यूपी में क्यों रुकी है BJP जिलाध्यक्षों की सूची, कहां फंसा है पेंच? 30 दिसंबर को होनी थी जारी

यूपी में क्यों रुकी है BJP जिलाध्यक्षों की सूची, कहां फंसा है पेंच? 30 दिसंबर को होनी थी जारी

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP BJP District President List:</strong> उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नए जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर अब तक फैसला नहीं ले पा रही है. पूरा मामला सामाजिक समीकरण ठीक से नहीं होने और बड़े नेताओं के बीच आपसी खींचताच की वजह से अटक गया है. केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इस सूची में सभी वर्गों और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की वजह से वापस कर दिया गया है. ऐसे में पार्टी में फिर से नए सिरे से जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारतीय जनता पार्टी के नए ज़िलाध्यक्षों की सूची 30 दिसंबर को ही आ जानी चाहिए थी, लेकिन आपसी खींचतान के चलते पहले तो इस लिस्ट को बनाने में काफी दिक्कतें हुईं, फिर कभी दिल्ली चुनाव तो कभी किसी और वजह के चलते इसे तैयार करने में दो महीने की देरी होती रही फिर भी इस पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई है. बीजेपी ने यूपी को अपने संगठन की दृष्टि से 98 जिलों में विभाजित किया है. चयन समिति ने पहली लिस्ट में 70 जिलाध्यक्षों के नाम भेजे थे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने इसमें महिलाओं और वंचितों की भागेदारी नहीं होने की वजह वापस कर दिया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्रीय नेतृत्व ने वापस भेजी सूची</strong><br />शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण का प्रावधान हैं ऐसे में पार्टी चाहती है कि जिलाध्यक्षों में भी महिलाओं की भागेदारी बढ़े. वहीं विपक्षी दलों के पीडीए के काट के लिए पार्टी पिछड़ों, वंचितों और दलितों को भी प्रतिनिधित्व देना चाहती है. लेकिन, इस लिस्ट में इसका ध्यान नहीं रखा गया था. ऐसे में केंद्र की ओर से आम सहमति के साथ फिर लिस्ट पर विचार करने को कहा गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/agra-tcs-manager-manav-sharma-hanged-himself-after-dispute-with-wife-ann-2894090″><strong>TCS मैनेजर ने पत्नी से परेशान होकर लगाई फांसी, सुसाइड से पहले बनाया Video, कहा- ‘कोई तो…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है कि नए जिलाध्यक्षों को तय करने में सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा जाए. इस बीच कई जिलों में शीर्ष नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों के बीच तनाव देखने को मिल रहा हैं. जिसकी वजह से कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं. पिछले दिनों फतेहपुर के ज़िलाध्यक्ष मुखलाल पर भी पार्टी में पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये लेने के आरोप लगे थे. पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. तमाम विवादों के चलते अब बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों की सूची आने में और समय लग सकता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP BJP District President List:</strong> उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नए जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर अब तक फैसला नहीं ले पा रही है. पूरा मामला सामाजिक समीकरण ठीक से नहीं होने और बड़े नेताओं के बीच आपसी खींचताच की वजह से अटक गया है. केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इस सूची में सभी वर्गों और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की वजह से वापस कर दिया गया है. ऐसे में पार्टी में फिर से नए सिरे से जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारतीय जनता पार्टी के नए ज़िलाध्यक्षों की सूची 30 दिसंबर को ही आ जानी चाहिए थी, लेकिन आपसी खींचतान के चलते पहले तो इस लिस्ट को बनाने में काफी दिक्कतें हुईं, फिर कभी दिल्ली चुनाव तो कभी किसी और वजह के चलते इसे तैयार करने में दो महीने की देरी होती रही फिर भी इस पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई है. बीजेपी ने यूपी को अपने संगठन की दृष्टि से 98 जिलों में विभाजित किया है. चयन समिति ने पहली लिस्ट में 70 जिलाध्यक्षों के नाम भेजे थे लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने इसमें महिलाओं और वंचितों की भागेदारी नहीं होने की वजह वापस कर दिया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्रीय नेतृत्व ने वापस भेजी सूची</strong><br />शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण का प्रावधान हैं ऐसे में पार्टी चाहती है कि जिलाध्यक्षों में भी महिलाओं की भागेदारी बढ़े. वहीं विपक्षी दलों के पीडीए के काट के लिए पार्टी पिछड़ों, वंचितों और दलितों को भी प्रतिनिधित्व देना चाहती है. लेकिन, इस लिस्ट में इसका ध्यान नहीं रखा गया था. ऐसे में केंद्र की ओर से आम सहमति के साथ फिर लिस्ट पर विचार करने को कहा गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/agra-tcs-manager-manav-sharma-hanged-himself-after-dispute-with-wife-ann-2894090″><strong>TCS मैनेजर ने पत्नी से परेशान होकर लगाई फांसी, सुसाइड से पहले बनाया Video, कहा- ‘कोई तो…'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है कि नए जिलाध्यक्षों को तय करने में सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा जाए. इस बीच कई जिलों में शीर्ष नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों के बीच तनाव देखने को मिल रहा हैं. जिसकी वजह से कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जा रहे हैं. पिछले दिनों फतेहपुर के ज़िलाध्यक्ष मुखलाल पर भी पार्टी में पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये लेने के आरोप लगे थे. पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. तमाम विवादों के चलते अब बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों की सूची आने में और समय लग सकता है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दिल्ली CAG रिपोर्ट: अस्पतालों में डॉक्टर्स-बेड की भारी कमी, जरूरी उपकरण बेकार, मोहल्ला क्लीनिक पर सवाल