जालंधर में नशा बिकने को लेकर आज पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शीतल अंगुराल ने राज्य सरकार और कांग्रेस के सांसद और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर गंभीर आरोप लगाए। शीतल ने कहा- शहर में गली गली में नशा बिक रहा है। इसके पीछे सिर्फ राजनीतिक लोग हैं। जालंधर वेस्ट हलके से पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शीतल अंगुराल ने कहा- पिछले काफी समय से जालंधर वेस्ट से कई दुखद खबरें सामने आई हैं। पिछले कुछ दिनों मैं तीन बार लाइव हुआ हूं, तीनों बार कोई न कोई बच्चा वेस्ट हलके में नशे की वजह से दुनिया से चला गया। विधायक बोले- जिस युवक की ओवरडोज से मौत हुई, उसकी बहन भी नशे की आदी भार्गव नगर में एक माह पहले एक नाबालिग बच्चे की नशे की ओवरडोज से मौत हुई। उसके बाद चार दिन पहले एक बच्चे की नशे से मौत हो गई। ये तो वो केस हैं, जो हम तक पहुंच गए। मगर जो मेरे तक नहीं पहुंचे, वो अलग है। बीते दिन भार्गव नगर में जिस युवक की मौत नशे से हुई, उसे राजनीतिक दबाव में कुदरती मौत बताया गया। उस घर की नाबालिग बेटी की भी मौत होने वाली है। जोकि नशे की आदी है। मैं कोशिश कर रहा हूं कि उक्त बच्ची का इलाज करवाऊं, मगर परिवार डर के मारे इलाज करवाने को तैयार नहीं है। मैं आवाज उठाता रहूंगा, मुझे जेल जाना पड़े। मगर मैं सच बोलूंगा। पूर्व विधायक बोले- गली गली में बिक रहा जहर पूर्व विधायक अंगुराल ने कहा- एरिया में नशा सियासी लीडर बिकवा रहे हैं। हमारे जालंधर में बच्चे नशे से मर रहे हैं। मगर मौजूदा सरकार के नेता दिल्ली चुनाव में व्यस्त हैं। उन्हें पंजाब से ज्यादा दिल्ली की जरूरत है। अंगुराल ने आगे कहा- राजनीतिक लोग ही इलाके के लोगों के लिए नहीं खड़े हो रहे। गली गली में जहर बिक रहा है, मेरा कमिश्नर साहिब से अनुरोध है कि वह इस मामले में कार्रवाई करे। पूर्व विधायक बोले- सांसद चन्नी नशा खत्म करने का दावा कर सत्ता में आए, मगर कुछ नहीं किया पूर्व विधायक अंगुराल आगे बोले- बाहर से आए उम्मीदवार सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों से वादा किया था कि या रहेगा नशा या रहेगा चन्नी। लोगों ने चन्नी साहब पर यकीन किया और वोटें देकर विजय बनाया। मगर मुझे आज दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि चन्नी जब से जीते हैं, तब किसी भी व्यक्ति या शहर वासी के दुख में दिखाई नहीं दिए हैं। लोगों के साथ धोखा हुआ है। क्योंकि चन्नी ने नशा खत्म करने को कहा था। हमारे लोग नशे के दलदल में फंसे हुए हैं, मगर सियासी पार्टियां नशा खत्म नहीं कर सकीं। आगे से नशा तीन गुना बढ़ गया है। जालंधर में नशा बिकने को लेकर आज पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शीतल अंगुराल ने राज्य सरकार और कांग्रेस के सांसद और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर गंभीर आरोप लगाए। शीतल ने कहा- शहर में गली गली में नशा बिक रहा है। इसके पीछे सिर्फ राजनीतिक लोग हैं। जालंधर वेस्ट हलके से पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शीतल अंगुराल ने कहा- पिछले काफी समय से जालंधर वेस्ट से कई दुखद खबरें सामने आई हैं। पिछले कुछ दिनों मैं तीन बार लाइव हुआ हूं, तीनों बार कोई न कोई बच्चा वेस्ट हलके में नशे की वजह से दुनिया से चला गया। विधायक बोले- जिस युवक की ओवरडोज से मौत हुई, उसकी बहन भी नशे की आदी भार्गव नगर में एक माह पहले एक नाबालिग बच्चे की नशे की ओवरडोज से मौत हुई। उसके बाद चार दिन पहले एक बच्चे की नशे से मौत हो गई। ये तो वो केस हैं, जो हम तक पहुंच गए। मगर जो मेरे तक नहीं पहुंचे, वो अलग है। बीते दिन भार्गव नगर में जिस युवक की मौत नशे से हुई, उसे राजनीतिक दबाव में कुदरती मौत बताया गया। उस घर की नाबालिग बेटी की भी मौत होने वाली है। जोकि नशे की आदी है। मैं कोशिश कर रहा हूं कि उक्त बच्ची का इलाज करवाऊं, मगर परिवार डर के मारे इलाज करवाने को तैयार नहीं है। मैं आवाज उठाता रहूंगा, मुझे जेल जाना पड़े। मगर मैं सच बोलूंगा। पूर्व विधायक बोले- गली गली में बिक रहा जहर पूर्व विधायक अंगुराल ने कहा- एरिया में नशा सियासी लीडर बिकवा रहे हैं। हमारे जालंधर में बच्चे नशे से मर रहे हैं। मगर मौजूदा सरकार के नेता दिल्ली चुनाव में व्यस्त हैं। उन्हें पंजाब से ज्यादा दिल्ली की जरूरत है। अंगुराल ने आगे कहा- राजनीतिक लोग ही इलाके के लोगों के लिए नहीं खड़े हो रहे। गली गली में जहर बिक रहा है, मेरा कमिश्नर साहिब से अनुरोध है कि वह इस मामले में कार्रवाई करे। पूर्व विधायक बोले- सांसद चन्नी नशा खत्म करने का दावा कर सत्ता में आए, मगर कुछ नहीं किया पूर्व विधायक अंगुराल आगे बोले- बाहर से आए उम्मीदवार सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने लोगों से वादा किया था कि या रहेगा नशा या रहेगा चन्नी। लोगों ने चन्नी साहब पर यकीन किया और वोटें देकर विजय बनाया। मगर मुझे आज दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि चन्नी जब से जीते हैं, तब किसी भी व्यक्ति या शहर वासी के दुख में दिखाई नहीं दिए हैं। लोगों के साथ धोखा हुआ है। क्योंकि चन्नी ने नशा खत्म करने को कहा था। हमारे लोग नशे के दलदल में फंसे हुए हैं, मगर सियासी पार्टियां नशा खत्म नहीं कर सकीं। आगे से नशा तीन गुना बढ़ गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतपाल का साथी दलजीत कलसी नहीं लड़ेगा चुनाव:डेरा बाबा नानक से चाहता था लड़ना; NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में है बंद
अमृतपाल का साथी दलजीत कलसी नहीं लड़ेगा चुनाव:डेरा बाबा नानक से चाहता था लड़ना; NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में है बंद पंजाब के खडूर साहिब से सांसद व वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी ने चुनाव लड़ने का फैसला टाल दिया है। दलजीत कलसी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था। वह पहले पंजाब के डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से उप-चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। कलसी की पत्नी ने मीडिया से बातचीत करते हुए ये जानकारी सांझा की और बताया कि उन्होंने कलसी से डिब्रूगढ़ जेल में मुलाकात की थी। हाल ही में, अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी दलजीत सिंह कलसी ने पहले डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है। अमृतपाल के वित्तीय सलाहकार था कलसी दलजीत सिंह कलसी को अमृतपाल सिंह का सलाहकार और वित्तीय सहयोगी के रूप में जाना जाता है। वे न केवल अमृतपाल के साथ जुड़े हुआ है, बल्कि उसके राजनीतिक आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाता रहा था। चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद कलसी ने अपने परिवार और समर्थकों से चुनावी तैयारियों के लिए समर्थन मांगा था। कलसी के इस फैसले का पंजाब की राजनीति पर भी असर देखने को मिल सकता है। मौजूदा परिस्थितियों के बाद लिया फैसला कलसी ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय क्यों लिया, इस पर अभी भी सवाल खड़े हैं। उनके इस निर्णय के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे: सहोगियों के चुनाव लड़ने पर असमंजस कलसी के चुनावी दौड़ से बाहर होने का असर पंजाब की राजनीति पर पड़ सकता है। पहले उनकी चुनाव लड़ने की घोषणा ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को बढ़ावा दिया था। उनके साथी, जैसे कि कुलवंत सिंह और भगवंत सिंह, ने पहले ही चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, के चुनाव लड़ने पर अभी भी असमंजस बना हुआ है। कलसी के फैसले के बाद, यह देखना होगा कि अन्य सहयोगी अपने चुनावी मंसूबों को लेकर क्या निर्णय लेते हैं।
हिमाचल में बर्फबारी के टॉप 10 टूरिस्ट पॉइंट:शिमला में आइस स्केटिंग, कुल्लू-मनाली में पैराग्लाइडिंग; होटलों में 40% तक छूट
हिमाचल में बर्फबारी के टॉप 10 टूरिस्ट पॉइंट:शिमला में आइस स्केटिंग, कुल्लू-मनाली में पैराग्लाइडिंग; होटलों में 40% तक छूट हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद टूरिस्ट पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे टूरिस्ट प्लेसों पर रौनक लौट आई है। वीकेंड पर टूरिस्टों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है। प्रदेश के 3 जिलों कुल्लू, लाहौल स्पीति और शिमला में इस सीजन के टॉप 10 टूरिस्ट पॉइंट हैं। जहां टूरिस्टों को होटलों में 20-40 फीसदी तक की छूट मिल रही है। इस समय टूरिस्टों की सबसे पसंदीदा जगह कुल्लू और लाहौल स्पीति के पर्यटन स्थल हैं। बर्फबारी के बाद सबसे ज्यादा टूरिस्ट कुल्लू के सोलंग नाला और अंजनी महादेव पहुंच रहे हैं। सोलंग नाला में बर्फ में अठखेलियां करने के अलावा टूरिस्ट यहां पैराग्लाइडिंग का भी लुत्फ उठा रहे हैं। लाहौल स्पीति में घूमने की जगहें
लाहौल स्पीति के कोकसर, रोहतांग टनल के नॉर्थ और साउथ पोर्टल, पागल नाला, जिस्पा और सिस्सू में भी टूरिस्ट बर्फ देखने के लिए पहुंच रहे हैं। रोहतांग टनल की वजह से यहां आवाजाही आसान हो गई है। शिमला के कुफरी, महासू पीक और नारकंडा में भी टूरिस्ट बर्फ देख सकते हैं। हालांकि यहां कम बर्फ गिरी है, लेकिन अगले तीन से चार दिनों तक टूरिस्ट इन इलाकों में हल्की बर्फबारी देख सकेंगे। 8 और 9 दिसंबर को हुई बर्फबारी के बाद कुछ टूरिस्ट इन जगहों का रुख कर रहे हैं। शिमला में आइस स्केटिंग का मजा ले सकेंगे टूरिस्ट
शिमला पहुंचने वाले टूरिस्ट यहां आइस स्केटिंग का भी मजा ले सकेंगे। शिमला के लक्कड़ बाजार के पास आइस स्केटिंग रिंक में 2 दिन पहले ही स्केटिंग शुरू हुई है। देशभर से शिमला आने वाले टूरिस्ट यहां आइस स्केटिंग का मजा लेना नहीं भूलते। इसके लिए उन्हें अपने साथ स्केट्स लाने की जरूरत नहीं है। आइस स्केटिंग क्लब स्केट्स उपलब्ध कराता है। शिमला में 124 साल का स्केटिंग का इतिहास
शिमला में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है। यहां पर 1920 से आइस स्केटिंग हो रही है। इस रिंक में सुबह और शाम स्केटिंग होती है। ये रिंक एशिया का पहला ऐसा बड़ा रिंक है, जहां प्राकृतिक विधि से बर्फ को जमाया जाता है। शाम के वक्त रिंक में पानी डाला जाता है जो कि सुबह तक जम जाता है और इस पर स्केटिंग करवाई जाती है। मौसम ठंडा रहा तो अगले करीब 3 महीने तक यहां स्थानीय लोग और टूरिस्ट स्केटिंग का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए 300 रुपए फीस देनी होगी। स्केटिंग के लिए स्केट आइस स्केटिंग क्लब मुहैया कराएगा। टूरिस्टों को 20-40 फीसदी तक छूट मिल रही
प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अब टूरिस्टों को होटलों में छूट मिल सकती है। शिमला और कसौली के होटलों में 25 से 35 फीसदी और मनाली में 20 से 40 फीसदी तक छूट मिल रही है। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि प्राइम लोकेशन पर जहां ज्यादा टूरिस्ट आ रहे हैं, वहां होटलों में छूट कम है, जबकि सुनसान जगहों पर जहां कम टूरिस्ट आ रहे हैं, वहां यह छूट 40 से 45 फीसदी तक है। मनाली में जो कमरा पहले 5 हजार का था वह अब 3500 से 4 हजार के बीच में मिल रहा है। वहीं शिमला में 5 हजार वाला कमरा 3 हजार से 4 हजार के बीच दिया जा रहा है। इन नेशनल हाईवे से कुल्लू-शिमला पहुंच सकते हैं टूरिस्ट
कुल्लू और लाहौल स्पीति के टूरिस्ट प्लेसों पर पहुंचने को देशभर के टूरिस्ट चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह शिमला के टूरिस्ट प्लेसों में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे से पहुंच सकते हैं। प्रदेश के इन सभी टूरिस्ट प्लेसों पर ठहरने के लिए काफी संख्या में होटल और होम स्टे बने हुए हैं। 5 दिन तक मौसम रहेगा सुहाना
टूरिस्टों के लिए राहत की बात यह है कि अगले 5 दिन तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। इससे पहाड़ों पर मौसम सुहाना रहेगा और टूरिस्टों को कड़ाके की ठंड और शीतलहर का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बर्फ और जमे हुए पानी के बीच मस्ती करते टूरिस्टों की तस्वीरें… हिमाचल में मौसम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हिमाचल के 16 शहरों का तापमान माइनस में, ऊंचे पहाड़ों से मैदानी इलाकों की तरफ चल रही कोल्ड वेव हिमाचल प्रदेश में सुबह-शाम कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। प्रदेश के 16 शहरों में रात का तापमान माइनस में चला गया है। इस सीजन में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एक साथ 16 शहरों का तापमान माइनस में गया है। 10 दिसंबर को 13 शहरों का पारा माइनस में गया था। पूरी खबर पढ़ें…
चंडीगढ़ में एपी ढिल्लों के कॉन्सर्ट पर संकट:प्रोग्राम स्थल पर कैब यूनियन की भूख हड़ताल; एग्रीगेटर नियमों को लेकर बड़े प्रदर्शन की चेतावनी
चंडीगढ़ में एपी ढिल्लों के कॉन्सर्ट पर संकट:प्रोग्राम स्थल पर कैब यूनियन की भूख हड़ताल; एग्रीगेटर नियमों को लेकर बड़े प्रदर्शन की चेतावनी चंडीगढ़ में सेक्टर-25 के रैली ग्रांउड में एपी ढिल्लों के कॉन्सर्ट पर संकट मंडराते नजर आ रहे हैं। चंडीगढ़ ट्राइसिटी कैब यूनियन ने अपनी लंबित मांगों को रैली ग्रांउड में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों को लंबे समय से अनसुना कर रहा है, जिसके विरोध में कैब ड्राइवर हड़ताल पर हैं। कैब यूनियन का प्रशासन पर दबाव कैब यूनियन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, यह हड़ताल जारी रहेगी। यूनियन अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द कोई समाधान नहीं निकाला, तो यह हड़ताल बड़े स्तर पर प्रदर्शन का रूप ले सकती है। एपी ढिल्लों के शो पर असर की आशंका एपी ढिल्लों का म्यूजिक शो, जिसे पहले सेक्टर 34 में आयोजित किया जाना था, अब सेक्टर 25 में शिफ्ट कर दिया गया है। इस शो को लेकर शहरवासियों में काफी उत्साह है, लेकिन कैब यूनियन की हड़ताल ने आयोजन पर संकट खड़ा कर दिया है। अगर प्रदर्शनकारी अपनी जगह डटे रहते हैं, तो शो के संचालन में बाधा आ सकती है। प्रशासन के लिए चुनौती यह कॉन्सर्ट पहले ही प्रशासन द्वारा अनुमोदित हो चुका है, लेकिन रैली ग्रांउड में यूनियन की हड़ताल प्रशासन के लिए नई चुनौती बन गई है। कैब यूनियन का विरोध प्रदर्शन आयोजन स्थल के आसपास यातायात बाधित कर सकता है, जिससे कॉन्सर्ट में आने वाले दर्शकों को परेशानी हो सकती है। ये है कैब यूनियन की प्रमुख मांगे यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने कहा कि 23 अक्टूबर 2024 को चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित एसटीसी कार्यालय में पंजाब के उप राज्य परिवहन आयुक्त मनजीत सिंह ने हमें आश्वासन दिया था कि एग्रीगेटर ड्राफ्ट नियम तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि, आज तक इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 5 नवंबर 2024 को तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप ने आश्वासन दिया था कि चार सप्ताह के भीतर एग्रीगेटर रूल्स 2024 और न्यूनतम दरें आवश्यक संशोधनों के साथ अधिसूचित की जाएंगी। अब 6 सप्ताह बीतने के बावजूद यह वादा भी अधूरा है।