हिमाचल प्रदेश की महिला कबड्डी टीम ने लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। शिलाई की बेटी पुष्पा राणा की कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उपलब्धि हासिल की। टीम ने अपनी जीत की हैट्रिक पूरी की है। राजस्थान को बड़े अंतर से हराया 36वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता गुजरात के अहमदाबाद में 37वीं गोवा में और अब 38वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता उत्तराखंड के हरिद्वार में जीतकर टीम ने अपना दबदबा कायम रखा है। टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हिमाचल ने राजस्थान को 38-20 के बड़े अंतर से हराया। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में हरियाणा ने महाराष्ट्र को 47-24 से पराजित किया। एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित फाइनल मुकाबले में हिमाचल और हरियाणा की टीमें आमने-सामने थी, जिसमें हिमाचल की टीम ने बाजी मारी। पुष्पा राणा की अगुआई में टीम का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में शानदार रहा। यह जीत हिमाचल प्रदेश के कबड्डी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हुई है। इस लगातार तीसरी जीत ने राज्य को महिला कबड्डी के क्षेत्र में एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। हिमाचल टीम में ये रहे शामिल हिमाचल कबड्डी टीम में पुष्पा राणा कप्तान, साक्षी शर्मा, श्यामा, ज्योति ठाकुर, चंपा ठाकुर, भावना ठाकुर, रेशमा, अंशुल, काजल, शगुन, शिवानी और जसप्रीत कौर शामिल थी। बेटियों की शानदार उपलब्धि से हिमाचल में खुशी का माहौल है। हिमाचल प्रदेश की महिला कबड्डी टीम ने लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। शिलाई की बेटी पुष्पा राणा की कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उपलब्धि हासिल की। टीम ने अपनी जीत की हैट्रिक पूरी की है। राजस्थान को बड़े अंतर से हराया 36वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता गुजरात के अहमदाबाद में 37वीं गोवा में और अब 38वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता उत्तराखंड के हरिद्वार में जीतकर टीम ने अपना दबदबा कायम रखा है। टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में हिमाचल ने राजस्थान को 38-20 के बड़े अंतर से हराया। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में हरियाणा ने महाराष्ट्र को 47-24 से पराजित किया। एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित फाइनल मुकाबले में हिमाचल और हरियाणा की टीमें आमने-सामने थी, जिसमें हिमाचल की टीम ने बाजी मारी। पुष्पा राणा की अगुआई में टीम का प्रदर्शन पूरे टूर्नामेंट में शानदार रहा। यह जीत हिमाचल प्रदेश के कबड्डी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हुई है। इस लगातार तीसरी जीत ने राज्य को महिला कबड्डी के क्षेत्र में एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। हिमाचल टीम में ये रहे शामिल हिमाचल कबड्डी टीम में पुष्पा राणा कप्तान, साक्षी शर्मा, श्यामा, ज्योति ठाकुर, चंपा ठाकुर, भावना ठाकुर, रेशमा, अंशुल, काजल, शगुन, शिवानी और जसप्रीत कौर शामिल थी। बेटियों की शानदार उपलब्धि से हिमाचल में खुशी का माहौल है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कुल्लू में बेटे ने किया पिता का अधूरा सपना पूरा:पहले अटेम्प्ट में एचएएस में चयन; 3 साल तक सोशल मीडिया से बनाई दूरी कुल्लू जिले के निरमण्ड निवासी अंकुश कुमार ने एचएएस परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने एचएएस बनकर उस सपने को पूरा कर दिखाया है, जो कभी उनके पिता ने देखा था और उस वक्त आर्थिक तंगी के चलते पूरा नहीं कर पाए थे। अंकुश ने पहली बार में ही यह सफलता हासिल की है। उन्होंने 3 साल तक सोशल मीडिया से खुद को दूर रखा। अंकुश कुमार ने बताया कि एचएएस बनने के लिए जरूरी नहीं कि आप 15 घंटे पढ़ें, बल्कि हर दिन पढ़ें और बस लिखते जाएं। खुद में समान्य ज्ञान और देश दुनिया की सामान्य समझ को विकसित करके तैयारी की जाए। स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइज़र हैं पिता अंकुश कुमार के पिता अशोक कुमार स्वास्थ्य विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुल्लू के कार्यालय में बतौर सुपरवाइज़र अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे मूलतः निरमण्ड के परशुराम मोहल्ले के रहने वाले हैं और वर्तमान में कुल्लू के बजौरा में सेटल हो गए हैं। जबकि माता कुसुमलता सफल गृहिणी है और बहन स्वाति ने ह्यूमन रिसोर्स में एमबीए किया है। कोरोना में छोड़ी इंजीनियर की जॉब पिता अशोक कुमार बताते हैं कि अंकुश कुमार की प्राथमिक शिक्षा मणिकर्ण के स्कूल से 2010 में हुई, उसके बाद 12वीं तक कि पढ़ाई नवोदय स्कूल कुल्लू (मंडी ) से 2016 में पूरी हुई। जबकि जेईई की परीक्षा पास करने के बाद अंकुश कुमार ने एनआईटी हमीरपुर से कंप्यूटर साइंस में 2020 तक बीटेक किया। जिसके बाद एक साल रिलायंस डिजीटल कंपनी में बतौर इंजीनियर जॉब कर रहे थे, जब कोरोना महामारी ने दस्तक दे डाली और अंकुश को जॉब छोड़कर घर वापस आना पड़ा।
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हिमाचल में 15 साल पुराने वाहन हटाने होंगे:सभी जिलों में स्क्रैप सेंटर खोलने की तैयारी; इसके लिए 70 लोगों ने भरे टेंडर हिमाचल प्रदेश में 15 साल पुराने वाहन जल्द सड़कों से हटाने होंगे। इसके लिए सभी 12 जिलों में स्क्रैप सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परिवहन विभाग ने स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए निविदाएं मांग ली है। इसके तहत करीब 70 आवेदकों ने स्क्रैप सेंटर के लिए टेंडर भरा है। अगले कुछ दिन के भीतर परिवहन विभाग टैंडर प्रक्रिया पूरी करके इन्हें बनाने का काम शुरू कर देंगा। केंद्र के निर्देशों पर 200 से ज्यादा सरकारी बसें पहले ही सड़कों से हटा दी गई हैं। स्क्रैप सेंटर बनने के बाद 15 साल पुराने प्राइवेट व्हीकल भी बदलने होंगे। इसके लिए स्क्रैप पॉलिसी भी तैयार कर दी गई है। हिमाचल सरकार नॉन कमर्शियल व्हीकल को स्क्रैप कराने वाले लोगों को नई गाड़ी खरीदने पर पंजीकरण शुक्ल में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करेगी। कमर्शियल व्हीकल स्क्रैप कराने पर 15 प्रतिशत की छूट देगी। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को पुराने वाहन स्क्रैप कराने के लिए प्रोत्साहित करना है। स्पेयर पार्ट्स का री-यूज भी नहीं होगा स्क्रैप किए जाने वाहन के किसी भी स्पेयर पार्ट को री-यूज नहीं होगा। वाहन जब स्क्रैप होगा, तो उसका पूरा रिकार्ड रखना होगा। अभी पुरानी गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स का दोबारा इस्तेमाल होता है। मगर स्क्रैप पॉलिसी के तहत अब इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। वर्कशॉप करके स्क्रैप सेंटर की शर्तें बता चुका परिवहन विभाग हिमाचल का परिवहन महकमा स्क्रैप सेंटर खोलने को लेकर बीते दिनों कार्यशाला का आयोजन कर चुका है। इसमें स्क्रैप सेंटर खोलने के इच्छुक लोगों को सरकार की स्क्रैप पॉलिसी के बारे में जानकारी दी गई। इसके नियम व शर्तें बताई गई। जल्द खोले जाएंगे स्क्रैप सेंटर हिमाचल के परिवहन विभाग निदेशक डीसी नेगी ने बताया, प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जा चुके है। इनके मूल्यांकन का काम जारी है। जल्द स्क्रैप सेंटर खोलने का काम आवंटित किया जाएगा।
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मंडी मस्जिद बनाने को 186 मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा:अब इसके नीचे खुदाई की मांग, मंदिरों के अवशेष का दावा, DC से मिले लोग हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी के जेल रोड पर मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी। यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त (MC) कोर्ट ने बीते शुक्रवार को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा। अब मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग इस बीच हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग की है। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग बीते मंगलवार को मंडी के DC अपूर्व देवगन से मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की। इस बाबत स्थानीय निवासी गगन बहल, एडवोकेट संजय मंडयाल, गीतांजलि शर्मा, कर्नल तारा प्रताप राणा, विराज जसवाल, रिटायर्ड डीआईजी केसी शर्मा ने डीसी मंडी अपूर्व देवगन को एक ज्ञापन भी सौंपा। इससे यह मामला आने वाले दिनों में फिर गरमा सकता है। मस्जिद का अवैध हिस्सा तोड़ा गया फिलहाल MC आयुक्त द्वारा मस्जिद के अवैध हिस्से को 30 दिन के भीतर तोड़ने के आदेशों के मामला शांत है। मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के अवैध हिस्से को भी गिरा दिया है। 45 मीटर जगह में बनी थी पुरानी मस्जिद जेल रोड पर पूर्व में 45 वर्ग मीटर में एक मंजिला मस्जिद थी, बाद में यहां पर 3 मंजिला मस्जिद खड़ी कर दी गई। इसी वजह से शिमला के संजौली के बाद मंडी में भी मस्जिद को लेकर बवाल मचा और बीते शुक्रवार को ही स्थानीय लोगों ने मस्जिद को गिराने के लिए उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। संजौली में भी बिना मंजूरी बनाई 5 मंजिला मस्जिद मंडी में अतिक्रमण करके मस्जिद बनाने का मामला और शिमला के संजौली भी बिना मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बनाने के आरोप है। संजौली मस्जिद का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और 5 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। शिमला के लोग इसे भी गिराने की मांग पर अड़े हुए है, क्योंकि यहां पर भी आजादी से पहले दो मंजिला मस्जिद थी।