हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा बुधवार को भिवानी पहुंचे। उन्होंने यहां पंचायत भवन में आयोजित जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुनीं। इस दौरान शिक्षा मंत्री के समक्ष कुल 17 शिकायतें आईं। हालांकि, अधिकांश शिकायतों में शिकायतकर्ता उपस्थित नहीं हुए। जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिकायतकर्ता संतुष्ट हैं। वहीं, अधिकांश शिकायतकर्ता बाहर जा चुके हैं। ग्रीवेंस कमेटी के 2 सदस्यों की टीम बनाई इसलिए शिक्षा मंत्री ने खुद संदेह जताया कि आधे से ज्यादा शिकायतकर्ता क्यों नहीं आए। इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री ने ग्रीवेंस कमेटी के 2 सदस्यों की टीम बनाई है। जो सभी शिकायतकर्ताओं से संपर्क करेगी और पता करेगी कि शिकायतकर्ता बैठक में क्यों नहीं पहुंचे। इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। एसीओ को किया निलंबित गांव कितलाना में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के समक्ष फिरनी का मामला रखा गया। इस दौरान संबंधित अधिकारी नहीं आए, जिन्हें सख्त निर्देश दिए गए कि सभी विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहें। वहीं, ग्रामीणों की फिरनी संबंधी समस्या और चकबंदी के मुद्दे को लेकर एसीओ को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, वह बैठक में मौजूद नहीं थे। इसलिए अन्य अधिकारियों को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसलिए मंत्री ने कहा कि अगर एसीओ नियमित हैं तो उन्हें निलंबित किया जाए और अगर प्रतिनियुक्ति पर हैं तो उन्हें हटाया जाए। पब्लिक हेल्थ के अधिकारी को फटकार शिकायत समिति की बैठक में पेयजल की समस्या का मामला उठाया गया। इस पर मंत्री ने जन स्वास्थ्य अधिकारी को फटकार लगाई। मंत्री ने कहा कि यह शिकायत शिकायत समिति तक क्यों पहुंची। इस तरह के मामले शिकायत समिति तक नहीं पहुंचने चाहिए। अगर भविष्य में इस तरह के मामले आए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी शिकायतें अधिकारी स्तर पर की जानी चाहिए। बहल कॉलेज के पानी का मुद्दा पहुंचा ग्रीवेंस कमेटी ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में बहल महिला कॉलेज के पीने के पानी की समस्या पहुंची। हालांकि विभाग द्वारा फिलहाल बोर करवाकर पानी की मोटर लगा दी है। लेकिन अभी भी पानी की पूर्ति नहीं हो रही थी। इसलिए शिकायतकर्ता के अनुग्रह पर मंत्री ने 5 एचपी के स्थान पर 10 एचपी की मोटर लगाने के निर्देश दिए। विभाग ने कहा कि सप्लाई की लाइन नहीं होने के कारण कनेक्शन नहीं मिल सकता। स्कूल में कूड़ा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश स्कूल में कूड़ा फेंकने की शिकायत ग्रीवेंस तक पहुंची थी। जिसके बाद स्कूल की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया। लेकिन शिकायतकर्ता ने बताया कि बाउंड्रीवॉल कहीं चार इंच, कहीं नौ इंच तो कहीं 18 इंच है। अभी भी स्कूल में गोबर और कूड़ा फेंका जा रहा है। सरपंच ने बताया कि आपस में विवाद हो गया था, जिसके बाद बाउंड्रीवॉल हटा दी गई। मंत्री ने कूड़ा और गोबर फेंकने वालों से सख्ती से बात करने के भी निर्देश दिए। हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा बुधवार को भिवानी पहुंचे। उन्होंने यहां पंचायत भवन में आयोजित जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतें सुनीं। इस दौरान शिक्षा मंत्री के समक्ष कुल 17 शिकायतें आईं। हालांकि, अधिकांश शिकायतों में शिकायतकर्ता उपस्थित नहीं हुए। जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिकायतकर्ता संतुष्ट हैं। वहीं, अधिकांश शिकायतकर्ता बाहर जा चुके हैं। ग्रीवेंस कमेटी के 2 सदस्यों की टीम बनाई इसलिए शिक्षा मंत्री ने खुद संदेह जताया कि आधे से ज्यादा शिकायतकर्ता क्यों नहीं आए। इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्री ने ग्रीवेंस कमेटी के 2 सदस्यों की टीम बनाई है। जो सभी शिकायतकर्ताओं से संपर्क करेगी और पता करेगी कि शिकायतकर्ता बैठक में क्यों नहीं पहुंचे। इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। एसीओ को किया निलंबित गांव कितलाना में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के समक्ष फिरनी का मामला रखा गया। इस दौरान संबंधित अधिकारी नहीं आए, जिन्हें सख्त निर्देश दिए गए कि सभी विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहें। वहीं, ग्रामीणों की फिरनी संबंधी समस्या और चकबंदी के मुद्दे को लेकर एसीओ को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, वह बैठक में मौजूद नहीं थे। इसलिए अन्य अधिकारियों को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। इसलिए मंत्री ने कहा कि अगर एसीओ नियमित हैं तो उन्हें निलंबित किया जाए और अगर प्रतिनियुक्ति पर हैं तो उन्हें हटाया जाए। पब्लिक हेल्थ के अधिकारी को फटकार शिकायत समिति की बैठक में पेयजल की समस्या का मामला उठाया गया। इस पर मंत्री ने जन स्वास्थ्य अधिकारी को फटकार लगाई। मंत्री ने कहा कि यह शिकायत शिकायत समिति तक क्यों पहुंची। इस तरह के मामले शिकायत समिति तक नहीं पहुंचने चाहिए। अगर भविष्य में इस तरह के मामले आए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी शिकायतें अधिकारी स्तर पर की जानी चाहिए। बहल कॉलेज के पानी का मुद्दा पहुंचा ग्रीवेंस कमेटी ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में बहल महिला कॉलेज के पीने के पानी की समस्या पहुंची। हालांकि विभाग द्वारा फिलहाल बोर करवाकर पानी की मोटर लगा दी है। लेकिन अभी भी पानी की पूर्ति नहीं हो रही थी। इसलिए शिकायतकर्ता के अनुग्रह पर मंत्री ने 5 एचपी के स्थान पर 10 एचपी की मोटर लगाने के निर्देश दिए। विभाग ने कहा कि सप्लाई की लाइन नहीं होने के कारण कनेक्शन नहीं मिल सकता। स्कूल में कूड़ा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश स्कूल में कूड़ा फेंकने की शिकायत ग्रीवेंस तक पहुंची थी। जिसके बाद स्कूल की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया। लेकिन शिकायतकर्ता ने बताया कि बाउंड्रीवॉल कहीं चार इंच, कहीं नौ इंच तो कहीं 18 इंच है। अभी भी स्कूल में गोबर और कूड़ा फेंका जा रहा है। सरपंच ने बताया कि आपस में विवाद हो गया था, जिसके बाद बाउंड्रीवॉल हटा दी गई। मंत्री ने कूड़ा और गोबर फेंकने वालों से सख्ती से बात करने के भी निर्देश दिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में MBBS एग्जाम में गड़बड़ी के बाद अलर्ट:पर्यवेक्षकों को नई जिम्मेदारी, आने-जाने का ब्योरा देना होगा, 17 मेडिकल कॉलेजों के लिए नियम हरियाणा में एमबीबीएस परीक्षा में हुई गड़बड़ियों को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। इन खामियों को दूर करने के लिए परीक्षा ड्यूटी में लगे पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया गया है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (UHSR) ने परीक्षा पर्यवेक्षकों को और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जिम्मेदारी तय की है। अब परीक्षा केंद्र पर पेपर और आंसर शीट ले जाने और उन्हें वापस विश्वविद्यालय लाने की जिम्मेदारी निभाने वाले पर्यवेक्षकों को परीक्षा के दिन अपनी यात्रा और ड्यूटी, समय सहित विवरण का एक प्रोफार्मा भरना होगा। यह प्रोफार्मा आंसर शीट के साथ जमा करना होगा। सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा की खामियों को दूर करने के निर्णय के बाद यह कदम उठाया गया है। नए उपायों को राज्य के सभी 17 मेडिकल और 128 पैरामेडिकल कॉलेजों में लागू किया गया है। हर घटना की देनी होगी रिपोर्ट पर्यवेक्षकों को पेपर खोलने और बांटने का समय, उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह और विश्वविद्यालय को जमा करने का समय भी दर्ज करना होगा। वे समग्र रिपोर्ट के अलावा केंद्र पर किसी भी घटना या कदाचार की भी रिपोर्ट करेंगे। अधीक्षकों को एक प्रोफार्मा भरने और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया है, जिसमें केंद्रों पर अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकने की उनकी जिम्मेदारी बताई गई है। वे यह भी घोषित करेंगे कि परीक्षार्थियों की मदद करते पाए जाने वाले किसी भी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पर्यवेक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी की जांच के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति इस घोटाले में पर्यवेक्षकों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिसमें वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखना शामिल है। मामले में शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि पेपर लीक करने में रैकेटियर शामिल थे। जांच में आंसर शीट से छेड़छाड़ के सबूत मिल चुके पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक की तीन सदस्यीय कमेटी को उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ से जुड़े कई तथ्य मिले हैं। जांच टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता छात्र ने अपना बयान दर्ज करा चुका है। आरोप लगाया गया है कि कुछ मामलों में कर्मचारी आंसर शीट का पहला पेज हटाकर दूसरी शीट पर सिल देता था। इस शीट पर अभ्यर्थी का सीट नंबर, बारकोड और रोल नंबर होता था। इस दूसरी शीट को अभ्यर्थी या उसकी ओर से किसी और ने दोबारा लिखा होता था। जांच पर CID की भी नजर हरियाणा में सामने आए MBBS परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगा। CID हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है।इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के MBBS-MD परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती हैं। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने… 1. सेंटर से बाहर भेजते थे उत्तर पुस्तिकाएं एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है। 2. ऑनलाइन भी रुपए लेते थे कर्मचारी MBBS एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है। 3. दूसरे एग्जाम में भी घोटाले के सबूत मिले हरियाणा के इस एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। 2 कर्मचारी सस्पेंड हो चुके, 3 की सेवाएं रोकीं PGIMS प्रशासन ने इस मामले में कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को सस्पेंड कर दिया। वहीं आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज और रितु की सेवाओं पर रोक लगा दी है। इस घोटाले के जवाब में, यूएचएसआर अधिकारियों ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जांच लंबित रहने तक तीन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं तथा आगामी एमबीबीएस/एमडी/एमएस परीक्षाओं में और अधिक गड़बड़ी को रोकने के लिए विभिन्न जिलों में तीन निजी कॉलेजों के परीक्षा केंद्रों को बदल दिया है।
फरीदाबाद के सांसद सचिन पायलट पर बोले:दोनों ने की एक दूसरे की तारीफ, गुर्जर बोले-समाज ने सचिन को छप्पड़ फाड वोट दिया, कांग्रेस ने कुछ नही
फरीदाबाद के सांसद सचिन पायलट पर बोले:दोनों ने की एक दूसरे की तारीफ, गुर्जर बोले-समाज ने सचिन को छप्पड़ फाड वोट दिया, कांग्रेस ने कुछ नही हरियाणा के फरीदाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने जमकर की एक दूसरे की जमकर तारीफ की। इस दौरान कृष्णपाल गुर्जर ने तारीफ में सचिन पायलट की दुखती नस को भी दबा दिया। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के नाता एक दूसरे पर तीखे ब्यान देते अक्सर देखे जाते है। लेकिन राजस्थान में दो बड़े नेता एक दूसरे की जमकर तारीफ करते नजर आए। जिनमें एक है फरीदाबाद से सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ,दूसरे है राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के बड़े नेता सचिन पायलट। राजस्थान में गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद (जीकेप) भवन के भूमि पूजन एवं भामाशाह सम्मान समारोह का मंच था। जिसमें पूरे गुर्जर समाज सहित समाज के दिग्गज नेताओ को बुलाया गया था। केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और सचिन पायलट भी समारोह में पहुंचे थे। राजनेता एक दूसरे की तारीफ करे ऐसा कम ही देखने को मिलता है। लेकिन यहा वो हुआ जो शायद ही किसी ने सोचा हो। सचिन पायलट नो की कृष्णपाल गुर्जर की तारीफ मंच पर संबोधन देते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बीजेपी सांसद कृष्णपाल गुर्जर की जमकर तारीफ की ,उन्होंने कहा कि वो कृष्णपाल गुर्जर की यादश्त कालोहा मानते है। पहली बार वो उनके साथ मंच सांझा कर रहे है। आज भी कृष्णपाल गुर्जर राजस्थान के लोगों के संपर्क में है ये बहुत बड़ी बात है। भवन के निमार्ण में योगदान करने पर सचिन पायलट ने कृष्णपाल गुर्जर का धन्यवाद किया। कृष्णपाल गुर्जर ने तारीफ में सचिन पायलट पर कसा तंज कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पहले तो तारीफ की, लेकिन कहा जाता है ना कि राजनेता राजनीति नही छोड़ सकते मंच चाहे किसी का भी है। कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि सचिन पायलट जब राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, तब लोगों ने उनको छप्पर फाड़कर वोट दिया था। किस लिए दिया था वो आप भी जानते है और समाज भी जानता है। ये वो वक्त था जब सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा थे। और सीएम बनने की चाह रखते थे। सरकार तो राजस्थान में कांग्रेस की आई लेकिन सीएम अशोक गहलोत को बना दिया गया था। कृष्णपाल गुर्जर ने एक ही वाक्य में सचिन पायलट की दुखती नस को दबा दिया।