हरियाणा के 5 नए जिलों के गठन में अभी देरी:कमेटी के पास पहुंचे आधे-अधूरे दस्तावेज; नए मंडल भी बनेंगे, अब तक 4 फैसले हो चुके

हरियाणा के 5 नए जिलों के गठन में अभी देरी:कमेटी के पास पहुंचे आधे-अधूरे दस्तावेज; नए मंडल भी बनेंगे, अब तक 4 फैसले हो चुके

हरियाणा में 5 नए जिले बनने में अभी देरी होती दिख रही है। इसकी वजह यह है कि अभी तक नए जिलों के गठन पर मंथन के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी के पास आध-अधूरे दस्तावेज ही पहुंचे है, जिसकी वजह से अभी कमेटी इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है। हालांकि अब सब कमेटी की कल यानी 4 फरवरी को मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में पंचायत एवं विकास मंत्री कृष्ण लाल पंवार के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब कमेटी राज्य में नए जिले, तहसील और उप तहसीलों के गठन पर विचार करेगी। दरअसल, अभी तक दिल्ली चुनाव में सरकार के सभी मंत्री व्यस्त थे। चूंकि अब चुनाव प्रचार खत्म हो गया है, इसलिए प्रचार से लौटते ही कैबिनेट सब कमेटी ने राज्य में नए जिलों के गठन की प्रक्रिया आरंभ करने की योजना बनाई है। हरियाणा में अभी 22 जिले हैं। इन 5 नए जिलों को बनाने की आ रखी है मांग कैबिनेट सब कमेटी के पास जिन पांच नए जिले बनाने की मांग है, उनमें हांसी, डबवाली, असंध, मोहाना और सफीदों शामिल है। हालांकि मानेसर को भी नया जिला बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी के पास अभी तक लिखित में इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हरियाणा को कैबिनेट सब कमेटी पिछली मीटिंग में फैसला ले चुकी है कि राज्य में नए जिले, उपमंडल, उप तहसील और नई तहसीलें बनाने के लिए जिला उपायुक्तों की सिफारिश जरूरी है। इन तीन प्रस्तावों के बिना नहीं बनेगी बात ब्लाक समिति के प्रस्ताव, संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव और नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव भी इसके लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इन तीनों प्रस्ताव और डीसी की सिफारिश के बिना राज्य में कोई नया जिला नहीं बन सकेगा। कैबिनेट सब कमेटी के पास जिन पांच नए जिले बनाने की मांग पहुंची थी, उनके आधे-अधूरे दस्तावेज होने की वजह से कैबिनेट सब कमेटी ने अभी इन मांगों पर कोई विचार नहीं किया है। सब कमेटी ने नए मंडल बनाने के भी संकेत दिए जिला उपायुक्तों से कहा गया है कि वे जरूरी दस्तावेज पूरे करवाकर कैबिनेट सब कमेटी के पास भिजवाएं, ताकि उन पर फैसला लिया जा सके। पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने संकेत दिए हैं कि यदि प्रस्ताव आया तो राज्य में नए मंडल भी बनाए जा सकते हैं। मीटिंग में सदस्य के रूप में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा भी उपस्थित रहेंगे। पिछली बैठक में हुए फैसले सब कमेटी की पिछली बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे, जिसमें महेंद्रगढ़ जिले के मंडोला गांव को उप तहसील सतनाली में और जिला रेवाड़ी के गांव बरेली कलां को उप-तहसील पाल्हावास से निकालकर तहसील रेवाड़ी में शामिल किया गया था। जिला यमुनानगर के गांव गुंदियाना को तहसील रादौर से निकालकर उप-तहसील सरस्वती नगर में, फरीदाबाद के सेक्टर 15, 15ए, सेक्टर 16ए की तहसील बडखल से निकालकर फरीदाबाद के रजिस्ट्रेशन सेगमेंट में सेक्टर 21ए तथा बी की तहसील फरीदाबाद से निकालकर तहसील बड़खल के रजिस्ट्रेशन सेगमेंट में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया था। बीजेपी ने भी 27 जिले बनाए हरियाणा भाजपा ने संगठन के लिहाज से भी पांच जिलों की संख्या बढ़ा ली है। भाजपा सरकार अब 22 के बजाय 27 जिलाध्यक्षों का गठन करेगी। भाजपा द्वारा बढ़ाए गए पांच संगठनात्मक जिलों में हांसी, गोहाना, डबवाली, गुरुग्राम महानगर और बल्लभगढ़ शामिल है। हरियाणा में 5 नए जिले बनने में अभी देरी होती दिख रही है। इसकी वजह यह है कि अभी तक नए जिलों के गठन पर मंथन के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी के पास आध-अधूरे दस्तावेज ही पहुंचे है, जिसकी वजह से अभी कमेटी इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है। हालांकि अब सब कमेटी की कल यानी 4 फरवरी को मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में पंचायत एवं विकास मंत्री कृष्ण लाल पंवार के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब कमेटी राज्य में नए जिले, तहसील और उप तहसीलों के गठन पर विचार करेगी। दरअसल, अभी तक दिल्ली चुनाव में सरकार के सभी मंत्री व्यस्त थे। चूंकि अब चुनाव प्रचार खत्म हो गया है, इसलिए प्रचार से लौटते ही कैबिनेट सब कमेटी ने राज्य में नए जिलों के गठन की प्रक्रिया आरंभ करने की योजना बनाई है। हरियाणा में अभी 22 जिले हैं। इन 5 नए जिलों को बनाने की आ रखी है मांग कैबिनेट सब कमेटी के पास जिन पांच नए जिले बनाने की मांग है, उनमें हांसी, डबवाली, असंध, मोहाना और सफीदों शामिल है। हालांकि मानेसर को भी नया जिला बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी के पास अभी तक लिखित में इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया है। हरियाणा को कैबिनेट सब कमेटी पिछली मीटिंग में फैसला ले चुकी है कि राज्य में नए जिले, उपमंडल, उप तहसील और नई तहसीलें बनाने के लिए जिला उपायुक्तों की सिफारिश जरूरी है। इन तीन प्रस्तावों के बिना नहीं बनेगी बात ब्लाक समिति के प्रस्ताव, संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव और नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव भी इसके लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इन तीनों प्रस्ताव और डीसी की सिफारिश के बिना राज्य में कोई नया जिला नहीं बन सकेगा। कैबिनेट सब कमेटी के पास जिन पांच नए जिले बनाने की मांग पहुंची थी, उनके आधे-अधूरे दस्तावेज होने की वजह से कैबिनेट सब कमेटी ने अभी इन मांगों पर कोई विचार नहीं किया है। सब कमेटी ने नए मंडल बनाने के भी संकेत दिए जिला उपायुक्तों से कहा गया है कि वे जरूरी दस्तावेज पूरे करवाकर कैबिनेट सब कमेटी के पास भिजवाएं, ताकि उन पर फैसला लिया जा सके। पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने संकेत दिए हैं कि यदि प्रस्ताव आया तो राज्य में नए मंडल भी बनाए जा सकते हैं। मीटिंग में सदस्य के रूप में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा भी उपस्थित रहेंगे। पिछली बैठक में हुए फैसले सब कमेटी की पिछली बैठक में चार महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे, जिसमें महेंद्रगढ़ जिले के मंडोला गांव को उप तहसील सतनाली में और जिला रेवाड़ी के गांव बरेली कलां को उप-तहसील पाल्हावास से निकालकर तहसील रेवाड़ी में शामिल किया गया था। जिला यमुनानगर के गांव गुंदियाना को तहसील रादौर से निकालकर उप-तहसील सरस्वती नगर में, फरीदाबाद के सेक्टर 15, 15ए, सेक्टर 16ए की तहसील बडखल से निकालकर फरीदाबाद के रजिस्ट्रेशन सेगमेंट में सेक्टर 21ए तथा बी की तहसील फरीदाबाद से निकालकर तहसील बड़खल के रजिस्ट्रेशन सेगमेंट में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया था। बीजेपी ने भी 27 जिले बनाए हरियाणा भाजपा ने संगठन के लिहाज से भी पांच जिलों की संख्या बढ़ा ली है। भाजपा सरकार अब 22 के बजाय 27 जिलाध्यक्षों का गठन करेगी। भाजपा द्वारा बढ़ाए गए पांच संगठनात्मक जिलों में हांसी, गोहाना, डबवाली, गुरुग्राम महानगर और बल्लभगढ़ शामिल है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर