लखनऊ के रहमानखेड़ा में फिर दिखा बाघ:आम के बाग में पैरों के ताजा निशान मिले, पिंजरा लगाकर पड़वा बांधा

लखनऊ के रहमानखेड़ा में फिर दिखा बाघ:आम के बाग में पैरों के ताजा निशान मिले, पिंजरा लगाकर पड़वा बांधा

लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ दिखना अब आम हो गया है। इसके बाद भी वन विभाग उसे पकड़ नहीं पा रहा है। शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने बाघ को सहिलामाऊ से उलरापुर जंगल की ओर जाते हुए देखा। इससे पहले केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्था के संविदा कर्मी मनोज कुमार को शुक्रवार को बाघ दिखाई दिया था। मोटी नीम तिराहे से घर लौटते समय उलरा पुर मोड़ पर बाघ को देख मनोज भयभीत होकर कटीली झाड़ियों में कूद गए, जिससे वे घायल हो गए थे। घायल अवस्था में रहमान खेड़ा फार्म हाउस रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचकर मनोज ने वन विभाग को सूचना दी। हालांकि, वन अधिकारियों ने इसे अफवाह करार देते हुए उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। डीएफओ सुधांशु पांडे के अनुसार, सूचना मिलने पर जोन एक बेल वाले ब्लॉक में एक किलोमीटर तक कांबिंग की गई और थर्मल ड्रोन से निगरानी की गई, लेकिन पग चिह्न नहीं मिले। इधर, बाघ की सूचना मिलने पर शनिवार को अपर मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने कमांड सेंटर पहुंचकर डीएफओ के साथ आपातकालीन बैठक की। डीएफओ ने बताया कि जोन एक बेल वाले ब्लॉक में वन कर्मियों ने हथिनी डायना और सुलोचना की मदद से कॉम्बिंग की। CISH में फिर बांधा पड़वा वन विभाग की टीम ने एक बार फिर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH ) में एक गड्ढे के पास पड़वा को बांधा है। वन कर्मियों का मानना है कि शिकार का समय नजदीक होने के कारण बाघ जल्द ही पिंजरे में बंधे पड़वे या बकरे का शिकार करने आएगा और फंस जाएगा। …………………. यह खबर भी पढ़े 20 शिकारों के बाद भी बाघ पकड़ से दूर:लखनऊ में ग्रामीण को दिखा बाघ, वन विभाग ने नहीं ली गंभीरता लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक और बार बाघ के दिखाई देने से दहशत का माहौल है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्था के संविदा कर्मी मनोज कुमार को शुक्रवार को रहमान खेड़ा के जंगलों में बाघ दिखाई दिया। मोटी नीम तिराहे से घर लौटते समय उलरा पुर मोड़ पर बाघ को देख मनोज भयभीत होकर कटीली झाड़ियों में कूद गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ के रहमानखेड़ा में बाघ दिखना अब आम हो गया है। इसके बाद भी वन विभाग उसे पकड़ नहीं पा रहा है। शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने बाघ को सहिलामाऊ से उलरापुर जंगल की ओर जाते हुए देखा। इससे पहले केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्था के संविदा कर्मी मनोज कुमार को शुक्रवार को बाघ दिखाई दिया था। मोटी नीम तिराहे से घर लौटते समय उलरा पुर मोड़ पर बाघ को देख मनोज भयभीत होकर कटीली झाड़ियों में कूद गए, जिससे वे घायल हो गए थे। घायल अवस्था में रहमान खेड़ा फार्म हाउस रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचकर मनोज ने वन विभाग को सूचना दी। हालांकि, वन अधिकारियों ने इसे अफवाह करार देते हुए उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। डीएफओ सुधांशु पांडे के अनुसार, सूचना मिलने पर जोन एक बेल वाले ब्लॉक में एक किलोमीटर तक कांबिंग की गई और थर्मल ड्रोन से निगरानी की गई, लेकिन पग चिह्न नहीं मिले। इधर, बाघ की सूचना मिलने पर शनिवार को अपर मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने कमांड सेंटर पहुंचकर डीएफओ के साथ आपातकालीन बैठक की। डीएफओ ने बताया कि जोन एक बेल वाले ब्लॉक में वन कर्मियों ने हथिनी डायना और सुलोचना की मदद से कॉम्बिंग की। CISH में फिर बांधा पड़वा वन विभाग की टीम ने एक बार फिर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH ) में एक गड्ढे के पास पड़वा को बांधा है। वन कर्मियों का मानना है कि शिकार का समय नजदीक होने के कारण बाघ जल्द ही पिंजरे में बंधे पड़वे या बकरे का शिकार करने आएगा और फंस जाएगा। …………………. यह खबर भी पढ़े 20 शिकारों के बाद भी बाघ पकड़ से दूर:लखनऊ में ग्रामीण को दिखा बाघ, वन विभाग ने नहीं ली गंभीरता लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक और बार बाघ के दिखाई देने से दहशत का माहौल है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्था के संविदा कर्मी मनोज कुमार को शुक्रवार को रहमान खेड़ा के जंगलों में बाघ दिखाई दिया। मोटी नीम तिराहे से घर लौटते समय उलरा पुर मोड़ पर बाघ को देख मनोज भयभीत होकर कटीली झाड़ियों में कूद गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यहां पढ़े पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर