नवाशहर में कोहरे के कारण एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। रोपड़-बलाचौर नेशनल हाईवे पर गांव भरथलां (किशनपुर) कट के पास घने कोहरे में 7 वाहनों की चेन एक्सीडेंट हो गई। हादसे में एक कार चालक घायल हुआ, जबकि सभी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना की जानकारी देते हुए एसएसएफ टीम के प्रभारी एएसआई कुलदीप कुमार ने बताया कि हादसा तब हुआ जब दूध का टैंकर बलाचौर की तरफ मुड़ रहा था। इसी दौरान बलाचौर से आ रही स्विफ्ट डिजायर कार कोहरे के कारण टैंकर से टकरा गई। कार में प्रीतपाल सिंह अपनी पत्नी के साथ रोपड़ जा रहे थे। इसके बाद भूंग से भरा एक ट्रक रोपड़ की ओर जा रहा था , लवप्रीत सिंह द्वारा चलाया जा रहा टाटा टेंपो ट्रक के पीछे टक्करा गया। देवराज की महिंद्रा पिकअप, जालंधर निवासी ग्रीस की डस्टर कार और अमृतसर निवासी मनविंदर सिंह की हुंडई वरना कार भी एक के बाद एक टकरा गईं। सूचना पाते ही एसएसएफ टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी वाहनों को सड़क किनारे करवाया और यातायात को सुचारू किया। एसआई राकेशविंदर सिंह ने वाहनों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे से जुड़ी तस्वीरें- नवाशहर में कोहरे के कारण एक बड़ा सड़क हादसा हुआ। रोपड़-बलाचौर नेशनल हाईवे पर गांव भरथलां (किशनपुर) कट के पास घने कोहरे में 7 वाहनों की चेन एक्सीडेंट हो गई। हादसे में एक कार चालक घायल हुआ, जबकि सभी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना की जानकारी देते हुए एसएसएफ टीम के प्रभारी एएसआई कुलदीप कुमार ने बताया कि हादसा तब हुआ जब दूध का टैंकर बलाचौर की तरफ मुड़ रहा था। इसी दौरान बलाचौर से आ रही स्विफ्ट डिजायर कार कोहरे के कारण टैंकर से टकरा गई। कार में प्रीतपाल सिंह अपनी पत्नी के साथ रोपड़ जा रहे थे। इसके बाद भूंग से भरा एक ट्रक रोपड़ की ओर जा रहा था , लवप्रीत सिंह द्वारा चलाया जा रहा टाटा टेंपो ट्रक के पीछे टक्करा गया। देवराज की महिंद्रा पिकअप, जालंधर निवासी ग्रीस की डस्टर कार और अमृतसर निवासी मनविंदर सिंह की हुंडई वरना कार भी एक के बाद एक टकरा गईं। सूचना पाते ही एसएसएफ टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी वाहनों को सड़क किनारे करवाया और यातायात को सुचारू किया। एसआई राकेशविंदर सिंह ने वाहनों को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे से जुड़ी तस्वीरें- पंजाब | दैनिक भास्कर
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केन्द्रीय राज्य मंत्री बिट्टू ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति:किसानों की प्रॉपर्टी जांच करवाने की दी थी चेतावनी,किसान नेताओं को कहा था तालिबानी
केन्द्रीय राज्य मंत्री बिट्टू ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति:किसानों की प्रॉपर्टी जांच करवाने की दी थी चेतावनी,किसान नेताओं को कहा था तालिबानी केन्द्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू लगातार किसानों पर किसी न किसी मुद्दे पर कटाक्ष कर रहे है। दो दिन पहले बिट्टू ने किसान नेताओं को खाद लूटने वाले तालिबानी कहा था। बिट्टू ने चेतावनी भरे लहजे से कहा था कि सरकार किसान नेताओं की प्रॉपर्टी की जांच कराएगी। इनके पास नेता बनने से पहले और बाद में कितनी प्रॉपर्टी हुई। इस बयान के बाद अब बिट्टू ने X पर खुद की संपत्ति और देनदारियों को सार्वजनिक कर दिया है। बिट्टू ने X पर लिखा-मैंने घोषणा की थी कि मैं अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा सार्वजनिक रूप से करूंगा। इसी क्रम में मैं इसे अब अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर रहा हूं। 2009 से 2024 तक रवनीत बिट्टू की संपत्ति बिट्टू ने पोस्ट कर 2009 से 2024 तक अपने राजनीतिक कैरियर में कमाई संपत्ति की जानकारी दी है। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि 2009 में बिट्टू के पास नकदी 1 लाख 70 हजार थी। बैंक में 3 लाख 443 रुपए थे और उनके पास मारुति स्टीम गाड़ी थी। गहनों में बिट्टू के पास 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी। इसी तरह 2014 में बिट्टू के पास नकदी 3 लाख 30 हजार नकदी और 7 लाख43 हजार 779 रुपए बैंक में थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। बिट्टू के पास 2019 में 3 लाख 10 हजार रुपए नकदी, 3 लाख 42 हजार 692 रुपए बैंक में जमा थे। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी। अब 2024 में बिट्टू के 3 लाख 39 हजार नकदी, 10 लाख 96 हजार 405 रुपए बैंक खाते में जमा है। मारुति स्टीम कार और 600 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी उनके पास है। इसी तरह बिट्टू ने अपनी अन्य जमीन और लोन संबंधी भी जानकारियां सार्वजनिक की है। ये था पूरा मामला केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू की 3 अहम बातें 1. भाजपा का विरोध किसान नहीं नेता कर रहे
केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- किसान कोई विरोध नहीं कर रहा। किसान भाजपा के साथ है। सिर्फ लीडर विरोध कर रहे हैं। किसान के पास कहां टाइम है। किसान मंडियों में है। उसके बाद गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो जाएगा। यह लीडर हैं, जो भेजे जाते हैं। कोई बात नहीं, हमारा भी इलेक्शन में विरोध किया। 2. किसान लीडरों की जांच कराएंगे, ये आढ़ती, इनके शैलर चल रहे
किसान यूनियन के कई बड़े लीडर बने हैं, इनकी जांच कराएंगे। उनकी जमीनों की जांच होगी। उनकी किसान लीडर बनने से पहले और बाद में कितनी जमीन-जायदाद बनी है। कौन सा ऐसा किसान नेता है, जो आढ़तिया नहीं या फिर उनके शैलर नहीं हैं। 3. खाद की ट्रेन लूटी, ये तालिबानी
कहीं ट्रेन लूट ली। खाद भी तो किसी जमींदार को मिलनी है। ये कहते हैं यहां नहीं वहां जाएगी। ये तो तालिबान बन गए। कहीं तो यह काम रोकना पड़ेगा। आने वाले दिनों में किसान भाजपा को ठोक कर वोट डालेगा। किसान को पता है कि किसानों का सुधार केंद्र सरकार से ही हो सकता है। उनके पास पैसे के गफ्फे हैं।
गोल्डी बराड़ के जीजा पर हमले की थी प्लानिंग:अमृतसर पुलिस ने गैंगस्टर राहुल रौला सहित 6 सदस्य किए काबू; हथियार बरामद
गोल्डी बराड़ के जीजा पर हमले की थी प्लानिंग:अमृतसर पुलिस ने गैंगस्टर राहुल रौला सहित 6 सदस्य किए काबू; हथियार बरामद अमृतसर पुलिस ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा व उसके साथियों की हत्या करने की प्लानिंग कर रहे राहुल रौला व उसके गैंग के 6 सदस्यों को काबू किया है। आरोपियों को सूचना के आधार पर अमृतसर के रूपा होटल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों से 3 पिस्टल व 11 गोलियां भी बरामद की। पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और राहुल रौला की दुश्मनी होशियारपुर जेल से शुरू हुई थी। राहुल रौला पर 12 के करीब हत्या प्रयास, लूट व आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। वहीं, गोल्डी बराड़ के जीजा गुरिंदर गौरा पर भी तकरीबन 16 मामले दर्ज हैं। जिनमें फरीदकोट के कांग्रेस नेता पहलवान की हत्या भी शामिल है। इसी मामले में ही वह होशियारपुर जेल में बंद था। जेल में रौला व गुरिंदर गौरा का किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों के बीच हुई तकरार का मामला भी होशियारपुर में दर्ज है। कुछ समय पहले ही राहुल रौला बेल पर बाहर आया था और बाहर आते ही उसने अपनी सुरक्षा व गौरा सहित उसके गैंग के सदस्यों की हत्या की प्लानिंग शुरू की थी। मध्य प्रदेश से लाया था हथियार पुलिस कमिश्नर अमृतसर ने बताया कि अमृतसर पुलिस ने एक संभावित घटना को सफलतापूर्वक टालने में बड़ी सफलता हासिल की है। कमिश्नरेट पुलिस ने 6 सदस्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है, जो राहुल उर्फ रौला निवासी छोटा हरिपुरा के निर्देश पर काम करता है। राहुल रौला के खिलाफ अमृतसर, लुधियाना, गुरदासपुर और फतेहगढ़ साहिब में जबरन वसूली, चोरी, जेल अधिनियम, डकैती और हत्या के प्रयास के 12 मामले शामिल हैं। 8 साल न्यायिक हिरासत में बिताने के बाद उसे 24 मई को संगरूर जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। जिसके बाद उसने कथित तौर पर डकैती, जुआ आदि के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर से हथियार खरीदना शुरू कर दिया। गैंग के 6 सदस्य किए काबू पुलिस ने राहुल के अलावा गेट हकीमां निवासी करण उर्फ टिड्डा, सुखदीप उर्फ गोरी निवासी इस्लामाबाद, अभय शर्मा निवासी इस्लामाबाद, राघव कुमार निवासी इस्लामाबाद और रमेश उर्फ अरुण निवासी गेट हकीमा को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से पुलिस ने दो 0.32 बोर और 1 देसी पिस्टल बरामद किया है।
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।