक काम करना पड़ेगा। मगर हर ट्रिप एंड करने के बाद ट्रिप एंड की स्लिप को संभाल कर रखना होगा। इसके बाद प्रतिदिन कैश जमा करवाना है। राज्य डेटा सेंटर में 25 व 26 जनवरी हो होगा मेंटेनेंस चंडीगढ़ स्थित राज्य डेटा सेंटर के मेंटेनेंस के कारण 25 व 26 जनवरी को ई-टिकटिंग की साइट भी नहीं चलेगी। इसलिए सभी कंडक्टरों को अपनी मशीनों में ड्यूटी इस हिसाब से लगवाने के लिए कहा गया है, जिससे 27 जनवरी तक मशीन चल सके। 24 जनवरी की शाम के बाद डयूटी एंड नहीं करेंगे कंडक्टर रोडवेज प्रशासन के आदेश अनुसार 24 जनवरी की शाम के बाद और 25 व 26 जनवरी को कोई भी कंडक्टर खुद किसी भी हालत में अपनी डयूटी एंड नहीं करेगा। अगर इस दौरान कोई भी कंडक्टर डयूटी एंड (Duty END) करता है, तो वो अपनी रिपोर्ट का खुद जिम्मेदार होगा। इस अवधि में न ही किसी बस पर ड्राइवर-कंडक्टर बदले जाएंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट भी साथ रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होगी- जीएम सिरसा रोडवेज के महाप्रबंधक शेर सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में ही ऑनलाइन सिस्टम दो दिन बंद रहेगा। ई-टिकट में कोई परेशानी आई तो कंडक्टर मेनुअल टिकट काट देंगे। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं आएगी। हरियाणा में दो दिन सरकारी ऑनलाइन सेवाएं बंद रहेगी। जिसके चले रोडवेज बसों में ई-टिकट नहीं मिलेंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट काटने के निर्देश गए हैं। इसी के साथ ई-दिशा केंद्रों में भी कामकाज ठप रहेगा। सरल पोर्टल से लेकर रजिस्ट्री पोर्टल तक बंद रहेंगे। सरकार का ऑनलाइन डेटा मेंटेनेंस करने के लिए यह फैसला लिया है। रोडवेज प्रशासन की ओर से कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यालय के आदेशों के अनुसार 24 से 27 जनवरी तक किसी भी कर्मचारी के ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। क्योंकि सर्वर डाउन रहेगा। जो ई-टिकटिंग मशीन 24 जनवरी को मिलेगी, उसे 27 जनवरी तक काम करना पड़ेगा। मगर हर ट्रिप एंड करने के बाद ट्रिप एंड की स्लिप को संभाल कर रखना होगा। इसके बाद प्रतिदिन कैश जमा करवाना है। राज्य डेटा सेंटर में 25 व 26 जनवरी हो होगा मेंटेनेंस चंडीगढ़ स्थित राज्य डेटा सेंटर के मेंटेनेंस के कारण 25 व 26 जनवरी को ई-टिकटिंग की साइट भी नहीं चलेगी। इसलिए सभी कंडक्टरों को अपनी मशीनों में ड्यूटी इस हिसाब से लगवाने के लिए कहा गया है, जिससे 27 जनवरी तक मशीन चल सके। 24 जनवरी की शाम के बाद डयूटी एंड नहीं करेंगे कंडक्टर रोडवेज प्रशासन के आदेश अनुसार 24 जनवरी की शाम के बाद और 25 व 26 जनवरी को कोई भी कंडक्टर खुद किसी भी हालत में अपनी डयूटी एंड नहीं करेगा। अगर इस दौरान कोई भी कंडक्टर डयूटी एंड (Duty END) करता है, तो वो अपनी रिपोर्ट का खुद जिम्मेदार होगा। इस अवधि में न ही किसी बस पर ड्राइवर-कंडक्टर बदले जाएंगे। कंडक्टरों को मेनुअल टिकट भी साथ रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं होगी- जीएम सिरसा रोडवेज के महाप्रबंधक शेर सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश में ही ऑनलाइन सिस्टम दो दिन बंद रहेगा। ई-टिकट में कोई परेशानी आई तो कंडक्टर मेनुअल टिकट काट देंगे। यात्रियों को कोई दिक्कत नहीं आएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CET संशोधन पर कैबिनेट बैठक शुरू:CM नायब सैनी कर रहे चर्चा; HKRN नीति में भी बदलाव करेगी सरकार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक मुख्य सचिवालय के कमेटी रूम में शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल की यह दूसरी अहम बैठक है, उम्मीद की जा रही है कि इसमें लगभग ढाई दर्जन एजेंडों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में कर्मचारियों से जुड़े एजेंडों पर चर्चा की उम्मीद है। इसके अलावा अन्य वित्त विभाग से संबंधित एजेंडों पर भी चर्चा संभावित है। सबसे ज्यादा नजरें कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में संशोधन पर टिकी हुई हैं। सीईटी में संशोधन होने के बाद नया सीईटी हो सके। संभावना है कि सीईटी में संशोधन का एजेंडा मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जा सकता है। अभी तक सीईटी पास उम्मीदवारों में से स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए चार गुना को शॉर्टलिस्ट करने का प्रावधान है। सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक भी सीईटी में शामिल हैं। चूंकि हाईकोर्ट ने सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को असंवैधानिक करार दे दिया है। इसलिए सीईटी पॉलिसी में से सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक हटाने जरूरी हो गए हैं। 10 गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने का प्रस्ताव सरकारी नौकरी में सरकार का प्रस्ताव है कि 10 गुना सीईटी पास उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाए। अब मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा होगी चर्चा के बाद तय होगा कि सीईटी क्वालीफाई किया जाएगा या 10 गुना को ही शॉर्टलिस्ट करने का प्रावधान किया जाएगा या 10 गुना से ज्यादा का प्रावधान किया जाएगा। अनुभव के जो अंक मिलते थे, अब सीईटी संशोधन में उन्हें भी हटा दिया जाएगा। सीईटी में एक बड़ा संशोधन यह प्रस्तावित है कि जब ग्रुप अनुसार स्क्रीनिंग टेस्ट होगा तो वेटिंग लिस्ट भी ग्रुप अनुसार तैयार की जाए, मगर अंतिम फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होगा। सीईटी में प्रावधान है कि एक बार सीईटी पास उम्मीदवार अगर चयनित हो जाता है तो दूसरे पदों के चयन प्रक्रिया में उसका सीईटी समाप्त हो जाता है मगर अब इस प्रावधान को बदला जा सकता है। HKRNL पॉलिसी में भी संशोधन पर होगी चर्चा हरियाणा कौशल रोजगार निगम पॉलिसी में भी संशोधन होगा चूंकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सीईटी में किए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के प्रावधान को असंवैधानिक करार दे दिया है और हरियाणा कौशल रोजगार निगम पॉलिसी में भी सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंकों और अनुभव के अंकों को जोड़ने का प्रावधान है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम की पॉलिसी में से सामाजिक – आर्थिक मानदंड के अंक और अनुभव के अंक हटाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के बाद पॉलिसी में संशोधन होगा। अभी इन दोनों के 10-10 अंक मिलते थे मगर इन्हें हटाने के बाद 80 अंक रह जाएंगे । इसके अलावा कौशल रोजगार निगम की पॉलिसी में प्रावधान किया जा सकता है कि अगर किसी कर्मचारी को हटाया जाता है तो बाद में उसे तवज्जो दी जाएगी। जॉब सिक्योरिटी एक्ट में संशोधन संभव हरियाणा विधानसभा में जॉब सिक्योरिटी विधेयक पारित हुआ था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद वह अधिसूचित भी हो गया, इसमें प्रावधान किया गया है कि 14 अगस्त तक पांच साल या इससे ज्यादा सर्विस वाले अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी दी जाएगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि एक कैलेंडर वर्ष में कम से कम 240 कार्य दिवस होने चाहिएं। इस वजह से कई कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल पा रही है क्योंकि 2019 में भी 14 अगस्त तक 240 दिन नहीं बनते हैं और 2024 में भी 14 अगस्त तक 240 दिन नहीं बनते हैं या किसी के 240 दिन पूरे होने में दो दिन कम पड़ते हैं कैलेंडर वर्ष एक जनवरी से 31 दिसंबर तक होता है । इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधन प्रस्ताव रखा जाएगा कि कैलेंडर वर्ष को उस दिन से शुरू माना जाए। एमपीएचडब्ल्यू मेल पद के सर्विस रूल्स को मिल सकती है मंजूरी स्वास्थ्य विभाग में एमपीएचडब्ल्यू मेल का पद होता है। इस पद पर अभी तक इसलिए भर्ती नहीं हो पा रही है क्योंकि इसके सर्विस रूल्स में संशोधन नहीं हो पा रहा है। इस पद के योग्य युवा लगातार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मिलकर आग्रह करते रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मंत्रिमंडल की बैठक में इन नियमों को संशोधित करने की मंजूरी मुख्यमंत्री से मांगी थी। मुख्यमंत्री ने यह मंजूरी 26 दिसंबर , 2024 को दे दी है, इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में स्वास्थ्य विभाग का यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ये पद भर्ती के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पास भेजे जाएंगे।
हरियाणा की पूर्व महिला कप्तान का हॉकी से संन्यास:कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से शुरू किया था सफर, पिता चलाते थे तांगा
हरियाणा की पूर्व महिला कप्तान का हॉकी से संन्यास:कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से शुरू किया था सफर, पिता चलाते थे तांगा भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संन्यास का ऐलान कर दिया है। रानी रामपाल हरियाणा राज्य के कुरूक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे की रहने वाली है। जिन्होंने देश का नाम महिला हॉकी में अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने का काम किया है। रानी रामपाल का हॉकी करियर करीब 16 साल का रहा है। इस दौरान उन्होंने हॉकी में कई बड़े मुकाम हासिल किए। रानी रामपाल लगातार दो बार ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी भी कर चुकी है। पिता की मेहनत, नया आयाम स्थापित रानी रामपाल का जन्म कुरूक्षेत्र जिले के शाहबाद में 1994 में हुआ था। रानी रामपाल गरीब परिवार से आती हैं। उनके पिता रामपाल घोड़ा तांगा चलाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। जब रानी ने हॉकी खेलने की जिद की, तो परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो रानी की जरूरतें पूरी कर सकें। उनके पिता ने तांगा चलाकर किसी तरह परिवार का गुजारा किया। पिता की मेहनत की बदौलत उन्होंने हॉकी में एक नया आयाम स्थापित किया। रानी की जिद के आगे झुका परिवार रानी रामपाल 7 वर्ष की आयु में हॉकी खेलना शुरू किया था। महिला हॉकी में शाहबाद हॉकी नर्सरी ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया है और रानी रामपाल ने भी वहीं से अपने जीवन की शुरुआत की थी। शुरुआत में घरवालों ने उसको मना किया, लेकिन रानी ने तो ठान लिया था कि हॉकी खेलनी है। रानी की इस जिद के आगे उनके पिता को झुकना पड़ा और उन्होंने रानी को का एडमिशन अकादमी में करा दिया। कोच और कुछ खिलाड़ियों की मदद से उन्हें किट मिली और उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह खेलती गई, उसके खेल में निखार आता गया और वह पहले जिला स्तर पर, स्टेट स्तर पर, नेशनल और इंटरनेशनल तक का सफर तय किया। पहली बार 2009 में हुआ था चयन रानी रामपाल का भारतीय हॉकी टीम में पहली बार 2009 में चयन हुआ था। उस समय उनकी उम्र करीब 15 साल थी, 2009 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप खेला था। जिसमें भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी पहली बार भारतीय टीम में खेल रहीं थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रानी ने तीन गोल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वो इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थीं। यहां के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रानी रामपाल ने इंटरनेशनल स्तर पर काफी लंबे समय तक खेला है। जिसके चलते उन्होंने 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले है। पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित रानी रामपाल ने हॉकी में कहीं बड़े खिताब हासिल किए हैं। रानी को 2020 में पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से भारत सरकार द्वारा नवाजा गया था। रानी की अगुआई में भारतीय टीम ने एशियन गेम्स और एशिया कप में मेडल जीता था। रानी की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक में टीम चौथे नंबर पर रही। रानी रामपाल ने फर्ज से हर्ष का सफर तय किया है और भारतीय महिला हॉकी को विश्व के पटल पर एक नई पहचान देने का काम किया है।