संत प्रेमानंद की शरण में पहुंचे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह:कहा- कई एनकाउंटर किए अब पश्चाताप कैसे करूं, महाराज बोले- प्रभु चरणों में समय दें

संत प्रेमानंद की शरण में पहुंचे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह:कहा- कई एनकाउंटर किए अब पश्चाताप कैसे करूं, महाराज बोले- प्रभु चरणों में समय दें

महाराज जी! मैं पुलिस में थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में नियुक्त हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए हैं। मुझे इसके लिए कई पुरस्कार मिले हैं। राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। 22 जनवरी को जिस दिन राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी। उस दिन बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मृत्यु का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से मैं बच गया। अब मेरा प्रश्न यह है कि मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं, मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश अपने परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। उन्होंने कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए हैं। मगर अब मन अशांत है। संत प्रेमानंद जी महाराज ने SSI से कहा- थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें, हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें क्या रास्ता बताया? प्रभु को वह कैसे पा सकते हैं? पढ़िए रिपोर्ट…। सबसे पहले पढ़िए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह
मुनेश सिंह आगरा जिले के छाता इलाके के रहने वाले हैं। मुनीश के दो बच्चे हैं। पत्नी बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। वह पिछले डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं। मुनेश सिंह 2016 में दरोगा बने। मेरठ से पहले गाजियाबाद में तैनात थे। 23 जनवरी 2024 को राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा के दिन रात में वह मेरठ में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान बदमाश कार चोरी कर भाग रहे थे। मुठभेड़ में एक गोली मुनेश के सीने से पार हो गई थी। गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स हॉस्पिटल में ICU में 11 दिन इलाज चला। गाजियाबाद में बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में भी शामिल थे। इसके लिए उन्हें 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। अब पढ़िए मुनेश सिंह के सवाल और प्रेमानंद महाराज के जवाब मुनेश- महाराज जी, मैंने बहुत एनकाउंटर किए। मुझे बहुत सम्मान भी मिले। राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला। पिछले साल 22 जनवरी को बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मुझे गोली लगी थी। प्रभु की कृपा से मैं बच गया। मगर अब मेरा मन अशांत रहता है, प्रायश्चित कैसे करूं, मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं?
प्रेमानंद – मनुष्य जीवन का मूल कर्तव्य भगवत प्राप्ति है। सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मूल कर्तव्य से वंचित हो जाए तो ठीक नहीं है। अगर आपका मन आपका साथ दे तो भगवत प्राप्ति के लिए समय निकालिए। प्रेमानंद- नौकरी में कितना समय दिया?
मुनेश- महाराज जी 32 साल।
प्रेमानंद- बहुत समय दिया। कोई नशा तो नहीं करते?
मुनेश- कोई नशा नहीं करता। कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया संत प्रेमानंद महाराज ने ​कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया। कहा- जब कालयवन के द्वारा भगवान मुचकुंद को कंदरा में ललकार मिली तो भगवान ने उसे अपने पीछे दौड़ाया। भगवान कालयवन को गुफा में ले गए, वहां उसको अपना पीतांबर ओढ़ाया। कहा कि तुम इस जन्म में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि तुमने बहुत से वध किए हैं, शिकार आदि में पशुओं और युद्ध आदि में इंसानों के, इसलिए तुम इस रूप में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। तुम्हें एक जन्म और लेना पड़ेगा और अब तुम ब्रहमऋषि कुल में जन्म लोगे और भक्ति कर मुझे प्राप्त करोगे। अब भगवान के चरणों में समय दो
स्वामी प्रेमानंद जी ने मुनेश सिंह से कहा- अब थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें, ताकि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं, पाप मिले हैं वो दूर हो जाएं। अगला जन्म भी मिले तो हम देशभक्त बनें, भगवान के भक्त बनें। हम अब इसके नीचे न जाएं, मनुष्य योनि के नीचे न जाएं, अन्य योनियों के नीचे न जाएं। आधा जीवन तो आपने दे ही दिया भारत को अब भगवान को दे दीजिए। अपने समाज में रहकर आप रिटायर भी रहेंगे तो जिसकी प्रवृत्ति अच्छी होती है। वो समाज में भी अपना अच्छा वातावरण फैलाता है। युवाओं के मार्गदर्शक बनो
प्रेमानंद महाराज ने कहा- नए लड़के जो फोर्स में जाने वाले हैं, उनको गाइड करें। उनको तैयार करें, रिटायर होकर भी आप भारत सरकार की सेवा कर सकते हैं। अब जो जीवन बचा है उसे भगवान को दे दो, अब जीवन को अखिल कोटि ब्रह्मांड सरकार के चरणों में लगा दो। मुनेश बोले- बिना आपको सुने नींद नहीं आती मुनेश सिंह ने कहा- मैं रात को भी ड्यूटी से आकर आपको देर रात तक सुनता हूं। चाहे रात में 11-12 बजे कभी भी ड्यूटी से लौटूं। आपकी बातों को जरूर सुनता ही हूं। जब मैं 11 दिन अस्पताल में रहा, तब भी आपको सुनता रहा, बिना आपको सुने नींद नहीं आती। …………….. ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ-माघ पूर्णिमा पर 73 लाख ने डुबकी लगाई:10 किमी तक भीड़, 15 जिलों के DM तैनात; योगी वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालु पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए। प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर महाराज जी! मैं पुलिस में थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में नियुक्त हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए हैं। मुझे इसके लिए कई पुरस्कार मिले हैं। राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। 22 जनवरी को जिस दिन राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी। उस दिन बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मृत्यु का समाचार भी जारी हो गया था, प्रभु कृपा से मैं बच गया। अब मेरा प्रश्न यह है कि मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं, मन विचलित रहता है, पश्चाताप क्या होगा?’ ये सवाल मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद जी महाराज किया। मुनेश अपने परिवार के साथ 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। उन्होंने कहा- मैंने 32 साल इस नौकरी को दिए हैं। मगर अब मन अशांत है। संत प्रेमानंद जी महाराज ने SSI से कहा- थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें, हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें क्या रास्ता बताया? प्रभु को वह कैसे पा सकते हैं? पढ़िए रिपोर्ट…। सबसे पहले पढ़िए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SSI मुनेश सिंह
मुनेश सिंह आगरा जिले के छाता इलाके के रहने वाले हैं। मुनीश के दो बच्चे हैं। पत्नी बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। वह पिछले डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं। मुनेश सिंह 2016 में दरोगा बने। मेरठ से पहले गाजियाबाद में तैनात थे। 23 जनवरी 2024 को राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा के दिन रात में वह मेरठ में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान बदमाश कार चोरी कर भाग रहे थे। मुठभेड़ में एक गोली मुनेश के सीने से पार हो गई थी। गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स हॉस्पिटल में ICU में 11 दिन इलाज चला। गाजियाबाद में बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में भी शामिल थे। इसके लिए उन्हें 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पदक भी मिला। अब पढ़िए मुनेश सिंह के सवाल और प्रेमानंद महाराज के जवाब मुनेश- महाराज जी, मैंने बहुत एनकाउंटर किए। मुझे बहुत सम्मान भी मिले। राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला। पिछले साल 22 जनवरी को बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मुझे गोली लगी थी। प्रभु की कृपा से मैं बच गया। मगर अब मेरा मन अशांत रहता है, प्रायश्चित कैसे करूं, मैं अपने पद पर ऐसे ही चलता रहूं या प्रभु की शरण में आ जाऊं?
प्रेमानंद – मनुष्य जीवन का मूल कर्तव्य भगवत प्राप्ति है। सांसारिक धर्म निर्वाह के चक्कर में मूल कर्तव्य से वंचित हो जाए तो ठीक नहीं है। अगर आपका मन आपका साथ दे तो भगवत प्राप्ति के लिए समय निकालिए। प्रेमानंद- नौकरी में कितना समय दिया?
मुनेश- महाराज जी 32 साल।
प्रेमानंद- बहुत समय दिया। कोई नशा तो नहीं करते?
मुनेश- कोई नशा नहीं करता। कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया संत प्रेमानंद महाराज ने ​कालयवन और भगवान मुचकुंद की कथा का प्रसंग सुनाया। कहा- जब कालयवन के द्वारा भगवान मुचकुंद को कंदरा में ललकार मिली तो भगवान ने उसे अपने पीछे दौड़ाया। भगवान कालयवन को गुफा में ले गए, वहां उसको अपना पीतांबर ओढ़ाया। कहा कि तुम इस जन्म में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। क्योंकि तुमने बहुत से वध किए हैं, शिकार आदि में पशुओं और युद्ध आदि में इंसानों के, इसलिए तुम इस रूप में मुझे प्राप्त नहीं कर सकते। तुम्हें एक जन्म और लेना पड़ेगा और अब तुम ब्रहमऋषि कुल में जन्म लोगे और भक्ति कर मुझे प्राप्त करोगे। अब भगवान के चरणों में समय दो
स्वामी प्रेमानंद जी ने मुनेश सिंह से कहा- अब थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें, ताकि हमारी सेवाओं में जो चूक हुई हैं, वो क्षमा हो जाएं, पाप मिले हैं वो दूर हो जाएं। अगला जन्म भी मिले तो हम देशभक्त बनें, भगवान के भक्त बनें। हम अब इसके नीचे न जाएं, मनुष्य योनि के नीचे न जाएं, अन्य योनियों के नीचे न जाएं। आधा जीवन तो आपने दे ही दिया भारत को अब भगवान को दे दीजिए। अपने समाज में रहकर आप रिटायर भी रहेंगे तो जिसकी प्रवृत्ति अच्छी होती है। वो समाज में भी अपना अच्छा वातावरण फैलाता है। युवाओं के मार्गदर्शक बनो
प्रेमानंद महाराज ने कहा- नए लड़के जो फोर्स में जाने वाले हैं, उनको गाइड करें। उनको तैयार करें, रिटायर होकर भी आप भारत सरकार की सेवा कर सकते हैं। अब जो जीवन बचा है उसे भगवान को दे दो, अब जीवन को अखिल कोटि ब्रह्मांड सरकार के चरणों में लगा दो। मुनेश बोले- बिना आपको सुने नींद नहीं आती मुनेश सिंह ने कहा- मैं रात को भी ड्यूटी से आकर आपको देर रात तक सुनता हूं। चाहे रात में 11-12 बजे कभी भी ड्यूटी से लौटूं। आपकी बातों को जरूर सुनता ही हूं। जब मैं 11 दिन अस्पताल में रहा, तब भी आपको सुनता रहा, बिना आपको सुने नींद नहीं आती। …………….. ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ-माघ पूर्णिमा पर 73 लाख ने डुबकी लगाई:10 किमी तक भीड़, 15 जिलों के DM तैनात; योगी वॉर रूम से कर रहे मॉनिटरिंग महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। प्रयागराज में जबरदस्त भीड़ है। संगम से 10 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ है। प्रशासन के मुताबिक, सुबह 6 बजे तक ही 73 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। अनुमान है कि आज 2.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालु पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए। प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर