कपूरथला के गांव बलेर खानपुर में विदेश में हुई एक शादी को लेकर हुए विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। देर रात पूर्व महिला सरपंच के घर पर 10-12 लोगों ने धावा बोल दिया, जिसमें घर में मौजूद युवक ने आत्मरक्षा में अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी। इस घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, एक व्यक्ति की छाती में और दूसरे के पेट में गोली लगी है। दोनों घायलों को जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी दीप करण सिंह के नेतृत्व में थाना सदर की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। आरोपी की तलाश में पुलिस की छापेमारी पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला एक ही गांव के लड़के और लड़की की विदेश में हुई शादी से जुड़ा है। लड़की पक्ष के लोगों ने पूर्व महिला सरपंच के घर पहुंचकर युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी। शुरुआत में युवक ने हवाई फायर किए, लेकिन जब हमलावरों ने मारपीट जारी रखी, तो उसने उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और घटनास्थल से एक वाहन को भी अपने कब्जे में ले लिया है। डीएसपी ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। थाना सदर की पुलिस ने पीड़ित तरसेम सिंह निवासी गांव बलेर खानपुर की शिकायत पर आरोपी नवदीप सिंह उर्फ दीपा निवासी गांव बलेर खानपुर के खिलाफ आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। DSP सब-डिवीजन दीपकरण सिंह ने बताया कि फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है। कपूरथला के गांव बलेर खानपुर में विदेश में हुई एक शादी को लेकर हुए विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। देर रात पूर्व महिला सरपंच के घर पर 10-12 लोगों ने धावा बोल दिया, जिसमें घर में मौजूद युवक ने आत्मरक्षा में अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायरिंग कर दी। इस घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, एक व्यक्ति की छाती में और दूसरे के पेट में गोली लगी है। दोनों घायलों को जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी दीप करण सिंह के नेतृत्व में थाना सदर की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। आरोपी की तलाश में पुलिस की छापेमारी पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला एक ही गांव के लड़के और लड़की की विदेश में हुई शादी से जुड़ा है। लड़की पक्ष के लोगों ने पूर्व महिला सरपंच के घर पहुंचकर युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी। शुरुआत में युवक ने हवाई फायर किए, लेकिन जब हमलावरों ने मारपीट जारी रखी, तो उसने उन पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और घटनास्थल से एक वाहन को भी अपने कब्जे में ले लिया है। डीएसपी ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। थाना सदर की पुलिस ने पीड़ित तरसेम सिंह निवासी गांव बलेर खानपुर की शिकायत पर आरोपी नवदीप सिंह उर्फ दीपा निवासी गांव बलेर खानपुर के खिलाफ आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। DSP सब-डिवीजन दीपकरण सिंह ने बताया कि फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना सिंधी बेकर्स फायरिंग केस:मोगा पुलिस के साथ हुई मुठभेड़, पैर में गोली लगने से एक बदमाश घायल लुधियाना में बीते दिन राजगुरू नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर गोलियां चलाने वाले दो गैंगस्टरों का मोगा पुलिस ने देर रात एनकाउंटर कर पकड़ा है। एक बदमाश की दाएं पैर पर गोली लगी है। एक लुटेरा चोट लगने से चोटिल है। दोनों गैंगस्टरों को देर रात मोगा स्थित एक अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। मोगा पुलिस ने दोनों बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। एनआरआई के घर पर भी की थी बदमाशों ने फायरिंग बता दें सूत्रों मुताबिक, पता चला है कि करीब 1 सप्ताह पहले सराभा नगर इलाके में एआरआई की कोठी के बाहर इन्हीं दोनों बदमाशों ने गोलियां चलाई थी। उस समय बदमाश बलीनों कार पर सवार होकर आए थे। घटना की सीसीटीवी फूटेज भी सामने आई थी। थाना सराभा नगर की पुलिस बदमाशों को लोकेट करने में जुटी हुई थी। चेहरे पर कपड़ा लपेट कर आए थे लुटेरे जानकारी मुताबिक थाना सिटी मोगा के एएसआई सुखविंदर सिंह पुलिस पार्टी सहित दिल्ली कालोनी में गश्त कर रहे थे। सड़क पर एक्टिवा सवार दो बदमाश मुंह पर कपड़ा लपेट कर आते दिखे। पुलिस ने शक के आधार पर बदमाशों को रुकने का इशारा किया। लुटेरों ने एक्टिवा भगाने की कोशिश की लेकिन स्कूटी स्लिप कर गई। गिरने के बाद अंधेरे का फायदा उठा कर लुटेरे भागने लगे। गैंगस्टरों ने पुलिस कर्मचारियों पर फायरिंग कर दी। पुलिस मुठभेड़ में एक गैंगस्टर की दाईं लात पर गोली लगी जबकि दूसरा स्कूटी गिरने के कारण चोटिल हो गया। गैंगस्टरों की पहचान जगमीत सिंह उर्फ मीता निवासी आरा बहोना चौक के रूप में हुई है। पुलिस को बदमाश से एक 32 बोर का पिस्टल मैगजिन सहित मिला। पिस्टल के चैबर में एक जिंदा रोंद भी बरामद हुआ। दूसरे लुटेरे का नाम विकास कुमार उर्फ कासा निवासी पहाड़ा सिंह चौक के रूप में हुई है।
राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस:हाईकोर्ट से बरी हुआ था, साध्वियों की चिट्ठी के शक में डेरा मैनेजर की हत्या हुई थी
राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का नोटिस:हाईकोर्ट से बरी हुआ था, साध्वियों की चिट्ठी के शक में डेरा मैनेजर की हत्या हुई थी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट ने डेरा मैनेजर रणजीत हत्याकांड में नोटिस जारी किया है। डेरा मैनेजर की साल 2002 में हत्या कर दी गई थी। इस केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम और उसके साथियों को बरी कर दिया था। CJI की बैंच ने इस केस को सुनवाई के लिए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बैंच को सौंप दिया है। रणजीत की हत्या 23 साल पहले हुई थी। मामले में19 साल बाद राम रहीम और उसके साथियों को पंचकूला स्थित CBI की स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट गया, जहां से 3 साल बाद वह बरी हो गया। दरअसल 2002 में तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को एक चिट्ठी भेजी गई थी। इसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें रणजीत हत्याकांड की पूरी कहानी … 1. यौन शोषण की चिट्ठी से आहत होकर डेरा छोड़ा
रणजीत सिंह साल 2002 में डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर थे। रणजीत सिंह कुरूक्षेत्र के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार भी डेरे से जुड़ा हुआ था। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक एक गुमनाम चिठ्ठी की वजह से डेरा सच्चा सौदा में हंगामा खड़ा हो गया। उस गुमनाम चिट्ठी में एक साध्वी का यौन शोषण किए जाने का खुलासा था। चिठ्ठी सामने आते ही डेरा सच्चा सौदा पर सवाल उठने लगे। डेरे में यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रणजीत सिंह आहत हो गए। इसी बात को लेकर उन्होंने डेरे के मैनेजर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ परिवार के लोग भी डेरे से अलग हो गए। 2. गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला इसी गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। यह चिट्ठी तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने जांच के बाद कोर्ट में कहा था कि राम रहीम को शक था कि गुमनाम चिट्ठी के पीछे रणजीत का हाथ है। इस चिट्ठी में रणजीत की बहन का भी जिक्र था। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद रणजीत को डेरे में बुलाया गया। जहां उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, रणजीत ने कहा कि इस चिट्ठी के पीछे उसकी कोई भूमिका नहीं है। जिसके बाद उसकी हत्या हो गई। 3. 22 साल पहले हत्या, 19 साल बाद हुई थी सजा, 3 साल बाद बरी
रणजीत सिंह की हत्या की शुरुआती जांच पुलिस ने की थी। जांच में डेरे को क्लीन चिट दे दी गई। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में पंजाब एंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की थी। हालांकि, शुरुआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच CBI को सौंपी गई। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान पर डेरा प्रमुख को शामिल किया गया। इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे। 19 साल के बाद अक्टूबर 2021 में डेरा मुखी समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। जिसके बाद पंचकूला की स्पेशल CBI कोर्ट ने राम रहीम और 4 अन्य आरोपियों अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा राम रहीम पर 31 लाख, सबदिल सिंह पर डेढ़ लाख, जसबीर सिंह व कृष्ण लाल पर सवा-सवा लाख रुपए और अवतार सिंह पर 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद राम रहीम सजा के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चला गया। जहां से पंचकूला की CBI कोर्ट से मिली सजा के 3 साल बाद 28 मई, 2024 को राम रहीम हाईकोर्ट से बरी हो गया। 4. हाईकोर्ट ने CBI और पुलिस के जांच के तरीके पर उठाए थे सवाल
इस केस में हाईकोर्ट ने 163 पेज का फैसला दिया। जिसमें CBI और पुलिस की जांच के तरीके पर सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने कहा कि- 5. जिसने चिट्ठी छापी, उसकी भी हत्या हुई
साध्वियों के यौन शोषण को लेकर लिखी यही चिट्ठी बाद में सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार में छापी थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर को गोली मार दी गई। पत्रकार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 21 नवंबर को उनकी मौत हो गई थी। छत्रपति की हत्या का आरोप भी राम रहीम पर लगा। इस मामले में वह अभी जेल में 19 साल की कैद काट रहा है। राम रहीम के खिलाफ 2 और केस चल रहे… 1. 400 भक्तों को नपुंसक बनाने का मामला
गुरमीत राम रहीम पर 400 भक्तों को नपुंसक बनाने का भी आरोप है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 2015 में राम रहीम के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। 1 फरवरी 2018 को CBI ने राम रहीम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस केस में एमपी सिंह और पंकज गर्ग समेत दो डॉक्टरों को भी आरोपी बनाया गया है। ये मामला पंचकूला CBI कोर्ट में अंडर ट्रायल है। 2. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला
राम रहीम पर बठिंडा के गांव सलाबतपुरा स्थित डेरे में एक कार्यक्रम में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह पोशाक पहनकर नकल करने का आरोप भी है। 2007 में राम रहीम के खिलाफ सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज हुआ। 2014 में बठिंडा की एक अदालत ने बरी कर दिया था। 2015 में फिर से रिवीजन पिटीशन दायर की गई थी। केस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेंडिंग है। ************** ये खबर भी पढ़ें… वह गुमनाम चिट्ठी, जिसके बाद रणजीत का मर्डर हुआ:इसी केस में राम रहीम बरी हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के साम्राज्य को एक गुमनाम चिट्ठी ने तबाह किया था। यह चिट्ठी डेरे में साध्वियों के यौन शोषणा से जुड़ी हुई थी। इस चिट्ठी के सामने आने के बाद पहले डेरे के मैनेजर रणजीत सिंह का मर्डर हुआ पूरी खबर पढ़ें
असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पंजाब पुलिस पूरी तरह अलर्ट : धालीवाल
असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पंजाब पुलिस पूरी तरह अलर्ट : धालीवाल भास्कर न्यूज | अमृतसर बीते दिनों सुनार की दुकान पर हुई डकैती को लेकर कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पीड़ित की दुकान पर पहुंचे और पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मान सरकार किसी भी तरह से असामाजिक तत्वों को सिर उठाने नहीं देगी और सख्त कार्रवाई करेगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धालीवाल ने कहा कि लुटेरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पंजाब पुलिस असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने चार दिन के अंदर लुटेरों को पकड़ लिया है। उन्होंने कहा कि सुनार की दुकान में लूटपाट करने वालों के पास से सामान भी बरामद कर लिया गया है और कानूनी कार्रवाई कर संबंधित दुकानदार को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृतसर और बटाला की पुलिस ने पूरी तत्परता से इन लुटेरों को काबू करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने दुकानदारों को आश्वासन दिया कि पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। मंत्री धालीवाल ने कहा कि कुछ समय पहले अजनाला में डकैती हुई थी और डकैती के आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।