पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में अचानक बिजली गुल होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अस्पताल के 66 केवी सब स्टेशन का निरीक्षण किया और बिजली निगम के निदेशक, मुख्य अभियंता तथा लोक निर्माण विभाग के बिजली विंग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिजली निगम और लोक निर्माण विभाग के बिजली विंग की अस्पताल में आपूर्ति व्यवस्था का ऑडिट किया जा रहा है। उन्होंने यूपीएस, जनरेटर सेट और बिजली लाइनों के उन्नयन के साथ-साथ रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) की तत्काल स्थापना के निर्देश दिए। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आदेश पर 25 लाख रुपए की लागत से 11 केवी की एक अतिरिक्त लाइन स्थापित की गई थी। इसके अलावा, शक्ति विहार से 11 केवी फीडर तीसरे स्रोत के रूप में कार्यरत है। पसियाना फीडर पर एक सप्ताह के भीतर आरएमयू लगाने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राजिंदरा अस्पताल को पीजीआई की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि बिजली व्यवस्था सहित अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है और ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यूपीएस का आधे घंटे का बैकअप रहे और 1 से 2 मिनट में जनरेटर चल जाए और 10 मिनट में लाइन बदल दी जाए ताकि भविष्य में बिजली सप्लाई जारी रखने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि अस्पताल की खराब व्यवस्था के लिए पिछले कई दशकों से राज कर रही पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। मेडिकल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कल ऑपरेशन के दौरान बिजली गुल होने के बावजूद जिन डॉक्टरों ने मरीज का इलाज जारी रखा, वे तारीफ के काबिल हैं, लेकिन ऐसे डॉक्टर की तारीफ नहीं की जा सकती, जो स्थिति संभालने की बजाय घबरा गए और वीडियो बना ली। उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करते समय शांत रहने और सहनशीलता एवं धैर्य से काम लेने की सलाह दी। इस बीच मंत्री ने अस्पताल के ऑन्कोलॉजी सर्जरी वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला मरीज से भी मुलाकात की और उसका हाल जाना। पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में अचानक बिजली गुल होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अस्पताल के 66 केवी सब स्टेशन का निरीक्षण किया और बिजली निगम के निदेशक, मुख्य अभियंता तथा लोक निर्माण विभाग के बिजली विंग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिजली निगम और लोक निर्माण विभाग के बिजली विंग की अस्पताल में आपूर्ति व्यवस्था का ऑडिट किया जा रहा है। उन्होंने यूपीएस, जनरेटर सेट और बिजली लाइनों के उन्नयन के साथ-साथ रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) की तत्काल स्थापना के निर्देश दिए। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आदेश पर 25 लाख रुपए की लागत से 11 केवी की एक अतिरिक्त लाइन स्थापित की गई थी। इसके अलावा, शक्ति विहार से 11 केवी फीडर तीसरे स्रोत के रूप में कार्यरत है। पसियाना फीडर पर एक सप्ताह के भीतर आरएमयू लगाने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राजिंदरा अस्पताल को पीजीआई की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि बिजली व्यवस्था सहित अस्पताल की सभी व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है और ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि यूपीएस का आधे घंटे का बैकअप रहे और 1 से 2 मिनट में जनरेटर चल जाए और 10 मिनट में लाइन बदल दी जाए ताकि भविष्य में बिजली सप्लाई जारी रखने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि अस्पताल की खराब व्यवस्था के लिए पिछले कई दशकों से राज कर रही पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। मेडिकल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कल ऑपरेशन के दौरान बिजली गुल होने के बावजूद जिन डॉक्टरों ने मरीज का इलाज जारी रखा, वे तारीफ के काबिल हैं, लेकिन ऐसे डॉक्टर की तारीफ नहीं की जा सकती, जो स्थिति संभालने की बजाय घबरा गए और वीडियो बना ली। उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करते समय शांत रहने और सहनशीलता एवं धैर्य से काम लेने की सलाह दी। इस बीच मंत्री ने अस्पताल के ऑन्कोलॉजी सर्जरी वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला मरीज से भी मुलाकात की और उसका हाल जाना। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर बम के पीछे खालिस्तानी आतंकी एंगल आया सामने:बब्बर खालसा के हैप्पी और गोपी नवांशहरिया की साजिश; थाने में दरवाजे पर लगाया था डेटोनेटर अमृतसर के अजनाला थाने में रविवार मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासियां और गोपी नवांशहरिया का हाथ होने की बात सामने आई है। पुलिस इस मामले में कुछ भी ऑफिशियल बयान नहीं दे रही है। लेकिन सूत्रों के अनुसार इस बम में आरडीएक्स का प्रयोग किया गया। बम का वजन तकरीबन 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई है, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही है। पंजाब पुलिस के सूत्रों के अनुसार आरडीएक्स के साथ डेटोनेटर का प्रयोग किया गया था। जिसे थाने के दरवाजे के साथ लगाया गया। ताकि, दरवाजा खोलते ही इसमें ब्लास्ट हो सके। थाने में मौजूद स्टाफ की किस्मत थी कि किसी तकनीकी खराबी के कारण वे बम फटा नहीं। अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। इस घटना को लेकर पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी लगे हैं, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही। इन सभी तथ्यों से साफ हो जाता है कि इस घटना के पीछे आतंकी साजिश ही काम कर रही है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी यह घटना अमृतपाल सिंह से जुड़े अजनाला कांड के समानांतर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन गई है। अजनाला कांड में पहले ही खालिस्तान समर्थकों और अलगाववादी तत्वों के हमले की जांच चल रही थी। इस ताजा घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। खाकी टेप से बंधा था बम अमृतसर देहात पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह 7 बजे जब थाने से एक कर्मी बाहर निकला तो उसने देखा कि एक बाउल पड़ा था, जिसे खाकी रंग की टेप लगाकर अच्छी तरह से बंद किया हुआ था। उक्त बाउल के अंदर से कुछ तार बाहर निकले हुए थे। वह बम जैसी चीज थी, जो खुले में पड़ी हुई थी। उसे किसी भी चीज से ढंका नहीं गया था। पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है कि उस चीज को देर रात धुंध का फायदा उठाकर रखा गया है। फरवरी 2023 में इसी थाने पर हुआ था हमला फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, लाठियां और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया। प्रदर्शन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में उपयोग किया गया था। जिससे पुलिस ने बल प्रयोग करने से परहेज किया, ताकि किसी धार्मिक अपवित्रीकरण का आरोप न लगे। इस घटना की शुरुआत लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध से हुई थी। अमृतपाल के समर्थकों ने पहले शांतिपूर्ण धरना देने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दबाव के चलते पुलिस ने लवप्रीत की रिहाई के आदेश दिए और उसके खिलाफ केस वापस ले लिया। जाने कौन है हैप्पी पासियां हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां एक कुख्यात गैंगस्टर है, जो वर्तमान में अमेरिका में स्थित है। वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और आईएसआई के निर्देशों पर काम करता है। सितंबर 2024 में, चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक ग्रेनेड हमला हुआ, जिसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने सोशल मीडिया पर ली। जांच में सामने आया कि यह हमला 1986 में पंजाब के नकोदर में चार लोगों के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए किया गया था। जिसमें उस समय के पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया गया था। वहीं, उसका साथी गोपी नवांशहरिया पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं। नवांशहर में ही पूर्व बब्बर खालसा के आतंकी को मारने की जिम्मेदारी गोपी ने ही ली थी।
पटियाला में विवाहिता ने किया सुसाइड:ससुराल वालों से परेशान होकर नहर में कूदी, ननद के भड़काने पर निकाला घर से बाहर
पटियाला में विवाहिता ने किया सुसाइड:ससुराल वालों से परेशान होकर नहर में कूदी, ननद के भड़काने पर निकाला घर से बाहर संगरूर की रहने वाली एक 32 साल की महिला ससुराल वालों से परेशान होकर भाखड़ा नहर में कूद गई। नहर में कूदने वाली कमलप्रीत सिंह नामक इस महिला की डेडबॉडी 28 जुलाई शाम को पटियाला के नसूपुर इलाके से रिकवर हुई है। डेडबॉडी को रिकवर करने के बाद गोताखोरों की टीम ने पुलिस को सूचना दी थी जिसके बाद मृतक महिला के पिता गुरदर्शन सिंह पटियाला पहुंचे। पसियाना पुलिस ने मृतका के पिता की स्टेटमेंट के आधार पर आरोपी पति प्रदीप सिंह के अलावा सास ससुर और एक ननद के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कर ली है। मारपीट कर घर से निकला था एफआईआर में शिकायतकर्ता गुरदर्शन सिंह ने बताया कि उसकी बेटी कमलप्रीत की शादी प्रदीप सिंह के साथ हुई थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा लेकिन बाद में प्रदीप सिंह नशा करने लगा गया। इसके बारे में एक कमलप्रीत ने अपने सास ससुर को बताया तो इन्होंने बेटे को समझाने की बजाय कमलप्रीत कौर के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया। 26 जुलाई को कमलप्रीत कौर की ननद अपने मायके घर आई थी। ननद के भड़काने के बाद कमलप्रीत कौर के ससुराल वालों ने उससे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया। इस वजह से परेशान होकर कमलप्रीत कौर अपने ससुराल घर गांव चन्नों से पसियाना पुल पर पहुंची और यहां पर आकर भाखड़ा नहर में कूद गई।