40 लाख लगाकर पहुंचा अमेरिका, बेरंग लौटना पड़ा:युवक और परिवार का सामने आने से इनकार; घर पर ताला लगाकर गया परिवार

40 लाख लगाकर पहुंचा अमेरिका, बेरंग लौटना पड़ा:युवक और परिवार का सामने आने से इनकार; घर पर ताला लगाकर गया परिवार

कुरुक्षेत्र के पिहोवा के निकटवर्ती गांव का 26 साल का युवक भी अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों में शामिल है। 6 फरवरी को युवक का परिवार उसे वापस घर लाने के लिए अमृतसर गया था। हालांकि परिवार ने मामले को लेकर कोई भी बात करने से साफ इनकार कर दिया। परिवार अपने बेटे को लेकर गांव भी नहीं आया है। गांव के लोग भी बेटे की इस तरह से हुई वापसी से दुखी है। उधर, दैनिक भास्कर युवक के साथ बातचीत करने के लिए पिहोवा के गुहला-चीका रोड पर स्थित उनके गांव में गया था, मगर उसके घर पर ताला लटका हुआ था। पड़ोसियों से मालूम हुआ कि परिवार बुधवार काे घर पर ताला लगाकर बेटे को लेने के लिए चला गया था। फोन पर परिवार ने मामले के बारे में कोई भी बातचीत करने से मना कर दिया था। इसलिए दैनिक भास्कर उस युवक और उसके परिवार की पहचान छुपाकर पड़ोसियों से मिली कुछ जानकारी पर तथ्य सामने रख रहा है। पड़ोसियों का कहना है कि गांव से कई युवक अमेरिका गए हैं, मगर कोई भी इस तरह से वापस नहीं आया है। बेटे के आने की सूचना के बाद परिवार घर को ताला लगाकर बेटे को लेने के लिए चला गया था। 7 महीने पहले गया था अमेरिका बातचीत में पड़ोसी महिला ने बताया कि करीब 7 महीने पहले उनके पड़ोस से एक युवक अमेरिका के लिए रवाना हुआ था। बेटे को अमेरिका भेजने के लिए परिवार ने एजेंट को 40 लाख रुपए दिए थे। युवक और उसका पिता दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं। कर्जा लेकर परिवार ने युवक को अमेरिका भेजा था, बेटे के अमेरिका से लौटने पर परिवार दुखी है। बच्चे को मिले न्याय युवक की चाची ने बताया कि उसके भतीजे के अमेरिका से डिपोर्ट होने से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। उनके साथ काफी गलत हुआ है। बेटे के डिपोर्ट होकर लौटने से उनको कुछ भी हीं सूझ रहा है। हमारे बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। उनके परिवार की आर्थिक हालत काफी तंग है। कुरुक्षेत्र के पिहोवा के निकटवर्ती गांव का 26 साल का युवक भी अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों में शामिल है। 6 फरवरी को युवक का परिवार उसे वापस घर लाने के लिए अमृतसर गया था। हालांकि परिवार ने मामले को लेकर कोई भी बात करने से साफ इनकार कर दिया। परिवार अपने बेटे को लेकर गांव भी नहीं आया है। गांव के लोग भी बेटे की इस तरह से हुई वापसी से दुखी है। उधर, दैनिक भास्कर युवक के साथ बातचीत करने के लिए पिहोवा के गुहला-चीका रोड पर स्थित उनके गांव में गया था, मगर उसके घर पर ताला लटका हुआ था। पड़ोसियों से मालूम हुआ कि परिवार बुधवार काे घर पर ताला लगाकर बेटे को लेने के लिए चला गया था। फोन पर परिवार ने मामले के बारे में कोई भी बातचीत करने से मना कर दिया था। इसलिए दैनिक भास्कर उस युवक और उसके परिवार की पहचान छुपाकर पड़ोसियों से मिली कुछ जानकारी पर तथ्य सामने रख रहा है। पड़ोसियों का कहना है कि गांव से कई युवक अमेरिका गए हैं, मगर कोई भी इस तरह से वापस नहीं आया है। बेटे के आने की सूचना के बाद परिवार घर को ताला लगाकर बेटे को लेने के लिए चला गया था। 7 महीने पहले गया था अमेरिका बातचीत में पड़ोसी महिला ने बताया कि करीब 7 महीने पहले उनके पड़ोस से एक युवक अमेरिका के लिए रवाना हुआ था। बेटे को अमेरिका भेजने के लिए परिवार ने एजेंट को 40 लाख रुपए दिए थे। युवक और उसका पिता दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं। कर्जा लेकर परिवार ने युवक को अमेरिका भेजा था, बेटे के अमेरिका से लौटने पर परिवार दुखी है। बच्चे को मिले न्याय युवक की चाची ने बताया कि उसके भतीजे के अमेरिका से डिपोर्ट होने से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। उनके साथ काफी गलत हुआ है। बेटे के डिपोर्ट होकर लौटने से उनको कुछ भी हीं सूझ रहा है। हमारे बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। उनके परिवार की आर्थिक हालत काफी तंग है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर