हरियाणा के फरीदाबाद में नगर निगम में मेयर पद के लिए नामांकन करने बाद सभी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर चुके है। चुनाव लड़ने का एक मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के कैंडिडेट के बीच है, तो चुनाव को जिताने का दूसरा मुकाबला पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप और केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बीच में है। दोनों ही मंत्रियों के बीच भी अपनी पार्टी का मेयर बनाने को लेकर टक्कर रहेगी। कांग्रेस के मेयर पद की उम्मीदवार लता चंदीला के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप हैं, तो बीजेपी की उम्मीदवार प्रवीण जोशी के साथ केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर है। दोनों ही गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार महेन्द्र प्रताप की समर्थक कांग्रेस ने लता चंदीला को मेयर का टिकट देकर मैदान में उतारा है। लता चंदीला के पति शील रिंकू चंदीला, कांग्रेस की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप के समर्थक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के साथ कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप के संबन्ध बहुत अच्छे है। लता चंदीला को मेयर का टिकट भी महेन्द्र प्रताप के समर्थन पर ही दिया गया है। हांलाकि लता चंदीला के पति शील रिंकू चंदीला भी कांग्रेस में कई पदों पर रह चुके है और उनका परिवार पुराने समय से कांग्रेस में रहा है। लेकिन उनके परिवार में पहली बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है। लता चंदीला का पहला चुनाव 41 साल की लता चंदीला एक ग्रहणी है और पहली बार चुनाव लड़ रही है। अब तक उन्होंने घर को संभाला है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी उनको दी है। हांलाकि चुनाव की कमान उनके पति रिंकू चंदीला संभाल रहे हैं। लेकिन लोगों के बीच अपने भाषणों से वोटरों को अपनी तरफ खींचना और फरीदाबाद के मुद्दों को जनता के सामने रखना लता चंदीला के लिए काफी चुनौती भरा होने वाला है। बीजेपी उम्मीदवार मंत्री कृष्णपाल की समर्थक 59 वर्ष की प्रवीण जोशी भी पहली बार चुनाव मैदान में है। प्रवीण जोशी के पति संदीप जोशी फरीदाबाद के सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के समर्थक हैं और सूत्र बताते है कि केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की सिफारिश पर ही प्रवीण जोशी को मेयर का टिकट दिया गया है। हांलाकि प्रवीण जोशी के ससुर रमेश जोशी RSS से पुराने समय से जुड़े हैं। प्रवीण जोशी वर्तमान में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (HSCPCR ) की चेयरपर्सन हैं। 2024 दोनों मंत्रियों के बीच मुकाबला केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्र प्रताप के बीच चुनावी मुकाबला पहले भी होता रहा है। इस बार दोनों मंत्री अपने समर्थक उम्मीदवारों के लिए चुनावी मैदान में है। पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप ने पहली बार फरीदाबाद लोकसभा से वर्ष 2024 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार कृष्णपाल के हाथों उनको हार का सामना करना पड़ा। कृष्णपाल गुर्जर को विधानसभा चुनाव में हराया 2005 के विधानसभा चुनाव में महेंद्र प्रताप ने कृष्णपाल गुर्जर मेवला महाराजपुर सीट से हराया था। महेंद्र प्रताप अब तक 9 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें 5 बार उन्हें जीत हासिल हुई है। लेकिन कृष्णपाल गुर्जर को वो केवल 2005 में ही हरा पाए थे। दोनों राजनीति के पुराने खिलाड़ी फरीदाबाद की राजनीति के कृष्णपाल गुर्जर और महेंद्र प्रताप पुराने खिलाड़ी है। कृष्णपाल गुर्जर 1996 में पहली बार वो विधायक बने और तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे है। 2014, 2019, में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अवतार भड़ाना को हराकर केन्द्र में मंत्री बने, 2024 में फिर से कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र प्रताप को हराकर मंत्री बन गए। दूसरी तरफ महेन्द्र प्रताप 1982 में मेवला महाराजपुर सीट से विधायक बने , 1987 में विधायक बनकर कांग्रेस दल के नेता बने, 1991 में तीसरी बार विधायक बनकर कांग्रेस की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, चौथी बार मेवला महाराजपुर सीट से कृष्णपाल गुर्जर को हराकर विधायक बने। फरीदाबाद में दोनों की मजबूत पकड़ फरीदाबाद में दोनों मंत्रियों की मजबूत पकड़ है, इसलिए मेयर ये चुनाव काफी दोनों के लिए काफी कठिन होने वाला है। दोनों ही गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार है जिसका फायदा बीजेपी की मेयर उम्मीदवार को मिलेगा। लेकिन कांग्रेस की गुटबाजी से को संभालना कांग्रेस मेयर पद की उम्मीदवार के लिए चुनौती भरा होने वाला है। हरियाणा के फरीदाबाद में नगर निगम में मेयर पद के लिए नामांकन करने बाद सभी उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर चुके है। चुनाव लड़ने का एक मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के कैंडिडेट के बीच है, तो चुनाव को जिताने का दूसरा मुकाबला पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप और केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बीच में है। दोनों ही मंत्रियों के बीच भी अपनी पार्टी का मेयर बनाने को लेकर टक्कर रहेगी। कांग्रेस के मेयर पद की उम्मीदवार लता चंदीला के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप हैं, तो बीजेपी की उम्मीदवार प्रवीण जोशी के साथ केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर है। दोनों ही गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार महेन्द्र प्रताप की समर्थक कांग्रेस ने लता चंदीला को मेयर का टिकट देकर मैदान में उतारा है। लता चंदीला के पति शील रिंकू चंदीला, कांग्रेस की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप के समर्थक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के साथ कैबिनेट मंत्री रहे महेन्द्र प्रताप के संबन्ध बहुत अच्छे है। लता चंदीला को मेयर का टिकट भी महेन्द्र प्रताप के समर्थन पर ही दिया गया है। हांलाकि लता चंदीला के पति शील रिंकू चंदीला भी कांग्रेस में कई पदों पर रह चुके है और उनका परिवार पुराने समय से कांग्रेस में रहा है। लेकिन उनके परिवार में पहली बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही है। लता चंदीला का पहला चुनाव 41 साल की लता चंदीला एक ग्रहणी है और पहली बार चुनाव लड़ रही है। अब तक उन्होंने घर को संभाला है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी उनको दी है। हांलाकि चुनाव की कमान उनके पति रिंकू चंदीला संभाल रहे हैं। लेकिन लोगों के बीच अपने भाषणों से वोटरों को अपनी तरफ खींचना और फरीदाबाद के मुद्दों को जनता के सामने रखना लता चंदीला के लिए काफी चुनौती भरा होने वाला है। बीजेपी उम्मीदवार मंत्री कृष्णपाल की समर्थक 59 वर्ष की प्रवीण जोशी भी पहली बार चुनाव मैदान में है। प्रवीण जोशी के पति संदीप जोशी फरीदाबाद के सांसद और केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के समर्थक हैं और सूत्र बताते है कि केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की सिफारिश पर ही प्रवीण जोशी को मेयर का टिकट दिया गया है। हांलाकि प्रवीण जोशी के ससुर रमेश जोशी RSS से पुराने समय से जुड़े हैं। प्रवीण जोशी वर्तमान में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (HSCPCR ) की चेयरपर्सन हैं। 2024 दोनों मंत्रियों के बीच मुकाबला केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्र प्रताप के बीच चुनावी मुकाबला पहले भी होता रहा है। इस बार दोनों मंत्री अपने समर्थक उम्मीदवारों के लिए चुनावी मैदान में है। पूर्व मंत्री महेन्द्र प्रताप ने पहली बार फरीदाबाद लोकसभा से वर्ष 2024 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार कृष्णपाल के हाथों उनको हार का सामना करना पड़ा। कृष्णपाल गुर्जर को विधानसभा चुनाव में हराया 2005 के विधानसभा चुनाव में महेंद्र प्रताप ने कृष्णपाल गुर्जर मेवला महाराजपुर सीट से हराया था। महेंद्र प्रताप अब तक 9 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें 5 बार उन्हें जीत हासिल हुई है। लेकिन कृष्णपाल गुर्जर को वो केवल 2005 में ही हरा पाए थे। दोनों राजनीति के पुराने खिलाड़ी फरीदाबाद की राजनीति के कृष्णपाल गुर्जर और महेंद्र प्रताप पुराने खिलाड़ी है। कृष्णपाल गुर्जर 1996 में पहली बार वो विधायक बने और तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे है। 2014, 2019, में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अवतार भड़ाना को हराकर केन्द्र में मंत्री बने, 2024 में फिर से कांग्रेस के उम्मीदवार महेन्द्र प्रताप को हराकर मंत्री बन गए। दूसरी तरफ महेन्द्र प्रताप 1982 में मेवला महाराजपुर सीट से विधायक बने , 1987 में विधायक बनकर कांग्रेस दल के नेता बने, 1991 में तीसरी बार विधायक बनकर कांग्रेस की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने, चौथी बार मेवला महाराजपुर सीट से कृष्णपाल गुर्जर को हराकर विधायक बने। फरीदाबाद में दोनों की मजबूत पकड़ फरीदाबाद में दोनों मंत्रियों की मजबूत पकड़ है, इसलिए मेयर ये चुनाव काफी दोनों के लिए काफी कठिन होने वाला है। दोनों ही गुर्जर समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार है जिसका फायदा बीजेपी की मेयर उम्मीदवार को मिलेगा। लेकिन कांग्रेस की गुटबाजी से को संभालना कांग्रेस मेयर पद की उम्मीदवार के लिए चुनौती भरा होने वाला है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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