हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एवं रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (रेरा) के पूर्व चेयरमैन डा. श्रीकांत बाल्दी के खिलाफ FIR की मांग उठने लगी है। प्रदेश के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने इसे भ्रष्टाचार बताते हुए बाल्दी पर मामला दर्ज करने की मांग की है। विनय शर्मा ने कहा कि विजिलेंस इस मामले में स्वत: एक्शन लें सकता है। विजिलेंस को किसी के कोई मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीकांत बाल्दी बतौर रेरा चेयरमैन फ्री में सेब बांटने को अधिकृत नहीं थे। IAS बाल्दी रिटायर हो गए थे। उन्होंने IAS के तौर पर नहीं, बल्कि रेरा चेयरमैन के तौर पर मुफ्त सेब बांटा है। विनय शर्मा ने कहा कि श्रीकांत बाल्दी ने 10 लाख रुपए का सेब IAS-IPS मित्रों को बांटा है। इनमें ज्यादातर सेब राजस्थान के IAS को दिया गया है। उन्होंने कहा, विजिलेंस यदि 3 दिन में FIR नहीं करती तो वह खुद लिखित में शिकायत देकर FIR की मांग करेंगे। भास्कर ने किया था मुफ्त सेब बांटने का पर्दाफाश बता दें कि ‘दैनिक भास्कर’ ने बीते 28 दिसंबर को एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में श्रीकांत बाल्दी द्वारा मुफ्त सेब बांटने का पर्दाफाश किया था। रिपोर्ट के अनुसार, बाल्दी ने साल 2022 में 44100 रुपए कीमत का 49 पेटी सेब देशभर के मित्र IAS-IPS मित्रों को बांटा। यह सेब सरकारी उपक्रम एचपीएमसी से खरीदा गया था और इसकी पेमेंट रेरा की तरफ की गई। मामला सामने के बाद जांच में पता चला कि 5 साल में बाल्दी ने लगभग 10 लाख रुपए का सेब रेरा चेयरमैन रहते हुए बांटा है, जबकि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। इसके बाद श्रीकांत बाल्दी घिरते नजर आ रहे है। सोशल मीडिया पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई और रिकवरी की मांग उठ रही है। धर्माणी बोले- रिपोर्ट आने के बाद करेंगे कार्रवाई राज्य के हाउसिंग मिनिस्टर राजेश धर्माणी ने बताया कि इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई करेंगे। राजस्थान के रहने वाले हैं बाल्दी श्रीकांत बाल्दी मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने सेब भी ज्यादातर राजस्थान के अधिकारियों को बांटा है। इनमें दूसरे प्रदेशों के रिटायर DGP, रिटायर रेरा चेयरमैन, रेरा मेंबर इत्यादि शामिल है। श्रीकांत बाल्दी बीते साल नवंबर में रिटायर हो गए हैं। पूर्व बीजेपी सरकार में वह राज्य के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एवं रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (रेरा) के पूर्व चेयरमैन डा. श्रीकांत बाल्दी के खिलाफ FIR की मांग उठने लगी है। प्रदेश के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने इसे भ्रष्टाचार बताते हुए बाल्दी पर मामला दर्ज करने की मांग की है। विनय शर्मा ने कहा कि विजिलेंस इस मामले में स्वत: एक्शन लें सकता है। विजिलेंस को किसी के कोई मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीकांत बाल्दी बतौर रेरा चेयरमैन फ्री में सेब बांटने को अधिकृत नहीं थे। IAS बाल्दी रिटायर हो गए थे। उन्होंने IAS के तौर पर नहीं, बल्कि रेरा चेयरमैन के तौर पर मुफ्त सेब बांटा है। विनय शर्मा ने कहा कि श्रीकांत बाल्दी ने 10 लाख रुपए का सेब IAS-IPS मित्रों को बांटा है। इनमें ज्यादातर सेब राजस्थान के IAS को दिया गया है। उन्होंने कहा, विजिलेंस यदि 3 दिन में FIR नहीं करती तो वह खुद लिखित में शिकायत देकर FIR की मांग करेंगे। भास्कर ने किया था मुफ्त सेब बांटने का पर्दाफाश बता दें कि ‘दैनिक भास्कर’ ने बीते 28 दिसंबर को एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में श्रीकांत बाल्दी द्वारा मुफ्त सेब बांटने का पर्दाफाश किया था। रिपोर्ट के अनुसार, बाल्दी ने साल 2022 में 44100 रुपए कीमत का 49 पेटी सेब देशभर के मित्र IAS-IPS मित्रों को बांटा। यह सेब सरकारी उपक्रम एचपीएमसी से खरीदा गया था और इसकी पेमेंट रेरा की तरफ की गई। मामला सामने के बाद जांच में पता चला कि 5 साल में बाल्दी ने लगभग 10 लाख रुपए का सेब रेरा चेयरमैन रहते हुए बांटा है, जबकि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। इसके बाद श्रीकांत बाल्दी घिरते नजर आ रहे है। सोशल मीडिया पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई और रिकवरी की मांग उठ रही है। धर्माणी बोले- रिपोर्ट आने के बाद करेंगे कार्रवाई राज्य के हाउसिंग मिनिस्टर राजेश धर्माणी ने बताया कि इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगामी कार्रवाई करेंगे। राजस्थान के रहने वाले हैं बाल्दी श्रीकांत बाल्दी मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्होंने सेब भी ज्यादातर राजस्थान के अधिकारियों को बांटा है। इनमें दूसरे प्रदेशों के रिटायर DGP, रिटायर रेरा चेयरमैन, रेरा मेंबर इत्यादि शामिल है। श्रीकांत बाल्दी बीते साल नवंबर में रिटायर हो गए हैं। पूर्व बीजेपी सरकार में वह राज्य के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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