हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सोलन में मीडिया से बातचीत में कहा कि कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर राज्य की उम्मीदें टिकी है। उन्होंने कहा, राज्य की रेलवे लाइन के लिए शत-प्रतिशत बजट केंद्र से को देना चाहिए। मुख्यमंत्री कहा कि हिमाचल छोटा प्रदेश है। राज्य के अपने संसाधान कम है। इसलिए केंद्र को रेलवे प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाने चाहिए। उन्होंने ने कहा कि हिमाचल ने एयरपोर्ट एक्सपेंशन के लिए जमीन अधिग्रहण पर 3000 करोड़ रुपए खर्च कर दिए है। अब इसे केंद्र को बनाना है। केंद्रीय बजट में इसका प्रावधान होना चाहिए। आपदा रिलीफ को स्पेशल पैकेज मिले: CM सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में बीते दो सालों के दौरान आपदा से भारी तबाही हुई है। मगर केंद्र से मदद नहीं मिली। उन्होंने केंद्रीय बजट में स्पेशल रिलीफ पैकेज मिलने की उम्मीद जताई है। IAS-IPS की नहीं जरूरत:CM IAS-IPS नहीं लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल छोटा प्रदेश है। इसलिए हमे ज्यादा IAS-IPS की जरूरत नहीं है। राज्य में IAS का पहले ही 153 का कैडर है। IFS भी 115 है। इनका बोझ भी सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि इतनी ज्यादा प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत नहीं है। इसलिए राज्य सरकार ने नए आईएएस और आईपीएस के लिए इनकार किया है। उन्होंने कहा कि स्टेट हित में हम कई बदलाव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, शांता कुमार ने भी आईएएस-आईपीएस न लेने का प्रयास किया था। मगर वह कामयाब नहीं हुए थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सोलन में मीडिया से बातचीत में कहा कि कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर राज्य की उम्मीदें टिकी है। उन्होंने कहा, राज्य की रेलवे लाइन के लिए शत-प्रतिशत बजट केंद्र से को देना चाहिए। मुख्यमंत्री कहा कि हिमाचल छोटा प्रदेश है। राज्य के अपने संसाधान कम है। इसलिए केंद्र को रेलवे प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाने चाहिए। उन्होंने ने कहा कि हिमाचल ने एयरपोर्ट एक्सपेंशन के लिए जमीन अधिग्रहण पर 3000 करोड़ रुपए खर्च कर दिए है। अब इसे केंद्र को बनाना है। केंद्रीय बजट में इसका प्रावधान होना चाहिए। आपदा रिलीफ को स्पेशल पैकेज मिले: CM सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में बीते दो सालों के दौरान आपदा से भारी तबाही हुई है। मगर केंद्र से मदद नहीं मिली। उन्होंने केंद्रीय बजट में स्पेशल रिलीफ पैकेज मिलने की उम्मीद जताई है। IAS-IPS की नहीं जरूरत:CM IAS-IPS नहीं लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल छोटा प्रदेश है। इसलिए हमे ज्यादा IAS-IPS की जरूरत नहीं है। राज्य में IAS का पहले ही 153 का कैडर है। IFS भी 115 है। इनका बोझ भी सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि इतनी ज्यादा प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत नहीं है। इसलिए राज्य सरकार ने नए आईएएस और आईपीएस के लिए इनकार किया है। उन्होंने कहा कि स्टेट हित में हम कई बदलाव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, शांता कुमार ने भी आईएएस-आईपीएस न लेने का प्रयास किया था। मगर वह कामयाब नहीं हुए थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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पांवटा साहिब में भरभरा कर गिरी सुरक्षा दीवार:1400 करोड़ की लागत से बन रहा NH-707, निर्माण में लापरवाही हुई उजागर सिरमौर में पांवटा साहिब से गुम्मा तक नेशनल हाईवे 707 का निर्माण कार्य चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में शुरू से धांधलियों के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब एक सुरक्षा दीवार जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा निजी कंपनी को काम दिया गया था। वह सुरक्षा दीवार गिर गई इसके आसपास मकान थे हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और निजी कंपनी पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में पहले भी लोगों ने एनजीटी को शिकायत की थी। एनजीटी ने इस मामले में पार्टी बनाए गए सरकारी विभागों को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट, एक्सईएन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पांवटा साहिब आदि को जांच में शामिल किया है। डीसी सिरमौर को इस कमेटी का कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस कमेटी ने एडीसी एलआर वर्मा को जांच के लिए भेजा था, उन्होंने भी जांच की थी। अवैध और अवैज्ञानिक डंपिंग का जिक्र है, उन स्थानों पर टीम ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। जिसमें कई कमियां पाई गई। एनएच निर्माण का काम कर रही कंपनियों ने लगभग 72 जगह पर अवैध रूप से डंपिंग की है। उससे करोड़ों टन मलबा नालों और बरसाती खड्डों में चला गया है। पीने के पानी और सिंचाई की कई स्कीम में मलबे में दब गई है। लाखों की संख्या में पेड़ पौधे नष्ट हो गए हैं। करोड़ों टन मलवा नालों के किनारे पड़ा है। करोड़ों टन मलबा बरसाती पानी के साथ बहकर बाढ़ का रूप ले सकता है और उससे मैदानी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में भूमि कटाव होता है। ग्रामीणों ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस एनएच के निर्माण में धांधलियां हो रही हैं और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एडीसी सिरमौर एलआर वर्मा ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार कफोटा तक चिह्नित डंपिंग साइड का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी जाएगी।
हिमाचल में अक्टूबर में भी छूट रहे पसीने:8 शहरों का तापमान 30 डिग्री पार; 6 दिन बारिश के आसार नहीं
हिमाचल में अक्टूबर में भी छूट रहे पसीने:8 शहरों का तापमान 30 डिग्री पार; 6 दिन बारिश के आसार नहीं हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में अक्टूबर माह में अब तक पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। इससे अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी लोगों के दिन के वक्त पसीने छूट रहे हैं। 8 शहरों का पारा 30 डिग्री या इससे ज्यादा चल रहा है। ऊना का तापमान सर्वाधिक 34 डिग्री चल रहा है, जोकि सामान्य से 2.3 डिग्री ज्यादा है। सुंदरनगर का पारा 30.8 डिग्री, भुंतर 30.6 डिग्री, कांगड़ा 30, बिलासपुर 32.6, बरठी 30.7, नैरी 31.8 और धौलाकुआं 31.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अगले 6 दिन बारिश के आसार नहीं प्रदेश में अगले 6 दिन तक भी बारिश के आसार नहीं है। इससे खासकर मैदानी इलाकों में लोगों से गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है। अक्टूबर में सामान्य से 95 प्रतिशत कम बारिश मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 15 अक्टूबर के बीच यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 7 जिले बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, सिरमौर और सोलन में तो पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी हल्की बूंदाबांदी ही हुई है। प्रदेश के किस जिला में कितनी बारिश हुई ऊना जिला में 8.6 मिलीमीटर बारिश जरूर हुई है, लेकिन यहां भी सामान्य से 34 प्रतिशत कम बारिश हुई है। प्रदेश में इससे 15 अक्टूबर बीतने के बाद भी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा है। ज्यादातर शहरों का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा चल रहा है। केलांग-कल्पा जैसे ठंडे क्षेत्रों में भी सामान्य से ठंड नहीं आलम यह है कि केलांग, कल्पा, कुकुमसैरी जैसे ठंडे क्षेत्रों में जहां 15 अक्टूबर के बाद तापमान माइनस में जाता था। वहां पर अभी तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। केलांग का न्यूनतम तापमान नॉर्मल से 1 डिग्री ज्यादा के साथ 3 डिग्री और कल्पा का पारा सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा के साथ 5.9 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। शिमला-मनाली में सुहावना मौसम मशहूर पर्यटन स्थल शिमला, मनाली, नारकंडा, कुफरी में भी अभी सामान्य से ज्यादा पारा है। इन शहरों में भी अभी ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। शिमला का न्यूनतम पारा 12 डिग्री, मनाली का 8.2 डिग्री चल रहा है। दिन में यहां इन पर्यटन स्थलों पर सुहावना मौसम बना हुआ है। प्रदेश के प्रमुख शहरों का न्यूनतम तापमान
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हिमाचल में 6297 प्री प्राइमरी टीचर की भर्ती:राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स निगम करेगा भर्ती; आउटसोर्स आधार पर होगी तैनाती,2 साल का डिप्लोमा जरूरी हिमाचल कैबिनेट की हरी झंडी के बाद सरकार ने 6297 प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती की तैयारी कर दी है। इनकी भर्ती आउटसोर्स पर स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन के माध्यम से की जाएगी। जिन लोगों ने 2 साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (NTT) कर रखी हैं, उन्हें भर्ती किया जाएगा। प्रदेश के प्री प्राइमरी स्कूलों में करीब 60 हजार विद्यार्थी पंजीकृत हैं। मगर अब तक टीचर नहीं है। इसे देखते हुए NTT की भर्ती की जा रही है। बीते डेढ़ सप्ताह पहले संपन्न कैबिनेट मीटिंग में ही इनकी भर्ती को हरी झंडी दी गई है। अब शिक्षा विभाग ने भी इनकी भर्ती को लेकर आदेश जारी कर दिए है। प्रदेश में दो सालों से NTT की भर्ती लटकी हुई थी, क्योंकि राज्य में ज्यादातर लोगों ने NTT का एक वर्षीय डिप्लोमा कर रखा है, जबकि NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के अनुसार, NTT के लिए 2 वर्षीय डिप्लोमा जरूरी है। इसे लेकर कई बार केंद्र से भी क्लैरिफिकेशन मांगी गई। अब जाकर इनकी भर्ती का रास्ता साफ हो पाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन करेगा NTT की भर्ती शिक्षा विभाग के आदेशानुसार NTT की भर्ती इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन करेगा। इसके बाद इन्हें आउट सोर्स आधार पर स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। NTT को 10 हजार रुपए मानदेय मिलेगा प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती होने वाले इन शिक्षकों को 10,000 रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। एजेंसी चार्जेज, जीएसटी, EPF व कॉर्पोरेशन के चार्जेट काटने के बाद इन शिक्षकों को करीब 7000 रुपए मासिक मिलेगा।