महाराष्ट्र की सियासत में ‘अंडे’ पर उबाल, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, बच्चों का दिया हवाला

महाराष्ट्र की सियासत में ‘अंडे’ पर उबाल, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, बच्चों का दिया हवाला

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Politics:</strong> महाराष्ट्र में सरकारी और अनुदानित स्कूलों के बच्चों को अंडा और चीनी नहीं मिलेगा. शालेय पोषण आहार में अंडे और मीठे पदार्थों का फंड बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने शालेय पोषण आहार में मिलने वाले अंडे और मीठे पदार्थों को बंद करने का आदेश जारी किया है. सरकार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि अंडे और चीनी के लिए अतिरिक्त फंड नहीं दिया जाएगा. सरकार के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है. उद्धव गुट की शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने निर्णय को लोभी नेताओं की नीति बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, शरद पवार की एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सरकार की आलोचना की. उन्होंने फैसले को छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया. उनका कहना है कि शालेय पोषण आहार में अंडे और अन्य पौष्टिक पदार्थ देना छात्रों के विकास के लिए आवश्यक था. बता दें कि 7 नवम्बर 2023 को राज्य सरकार ने आदेश जारी कर बताया था कि छात्रों को पौष्टिक आहार देने के लिए हफ्ते में एक दिन अंडा देने का फैसला हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में प्रति अंडे पांच रुपये खर्च करने की बात भी कही गई थी. हालांकि, अब सरकार ने साफ कर दिया है कि अंडे और चीनी के लिए अतिरिक्त फंड नहीं मिलेगा. इसके बजाय, जनभागीदारी से जुटाने का प्रयास करने को कहा गया है. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत विभिन्न स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक छात्रों को शालेय पोषण आहार दिया जाता है.&nbsp;<br />&nbsp;<br /><strong>आहार में क्या क्या मिलेगा?&nbsp;</strong><br />इस योजना के तहत, पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन, जबकि छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है. राज्य सरकार ने शालेय पोषण आहार के तहत 12 खाद्य पदार्थों को मंजूरी दी है. सूची में वेजिटेबल पुलाव, मसाले भात, मटर पुलाव, मूंग दाल खिचड़ी, चवली खिचड़ी, चना पुलाव, सोयाबीन पुलाव, मसूरी पुलाव, मूंग शेवगा वरण भात, मोड़ आए हुए मटकी की उसल, अंडा पुलाव और मीठी खिचड़ी या नाचनी सत्त्व शामिल हैं. इन खाद्य पदार्थों को सप्ताह में अलग-अलग दिनों के लिए तय किया गया है और छात्रों को दो सप्ताह में विभिन्न व्यंजन दिए जाएंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक्स्पर्ट का क्या कहना है?</strong><br />48 वर्षों से अलिबाग में कार्यरत डॉ. धामणकर ने कहा कि अंडा बच्चों के लिए बेहद लाभकारी है. अंडा बच्चों के शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने बताया कि प्रोटीन से भरपूर अंडे का सफेद भाग बच्चों की शारीरिक वृद्धि में मदद करता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”सरकार के खिलाफ ठेकेदारों ने खोला मोर्चा, कामबंद आंदोलन के जरिए दी चेतावनी, जानें क्या है मांग?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/contractors-kam-bandh-andolan-against-devendra-fadnavis-government-for-pending-bills-ann-2878052″ target=”_self”>सरकार के खिलाफ ठेकेदारों ने खोला मोर्चा, कामबंद आंदोलन के जरिए दी चेतावनी, जानें क्या है मांग?</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Politics:</strong> महाराष्ट्र में सरकारी और अनुदानित स्कूलों के बच्चों को अंडा और चीनी नहीं मिलेगा. शालेय पोषण आहार में अंडे और मीठे पदार्थों का फंड बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने शालेय पोषण आहार में मिलने वाले अंडे और मीठे पदार्थों को बंद करने का आदेश जारी किया है. सरकार ने अब स्पष्ट कर दिया है कि अंडे और चीनी के लिए अतिरिक्त फंड नहीं दिया जाएगा. सरकार के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है. उद्धव गुट की शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे ने निर्णय को लोभी नेताओं की नीति बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, शरद पवार की एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सरकार की आलोचना की. उन्होंने फैसले को छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया. उनका कहना है कि शालेय पोषण आहार में अंडे और अन्य पौष्टिक पदार्थ देना छात्रों के विकास के लिए आवश्यक था. बता दें कि 7 नवम्बर 2023 को राज्य सरकार ने आदेश जारी कर बताया था कि छात्रों को पौष्टिक आहार देने के लिए हफ्ते में एक दिन अंडा देने का फैसला हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में प्रति अंडे पांच रुपये खर्च करने की बात भी कही गई थी. हालांकि, अब सरकार ने साफ कर दिया है कि अंडे और चीनी के लिए अतिरिक्त फंड नहीं मिलेगा. इसके बजाय, जनभागीदारी से जुटाने का प्रयास करने को कहा गया है. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत विभिन्न स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक छात्रों को शालेय पोषण आहार दिया जाता है.&nbsp;<br />&nbsp;<br /><strong>आहार में क्या क्या मिलेगा?&nbsp;</strong><br />इस योजना के तहत, पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन, जबकि छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है. राज्य सरकार ने शालेय पोषण आहार के तहत 12 खाद्य पदार्थों को मंजूरी दी है. सूची में वेजिटेबल पुलाव, मसाले भात, मटर पुलाव, मूंग दाल खिचड़ी, चवली खिचड़ी, चना पुलाव, सोयाबीन पुलाव, मसूरी पुलाव, मूंग शेवगा वरण भात, मोड़ आए हुए मटकी की उसल, अंडा पुलाव और मीठी खिचड़ी या नाचनी सत्त्व शामिल हैं. इन खाद्य पदार्थों को सप्ताह में अलग-अलग दिनों के लिए तय किया गया है और छात्रों को दो सप्ताह में विभिन्न व्यंजन दिए जाएंगे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक्स्पर्ट का क्या कहना है?</strong><br />48 वर्षों से अलिबाग में कार्यरत डॉ. धामणकर ने कहा कि अंडा बच्चों के लिए बेहद लाभकारी है. अंडा बच्चों के शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने बताया कि प्रोटीन से भरपूर अंडे का सफेद भाग बच्चों की शारीरिक वृद्धि में मदद करता है.&nbsp;</p>
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