<p style=”text-align: justify;”><strong>Muzaffarpur Road Accident:</strong> मुजफ्फरपुर में प्रयागराज से कुंभ स्नान कर लौट रहे एक ही परिवार के पांच लोगों की भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. एक ही परिवार के सभी 9 लोग कुंभ स्नान कर मुजफ्फरपुर होते हुए जा रहे थे. इसी दौरान एक बाइक सवार को बचाने के दौरान हुई दर्दनाक घटना घटी है. मरने वालों में तीन महिला और दो पुरुष शामिल हैं. पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी को कार से बाहर निकाल लिया है. सदर थाना क्षेत्र के मधुबनी फोर लाइन स्थित इंडियन ऑयल एजेंसी के समीप की घटना है. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Muzaffarpur Road Accident:</strong> मुजफ्फरपुर में प्रयागराज से कुंभ स्नान कर लौट रहे एक ही परिवार के पांच लोगों की भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई. कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. एक ही परिवार के सभी 9 लोग कुंभ स्नान कर मुजफ्फरपुर होते हुए जा रहे थे. इसी दौरान एक बाइक सवार को बचाने के दौरान हुई दर्दनाक घटना घटी है. मरने वालों में तीन महिला और दो पुरुष शामिल हैं. पुलिस ने रेस्क्यू कर सभी को कार से बाहर निकाल लिया है. सदर थाना क्षेत्र के मधुबनी फोर लाइन स्थित इंडियन ऑयल एजेंसी के समीप की घटना है. </p> बिहार ग्रेटर नोएडा: पत्नी के साथ मिलकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, ऐसे रची हत्या की साजिश
Related Posts
‘चलिए मथुरा का भी मिलकर काम करते हैं’, DNA वाले बयान पर बीजेपी नेता की अखिलेश यादव को सलाह
‘चलिए मथुरा का भी मिलकर काम करते हैं’, DNA वाले बयान पर बीजेपी नेता की अखिलेश यादव को सलाह <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> वाराणसी पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रत पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ-साथ दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर DNA वाले बयान को लेकर सुब्रत पाठक ने कहा कि दरअसल कौरव तो उन्हीं के साथ में है, तब उनके अंदर पता नहीं कहां से भगवान श्री कृष्ण का DNA आ गया. लेकिन अगर उनके अंदर डीएनए भगवान श्री कृष्ण का आ ही गया है तो अयोध्या का मामला हो ही गया, चलिए साथ में मथुरा का भी मिलकर काम करते हैं. जब उनके अंदर डीएनए भगवान का फिर भगवान का अपमान क्यों.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा नेता सुब्रत पाठक ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान प्रयागराज महाकुंभ आयोजन को लेकर भाजपा पर प्रचार प्रसार के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि महाकुंभ हमारी प्राचीन परंपरा है और इसमें भारतीय जनता पार्टी की आस्था है. लेकिन महाकुंभ पर सपा की कोई आस्था नहीं है. अगर उनकी आस्था रहती तो आजम खान जैसे विधर्मी को अपने समय में कुंभ का प्रभारी वह नहीं बनाते और सपा की लापरवाही ही रही कि कुंभ के दौरान उस समय भगदड़ मच गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता ने कहा कि वैसे समाजवादी पार्टी वाले तो गाजियाबाद में बाजा बजाते थे की इतने लोग हज करने गए. ऐसी बातों का महिमा मंडन होता था. लेकिन कुंभ को लेकर बाजा इसलिए नहीं बजाते क्योंकि इनके वोटर नाराज हो जाते और सबसे प्रमुख बात यह भी की प्रयागराज में उस समय अतीक अहमद भी बैठा था, जो इन्हें बाजा बजाने से रोकता था. कुल मिलाकर अतीक अहमद के डर से भी हो सकता है कि यह बाजा नहीं बजा पाते हो. हम तो कुंभ का धूमधाम से आयोजन करेंगे, बाजा भी बजाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली और मिल्कीपुर चुनाव को लेकर सुब्रत पाठक का बड़ा दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव और मिल्कीपुर उपचुनाव कों लेकर वोटिंग होगी. वहीं भाजपा नेता सुब्रत पाठक ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा की केजरीवाल जब आए थे तो सोनिया गाँधी, डॉ.मनमोहन सिंह, लालू प्रसाद सबको गाली देते थे. जिसको कम गाली दिए होंगे, वह केजरीवाल के साथ इकट्ठा हो गया होगा, जिसको ज्यादा गाली दिए होंगे वह केजरीवाल के खिलाफ हो गया होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता सीएम का चेहरा है. बीजेपी किसी की बपौती नहीं है, जो भी अगला मुख्यमंत्री दिल्ली का होगा वह कुशासन को हटाएगा. इसके अलावा मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर भी कहा कि बीते उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को एक तरफ बढ़त मिला और अब मिल्कीपुर उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी एकतरफा जीत हासिल करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-murdered-of-5-people-of-same-family-dead-bodies-found-inside-bed-box-ann-2859702″>मेरठ: एक ही परिवार के 3 बच्चों समेत 5 लोगों की हत्या, घर के बेड के अंदर मिले शव</a></strong></p>
Mahakal Temple: सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे ने तोड़े महाकाल मंदिर के नियम, बिना अनुमति के परिवार संग गर्भगृह में की पूजा
Mahakal Temple: सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे ने तोड़े महाकाल मंदिर के नियम, बिना अनुमति के परिवार संग गर्भगृह में की पूजा <p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh Mahakaleshwar Mandr: </strong>उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आम और खास सभी के लिए एक ही नियम का दावा किया जाता रहा है, लेकिन वीआईपी कल्चर और प्रभावशाली लोगों के नियम तोड़ने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने परिवार सहित गर्भगृह में पूजा अर्चना कर मंदिर के नियम को तोड़ा है. हालांकि, अधिकारियों ने इस मामले में बिना अनुमति दर्शन के लिए गर्भगृह में जाने का दावा किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गुरुवार (17 अक्तूबर) की शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के बेटे और मुंबई से सांसद श्रीकांत शिंदे परिवार के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने वीआईपी पॉइंट के जरिए दर्शन के लिए अधिकारियों से आग्रह किया. इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर समिति के बड़े अधिकारी के पीए के साथ श्रीकांत शिंदे का परिवार गर्भगृह तक पहुंच गया. इस दौरान उनके साथ उज्जैन जिले के एक बीजेपी विधायक भी मौजूद रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां सभी ने उस समय गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना की, जब भगवान महाकाल का भांग से श्रृंगार चल रहा था. इस घटना के बाद हंगामा मच गया है. कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, “भगवान के दरबार में भी बीजेपी सरकार आम और खास के बीच मतभेद कर रही है. यह न्यायोचित नहीं है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष ने क्या कहा?</strong><br />महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में नियम सबके लिए बराबर है. उन्होंने कहा, किसी को भी अनुमति नहीं दी गई है कि वह गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना करे. प्रोटोकॉल के तहत जिन्हें अनुमति है, केवल वही प्रवेश कर सकते हैं. इनमें महामंडलेश्वर, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित वीआईपी शामिल हैं. महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ का भी कहना है कि उन्होंने भी किसी को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद हुए कई महीने हो गए हैं. महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में सभी को गर्भगृह से दर्शन कराया जाना मुश्किल है. यदि महाकालेश्वर मंदिर समिति गर्भगृह दर्शन शुरू करवा देती है, तब भी 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को अंदर से दर्शन कराया जाना मुश्किल है. जबकि गर्भगृह में जब दर्शन शुरू होते हैं तो बाहर से श्रद्धालुओं के दर्शन में परेशानी होती है. इस वजह से मंदिर समिति ने गर्भगृह दर्शन को पूरी तरह बंद कर रखा है. पहले 750 रुपये की रसीद कटवा कर श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश दिया जाता था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसा नहीं है कि महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने नियम तोड़ा है. पहले भी कई बार इस तरह की तस्वीरें आ चुकी हैं. मंदिर समिति द्वारा आम लोगों के गर्भगृह में प्रवेश की कोशिश करने पर भी एफआईआर दर्ज कर दी जाती है, लेकिन रसूखदार लोगों पर अभी तक महाकालेश्वर मंदिर समिति का नियम पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि शिव भक्तों में भी मंदिर समिति की दोहरी नीति को लेकर आक्रोश है. महाकालेश्वर मंदिर के भक्त राजेश प्रजापति का कहना है कि मंदिर में सभी के लिए नियम बराबर होना चाहिए.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”इंदौर में तीसरी मंजिल से गिरकर युवती बुरी तरह घायल, हादसा या साजिश? जांच में जुटी पुलिस” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/indore-girl-jump-from-third-floor-or-did-someone-push-police-investigating-seriously-injured-ann-2805594″ target=”_self”>इंदौर में तीसरी मंजिल से गिरकर युवती बुरी तरह घायल, हादसा या साजिश? जांच में जुटी पुलिस</a></strong></p>
</div>
बिना एकनाथ शिंदे और अजित पवार के भी कैसे सरकार बना सकती है BJP? यहां समझें ‘प्लान C’
बिना एकनाथ शिंदे और अजित पवार के भी कैसे सरकार बना सकती है BJP? यहां समझें ‘प्लान C’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra New CM:</strong> महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा इससे अभी तक पर्दा नहीं उठा है. चुनाव नतीजे जारी हुए 72 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन इस सवाल पर अब भी सस्पेंस ही बना हुआ है. इस बीच नियमों के तहत मंगलवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद रहे. हालांकि नई सरकार बनने तक शिंदे कार्यवाहक सीएम बने रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक बार फिर लौटकर उस सवाल पर आते हैं कि महाराष्ट्र में सीएम की कुर्सी आखिर कौन संभालेगा, तो सीएम की रेस में देवेंद्र फडणवीस का नाम अब तक सबसे आगे चल रहा है. आज हमारी स्टोरी का विश्लेषण भी इसी से जुड़ा है. आज हम आपको बताएंगे कि देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने का ‘प्लान सी’ क्या है. महाराष्ट्र की सियासत के इस सीक्रेट को डिकोड करने वाले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि गौर करने वाली बात ये भी है कि शिंदे गुट की तरफ से बयानों और संकेतों के जरिए बीजेपी पर प्रेशर पॉलिटिक्स की कोशिश हो रही है. समर्थकों के जरिए बीजेपी पर शिंदे को सीएम बनाने का दबाव बनाया जा रहा है. मुंबई में शिवसेना की आध्यात्मिक सेना ने शिंदे को सीएम बनाए जाने की कामना के साथ हवन-पूजन का आयोजन किया. हवन में शामिल लोगों ने शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्रेशर पॉलिटिक्स से जुड़ी एक और तस्वीर सामने आई जिसमें सैकड़ों महिलाएं सिद्धिविनायक मंदिर में प्रार्थना के लिए पहुंचीं. इन महिलाओं ने शिंदे को सीएम बनाने के लिए पूजा की. ये सभी महिलाएं सीएम चिकित्सा सहायता योजना से जुड़ी लाभार्थी थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माना जाता है कि सियासत में संकेतों और बॉडी लैंग्वेज के भी गहरे मायने होते हैं. जो बात सीधे तौर पर नहीं कही जा सकती उसे हाव भाव के जरिए जाहिर किया जाता है. जैसे आज की तस्वीर में तीनों नेताओं के चेहरे और बॉडी लैंग्वेज पर गौर किया जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देवेंद्र फडणवीस लग रहे कॉन्फिडेंट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम एकनाथ शिंदे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णनन को इस्तीफा देने पहुंचे थे. देवेंद्र फ़डणवीस और अजित पवार भी फ्रेम में उनके साथ दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इस पूरे वीडियो में देवेंद्र फडणवीस सबसे ज्यादा कॉन्फिडेंट नजर आए. जैसे ही शिंदे अपने इस्तीफे का पत्र राज्यपाल को सौंपते हैं तो देवेंद्र फडणवीस भी 2 बार अपना हाथ आगे बढ़ाते हैं. बाद में चेहरे पर मुस्कान के साथ खड़े हो जाते हैं. इस दौरान देवेंद्र फडणवीस के चेहरे के हाव भाव शिंदे और अजित पवार दोनों से बिल्कुल अलग थे. मानो उन्हें पूरा विश्वास है कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री वही बनने वाले हैं, लेकिन दावे दोनों तरफ से हो रहे हैं, बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट के नेता अपने-अपने बयानों से मुख्यमंत्री पद को लेकर माहौल को गर्मा रहे हैं, जैसे</p>
<ul>
<li>शिवसेना शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही बनें</li>
<li>केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले कह रहे हैं कि देवेंद्र फडणवीस ही सीएम बनें</li>
<li>शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट का कहना है कि सीएम शिंदे को ही बनाया जाना चाहिए. इससे बीएमसी चुनावों में फायदा होगा.</li>
<li>एकनाथ शिंदे के करीबी दीपक केसरकर ने कहा है कि पीएम मोदी और शाह जो निर्णय करेंगे. वो शिंदे को स्वीकार होगा.</li>
<li>उधर अजित पवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी फॉर्मूले पर कोई चर्चा नहीं चल रही है.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिवसेना नेता का पोस्ट वायरल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे की दावेदारी में उनकी पार्टी की एक नेता मनीषा कायंदे दो कदम और आगे निकल गईं. उन्होंने प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के चर्चित नारे एक हैं तो सेफ का शिंदे वर्जन पोस्ट किया. जिसमें लिखा है कि ‘एकनाथ हैं तो सेफ हैं’. यानी बीजेपी के नारे से बीजेपी पर शिंदे को सीएम बनाने का दवाब बनाया जा रहा है. दोनों तरफ से सीएम पद को लेकर बयानों के जरिए कैसे जोर-आजमाइश हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिंदे गुट के नेता भले ही अपनी दावेदारी में दम भर रहे हों लेकिन महाराष्ट्र का सीएम बीजेपी से ही होगा. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ये तय हो चुका है. अब आपको बताते हैं कि बीजेपी के पास वो कौन से तीन विकल्प या प्लान A, B और C हैं. जिनसे फडणवीस महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बन सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वो 3 विकल्प जिनसे देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं CM</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पहला विकल्प तो यही है कि शिंदे गुट भी फडणवीस के नाम पर राजी हो जाए. अजित पवार पहले ही फडणवीस के नाम पर सहमत हो चुके हैं. तीनों दलों के पास मिलाकर 230 सीटें हैं. ये सबसे आदर्श स्थिति है लेकिन मौजूदा समय में इस पर सियासी खींचतान चल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरा प्लान ये हो सकता है कि बीजेपी, एनसीपी अजित गुट के साथ मिलकर सरकार बनाए…क्योकि दोनों दलों के पास मिलाकर बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटें जरूरी हैं जबकि दोनों दलों की सीटें मिलाकर आंकड़ा 173 हो जाता है. ऐसे में सरकार बनाने के लिए शिवसेना शिंदे गुट की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन अगर ये दोनों ही प्लान कारगर नहीं होते तो प्लान C क्या होगा, ये जानना बेहद दिलचस्प है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब आपके सामने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने वाले प्लान C की सीक्रेट सियासी फाइल खोलते हैं. मान लीजिए कि प्लान A और प्लान B दोनों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने का रास्ता साफ नहीं हुआ. तब प्लान C का ब्रह्मास्त्र BJP के काम आएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है बीजेपी के प्लान C?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस प्लान के तहत बीजेपी, बहुमत का 145 वाला आंकड़ा कैसे जुटाएगी. इसका नंबर गेम देखिए. इसमें बीजेपी के 132 विधायक होंगे. चार निर्दलीय शामिल होंगे. जन सुराज्य जैसे छोटे दल के दो विधायक बीजेपी को समर्थन देंगे. इसके अलावा सात समर्थक विधायकों को साथ जोड़कर बीजेपी बहुमत का 145 वाला आंकड़ा जुटाएगी. एबीपी न्यूज के पास जो जानकारी आई उसके मुताबिक ये 7 विधायक बीजेपी समर्थक हैं. इनमें से चार शिंदे गुट के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते हैं तो बाकी तीन अजित पवार वाली एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यानी प्लान A और B फेल हुए तो यही विधायक बीजेपी के प्लान C को कामयाब बनाएंगे और देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाएंगे. कुल मिलाकर कहा जाए शिंदे और अजित गुट के 7 विधायक असली गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री पद के लिए एक तरफ बीजेपी अपनी बिसात बिछाने में जुटी है तो दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच भी पर्दे के पीछे सीएम को लेकर संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में सीएम को लेकर सूत्रों के हवाले एक महत्वपूर्ण खबर आई. इसके मुताबिक शिंदे कैंप ने अजित पवार गुट से मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन मांगा है. शिंदे गुट ने समर्थन के लिए अजित गुट से संपर्क किया है…खबर ये भी है कि शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच एक घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा हुई है. तो क्या महायुति में मुख्यमंत्री को लेकर ऑल इज वेल नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>लेकिन सवाल ये भी है कि क्या बीजेपी अकेले दम पर या शिवसेना शिंदे गुट से अलग होकर सरकार बनाएगी. फिलहाल इसकी संभावनाएं बेहद कम दिखती हैं. क्योंकि एकनाथ शिंदे बीजेपी के लिए जरूरी भी हैं और मजबूरी भी. तो वो कौन से फैक्टर हैं जो शिंदे को सीएम बनाने और साथ जोड़कर रखने के पक्ष में दिखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी इन दो चेहरों के इर्द-गिर्द घूम रही है. कौन, किसे मात देकर सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा… मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में यही चर्चा है. भारत की बात के दर्शकों के लिए हमने उन फैक्टर्स को डिकोड किया है. जो सीएम के लिए शिंदे का पक्ष मजबूत करते हैं या शिंदे कैसे बीजेपी के लिए जरूरी हैं या मजबूरी हैं. इसकी व्याख्या करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी के लिए एकनाथ शिंदे क्यों जरूरी?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र के नतीजों में भले ही इस बात पर मुहर लग गई हो कि शिंदे सेना ही असली शिवसेना है, लेकिन उद्धव गुट पर नियंत्रण रखने के लिए भी शिंदे को साथ रखना बीजेपी की मजबूरी है. क्योंकि अगर शिंदे सीएम नहीं बनते तो उद्धव गुट को सीधे फडणवीस से मुकाबले का मौका मिलेगा. बीजेपी पर सत्ता में आने के लिए शिवसेना के नाम और प्रतीक के उपयोग का आरोप लगेगा. इसके दम पर मराठी मानुष की भावनाओं को भड़काया जा सकता है और इसे बीजेपी बनाम महाराष्ट्र की लड़ाई का रूप दिया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मराठी अस्मिता का सवाल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मराठी अस्मिता को मजबूत करने के लिए एकनाथ शिंदे का चेहरा ही मजबूती देगा. ये बीजेपी की उदारता और मराठी गौरव के सम्मान को दिखाएगा. साथ ही इससे मराठी मानुष के बीच बीजेपी की छवि और मजबूत होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BMC पर कब्जे की जंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>देश की सबसे अमीर महानगरपालिकाओं में से एक बीएमसी पर पिछले 25 वर्षों से अविभाजित शिवसेना और अब शिवसेना उद्धव गुट का कब्जा रहा है. इस बार बीजेपी के सामने चुनौती उद्धव गुट के किले को ढहाने की होगी. बीएमसी को उद्धव सेना से छीनने के लिए बीजेपी को शिंदे के मजबूत कंधों की जरूरत पड़ेगी, जो मराठा वोटबैंक को जोड़कर रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. इसलिए भी शिंदे का बीजेपी के पाले रहना जरूरी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्ष को हमले का मौका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एक बात ये भी है कि अगर बीजेपी शिंदे को सीएम नहीं बनाती या उनका साथ नहीं लेती तो विपक्ष को उसे घेरने का बड़ा हथियार मिल जाएगा… विपक्ष आरोप लगाएगा कि जरूरत के समय शिंदे को मोहरा बनाकर शिवसेना को तोड़ा…अब काम निकलने पर शिंदे को अकेला छोड़ दिया…ये लड़ाई मराठी अस्मिता का प्रतीक भी बन सकती है… क्योंकि अभी से ही शिवसेना उद्धव गुट के नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी, शिंदे और एनसीपी अजित गुट को कभी भी तोड़ सकती है…</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि इन सारे फैक्टर्स के बावजूद राजनीति संभावनाओं का खेल है. यहां कभी भी, कुछ भी हो सकता है. ज्यादा उम्मीद यही है कि बीजेपी, शिंदे को मनाने में कामयाब हो जाए और आम सहमति से फडणवीस महायुति के मुख्यमंत्री बन जाएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”एकनाथ शिंदे का CM पद से इस्तीफा, चेहरा अभी तय नहीं, अजित पवार गुट से मांगा समर्थन, 10 बड़ी बातें” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-new-cm-eknath-shinde-resigns-devendra-fadnavis-ajit-pawar-mahayuti-bjp-shiv-sena-ncp-2831160″ target=”_blank” rel=”noopener”>एकनाथ शिंदे का CM पद से इस्तीफा, चेहरा अभी तय नहीं, अजित पवार गुट से मांगा समर्थन, 10 बड़ी बातें</a></strong></p>