पुणे के कई इलाकों में GBS के मरीज मिलने से हड़कंप, कुएं के पानी की जांच करेगी केंद्रीय टीम

पुणे के कई इलाकों में GBS के मरीज मिलने से हड़कंप, कुएं के पानी की जांच करेगी केंद्रीय टीम

<p style=”text-align: justify;”><strong>GBS Patients in Pune:</strong> महाराष्ट्र के पुणे के कई इलाकों में जीबीएस के मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है. इसके बाद केंद्र सरकार ने भी इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया है. केंद्र की सात सदस्यीय टीम नांदेड़ गांव में कुएं का दौरा करेगी, कुएं के पानी का निरीक्षण करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (दिल्ली), निमहंस (बैंगलोर), पुणे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के संभागीय कार्यालय और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के सात विशेषज्ञ शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस वजह से फैली बीमारी?</strong><br />बता दें कि पुणे के सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के कई मामले सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों ने मंगलवार (28 जनवरी) को दावा किया कि संभवतः निजी भूमि पर स्थित एक कुएं के दूषित पानी के कारण यह बीमारी फैली. विडंबना यह है कि प्रभावित क्षेत्र खड़कवासला बांध से चार किलोमीटर के दायरे में हैं, जो पुणे शहर के प्रमुख जल स्रोतों में से एक है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की कोई सुविधा नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे में जीबीएस के 111 मामले</strong><br />महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पुणे में जीबीएस के 111 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 80 मामले पांच किलोमीटर के दायरे में हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार (28 जनवरी) को मुंबई में एक बैठक में स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जीबीएस के मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पानी उबालकर पीने की अपील की</strong><br />सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उचित उपचार के लिए पुणे में कमला नेहरू अस्पताल और पिंपरी-चिंचवाड़ में यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल को जीबीएस रोगियों के लिए दो समर्पित अस्पताल के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने लोगों से पानी उबालकर पीने की अपील की क्योंकि जीबीएस मुख्य रूप से दूषित पानी या बिना पके मांस के कारण होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीबीएस रोगियों के उपचार को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कवर किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”सैफ अली खान मामले में कोर्ट में मुंबई पुलिस का बड़ा दावा, ‘आरोपी बहुत होशियार है, उसने…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/saif-ali-khan-knife-attack-mumbai-police-laim-in-court-on-accused-2873019″ target=”_blank” rel=”noopener”>सैफ अली खान मामले में कोर्ट में मुंबई पुलिस का बड़ा दावा, ‘आरोपी बहुत होशियार है, उसने…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>GBS Patients in Pune:</strong> महाराष्ट्र के पुणे के कई इलाकों में जीबीएस के मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है. इसके बाद केंद्र सरकार ने भी इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया है. केंद्र की सात सदस्यीय टीम नांदेड़ गांव में कुएं का दौरा करेगी, कुएं के पानी का निरीक्षण करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (दिल्ली), निमहंस (बैंगलोर), पुणे में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के संभागीय कार्यालय और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के सात विशेषज्ञ शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस वजह से फैली बीमारी?</strong><br />बता दें कि पुणे के सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के कई मामले सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों ने मंगलवार (28 जनवरी) को दावा किया कि संभवतः निजी भूमि पर स्थित एक कुएं के दूषित पानी के कारण यह बीमारी फैली. विडंबना यह है कि प्रभावित क्षेत्र खड़कवासला बांध से चार किलोमीटर के दायरे में हैं, जो पुणे शहर के प्रमुख जल स्रोतों में से एक है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की कोई सुविधा नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुणे में जीबीएस के 111 मामले</strong><br />महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पुणे में जीबीएस के 111 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 80 मामले पांच किलोमीटर के दायरे में हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार (28 जनवरी) को मुंबई में एक बैठक में स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जीबीएस के मरीजों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पानी उबालकर पीने की अपील की</strong><br />सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उचित उपचार के लिए पुणे में कमला नेहरू अस्पताल और पिंपरी-चिंचवाड़ में यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल को जीबीएस रोगियों के लिए दो समर्पित अस्पताल के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने लोगों से पानी उबालकर पीने की अपील की क्योंकि जीबीएस मुख्य रूप से दूषित पानी या बिना पके मांस के कारण होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीबीएस रोगियों के उपचार को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत कवर किया जाएगा.</p>
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