महाकुंभ का आज 23वां दिन है। मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ सीएम योगी प्रयागराज पहुंचेगे। सीएम का यह 23 दिन में प्रयागराज का 5वां दौरा है। मुख्यमंत्री 5 फरवरी को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारी का जायजा लेंगे। हेलीपैड से लेकर अरैल और संगम नोज तक की व्यवस्था को देखेंगे। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। अब तक 35 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। वहीं, वसंत पंचमी पर आखिरी अमृत स्नान में 2.33 करोड़ लोगों ने स्नान किया। वहीं, 29 जनवरी को हुई भगदड़ से संबंधित अफवाह फैलाने के आरोप में 8 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों ने अपने X अकाउंट और इंस्टाग्राम आईडी पर वीडियो-फोटो अपलोड किए थे। महाकुंभ का आज 23वां दिन है। मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ सीएम योगी प्रयागराज पहुंचेगे। सीएम का यह 23 दिन में प्रयागराज का 5वां दौरा है। मुख्यमंत्री 5 फरवरी को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारी का जायजा लेंगे। हेलीपैड से लेकर अरैल और संगम नोज तक की व्यवस्था को देखेंगे। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। अब तक 35 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। वहीं, वसंत पंचमी पर आखिरी अमृत स्नान में 2.33 करोड़ लोगों ने स्नान किया। वहीं, 29 जनवरी को हुई भगदड़ से संबंधित अफवाह फैलाने के आरोप में 8 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों ने अपने X अकाउंट और इंस्टाग्राम आईडी पर वीडियो-फोटो अपलोड किए थे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं
पंजाब में सुखबीर बादल को लेकर SAD में फूट:बागी गुट अकाल तख्त पहुंचा; राम रहीम को माफी, DGP सुमेध सैनी समेत 4 गलतियां कबूलीं पंजाब में पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के बेटे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बड़ी बगावत हो गई है। अकाली दल का बागी गुट सोमवार को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें 4 पॉइंट पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इस दौरान बागी गुट ने तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी मुलाकात की। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दोनों पक्षों को बैठकर इसका हल निकालने के लिए कहा। वहीं बागी गुट का अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रधान बनाने के लिए किसी ने पहुंच नहीं की है। अगर समूची पार्टी उन्हें इस पद के लिए चुनेगी तो वे इस पर विचार करेंगे। अन्यथा गुटबाजी का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। अकाल तख्त पर पेश होने के बाद बागी गुट के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- ”आज हम सिर्फ हाजिरी देकर व माफी लेने आए हैं। पार्टी से जो गलतियां हुई हैं, लिखित में उसके लिए माफी मांगने आए हैं। अकाली दल को जो तगड़ा करने के लिए काम कर सकता है, उस तक एप्रोच किया गया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह तक भी जाएंगे। श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगना और गुरु साहिब के आगे पार्टी को मजबूत करने के लिए अरदास करना बागीपन नहीं है। सुखबीर बादल के अकाल तख्त साहिब पर माफी मांगने के लिए आने की बात पर चंदूमाजरा ने कहा कि वे अपनी गलतियों के लिए माफी मांगने आए हैं। उन्होंने माफी मांगनी है या नहीं, ये उन पर डिपेंड करता है। हमसे से माफी मांगने में जो देरी हुई, उसके लिए ही माफी मांगने आए हैं। वहीं, बीबी जगीर कौर ने कहा कि हम जल्द ही सब कुछ बताएंगे। एक बार श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक हो जाएं। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट
सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। जाने क्या लिखा था झूंदा रिपोर्ट में
झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा
शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है। जाने कब बना अकाली दल
14 दिसंबर, 1920 को एक SAD का गठन किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह बताया गया था कि गुरुद्वारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा नियुक्त महंतों (पुजारियों) के नियंत्रण से मुक्त कराया जाएगा। SAD के गठन से एक महीना पहले 15 नवंबर को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) का गठन हुआ था। ननकाना साहिब में मत्था टेकते समय एक डिप्टी कमिश्नर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी और इस वजह से लोगों में गुस्सा था। तब यह मांग उठी थी कि गुरुद्वारों को महंतों से मुक्त कराया जाना चाहिए। SAD ने इसके खिलाफ संघर्ष छेड़ा और यह 4 साल तक चला। इस दौरान महंतों और ब्रिटिश प्रशासन के हमलों में 4 हजार लोगों की मौत हुई थी। आखिरकार सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 बनाया गया और सभी गुरुद्वारे एसजीपीसी के नियंत्रण में आ गए। अकाली दल ने देश की आजादी से पहले कांग्रेस के साथ भी गठबंधन किया था। SAD के नेता मास्टर तारा सिंह की वजह से ही बंटवारे के दौरान पंजाब के आधे हिस्से को पाकिस्तान में जाने से रोका गया था। ज्यादातर नेता सुखबीर बादल के साथ अकाली दल में एक तरफ बगावत तेज हो रही है तो दूसरी तरफ सुखबीर भी अपने ग्रुप को मजबूत करने में जुटे हैं। फिलहाल पार्टी के मौजूदा 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और मौजूदा 105 हलका प्रभारियों में से 96 ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले NDA में दरार! शिवसेना नेता ने की बीजेपी के मंत्री के इस्तीफे की मांग
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले NDA में दरार! शिवसेना नेता ने की बीजेपी के मंत्री के इस्तीफे की मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र मे आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहा है, लेकिन इससे पहले महायुति में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है. एनडीए के दो नेता ऐसे हैं जिनकी कभी बनती नहीं है, इसकी वजह से गठबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम और बीजपी के मंत्री रविंद्र चव्हाण के बीच हमेशा रार देखने को मिलती है. वहीं अब नौबत यहां तक आ गई कि रामदास कदम ने मंत्री रविंद्र चौहान के इस्तीफे की मांग कर दी.<br /> <br />मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी और जेष्ठ नेता रामदास कदम ने बीजेपी के मंत्री का इस्तीफा मांगा है. बीजेपी मंत्री रविंद्र चव्हाण महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री हैं. वहीं मुंबई गोवा हाईवे को लेकर रामदास कदम ने चव्हाण की आलोचना की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, “रविंद्र चव्हाण काम करने मे असफल रहे है, कितने सालों से मुंबई-गोवा हाईवे का काम नहीं हो रहा है, राज्य के लोगों को तकलीफ हो रही है और मंत्री रविंद्र चव्हाण निश्चिंत है. इसलिए मैं देवेंद्र फडणवीस से मांग करूंगा कि वह रविंद्र चव्हाण का इस्तिफा लें. शिवसेना और बीजेपी के बीच यह पहली बार नहीं हो रहा है इसके पहले भी ऐसे कई विवाद दिखाई दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कदम को सांभालो- रविंद्र चव्हाण</strong><br />वहीं इस मामले पर रविंद्र चव्हाण ने कहा, “रामदास कदम एक वरिष्ठ नेता हैं और इस तरह की भाषा उनको शोभा नहीं देती. महायुती का धर्म निभाने का ठेका सिर्फ हमनें नहीं लिया है. सीएम एकमाथ शिंदे से मेरी विनती है कि रामदास कदम जैसे लोगों को वह अपने काबू मे रखें नहीं तो हमें भी ऐसी भाषा का इस्तमाल करना आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, मंत्री रविंद्र चव्हाण बीजेपी के कई बड़े मिशन का हिस्सा बनते हैं, चुनाव की रणनीति कई बार यही तय करते हैं. पर्दे पर आना इनको पसंद नहीं है इसलिए हमेशा यह पर्दे के पिछे रहकर अपने पार्टी का काम करते है. राज्यसभा, विधान परिषद जैसे चुनाव की रणनीति का यह बड़ा हिस्सा रहते हैं, ठाणे, कोंकण मे रविंद्र चव्हाण का नाम बनते जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुले मंच से बीजेपी से जताई था नाराजगी</strong><br />महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने पार्टी के स्थापना दिवस पर भी बीजेपी और अजित पवार पर नाराजगी जताई थी. रामदास कदमने खुले मंच पर भाषण करते वक्त <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> को हाथ जोड़कर विनती की अलगी बार मोदी शाह के पास उनके लेकर जाए, क्योंकी <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> मे शिंदे गुट को देरी से सीट मिलने के कारण कई जगह पर नुकसान हुआ था. रामदास कदम ने इसका जिम्मेदार बीजेपी को ठहराया था और साथ ही साथ ये भी कहा था कि अजित पवार थोड़ी और देरी से सत्ता में आते तो अच्छा होता. </p>
‘बहुत छोटा आदमी है, इसे नफरत मंत्रालय का…’, मंत्री नितेश राणे पर अबू आजमी का बड़ा हमला
‘बहुत छोटा आदमी है, इसे नफरत मंत्रालय का…’, मंत्री नितेश राणे पर अबू आजमी का बड़ा हमला <p style=”text-align: justify;”><strong>Abu Azmi on Nitesh Rane:</strong> महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंत्री नितेश राणे ने फिर से एक विवादित बयान दे दिया है. अब उन्होंने केरल को ‘मिनी पाकिस्तान’ करार दिया है. उन्होंने यह कह दिया, “केरल मिनी पाकिस्तान है, तभी राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां से जीत कर आते हैं.” अब समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने नितेश राणे के ऐसे बयान पर आपत्ति जताई है और कहा है कि वह केवल नफरत फैलाने का काम करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बयान देते हुए अबू आजमी ने कहा, “नितेश राणे बहुत छोटा आदमी है. अगर मुख्यमंत्री चाहें तो नितेश राणे को एक ऐसा मंत्रालय बना कर दे दें, जिसमें नफरत भड़काने वालों को रखा जाए और इन्हें उस कैबिनेट का मंत्री बना दें. नितेश राणे का पोर्टफोलियो ‘नफरत’ वाला हो जाना चाहिए. ये आदमी जो चाहे बोल देता है, इस पर कोई रोक टोक नहीं है.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Mumbai: In response to State Minister Nitesh Rane’s statement that Kerala is a mini Pakistan, Maharashtra SP President Abu Azmi says, “If this is what needs to be done, then the cabinet should be formed like this. If the Chief Minister wants, let him appoint a minister who… <a href=”https://t.co/utcO7Qr3R0″>pic.twitter.com/utcO7Qr3R0</a></p>
— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1873629399825735911?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 30, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’नितेश राणे पर क्यों नहीं होता केस?’- अबू आजमी</strong><br />अबू आजमी ने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नफरत की बात करने वालों पर स्वत: संज्ञान लिया जाना चाहिए. क्या सरकारें नपुंसक हो गई हैं, जो इस पर केस नहीं करती हैं? देश के एक हिस्से, एक राज्य को यह कह देना कि यह आतंकवादी स्टेट है, क्या यह ठीक है? मुझे खुशी है कि केरल एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, जो नफरत करने वालों को अपने यहां पनपने नहीं दे रहा. इसलिए इनका कलेजा फट रहा है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नितेश राणे पहले भी दे चुके हैं कई भड़काऊ बयान</strong><br />नितेश राणे ने बीते दो नवंबर को एक और भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि ‘देश में 90 फीसदी हिन्दू रहते हैं. उनके हितों की चिंता करना कोई अपराध नहीं है. यहां रहने वाले बांग्लादेशी लोग हिन्दुओ के त्योहार पर हिंसा करते हैं.’ वहीं, इसके पहले नितेश राणे यह भी कह चुके हैं कि 24 घंटे के लिए पुलिस हटा दी जाए तो वह अपना ‘ताकत’ दिखा देंगे. भड़काऊ बयान देते हुए उन्होंने इससे पहले यह भी कहा, ‘मस्जिद में घुस कर मारेंगे’.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/majeed-memon-demands-action-against-nitesh-rane-over-his-contorversial-remark-mini-pakistan-in-maharashtra-2852722″>नितेश राणे के ‘मिनी पाकिस्तान’ बयान पर भड़के माजिद मेमन, कहा- ‘यह तो देवेंद्र फडणवीस की…'</a></strong></p>