हरियाणा में पटवारियों के बाद अब तहसीलों, ब्लॉकों में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी सरकार कर रही है। सरकार ने अब रेवेन्यू ऑफिसर विशेषकर नायब तहसीलदारों, तहसीलदारों, कानूनगो और लेखा परीक्षकों (ऑडिटर्स) की पहचान करने की दिशा में कार्य करना शुरू दिया हैं। ये वो अधिकारी हैं जिनका बैकग्राउंड संदिग्ध है या जिनके खिलाफ करप्शन की शिकायतें लंबित हैं। सरकार ने हाल ही में 370 भ्रष्ट पटवारियों की नाम सहित लिस्ट जारी किए जाने पर घमासान मचा हुआ है। जिसके बाद से पटवारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। उन्होंने तीन दिन के काम नहीं करने का ऐलान किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि सरकार ये लिस्ट वापस नहीं लेती है तो वह आंदोलन को और उग्र करने को विवश हो जाएंगे। रजिस्ट्री घोटाले के आरोपियों को भी खंगाल रही हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार, आरोपों पर जानकारी जुटाने के अलावा सरकार यह भी पता लगा रही है कि क्या इन अधिकारियों के नाम उन दागी राजस्व अधिकारियों की सूची में हैं, जो कोविड काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले में फंसे हैं। उस समय सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच समिति (SEC) के निष्कर्षों पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजेंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था। यहां से भी खंगाला जा रही भ्रष्ट अधिकारियों की कुंडली पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद, सरकार अधिकारियों की पहचान करने के लिए फाइलों और अन्य रिकॉर्ड जैसे कि सीएम विंडो, लंबित शिकायतें या भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और अन्य इंटरनल विजिलेंस एजेंसियों द्वारा दी गई स्रोत रिपोर्ट की फिर से जांच करने पर विचार कर रही है। हालांकि सरकार इस पर गोपनीय ढंग से काम कर रही है। इसकी वजह यह भी है कि पिछले हफ्ते विभाग ने 370 दागी पटवारियों की सूची जारी की थी, जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बार सरकार एहतियात बरत रही है। पटवारी केस में जांच जारी हरियाणा में 370 भ्रष्ट पटवारियों की लीक हुई लिस्ट के मामले में सरकार की जांच जारी है। सरकार के निर्देश पर इस केस में एक्टिव हुई सीआईडी जिलों से आए इनपुट को खंगाल रही है। संभावना है कि राजस्व विभाग की ओर से जिलों के डीसी को जारी लिस्ट जिला मुख्यालय से ही लीक हुई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म (व्हाट्सएप) पर भी खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए हैं। कुछ ग्रुपों को अभी तक की जांच में चिह्नित भी किया गया है। जिलों के डीसी को अगले हफ्ते देनी है रिपोर्ट हालांकि सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि लीक हुई लिस्ट को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। सरकार का शुरू से जीरो टॉलरेंस पर फोकस रहा है, और आगे भी इसी एजेंडे को लेकर काम किया जाएगा। हरियाणा सरकार की लिस्ट को लेकर दिए गए आदेश पर जिलों में भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस लिस्ट में सरकार की ओर से जिलों के डीसी से 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। संभावना है कि अगले सप्ताह को डीसी इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजेंगे। हरियाणा में पटवारियों के बाद अब तहसीलों, ब्लॉकों में तैनात भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी सरकार कर रही है। सरकार ने अब रेवेन्यू ऑफिसर विशेषकर नायब तहसीलदारों, तहसीलदारों, कानूनगो और लेखा परीक्षकों (ऑडिटर्स) की पहचान करने की दिशा में कार्य करना शुरू दिया हैं। ये वो अधिकारी हैं जिनका बैकग्राउंड संदिग्ध है या जिनके खिलाफ करप्शन की शिकायतें लंबित हैं। सरकार ने हाल ही में 370 भ्रष्ट पटवारियों की नाम सहित लिस्ट जारी किए जाने पर घमासान मचा हुआ है। जिसके बाद से पटवारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। उन्होंने तीन दिन के काम नहीं करने का ऐलान किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि सरकार ये लिस्ट वापस नहीं लेती है तो वह आंदोलन को और उग्र करने को विवश हो जाएंगे। रजिस्ट्री घोटाले के आरोपियों को भी खंगाल रही हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार, आरोपों पर जानकारी जुटाने के अलावा सरकार यह भी पता लगा रही है कि क्या इन अधिकारियों के नाम उन दागी राजस्व अधिकारियों की सूची में हैं, जो कोविड काल में हुए रजिस्ट्री घोटाले में फंसे हैं। उस समय सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच समिति (SEC) के निष्कर्षों पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजेंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था। यहां से भी खंगाला जा रही भ्रष्ट अधिकारियों की कुंडली पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद, सरकार अधिकारियों की पहचान करने के लिए फाइलों और अन्य रिकॉर्ड जैसे कि सीएम विंडो, लंबित शिकायतें या भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और अन्य इंटरनल विजिलेंस एजेंसियों द्वारा दी गई स्रोत रिपोर्ट की फिर से जांच करने पर विचार कर रही है। हालांकि सरकार इस पर गोपनीय ढंग से काम कर रही है। इसकी वजह यह भी है कि पिछले हफ्ते विभाग ने 370 दागी पटवारियों की सूची जारी की थी, जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बार सरकार एहतियात बरत रही है। पटवारी केस में जांच जारी हरियाणा में 370 भ्रष्ट पटवारियों की लीक हुई लिस्ट के मामले में सरकार की जांच जारी है। सरकार के निर्देश पर इस केस में एक्टिव हुई सीआईडी जिलों से आए इनपुट को खंगाल रही है। संभावना है कि राजस्व विभाग की ओर से जिलों के डीसी को जारी लिस्ट जिला मुख्यालय से ही लीक हुई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म (व्हाट्सएप) पर भी खुफिया एजेंसियां नजर रखे हुए हैं। कुछ ग्रुपों को अभी तक की जांच में चिह्नित भी किया गया है। जिलों के डीसी को अगले हफ्ते देनी है रिपोर्ट हालांकि सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि लीक हुई लिस्ट को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। सरकार का शुरू से जीरो टॉलरेंस पर फोकस रहा है, और आगे भी इसी एजेंडे को लेकर काम किया जाएगा। हरियाणा सरकार की लिस्ट को लेकर दिए गए आदेश पर जिलों में भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस लिस्ट में सरकार की ओर से जिलों के डीसी से 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। संभावना है कि अगले सप्ताह को डीसी इसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बाद में उसके देवर के पास सैलेंद्र की कॉल आई और उसने बताया कि बंटी के साथ मारपीट की गई और उसे डायल 112 अलेवा सीएचसी में लेकर गई है। वहां से बंटी को जींद के नागरिक अस्पताल में रेफर किया गया। वहां से परिजन उसे हिसार के निजी अस्पताल में ले गए। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सुदेश का आरोप है कि उसके बेटे को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, उसे यातनाएं दी गई। उसके पूरे शरीर पर निशान हैं। अलेवा थाना पुलिस ने सुदेश की शिकायत पर पेगां निवासी मंजीत, जगबीर, गुरमेल, सुमित, विनय, संदीप की पत्नी, महाबीर की पत्नी, दर्शन की पत्नी, गुरमेल की पत्नी, जगबीर की पत्नी, रणधीर की पत्नी, वजीर, वजीर की पत्नी के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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