हरियाणा के जींद जिले के शादीपुर गांव के वेटलिफ्टर दीपक लाठर ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 38वीं नेशनल गेम्स में दीपक ने 301 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। खास बात यह है कि प्रतियोगिता के दौरान पैर में चोट लगने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय सेना में सुबेदार के पद पर तैनात दीपक के पिता बिजेंद्र सिंह किसान हैं। दीपक की इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। उनके स्वागत के लिए गांव में विशेष कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही हैं। 28 जनवरी से 14 फरवरी तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में दीपक ने अपना जलवा बिखेरा। कॉमनवेल्थ गेम में जीता था कांस्य दीपक अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं और कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड उनके नाम हैं। इससे पहले उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। उन्हें भीम अवार्ड और राष्ट्रपति से बेस्ट नेशनल चाइल्ड अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में कोच इकबाल और लेफ्टिनेंट विक्रम जामवाल की देखरेख में दीपक की तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के लिए उनके ट्रायल होंगे। दीपक का सपना है कि वह ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें, जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हरियाणा के जींद जिले के शादीपुर गांव के वेटलिफ्टर दीपक लाठर ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 38वीं नेशनल गेम्स में दीपक ने 301 किलोग्राम वजन उठाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया। खास बात यह है कि प्रतियोगिता के दौरान पैर में चोट लगने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और शानदार प्रदर्शन किया। भारतीय सेना में सुबेदार के पद पर तैनात दीपक के पिता बिजेंद्र सिंह किसान हैं। दीपक की इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। उनके स्वागत के लिए गांव में विशेष कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही हैं। 28 जनवरी से 14 फरवरी तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में दीपक ने अपना जलवा बिखेरा। कॉमनवेल्थ गेम में जीता था कांस्य दीपक अब तक 12 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं और कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड उनके नाम हैं। इससे पहले उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था। उन्हें भीम अवार्ड और राष्ट्रपति से बेस्ट नेशनल चाइल्ड अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में कोच इकबाल और लेफ्टिनेंट विक्रम जामवाल की देखरेख में दीपक की तैयारियां चल रही हैं। जल्द ही कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के लिए उनके ट्रायल होंगे। दीपक का सपना है कि वह ओलिंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतें, जिसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
![नेशनल गेम्स में जींद के खिलाड़ी ने जीता सिल्वर:चोट के बावजूद उठाया 301 किलो वजन, देहरादून में हो रही चैंपियनशिप](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/02/01/d01c16f7-6a13-43f1-ab4d-59101e3973491738395162170-_1738397280.gif)