केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में प्रस्तावित संशोधन बिल के विरोध में किन्नौर बार एसोसिएशन ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को रिकांगपिओ में एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने बिल की प्रति को जलाकर अपना विरोध जताया। उन्होंने केंद्र सरकार से बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन ने डीसी किन्नौर के माध्यम से सत्र न्यायाधीश रामपुर बुशहर को ज्ञापन भी भेजा है। वकीलों की आजादी पर हमला: राम सिंह बार एसोसिएशन किन्नौर के अध्यक्ष सीनियर वकील अमर चंद नेगी और पूर्व अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि यह बिल वकीलों की आजादी और निष्पक्ष कार्य में बाधा डालेगा। उन्होंने बताया कि जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेती, विरोध जारी रहेगा। एसोसिएशन ने 3 और 4 मार्च को जिले की सभी अदालतों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। देशभर में इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वकीलों का कहना है कि यह बिल पूरी तरह से उनके हितों के विरुद्ध है। केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में प्रस्तावित संशोधन बिल के विरोध में किन्नौर बार एसोसिएशन ने कड़ा रुख अपनाया है। सोमवार को रिकांगपिओ में एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने बिल की प्रति को जलाकर अपना विरोध जताया। उन्होंने केंद्र सरकार से बिल को तुरंत वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन ने डीसी किन्नौर के माध्यम से सत्र न्यायाधीश रामपुर बुशहर को ज्ञापन भी भेजा है। वकीलों की आजादी पर हमला: राम सिंह बार एसोसिएशन किन्नौर के अध्यक्ष सीनियर वकील अमर चंद नेगी और पूर्व अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि यह बिल वकीलों की आजादी और निष्पक्ष कार्य में बाधा डालेगा। उन्होंने बताया कि जब तक सरकार बिल वापस नहीं लेती, विरोध जारी रहेगा। एसोसिएशन ने 3 और 4 मार्च को जिले की सभी अदालतों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। देशभर में इस बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वकीलों का कहना है कि यह बिल पूरी तरह से उनके हितों के विरुद्ध है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
