जींद की चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (CRSU) में सोमवार रात को रजिस्ट्रार आवास के बाहर धरने पर बैठे छात्रों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट करने और प्रोफेसर से धक्का-मुक्की व दुर्व्यवहार करने के मामले की जांच डीएसपी जितेंद्र करेंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में एसपी को शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की है। एसपी ने डीएसपी जितेंद्र को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। छात्र संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की है तो वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि प्रोफेसर के साथ भी पुलिस ने धक्का-मुक्की, जबरदस्ती गाड़ी में बैठा चौकी ले गए और वहां जमीन पर बैठाकर रखा। डीएसपी जितेंद्र ने बताया कि सोमवार रात को विश्वविद्यालय में जो मामला हुआ है, उसमें जांच की जा रही है। जांच के लिए सभी पक्षों को, जिसमें प्रोफेसर जसबीर सूरा, छात्रों और पुलिस कर्मी शामिल हैं, सभी को बुलाया जाएगा। जांच में जो भी मामला निकल कर आता है, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई होगी। यूनिवर्सिटी के अंदर बिना परमिशन के नहीं आए पुलिस छात्र संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शन कर रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा था। इसमें मांग की गई थी कि पुलिस बिना परमिशन के यूनिवर्सिटी के अंदर नहीं आनी चाहिए। छात्र नेता प्रियंका खरकरामजी, सुमित लाठर, रोहन सैनी, परविंद्र आदि ने कहा कि पुलिस ने छात्रों के साथ बहुत गलत किया है। छात्र संगठनों ने प्रदर्शन में शामिल छात्रों पर कार्रवाई की आशंका जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जिन छात्रों को निष्कासित करने की कार्रवाई करना चाहता है, उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। छात्रों व प्रोफेसर के साथ पुलिस के व्यवहार से छात्र संगठनों में नाराजगी है। सोमवार रात को हुआ था हंगामा बता दें कि सोमवार रात को छात्र हॉस्टल में शौचालय, साफ-सफाई, वाईफाई नहीं चलने, लिफ्ट बंद रहने, मैस में खाने की गुणवत्ता सहित नहीं होने सहित अन्य समस्याओं को लेकर रजिस्ट्रार आवास के बाहर धरने पर बैठे थे। उनकी समस्याएं सुनने के लिए हॉस्टल चीफ वार्डन प्रोफेसर जसबीर सूरा मौके पर पहुंचे थे। इसी दौरान विश्वविद्यालय पुलिस चौकी से वहां पुलिस कर्मी पहुंचे। छात्रों और पुलिस के बीच बहस हुई। पुलिस कर्मियों के छात्रों के साथ मारपीट करते हुए, प्रोफेसर जसबीर सूरा के साथ धक्का-मुक्की करते हुए का वीडियो भी सामने आया था। पुलिस प्रोफेसर जसबीर सूरा और छात्र नेता सुमित लाठर को अपने साथ गाड़ी में बैठाकर चौकी में ले गई थी। जींद की चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (CRSU) में सोमवार रात को रजिस्ट्रार आवास के बाहर धरने पर बैठे छात्रों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट करने और प्रोफेसर से धक्का-मुक्की व दुर्व्यवहार करने के मामले की जांच डीएसपी जितेंद्र करेंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस मामले में एसपी को शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की है। एसपी ने डीएसपी जितेंद्र को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। छात्र संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की है तो वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि प्रोफेसर के साथ भी पुलिस ने धक्का-मुक्की, जबरदस्ती गाड़ी में बैठा चौकी ले गए और वहां जमीन पर बैठाकर रखा। डीएसपी जितेंद्र ने बताया कि सोमवार रात को विश्वविद्यालय में जो मामला हुआ है, उसमें जांच की जा रही है। जांच के लिए सभी पक्षों को, जिसमें प्रोफेसर जसबीर सूरा, छात्रों और पुलिस कर्मी शामिल हैं, सभी को बुलाया जाएगा। जांच में जो भी मामला निकल कर आता है, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई होगी। यूनिवर्सिटी के अंदर बिना परमिशन के नहीं आए पुलिस छात्र संगठनों ने बुधवार को प्रदर्शन कर रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा था। इसमें मांग की गई थी कि पुलिस बिना परमिशन के यूनिवर्सिटी के अंदर नहीं आनी चाहिए। छात्र नेता प्रियंका खरकरामजी, सुमित लाठर, रोहन सैनी, परविंद्र आदि ने कहा कि पुलिस ने छात्रों के साथ बहुत गलत किया है। छात्र संगठनों ने प्रदर्शन में शामिल छात्रों पर कार्रवाई की आशंका जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जिन छात्रों को निष्कासित करने की कार्रवाई करना चाहता है, उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। छात्रों व प्रोफेसर के साथ पुलिस के व्यवहार से छात्र संगठनों में नाराजगी है। सोमवार रात को हुआ था हंगामा बता दें कि सोमवार रात को छात्र हॉस्टल में शौचालय, साफ-सफाई, वाईफाई नहीं चलने, लिफ्ट बंद रहने, मैस में खाने की गुणवत्ता सहित नहीं होने सहित अन्य समस्याओं को लेकर रजिस्ट्रार आवास के बाहर धरने पर बैठे थे। उनकी समस्याएं सुनने के लिए हॉस्टल चीफ वार्डन प्रोफेसर जसबीर सूरा मौके पर पहुंचे थे। इसी दौरान विश्वविद्यालय पुलिस चौकी से वहां पुलिस कर्मी पहुंचे। छात्रों और पुलिस के बीच बहस हुई। पुलिस कर्मियों के छात्रों के साथ मारपीट करते हुए, प्रोफेसर जसबीर सूरा के साथ धक्का-मुक्की करते हुए का वीडियो भी सामने आया था। पुलिस प्रोफेसर जसबीर सूरा और छात्र नेता सुमित लाठर को अपने साथ गाड़ी में बैठाकर चौकी में ले गई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में छात्रा को किडनैप कर शादी की कोशिश:बर्थडे पार्टी देने की कह ले गईं आरोपी की फीमेल फ्रेंड्स; कोर्ट में शोर मचाया तो भागे
हरियाणा में छात्रा को किडनैप कर शादी की कोशिश:बर्थडे पार्टी देने की कह ले गईं आरोपी की फीमेल फ्रेंड्स; कोर्ट में शोर मचाया तो भागे हरियाणा में करनाल की एक कॉलेज छात्रा को किडनैप कर जबरन कोर्ट मैरिज की कोशिश की गई है। कॉलेज छात्रा को घर से बाहर लाने के लिए आरोपी ने बड़ी साजिश रची। उसने अपनी 2 फीमेल फ्रेंड्स को छात्रा के घर भेजा। ये युवतियों बर्थडे पार्टी का झांसा देकर छात्रा को घर से लाई थीं। इसके बाद आरोपी और उसकी सहयोगी युवतियां छात्रा को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर कोर्ट ले गई। वहां जबरन मैरिज रजिस्ट्रेशन के डॉक्यूमेंट पर साइन करवाने लगे तो छात्रा ने हल्ला मचा दिया। शोर सुनकर अन्य वकील मौके पर इकट्ठे हो गए। इन्हें देख आरोपी मौके से फरार हो गए। छात्रा ने SP को शिकायत दी है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। कॉलेज छात्रा का कर रहा था पीछा
पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार, करनाल की एक कॉलोनी में रहने वाली छात्रा प्राइवेट कॉलेज में पढ़ती है। छात्रा ने पुलिस को बताया है कि आरोपी युवक उसे 5-6 दिनों से लगातार परेशान कर रहा था। वह उसका पीछा करता और कॉलेज के बाहर तंग करता था। छात्रा ने बताया है कि 22 नवंबर को वह घर पर थी। इसी दौरान आरोपी युवक ने उसके घर अपनी 2 दोस्तों को भेजा। वह उनमें से एक को जानती थी। उस लड़की ने छात्रा से कहा कि आज मेरा जन्मदिन है। चल तुझे पार्टी दूंगी। छात्रा ने बताया कि वह लड़कियों की साजिश से वाकिफ नहीं थी, इसलिए वह उनके साथ चल दी। पार्क में इंतजार कर रहा था आरोपी
छात्रा ने बताया कि दोनों युवतियां उसे सेक्टर-12 के अटल पार्क लेकर गईं, जहां आरोपी युवक अपनी चाची और मुंह बोली बहन के साथ पहले से मौजूद था। वहां उन्होंने छात्रा पर जबरन शादी करने का दबाव बनाया। आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने शादी नहीं की, तो वह उसके परिवार का नाम लेकर सुसाइड कर लेगा। इसके बाद उसे गाड़ी में जबरन बैठाकर कोर्ट ले गया। कोर्ट में चिल्लाने पर बचाई गई छात्रा
कोर्ट पहुंचने के बाद आरोपी और उसके साथियों ने एक वकील बुलाकर छात्रा से हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया। छात्रा ने वहां जोर-जोर से रोते और चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाई। मौके पर मौजूद अन्य वकीलों ने इंटरफेयर कर छात्रा को बचाया। जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी पहले भी उसे धमकियां दे चुके हैं। उसे और उसके परिवार को जान का खतरा है। छात्रा ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है, ताकि वह कॉलेज आ-जा सके और उसका परिवार सुरक्षित रह सके। पहले भी हाे चुकी है युवक की कोर्ट मैरिज
छात्रा के पिता ने बताया है कि आरोपी युवक की पहले भी किसी युवती के साथ कोर्ट मैरिज हो चुकी है, लेकिन उसे युवक ने छोड़ दिया है। जब बेटी को तंग करने की जानकारी मिली तो पहले युवक को उसके घर जाकर समझाया था, लेकिन वह नहीं माना। युवक आवारा किस्म का है और इसी तरह से युवतियों के साथ छेड़छाड़ करता है। युवक और 4 महिलाओं के खिलाफ केस
पुलिस को मिली शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज किया है। थाना सेक्टर-32-33 में जांच अधिकारी पूनम ने बताया है कि आरोपी युवक और 4-5 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता ने किडनैपिंग और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। मामले की जांच की जा रही है।
कुलदीप बिश्नोई का बेटा अमेरिका में खेलेगा क्रिकेट:LA नाइट राइडर्स से जुड़े चैतन्य, टूर्नामेंट 5 जुलाई से शुरू होगा
कुलदीप बिश्नोई का बेटा अमेरिका में खेलेगा क्रिकेट:LA नाइट राइडर्स से जुड़े चैतन्य, टूर्नामेंट 5 जुलाई से शुरू होगा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के छोटे पौते चैतन्य बिश्नोई अमेरिकी की घरेलू क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए हैं। वह अमेरिका की मेजर लीग क्रिकट (MLC)में खेलेंगे। MLC का ड्राफ्ट पूरा हो गया है। इस क्रिकेट लीग में कई भारतीय खिलाड़ी भी खेलेंगे जिसमें चैतन्य बिश्नोई भी शामिल हैं। चैतन्य बिश्नोई का चयन LA नाइट राइडर्स में हुआ है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 5 जुलाई से हो रही है। इसमें LA नाइट राइडर्स की टीम क्वालीफाइंग से पहले 6 मैच खेलेगी। आपको बता दें कि चैतन्य पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के छोटे बेटे हैं और भव्य बिश्नोई के छोटे भाई हैं। चैतन्य ने 2013-14 के सत्र के दौरान इंग्लैंड में डरहम विश्वविद्यालय के लिए अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया था। चैतन्य बिश्नोई एक बल्लेबाजी हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉलिंग भी करते हैं। कुलदीप बिश्नोई बनना चाहते थे क्रिकेटर
राजनीति के पीएचडी माने जाने वाले चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई क्रिकेटर बनना चाहते थे मगर उनको पिता की विरासत आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में आना पड़ा। हालांकि अब वह राजनीति के खिलाड़ी बन गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने अपनी ईच्छा पूरी नहीं कर पाने के बाद छोटे बेटे चैतन्य को क्रिकेट के साथ जोड़ा। चैतन्य बिश्नोई राजनीति से दूर क्रिकेट पर फोकस किए हुए हैं जबकि उनके बड़े भाई भव्य बिश्नोई अपने दादा की राजनीति विरासत को पिता के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। 5 जुलाई से अमेरिका में शुरु होगी MLC अमेरिका में 5 जुलाई से मेजर लीग क्रिकेट यानि एमएलसी की शुरुआत होगी। USA के टेक्सास और उत्तरी कैरोलिना में 5 से 28 जुलाई तक होने वाले मेजर लीग क्रिकेट 2024 में छह टीमें हिस्सा लेंगी। मेजर लीग क्रिकेट या एमएलसी एक ट्वेंटी-20 (T20) क्रिकेट टूर्नामेंट है और इंडियन प्रीमियर लीग के समान एक अमेरिकी टूर्नामेंट है। एमएलसी का पहला संस्करण पिछले साल आयोजित किया गया था। एमआई न्यूयॉर्क की टीम मौजूदा चैंपियन है। टीम एमएलसी 2023 फाइनल में सिएटल ओर्कास को हराकर पहले मेजर लीग क्रिकेट की विजेता बनी थी। इस दिन होंगे चैतन्य बिश्नोई के मैच
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में न उतारने के फैसले के बाद घमासान मच गया है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा दीपक बाबरिया का बयान अधूरा है। उन्होंने कहा है कि कोई सांसद चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन यदि कोई लड़ना चाहता है तो हाईकमान से अनुमति ले। मैं कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हूं। हाईकमान के आदेश पर ही मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा था और अब हाईकमान की अनुमति से विधानसभा चुनाव भी जरूर लडूंगी। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए मजबूत होकर जनता के हक के लिए लड़ाई लडूंगी। वहीं, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान जो तय करेगा, उसके अनुसार फैसला लेंगे। दरअसल, बीते कल कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कांग्रेस ने सैद्धांतिक फैसला लिया है कि किसी भी लोकसभा व राज्यसभा सांसद को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा। सांसद विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी किसी सांसद का नाम टिकट के लिए नहीं रखा जाएगा। इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ने की जिद करता है तो उसे पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी। वैसे कांग्रेस अपने सैद्धांतिक फैसलों से हटती नहीं है। सैलजा ने दलित CM बनने की दावेदारी पेश की थी
हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्त्वाकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।” सैलजा ने बयान दिया था, कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी। CM फेस को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी जारी
कांग्रेस में CM फेस को लेकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच लगातार कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस के हरियाणा में 10 साल सत्ता से बाहर है। 2014 में कांग्रेस 15 और 2019 में 31 सीटें ही जीत पाई थी। 2014 में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई तो 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बना कांग्रेस को झटका दे दिया। सैलजा का विधानसभा पर ही फोकस था सैलजा का
हरियाणा में हुड्डा की ही तरह कुमारी सैलजा भी खुद को CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने की कोशिश में लगी हुई हैं। बताया जाता है कि वह लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव पर ही फोकस करना चाहती थीं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। सैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। इनके राज्य के करीब 11 फीसदी वोटर 9 विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा असर डालते हैं। साथ ही वह महिला चेहरा भी हैं। ऐसे में राज्य की महिला वोटर्स का भी समर्थन उन्हें मिल सकता है। कुमारी सैलजा सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं और उनके पिता चौधरी दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल दोनों में से किसी एक गुट का न तो समर्थन किया है, न ही किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भी हुड्डा और सैलजा ने अलग-अलग यात्राएं निकाली थीं। बावजूद इसके कांग्रेस इन दोनों नेताओं के बीच के विवाद को नहीं सुलझा पाई, या ये कहें कि पार्टी इस विवाद को सुलझाना ही नहीं चाहती।