कैथल में किसान नेता टिकैत ने सरकार को घेरा:MSP पर बोले-किसान की फसल मंडी में चढ़ती है, बिकती नहीं; 14 को बैठक

कैथल में किसान नेता टिकैत ने सरकार को घेरा:MSP पर बोले-किसान की फसल मंडी में चढ़ती है, बिकती नहीं; 14 को बैठक

हरियाणा के कैथल पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जोरदार हमला बोला। एक किसान के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे टिकैत ने कहा कि 14 फरवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में किसानों की मांगों पर चर्चा होगी। उन्होंने दलजीत डल्लेवाल के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को पूरा समर्थन देने की बात कही। गांव कुलतरण में पहुंचे टिकैत ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में बाहर की फसल भी बिकती थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां के किसानों की फसल मंडियों में आती तो है, लेकिन बिकती नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमएसपी सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। किसान नेता ने सरकार की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बड़े व्यापारियों का कर्ज माफ कर रही है, जबकि छोटे दुकानदार और किसान-मजदूरों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही 70 प्रतिशत जमीन उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी। साप्ताहिक बाजारों को खत्म करने की साजिश की भी बात कही। टिकैत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ही स्पष्ट हो गया था कि सरकार किसानों के हित में नहीं सोच रही। उन्होंने सरकार से जल्द समाधान निकालने की मांग की और कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। हरियाणा के कैथल पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर जोरदार हमला बोला। एक किसान के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे टिकैत ने कहा कि 14 फरवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में किसानों की मांगों पर चर्चा होगी। उन्होंने दलजीत डल्लेवाल के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को पूरा समर्थन देने की बात कही। गांव कुलतरण में पहुंचे टिकैत ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में बाहर की फसल भी बिकती थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि यहां के किसानों की फसल मंडियों में आती तो है, लेकिन बिकती नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमएसपी सिर्फ हरियाणा का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। किसान नेता ने सरकार की नीतियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बड़े व्यापारियों का कर्ज माफ कर रही है, जबकि छोटे दुकानदार और किसान-मजदूरों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही 70 प्रतिशत जमीन उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी। साप्ताहिक बाजारों को खत्म करने की साजिश की भी बात कही। टिकैत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय ही स्पष्ट हो गया था कि सरकार किसानों के हित में नहीं सोच रही। उन्होंने सरकार से जल्द समाधान निकालने की मांग की और कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर