लखनऊ में सबसे बड़ी टाउनशिप विकसित करने वाले अंसल API को केवल 83 करोड़ रुपए बकाया के लिए NCLT ने दिवालिया घोषित कर दिया। ऐसी कार्रवाई को अंसल के प्लॉट, फ्लैट खरीदार हजारों करोड़ का घोटाला मान रहे हैं। इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। अंसल API के खरीदारों में बड़ी संख्या में सैनिक भी शामिल हैं। वे सैनिक जिन्होंने जवानी बॉर्डर पर खपा दी और रिटायरमेंट के बाद अपने घर का सपना देखा था। अंसल ने उनके सपनों को पूरा नहीं होने दिया। अंसल अपनी जीवन भर की जमा पूंजी फंसा बैठे रिटायर्ट सैनिकों का दर्द उन्हीं की जुबानी…। 2017 में SSP आवास का किया था घेराव अंसल एपीआई के आवंटियों ने 2017 में 10 सितंबर को एसएसपी कार्यालय और आवास पर प्रदर्शन किया था। आवंटियों ने डिवेलपर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज दिखाकर बुकिंग करने और मानसिक उत्पीड़न की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आवंटियों ने बताया कि उन्होंने साल 2007 में अंसल के प्रोजेक्ट में घर खरीदने के लिए पैसा जमा करवाया था। कई प्लॉट और विला का आज तक पता ही नहीं। यही नहीं, पैराडाइज डायमंड अपार्टमेंट के आवंटियों ने 90% रकम जमा कर दी है। आवंटियों ने अंसल प्रबंधन के बड़े अधिकारियों के विदेश भागने की भी आशंका जताई। अंसल के सभी प्रोजेक्ट का बाजार भाव तेजी से गिर रहा है। सस्ती दरों पर फ्लैट और दुकान का वादा था भारतीय सेना में सूबेदार मेजर रहे आर एल वर्मा ने बताया कि साल 2010 में अंसल ने टाउनशिप शुरू की। सस्ती दरों पर विला, फ्लैट और दुकान देने का वादा किया। अंसल ने सभी भावी निवेशकों को 30 से 40 फीसदी भुगतान करने के लिए कहा। हम लोगों ने अंसल को भुगतान किया भी। अब 15 साल बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं है। सैनिक बॉर्डर पर अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा करते हैं। उनकी भी गाढ़ी कमाई अंसल ने लूट ली। अंसल में करीब 400 सैनिकों की जमा पूंजी फंसी है। हमने मामले में रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। उसके बाद कुछ मामलों का निपटारा किया गया। पिछली बार 2018 में सुशील अंसल आए थे। उनसे शिकायत के बावजूद रवैया वही है। लद्दाख में तैनाती के दौरान बुक कराया था प्लॉट रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र यादव ने बताया कि सेना की तरफ से जब मेरी तैनाती लेह-लद्दाख में थी तब अंसल में प्लॉट बुक किया था। नौकरी का सारा पैसा इसमें लगा दिया था। सोचा था कि देश की सेवा से निवृत्ति के बाद जाऊंगा तो अपने घर में रहूंगा। बॉर्डर पर तैनाती दे रहे सेना के कई अफसरों ने अंसल API में निवेश किया है। वहीं, परमजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने तकरीबन एक करोड़ रुपए अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी के नाम पर 2009 और 2011 में इन्वेस्ट किया था। अब भी प्लॉट वीरान पड़ा है। मेरे पिताजी ने अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई इसमें लगा दी। जब भी हमने इस मामले पर बात करनी चाही तो हमें सिर्फ टरकाया गया। सभा में उठे ये मुद्दे …………………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल के खिलाफ FIR होगी:CM योगी बोले- LDA सख्त कार्यवाही करे, NCLT के आदेश को चुनौती देंगे लखनऊ विकास प्राधिकरण अंसल प्रबंधक के खिलाफ गोमती नगर थाने में FIR दर्ज करवाएगा। CM योगी ने LDA अधिकारियों को मामले में सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ एलडीए NCLT के आदेश के खिलाफ चुनौती देगा। आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल में जाएगा। यहां पर राहत नहीं मिलेगी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा। एक सप्ताह के अंदर यह कार्रवाई पूरी की जाएगी। यहां पढ़े पूरी खबर लखनऊ में सबसे बड़ी टाउनशिप विकसित करने वाले अंसल API को केवल 83 करोड़ रुपए बकाया के लिए NCLT ने दिवालिया घोषित कर दिया। ऐसी कार्रवाई को अंसल के प्लॉट, फ्लैट खरीदार हजारों करोड़ का घोटाला मान रहे हैं। इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। अंसल API के खरीदारों में बड़ी संख्या में सैनिक भी शामिल हैं। वे सैनिक जिन्होंने जवानी बॉर्डर पर खपा दी और रिटायरमेंट के बाद अपने घर का सपना देखा था। अंसल ने उनके सपनों को पूरा नहीं होने दिया। अंसल अपनी जीवन भर की जमा पूंजी फंसा बैठे रिटायर्ट सैनिकों का दर्द उन्हीं की जुबानी…। 2017 में SSP आवास का किया था घेराव अंसल एपीआई के आवंटियों ने 2017 में 10 सितंबर को एसएसपी कार्यालय और आवास पर प्रदर्शन किया था। आवंटियों ने डिवेलपर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज दिखाकर बुकिंग करने और मानसिक उत्पीड़न की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। आवंटियों ने बताया कि उन्होंने साल 2007 में अंसल के प्रोजेक्ट में घर खरीदने के लिए पैसा जमा करवाया था। कई प्लॉट और विला का आज तक पता ही नहीं। यही नहीं, पैराडाइज डायमंड अपार्टमेंट के आवंटियों ने 90% रकम जमा कर दी है। आवंटियों ने अंसल प्रबंधन के बड़े अधिकारियों के विदेश भागने की भी आशंका जताई। अंसल के सभी प्रोजेक्ट का बाजार भाव तेजी से गिर रहा है। सस्ती दरों पर फ्लैट और दुकान का वादा था भारतीय सेना में सूबेदार मेजर रहे आर एल वर्मा ने बताया कि साल 2010 में अंसल ने टाउनशिप शुरू की। सस्ती दरों पर विला, फ्लैट और दुकान देने का वादा किया। अंसल ने सभी भावी निवेशकों को 30 से 40 फीसदी भुगतान करने के लिए कहा। हम लोगों ने अंसल को भुगतान किया भी। अब 15 साल बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं है। सैनिक बॉर्डर पर अपनी जान पर खेलकर देश की रक्षा करते हैं। उनकी भी गाढ़ी कमाई अंसल ने लूट ली। अंसल में करीब 400 सैनिकों की जमा पूंजी फंसी है। हमने मामले में रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था। उसके बाद कुछ मामलों का निपटारा किया गया। पिछली बार 2018 में सुशील अंसल आए थे। उनसे शिकायत के बावजूद रवैया वही है। लद्दाख में तैनाती के दौरान बुक कराया था प्लॉट रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र यादव ने बताया कि सेना की तरफ से जब मेरी तैनाती लेह-लद्दाख में थी तब अंसल में प्लॉट बुक किया था। नौकरी का सारा पैसा इसमें लगा दिया था। सोचा था कि देश की सेवा से निवृत्ति के बाद जाऊंगा तो अपने घर में रहूंगा। बॉर्डर पर तैनाती दे रहे सेना के कई अफसरों ने अंसल API में निवेश किया है। वहीं, परमजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने तकरीबन एक करोड़ रुपए अंसल एपीआई में प्रॉपर्टी के नाम पर 2009 और 2011 में इन्वेस्ट किया था। अब भी प्लॉट वीरान पड़ा है। मेरे पिताजी ने अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई इसमें लगा दी। जब भी हमने इस मामले पर बात करनी चाही तो हमें सिर्फ टरकाया गया। सभा में उठे ये मुद्दे …………………………… यह खबर भी पढ़े लखनऊ में अंसल के खिलाफ FIR होगी:CM योगी बोले- LDA सख्त कार्यवाही करे, NCLT के आदेश को चुनौती देंगे लखनऊ विकास प्राधिकरण अंसल प्रबंधक के खिलाफ गोमती नगर थाने में FIR दर्ज करवाएगा। CM योगी ने LDA अधिकारियों को मामले में सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ एलडीए NCLT के आदेश के खिलाफ चुनौती देगा। आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल में जाएगा। यहां पर राहत नहीं मिलेगी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा। एक सप्ताह के अंदर यह कार्रवाई पूरी की जाएगी। यहां पढ़े पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
रिटायरमेंट फंड से जमीन खरीदी..अब हाथ खाली:अंसल API के 400 निवेशक सैनिक बोले- रजिस्ट्री के लिए 15 साल से चक्कर लगा रहे
