इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दावा किया है कि हरियाणा सरकार की आयुष्मान-चिरायु कार्ड योजना के तहत करीब 400 करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान हरियाणा सरकार नहीं कर रही है। हालांकि, इस संबंध में आईएमए हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी मिल चुका है। लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। अब आईएमए कमेटी इस मामले में जल्द ही अगला कदम उठाने की तैयारी कर रही है। दरअसल, इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में देश को समर्पित किया था। हरियाणा सरकार ने चिरायु और चिरायु एक्सटेंशन कार्ड भी बनाए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा मिलेगा। 70 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को योजना का लाभ देने का प्रावधान भी किया जा रहा है। जल्द सेवाओं को बंद करने का लेंगे फैसला आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा का कहना है कि यदि सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो सभी आयुष्मान अस्पतालों को अपनी सेवाएं स्थगित करनी पड़ेगी। सभी अस्पतालों ने समस्याओं का हल न होने पर किसी भी प्रकार का फैसला करने के लिए हस्ताक्षर कर प्रधान को दे दिए हैं। उनका कहना है कि हरियाणा के डॉक्टरों का डेलिगेशन आईएमए हरियाणा के नेतृत्व में कई बार आयुष्मान से जुड़े अधिकारियों से मिल चुके हैं और उनको अपनी समस्याओं से अवगत करवा चुके हैं। काफी समय बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों को काफी नुकसान और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 3 सालों से समय पर नहीं हो भुगतान आईएमए हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र सोनी ने बताया कि सरकार ने बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की है। पिछले दो-तीन साल से अस्पतालों के बिल समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां की जा रही है। पूछने पर कई महीनों तक जवाब नहीं मिलता। प्रधान डॉ. महावीर जैन ने बताया कि बैंकों ने भुगतान को फंड की कमी के कारण देने से मना कर दिया। वह एक बार नाहीं बल्कि दो बार हो चुका है। एग्रीमेंट के हिसाब से नहीं मिल रहा ब्याज आईएमए के सचिव डॉ सोनी ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में लगभग लागत पर ही काम कर रहे हैं। पर न तो उन्हें भुगतान किया जा रहा है और न ही अनुबंध के अनुसार कोई व्याज दिया जा रहा है बल्कि बहुत ही ज्यादा कटौतियां भी की जा रही हैं। इन सभी कारणों की वजह से आयुष्मान अस्पतालों में काफी रोष है। 1.2 करोड़ लोग ले रहे लाभ हरियाणा में लगभग 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं और इनमें से 550 के करीब निजी अस्पताल हैं। राज्य में करीब 1.2 करोड़ लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 में हर परिवार को एक साल में 5 लाख रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना में नियमित जांच से लेकर सर्जरी तक सब कुछ शामिल है, जिसका लाभ 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार और अन्य मानदंडों के साथ बुजुर्ग उठा सकते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दावा किया है कि हरियाणा सरकार की आयुष्मान-चिरायु कार्ड योजना के तहत करीब 400 करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान हरियाणा सरकार नहीं कर रही है। हालांकि, इस संबंध में आईएमए हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष डॉ. महावीर जैन की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी मिल चुका है। लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। अब आईएमए कमेटी इस मामले में जल्द ही अगला कदम उठाने की तैयारी कर रही है। दरअसल, इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में देश को समर्पित किया था। हरियाणा सरकार ने चिरायु और चिरायु एक्सटेंशन कार्ड भी बनाए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों को फायदा मिलेगा। 70 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को योजना का लाभ देने का प्रावधान भी किया जा रहा है। जल्द सेवाओं को बंद करने का लेंगे फैसला आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा का कहना है कि यदि सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो सभी आयुष्मान अस्पतालों को अपनी सेवाएं स्थगित करनी पड़ेगी। सभी अस्पतालों ने समस्याओं का हल न होने पर किसी भी प्रकार का फैसला करने के लिए हस्ताक्षर कर प्रधान को दे दिए हैं। उनका कहना है कि हरियाणा के डॉक्टरों का डेलिगेशन आईएमए हरियाणा के नेतृत्व में कई बार आयुष्मान से जुड़े अधिकारियों से मिल चुके हैं और उनको अपनी समस्याओं से अवगत करवा चुके हैं। काफी समय बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह से आयुष्मान मरीजों को अपनी सेवाएं देने में अस्पतालों को काफी नुकसान और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 3 सालों से समय पर नहीं हो भुगतान आईएमए हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र सोनी ने बताया कि सरकार ने बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी नहीं की है। पिछले दो-तीन साल से अस्पतालों के बिल समय पर नहीं दिए जा रहे हैं। बिना किसी ठोस कारण के मनमानी कटौतियां की जा रही है। पूछने पर कई महीनों तक जवाब नहीं मिलता। प्रधान डॉ. महावीर जैन ने बताया कि बैंकों ने भुगतान को फंड की कमी के कारण देने से मना कर दिया। वह एक बार नाहीं बल्कि दो बार हो चुका है। एग्रीमेंट के हिसाब से नहीं मिल रहा ब्याज आईएमए के सचिव डॉ सोनी ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में लगभग लागत पर ही काम कर रहे हैं। पर न तो उन्हें भुगतान किया जा रहा है और न ही अनुबंध के अनुसार कोई व्याज दिया जा रहा है बल्कि बहुत ही ज्यादा कटौतियां भी की जा रही हैं। इन सभी कारणों की वजह से आयुष्मान अस्पतालों में काफी रोष है। 1.2 करोड़ लोग ले रहे लाभ हरियाणा में लगभग 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं और इनमें से 550 के करीब निजी अस्पताल हैं। राज्य में करीब 1.2 करोड़ लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 में हर परिवार को एक साल में 5 लाख रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना में नियमित जांच से लेकर सर्जरी तक सब कुछ शामिल है, जिसका लाभ 2.5 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवार और अन्य मानदंडों के साथ बुजुर्ग उठा सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सरबजोत को ढ़ाई करोड़-सरकारी नौकरी देगी हरियाणा सरकार:खेल मंत्री का ऐलान; मनु भाकर को ढ़ाई या 5 करोड़ मिलेंगे, इसकी घोषणा नहीं पेरिस ओलिंपिक में मिक्स शूटिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले अंबाला के सरबजोत सिंह को हरियाणा सरकार ढ़ाई करोड़ रुपए देगी। इसके अलावा उसे सरकारी नौकरी भी मिलेगी। इसकी घोषणा हरियाणा के खेल राज्य मंत्री संजय सिंह ने की। वे बुधवार को अंबाला में सरबजोत के घर पहुंचे हुए थे। यहां उन्होंने कहा कि सरबजोत को सरकार की खेल नीति के हिसाब से बैनिफिट दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने सरबजोत के माता-पिता की भी सराहना की कि उनके समय और आर्थिक सपोर्ट की वजह से सरबजोत ने पूरे देश का नाम रोशन किया। वहीं एक ओलिंपिक में 2 मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली झज्जर की शूटर मनु भाकर के लिए अभी सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है। सरबजोत ने 10 मीटर पिस्टल शूटिंग इवेंट में मनु भाकर के साथ ही ब्रॉन्ज मेडल जीता था। हालांकि हरियाणा सरकार की खेल नीति ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को ढ़ाई करोड़ रुपए देती है। मगर, मनु ने 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं, ऐसे में उन्हें ढ़ाई करोड़ रुपए मिलेंगे या 5 करोड़, इसको लेकर सरकार ने कुछ नहीं कहा है। मंत्री ने CM से भी बात कराई
अंबाला पहुंचे खेल राज्य मंत्री संजय सिंह ने सरबजोत के पिता जतिंदर सिंह की फोन पर CM नायब सैनी से भी बात कराई। सीएम ने सरबजोत के परिवार को बधाई दी। सरबजोत के पिता ने मुख्यमंत्री को अंबाला से पहला मुख्यमंत्री होने की बधाई भी दी।वहीं सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी घर पहुंच परिवार को सम्मान देते हुए बधाई दी। साधारण परिवार से सरबजोत, पिता किसान
सरबजोत सिंह अंबाला के गांव धीन के साधारण परिवार से है। उनके पिता जतिंदर सिंह किसान और माता हरदीप कौर गृहिणी है। सरबजोत ने चंडीगढ़ के DAV कॉलेज से पढ़ाई की है। पहले ही ओलिंपिक मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले सरबजोत ने किराए की शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस की। उनके पिता का कहना है कि वे पेरिस ओलिंपिक नहीं गए। इसकी वजह ये है कि उनका बेटा उन्हें देखकर भावुक हो जाता है। ओलिंपिक में उसकी हिम्मत न टूटे, इसके लिए उन्होंने उसके साथ न जाने का फैसला लिया। फुटबॉलर बनना चाहता था, एयरगन चलाते देख शूटिंग में आ गए
परिवार के मुताबिक सरबजोत फुटबॉलर बननाा चाहता था। 13 साल की उम्र में उसकी फुटबॉल में खूब दिलचस्पी थी। हालांकि एक बार स्कूल के समर कैंप में उसने कुछ बच्चों को एयरगन चलाते देखा। साल 2014 में सरबजोत ने पिता के पास आकर बताया कि वह शूटिंग करना चाहता है। चूंकि शूटिंग काफी महंगी गेम है, इसलिए पिता ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन सरबजोत की जिद के चलते उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। अब तक 13 मेडल जीत चुके सरबजोत
सरबजोत शूटिंग में अब तक 13 मेडल जीत चुके हैं। इनमें 10 मीटर एयर पिस्टल में सीनियर ISSF विश्व कप स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। वह 2 बार राष्ट्रीय चैंपियन बन चुके हैं। सरबजोत ने 2 विश्व चैंपियनशिप गोल्ड मेडल, 3 विश्व कप गोल्ड मेडल, 1 आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप गोल्ड, आईएसएसएफ जूनियर कप में 1 गोल्ड और 2 सिल्वर और एशियाई चैंपियनशिप में 2 गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है।