भीड़ ने कभी मरा समझा था…आज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम:फिर भी मुफलिसी में गुजर रहे दिन, न पक्की छत न नौकरी

भीड़ ने कभी मरा समझा था…आज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम:फिर भी मुफलिसी में गुजर रहे दिन, न पक्की छत न नौकरी

दांतों में 50 किलो वजन, कंधे और कमर पर बैठे 2 बेटे। ये शक्ति है मेरठ के विकास की। अपनी योग क्रिया के बल पर विकास दांतों से आसानी से 125 किलो वजन उठाते हैं। हाल ही में उन्होंने इस प्रतिभा को इटली के मिलान सिटी में दिखाया। इसके बाद उनका ये कारनामा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। 5 किलो वजन उठाकर प्रैक्टिस शुरू करने वाले विकास आज 20, 50 फिर 125 किलो तक वजन उठा लेते हैं। उनकी ये प्रतिभा देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। विकास और उनके 2 बेटों ने 4 गिनीज बुक रिकार्ड बनाए। 29 रिकॉर्ड ब्रेक किए। फिर भी मुफलिसी में दिन गुजर रहे हैं। सिर ढकने के लिए पक्की छत नहीं। परिवार चलाने के लिए न नौकरी, न ही कोई रोजगार। नौकरी मांगने पर लोग हंसते हैं। केवल योग ही उनका सहारा है। विकास ने ये प्रतिभा कैसे हासिल की, क्यों उन्होंने योग शुरू किया, इसे कैसे आगे बढ़ रहे और उनके पारिवारिक हालात। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम विकास के घर पहुंची, पढ़िए पूरी रिपोर्ट.. डॉक्टर ने कहा था- इसमें सांस नहीं, ले जाओ
विकास ने बताया- पहले मैं स्कूल बस का ड्राइवर था। 2010 में मेरा मेजर एक्सीडेंट हुआ। मैं बाइक से जा रहा था, अचानक एक गाड़ी से टक्कर हो गई। तब लोगों को लगा मैं मर गया, उन्होंने मुझे मरा समझकर सड़क किनारे छोड़ दिया। किसी ने मुझे अस्पताल तक नहीं भेजा। एक आदमी ने मुझे देखा, तो उसके दिल में दया आई। उसने मुझे ईश्वर नर्सिंग होम में एडमिट करा दिया। वहां मुझे देखकर डॉक्टर ने कहा कि इसमें सांस नहीं है, इसे ले जाओ। लेकिन लोगों को लगा कि शायद मैं ठीक हो जाऊं। इसलिए डॉक्टर से बोले कि इनका इलाज करिए। योग से खुद को ठीक किया
विकास कहते हैं-जिंदा होने की तमाम नाउम्मीदों के बीच मेरा इलाज शुरू हुआ। काफी घंटों बाद मुझे होश आया। करीब 10 महीने के लगातार इलाज के बाद मैं सही हो पाया। लेकिन, उस एक्सीडेंट से मेरे पूरे शरीर में गांठें पड़ गईं, मानो कैंसर हो। उन गांठों में असहनीय दर्द होता था। मेरे पास अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसा नहीं था। डॉक्टर ने कहा कि ये कैंसर की गांठें भी हो सकती हैं। दिल्ली में इलाज कराओ, नहीं तो आयुर्वेदिक उपचार और योग करो। मेरे पास इलाज का पैसा नहीं था, इसलिए मैंने सरल योग चुना और उसे करने लगा। रेगुलर योग से मेरी गांठें ठीक होने लगी। फिर मैं इसे लगातार करने लगा। हमने किसी का योगासन कॉपी नहीं किया। बल्कि अपने सारे योग स्टेप्स बनाए। इसके बाद अपने दोनों बेटों को भी योग कराने लगा। काम मांगने पर लोग मजाक उड़ाते हैं
अपनी मुफलिसी का दर्द बयां करते हुए विकास कहते हैं- मैं काम करना चाहता हूं, नौकरी चाहता हूं। लेकिन, मुझे कोई काम नहीं देता। मैंने परिचितों, जानकारों से नौकरी मांगी। कहा कि ड्राइवर ही रख लो। लेकिन लोग काम नहीं देते उल्टा खिल्ली उड़ाते हैं। उन्हें लगता है मैं काम मांगकर उनकी तौहीन कर रहा हूं। वो मुझे कहते हैं कि गोस्वामी जी आपको काम की क्या जरूरत, आपके पास तो बहुत पैसा है। लोगों को लगता है कि हमने इतने मेडल जीते, बड़े-बड़े शो में गए हैं, लोगों से मिले हैं, तो हमारे पास बहुत पैसा है। हमें यहां वहां से तमाम पैसा मिल रहा है। इनकम हो रही है। लेकिन अपनी हकीकत हम जानते हैं। मेरी दाल-रोटी का खर्च भी दोस्तों के पैसों से चलता है। अब देखिए योग की तस्वीरें अब जानिए विकास के लेटेस्ट अचीवमेंट
करनावल निवासी विकास गोस्वामी ने अपने दोनों बेटे आदित्य और अनमोल के साथ इटली के मिलान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है। इन्होंने दांतों से 125KG वजन उठाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। दांतों से 50 किलो वजन उठाते हुए एक बेटे को गर्दन पर खड़ा किया और एक को हाथ में लिया। इस पूरे 125 किलो वजन को विकास ने 35.57 सेकेंड तक होल्ड किया। गोस्वामी बंधुओं के नाम 29 रिकार्ड
विकास बताते हैं- 8 रिकार्ड बड़े बेटे आदित्य और 8 रिकार्ड छोटे बेटे अनमोल के नाम हैं। बिना किसी सुविधा के हम यही देसी योगासन करते हैं। हम तीनों कुल मिलाकर 4 गिनीज बुक रिकार्ड, इंडिया रिकार्ड, एशिया रिकार्ड बना चुके हैं। टोटल 29 रिकार्ड हमारे नाम हैं। हमने देश का नाम बहुत रोशन किया है, अब सरकार हमारी मदद करे। हमें जॉब और पेंशन दे। गांव के स्कूल में पढ़ते हैं बेटे
विकास के घर में विकास उनकी पत्नी सोनिया, बड़ा बेटा आदित्य, छोटा बेटा अनमोल और 13 साल की बेटी मिली। बेटी मानसिक दिव्यांग है। विकास कहते हैं- मेरे पास इतना भी पैसा नहीं कि मैं अपनी बेटी का इलाज करा सकूं। दोनों बेटे गांव के स्कूलों में पढ़ते हैं। इन्हें किसी बड़े स्कूल में नहीं पढ़ा सकता। मेरे पास न नौकरी है न काम। किसी तरह दोस्तों के सहारे जीवन चल रहा है। हम जिस तरह बॉडी वर्क करते हैं हमें अच्छी डाइट और संसाधनों की जरूरत है। छत नहीं फूस का झप्पर है
विकास की पत्नी सोनिया कहती हैं- हमारे पति और दोनों बेटे योग करके खुद को मजबूत बनाते हैं। जहां भी इस तरह के आयोजन होते हैं वहां जाकर अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। इनाम में मिली राशि और दोस्तों की मदद से घर में चूल्हा जलता है। सरकार मेरे पति को नौकरी और पेंशन दे। जैसे अन्य खिलाड़ियों का खर्च सरकार उठाती है, मेरे बच्चों का भी खर्च उठाए। इन्हें पढ़ाए और सरकारी नौकरी भी दी जाए। वही इनकी प्रतिभा का सम्मान होगा। हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। मेरे पति-बेटे देश को इतना सम्मान दिला रहे हैं। इतने रिकार्ड बनाए, मेडल लाए हैं, लेकिन हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही। हमारे घर में छत नहीं फूस का झप्पर है। ————————– ये खबर भी पढ़िए- प्रयागराज में गंगा-यमुना का पानी स्नान लायक नहीं: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 73 जगहों के पानी की टेस्टिंग की प्रयागराज महाकुंभ में गंगा–यमुना के संगम में स्नान चल रहा है। अब तक 54 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, इस बीच सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि दोनों नदियों का पानी स्नान करने लायक नहीं है। CPCB ने 17 फरवरी को अपनी रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दाखिल की है। CPCB ने प्रयागराज में 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल इकट्ठा किया। अब उसके जांच के नतीजे जारी किए हैं। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में गंगा और यमुना नदी के पानी को लेकर क्या कुछ बताया गया है। पढ़ें पूरी खबर… दांतों में 50 किलो वजन, कंधे और कमर पर बैठे 2 बेटे। ये शक्ति है मेरठ के विकास की। अपनी योग क्रिया के बल पर विकास दांतों से आसानी से 125 किलो वजन उठाते हैं। हाल ही में उन्होंने इस प्रतिभा को इटली के मिलान सिटी में दिखाया। इसके बाद उनका ये कारनामा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। 5 किलो वजन उठाकर प्रैक्टिस शुरू करने वाले विकास आज 20, 50 फिर 125 किलो तक वजन उठा लेते हैं। उनकी ये प्रतिभा देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। विकास और उनके 2 बेटों ने 4 गिनीज बुक रिकार्ड बनाए। 29 रिकॉर्ड ब्रेक किए। फिर भी मुफलिसी में दिन गुजर रहे हैं। सिर ढकने के लिए पक्की छत नहीं। परिवार चलाने के लिए न नौकरी, न ही कोई रोजगार। नौकरी मांगने पर लोग हंसते हैं। केवल योग ही उनका सहारा है। विकास ने ये प्रतिभा कैसे हासिल की, क्यों उन्होंने योग शुरू किया, इसे कैसे आगे बढ़ रहे और उनके पारिवारिक हालात। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम विकास के घर पहुंची, पढ़िए पूरी रिपोर्ट.. डॉक्टर ने कहा था- इसमें सांस नहीं, ले जाओ
विकास ने बताया- पहले मैं स्कूल बस का ड्राइवर था। 2010 में मेरा मेजर एक्सीडेंट हुआ। मैं बाइक से जा रहा था, अचानक एक गाड़ी से टक्कर हो गई। तब लोगों को लगा मैं मर गया, उन्होंने मुझे मरा समझकर सड़क किनारे छोड़ दिया। किसी ने मुझे अस्पताल तक नहीं भेजा। एक आदमी ने मुझे देखा, तो उसके दिल में दया आई। उसने मुझे ईश्वर नर्सिंग होम में एडमिट करा दिया। वहां मुझे देखकर डॉक्टर ने कहा कि इसमें सांस नहीं है, इसे ले जाओ। लेकिन लोगों को लगा कि शायद मैं ठीक हो जाऊं। इसलिए डॉक्टर से बोले कि इनका इलाज करिए। योग से खुद को ठीक किया
विकास कहते हैं-जिंदा होने की तमाम नाउम्मीदों के बीच मेरा इलाज शुरू हुआ। काफी घंटों बाद मुझे होश आया। करीब 10 महीने के लगातार इलाज के बाद मैं सही हो पाया। लेकिन, उस एक्सीडेंट से मेरे पूरे शरीर में गांठें पड़ गईं, मानो कैंसर हो। उन गांठों में असहनीय दर्द होता था। मेरे पास अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसा नहीं था। डॉक्टर ने कहा कि ये कैंसर की गांठें भी हो सकती हैं। दिल्ली में इलाज कराओ, नहीं तो आयुर्वेदिक उपचार और योग करो। मेरे पास इलाज का पैसा नहीं था, इसलिए मैंने सरल योग चुना और उसे करने लगा। रेगुलर योग से मेरी गांठें ठीक होने लगी। फिर मैं इसे लगातार करने लगा। हमने किसी का योगासन कॉपी नहीं किया। बल्कि अपने सारे योग स्टेप्स बनाए। इसके बाद अपने दोनों बेटों को भी योग कराने लगा। काम मांगने पर लोग मजाक उड़ाते हैं
अपनी मुफलिसी का दर्द बयां करते हुए विकास कहते हैं- मैं काम करना चाहता हूं, नौकरी चाहता हूं। लेकिन, मुझे कोई काम नहीं देता। मैंने परिचितों, जानकारों से नौकरी मांगी। कहा कि ड्राइवर ही रख लो। लेकिन लोग काम नहीं देते उल्टा खिल्ली उड़ाते हैं। उन्हें लगता है मैं काम मांगकर उनकी तौहीन कर रहा हूं। वो मुझे कहते हैं कि गोस्वामी जी आपको काम की क्या जरूरत, आपके पास तो बहुत पैसा है। लोगों को लगता है कि हमने इतने मेडल जीते, बड़े-बड़े शो में गए हैं, लोगों से मिले हैं, तो हमारे पास बहुत पैसा है। हमें यहां वहां से तमाम पैसा मिल रहा है। इनकम हो रही है। लेकिन अपनी हकीकत हम जानते हैं। मेरी दाल-रोटी का खर्च भी दोस्तों के पैसों से चलता है। अब देखिए योग की तस्वीरें अब जानिए विकास के लेटेस्ट अचीवमेंट
करनावल निवासी विकास गोस्वामी ने अपने दोनों बेटे आदित्य और अनमोल के साथ इटली के मिलान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है। इन्होंने दांतों से 125KG वजन उठाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। दांतों से 50 किलो वजन उठाते हुए एक बेटे को गर्दन पर खड़ा किया और एक को हाथ में लिया। इस पूरे 125 किलो वजन को विकास ने 35.57 सेकेंड तक होल्ड किया। गोस्वामी बंधुओं के नाम 29 रिकार्ड
विकास बताते हैं- 8 रिकार्ड बड़े बेटे आदित्य और 8 रिकार्ड छोटे बेटे अनमोल के नाम हैं। बिना किसी सुविधा के हम यही देसी योगासन करते हैं। हम तीनों कुल मिलाकर 4 गिनीज बुक रिकार्ड, इंडिया रिकार्ड, एशिया रिकार्ड बना चुके हैं। टोटल 29 रिकार्ड हमारे नाम हैं। हमने देश का नाम बहुत रोशन किया है, अब सरकार हमारी मदद करे। हमें जॉब और पेंशन दे। गांव के स्कूल में पढ़ते हैं बेटे
विकास के घर में विकास उनकी पत्नी सोनिया, बड़ा बेटा आदित्य, छोटा बेटा अनमोल और 13 साल की बेटी मिली। बेटी मानसिक दिव्यांग है। विकास कहते हैं- मेरे पास इतना भी पैसा नहीं कि मैं अपनी बेटी का इलाज करा सकूं। दोनों बेटे गांव के स्कूलों में पढ़ते हैं। इन्हें किसी बड़े स्कूल में नहीं पढ़ा सकता। मेरे पास न नौकरी है न काम। किसी तरह दोस्तों के सहारे जीवन चल रहा है। हम जिस तरह बॉडी वर्क करते हैं हमें अच्छी डाइट और संसाधनों की जरूरत है। छत नहीं फूस का झप्पर है
विकास की पत्नी सोनिया कहती हैं- हमारे पति और दोनों बेटे योग करके खुद को मजबूत बनाते हैं। जहां भी इस तरह के आयोजन होते हैं वहां जाकर अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। इनाम में मिली राशि और दोस्तों की मदद से घर में चूल्हा जलता है। सरकार मेरे पति को नौकरी और पेंशन दे। जैसे अन्य खिलाड़ियों का खर्च सरकार उठाती है, मेरे बच्चों का भी खर्च उठाए। इन्हें पढ़ाए और सरकारी नौकरी भी दी जाए। वही इनकी प्रतिभा का सम्मान होगा। हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। मेरे पति-बेटे देश को इतना सम्मान दिला रहे हैं। इतने रिकार्ड बनाए, मेडल लाए हैं, लेकिन हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही। हमारे घर में छत नहीं फूस का झप्पर है। ————————– ये खबर भी पढ़िए- प्रयागराज में गंगा-यमुना का पानी स्नान लायक नहीं: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 73 जगहों के पानी की टेस्टिंग की प्रयागराज महाकुंभ में गंगा–यमुना के संगम में स्नान चल रहा है। अब तक 54 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं, इस बीच सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि दोनों नदियों का पानी स्नान करने लायक नहीं है। CPCB ने 17 फरवरी को अपनी रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में दाखिल की है। CPCB ने प्रयागराज में 9 से 21 जनवरी के बीच कुल 73 अलग-अलग जगहों से सैंपल इकट्ठा किया। अब उसके जांच के नतीजे जारी किए हैं। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में गंगा और यमुना नदी के पानी को लेकर क्या कुछ बताया गया है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर