यूपी में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘डिजिटल मर्डर’:झूठे केस की धमकी दी; पत्नी के गहने गिरवी रखवाए, 81 हजार वसूले; युवक ने फांसी लगाई

यूपी में क्राइम ब्रांच अफसर बनकर ‘डिजिटल मर्डर’:झूठे केस की धमकी दी; पत्नी के गहने गिरवी रखवाए, 81 हजार वसूले; युवक ने फांसी लगाई

प्रतापगढ़ के एक युवक को साइबर ठगों ने इस कदर ब्लैकमेल किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी पुलिस ने इस केस को डिजिटल मर्डर करार दिया है। ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी थे। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उनसे 3 दिन में 81 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। उन्हें ड्रग्स बेचने के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। ज्ञानदास ने जालसाजों को रुपए देने के लिए दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार लिए। इसके बाद भी धमकी भरे कॉल आना बंद नहीं हुए तो युवक ने पत्नी के जेवर भी गिरवी रख दिए थे। आखिरकार परेशान होकर उसने सुसाइड कर लिया। जिन नंबरों से धमकी मिल रही थी, उसको ट्रेस करते हुए पुलिस ने कानपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग है। अब पुलिस आरोपियों की क्राइम हिस्ट्री खंगाल रही है। अब डिजिटल मर्डर की कहानी सिलसिलेवार पढ़िए… मोबाइल से पता चला कि ज्ञानदास फंस गए थे
प्रतापगढ़ के SP डॉ. अनिल कुमार ने बताया- ज्ञानदास ने 30 जनवरी को सुसाइड किया था। इसके बाद उनके भाई प्रेमदास ने पुलिस से शिकायत की थी। प्रेमदास मिर्जापुर में DPRO हैं, जबकि ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी था। प्रेमदास ने पुलिस को बताया कि उनके भाई के सुसाइड के बाद उन्होंने उनका मोबाइल देखा। लगातार कॉलिंग हुई थी। बैक अकाउंट देखने पर पता चला कि सारा रुपया 3 दिन में अलग-अलग टाइमिंग में ट्रांसफर हुआ था। वह समझ गए कि ज्ञानदास कुछ लोगों के चंगुल में फंस गए थे। जो उन्हें लगातार ब्लैकमेलर कॉल कर रहे थे। मोबाइल नंबर ट्रेस करके पुलिस जालसाजों तक पहुंची
इसके बाद फतनपुर थाने के दरोगा शैलेश यादव को सर्विलांस जांच में एक नंबर मिला। डिटेल्स खंगाली तो सभी हैरान रह गए। मोबाइल नंबर कानपुर में भीमसेन के रहने वाले रोहित प्रजापति के नाम रजिस्टर्ड था। रोहित की लोकेशन ट्रेस की गई। छापा मारकर पुलिस ने भीमसेन से रेवरी जाने वाले रोड के किनारे खेल मैदान के पास चार संदिग्ध व्यक्तियों को दबोच लिया। जबकि चार अन्य मौके से फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपियों में रोहित प्रजापति, अभिमत सिंह चौहान, वीर प्रताप सिंह और एक नाबालिग शामिल है। मौके से क्राइम ब्रांच की फर्जी आईडी कार्ड, कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इनके पास गहनों के बिल, बैंक रसीदें और 16 हजार 30 रुपए बरामद हुए। पुलिस कस्टडी में पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह ज्ञानदास को धमका रहे थे कि वह लोग क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। तुम नशा बेचते हो, तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेज देंगे। QR कोड भेजकर रुपए मंगवाते रहे
ज्ञानदास घबरा गया, उसको बदमाशों ने QR कोड भेज दिया। उसके जरिए ही रुपए मंगवाने लगे। ज्ञानदास ने पहले अपने बैंक खाते में जमा रकम को ट्रांसफर किया। जब उसके पास पैसे खत्म हो गए, तब उसको कुछ समझ नहीं आया। उसने अपनी पत्नी के जेवर को गिरवी रखा। 17 हजार रुपए अरेंज करके भेजा। दोस्तों को बताया कि मेरी पत्नी बीमार है, ICU में एडमिट है, कुछ मदद कर दो। इस तरह से 15 हजार रुपए अरेंज किए। अलग-अलग सोर्स से करीब 81 हजार रुपए अरेंज करके जालसाजों को भेज दिए। इसके बाद भी ज्ञानदास को धमकी भरे कॉल आते रहे। उसकी समझ नहीं आ रहा था कि वह अब पैसों का कहां से इंतजाम करे? ब्लैकमेलर की धमकी भरी कॉल से परेशान होकर 30 जनवरी को ज्ञानदास ने फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया। उनकी लाश गांव के लोगों ने सबसे पहले देखी और परिवार को जानकारी दी। —————————- यह खबर भी पढ़िए… कानपुर IIT में पीएचडी स्कॉलर ने किया सुसाइड:नोट में लिखा- यह मेरा डिसीजन, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला कानपुर आईआईटी में एक बार फिर पीएचडी स्कॉलर ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सूचना मिलते ही आईआईटी प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़कर छात्र का शव बाहर निकाला। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस को छात्र के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है- मैं क्विट कर रहा हूं। यह मेरा खुद का डिसीजन है। इसमें किसी और का दोष नहीं है। पुलिस के मुताबिक, सुसाइड की जानकारी छात्र के परिवार वालों को दी गई है। सूचना मिलते ही परिजन नोएडा से कानपुर के लिए निकल चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर… प्रतापगढ़ के एक युवक को साइबर ठगों ने इस कदर ब्लैकमेल किया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यूपी पुलिस ने इस केस को डिजिटल मर्डर करार दिया है। ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी थे। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर उनसे 3 दिन में 81 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। उन्हें ड्रग्स बेचने के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। ज्ञानदास ने जालसाजों को रुपए देने के लिए दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार लिए। इसके बाद भी धमकी भरे कॉल आना बंद नहीं हुए तो युवक ने पत्नी के जेवर भी गिरवी रख दिए थे। आखिरकार परेशान होकर उसने सुसाइड कर लिया। जिन नंबरों से धमकी मिल रही थी, उसको ट्रेस करते हुए पुलिस ने कानपुर से चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग है। अब पुलिस आरोपियों की क्राइम हिस्ट्री खंगाल रही है। अब डिजिटल मर्डर की कहानी सिलसिलेवार पढ़िए… मोबाइल से पता चला कि ज्ञानदास फंस गए थे
प्रतापगढ़ के SP डॉ. अनिल कुमार ने बताया- ज्ञानदास ने 30 जनवरी को सुसाइड किया था। इसके बाद उनके भाई प्रेमदास ने पुलिस से शिकायत की थी। प्रेमदास मिर्जापुर में DPRO हैं, जबकि ज्ञानदास प्रयागराज के फूलपुर में पंचायत विभाग में सफाई कर्मचारी था। प्रेमदास ने पुलिस को बताया कि उनके भाई के सुसाइड के बाद उन्होंने उनका मोबाइल देखा। लगातार कॉलिंग हुई थी। बैक अकाउंट देखने पर पता चला कि सारा रुपया 3 दिन में अलग-अलग टाइमिंग में ट्रांसफर हुआ था। वह समझ गए कि ज्ञानदास कुछ लोगों के चंगुल में फंस गए थे। जो उन्हें लगातार ब्लैकमेलर कॉल कर रहे थे। मोबाइल नंबर ट्रेस करके पुलिस जालसाजों तक पहुंची
इसके बाद फतनपुर थाने के दरोगा शैलेश यादव को सर्विलांस जांच में एक नंबर मिला। डिटेल्स खंगाली तो सभी हैरान रह गए। मोबाइल नंबर कानपुर में भीमसेन के रहने वाले रोहित प्रजापति के नाम रजिस्टर्ड था। रोहित की लोकेशन ट्रेस की गई। छापा मारकर पुलिस ने भीमसेन से रेवरी जाने वाले रोड के किनारे खेल मैदान के पास चार संदिग्ध व्यक्तियों को दबोच लिया। जबकि चार अन्य मौके से फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपियों में रोहित प्रजापति, अभिमत सिंह चौहान, वीर प्रताप सिंह और एक नाबालिग शामिल है। मौके से क्राइम ब्रांच की फर्जी आईडी कार्ड, कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इनके पास गहनों के बिल, बैंक रसीदें और 16 हजार 30 रुपए बरामद हुए। पुलिस कस्टडी में पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह ज्ञानदास को धमका रहे थे कि वह लोग क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। तुम नशा बेचते हो, तुम्हारे खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेज देंगे। QR कोड भेजकर रुपए मंगवाते रहे
ज्ञानदास घबरा गया, उसको बदमाशों ने QR कोड भेज दिया। उसके जरिए ही रुपए मंगवाने लगे। ज्ञानदास ने पहले अपने बैंक खाते में जमा रकम को ट्रांसफर किया। जब उसके पास पैसे खत्म हो गए, तब उसको कुछ समझ नहीं आया। उसने अपनी पत्नी के जेवर को गिरवी रखा। 17 हजार रुपए अरेंज करके भेजा। दोस्तों को बताया कि मेरी पत्नी बीमार है, ICU में एडमिट है, कुछ मदद कर दो। इस तरह से 15 हजार रुपए अरेंज किए। अलग-अलग सोर्स से करीब 81 हजार रुपए अरेंज करके जालसाजों को भेज दिए। इसके बाद भी ज्ञानदास को धमकी भरे कॉल आते रहे। उसकी समझ नहीं आ रहा था कि वह अब पैसों का कहां से इंतजाम करे? ब्लैकमेलर की धमकी भरी कॉल से परेशान होकर 30 जनवरी को ज्ञानदास ने फंदे पर लटककर सुसाइड कर लिया। उनकी लाश गांव के लोगों ने सबसे पहले देखी और परिवार को जानकारी दी। —————————- यह खबर भी पढ़िए… कानपुर IIT में पीएचडी स्कॉलर ने किया सुसाइड:नोट में लिखा- यह मेरा डिसीजन, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला कानपुर आईआईटी में एक बार फिर पीएचडी स्कॉलर ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। सूचना मिलते ही आईआईटी प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़कर छात्र का शव बाहर निकाला। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस को छात्र के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है- मैं क्विट कर रहा हूं। यह मेरा खुद का डिसीजन है। इसमें किसी और का दोष नहीं है। पुलिस के मुताबिक, सुसाइड की जानकारी छात्र के परिवार वालों को दी गई है। सूचना मिलते ही परिजन नोएडा से कानपुर के लिए निकल चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर