<p style=”text-align: justify;”><strong>Sanatan Board:</strong> महाकुंभ में बीते कुछ दिनों से सनातन बोर्ड की मांग तेज होते जा रही है. बीते दिनों इस मुद्दे पर साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद की बैठक हुई थी. इसके बाद सनातन बोर्ड की मांग को दोहराया गया था. लेकिन अब सनातन बोर्ड की मांग पर विवाद बढ़ गया है. अखाड़ा परिषद के महामंत्री जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने बड़ा बयान दे दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अखाड़ा परिषद के महामंत्री जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने कहा, ‘हम किसी या जो लोगों की विचार है, हम किसी सीमाओं में आने वाले न थे और न हैं. इस वजह से यह केवल एक लोगों के मन की इच्छा है. लोगों के मन की एक इच्छा है. ये लोग सनातन को बहुत छोटा आंक रहे हैं. प्रत्येक आदमी सनातन था, है और रहेगा. हर आदमी सनातन के लिए काम करता है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने कहा, ‘कैसे आप कह सकते हैं कि सनातन बोर्ड एक सीमा है. ये बोलना भी अपराध है. जो लोग सनातन बोर्ड की मांग कर रहे है वो सिर्फ ओछी राजनीति कर रहे है. जो लोग बोल रहे हैं ये केवल मीडिया में बने रहने का प्रयास है. सनातन क्या इतना छोटा है जो किसी बोर्ड में समाहित हो सके. देश का हर व्यक्ति सनातनी है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-ganga-aarti-condition-of-ghats-after-appeal-of-not-coming-ann-2876098″>गंगा आरती में न आने की अपील के बाद जानिए कैसी है वाराणसी के घाट की स्थिति?</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले देवकीनंदन ठाकुर</strong><br />संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में बुलाई गई सनातन धर्म संसद बैठक में सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव पारित किया गया है. कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पारित हो गया है और जल्द ही बोर्ड बनना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित किया गया है कि चारों शंकराचार्य, चारों वैष्णव आचार्य और जितने भी संगठन, अखाड़े और पीठ के पीठाधीश्वर उसका प्रतिनिधित्व करें. यह प्रस्ताव धर्म संसद में पारित हो गया है और अब इसे सरकार तक पहुंचाना है. जो भी फैसला सरकार करेगी, उसके आधार पर ही आगे विचार किया जाएगा.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sanatan Board:</strong> महाकुंभ में बीते कुछ दिनों से सनातन बोर्ड की मांग तेज होते जा रही है. बीते दिनों इस मुद्दे पर साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद की बैठक हुई थी. इसके बाद सनातन बोर्ड की मांग को दोहराया गया था. लेकिन अब सनातन बोर्ड की मांग पर विवाद बढ़ गया है. अखाड़ा परिषद के महामंत्री जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने बड़ा बयान दे दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अखाड़ा परिषद के महामंत्री जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने कहा, ‘हम किसी या जो लोगों की विचार है, हम किसी सीमाओं में आने वाले न थे और न हैं. इस वजह से यह केवल एक लोगों के मन की इच्छा है. लोगों के मन की एक इच्छा है. ये लोग सनातन को बहुत छोटा आंक रहे हैं. प्रत्येक आदमी सनातन था, है और रहेगा. हर आदमी सनातन के लिए काम करता है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>जूना अखाड़े के हरि गिरी जी महाराज ने कहा, ‘कैसे आप कह सकते हैं कि सनातन बोर्ड एक सीमा है. ये बोलना भी अपराध है. जो लोग सनातन बोर्ड की मांग कर रहे है वो सिर्फ ओछी राजनीति कर रहे है. जो लोग बोल रहे हैं ये केवल मीडिया में बने रहने का प्रयास है. सनातन क्या इतना छोटा है जो किसी बोर्ड में समाहित हो सके. देश का हर व्यक्ति सनातनी है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/varanasi-ganga-aarti-condition-of-ghats-after-appeal-of-not-coming-ann-2876098″>गंगा आरती में न आने की अपील के बाद जानिए कैसी है वाराणसी के घाट की स्थिति?</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोले देवकीनंदन ठाकुर</strong><br />संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a> में बुलाई गई सनातन धर्म संसद बैठक में सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव पारित किया गया है. कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पारित हो गया है और जल्द ही बोर्ड बनना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित किया गया है कि चारों शंकराचार्य, चारों वैष्णव आचार्य और जितने भी संगठन, अखाड़े और पीठ के पीठाधीश्वर उसका प्रतिनिधित्व करें. यह प्रस्ताव धर्म संसद में पारित हो गया है और अब इसे सरकार तक पहुंचाना है. जो भी फैसला सरकार करेगी, उसके आधार पर ही आगे विचार किया जाएगा.”</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड गंगा आरती में न आने की अपील के बाद जानिए कैसी है वाराणसी के घाट की स्थिति?