<p style=”text-align: justify;”><strong>Indore News:</strong> इंदौर पुलिस ने जालसाज को गिरफ्तार किया है. जालसाज खुद को राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बताकर बेरोजगार युवकों को ठगने का काम करता था. पुलिस के मुताबिक फर्जी अधिकारी ने स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने की एवज में बेरोजगार युवक से 70 हजार रुपये वसूल लिए थे. फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. एसीपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि सारांश मिश्रा नामक युवक ने एमआईजी पुलिस से ठगी की शिकायत की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता का कहना था कि स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के लिए अपर कलेक्टर बताने वाले शख्स को 70 हजार रुपये दिए थे. पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. जांच-पड़ताल के दौरान फरियादी की शिकायत सही निकली. पुलिस को पता चला कि अपर कलेक्टर बताने वाला शख्स राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नहीं है. आरोपी मूल रूप से महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है. पुलिस ने जालसाज को गिरफ्तार कर लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फर्जी अधिकारी की खुली पोल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में आरोपी ने नाम संकेत चव्हाण बताया. एसीपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपी सार्वजनिक स्थानों पर जान पहचान बढ़ाकर लोगों को झांसे में लेता था. राज्य प्रशासनिक सेवा में बड़े पद के हवाले से लोग जल्दी प्रभावित हो जाते थे. उसने महालक्ष्मी नगर निवासी सारांश मिश्रा से दोस्ती कर स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने का वादा किया था. बदले में 70 हजार रुपये बेरोजगार युवक से ले लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नौकरी के नाम पर लगाया चूना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने बताया कि संकेत चह्वाण बत्ती वाली कार का भी इस्तेमाल करता था. कार के आगे एसडीएम की नेम प्लेट लगा रखी थी. मुलाकात के दौरान जालसाज राजस्व विभाग भोपाल में पोस्टिंग होना बताता था. सारांश मिश्रा को बताया था कि खुद के लिए स्टेनोग्राफर की आवश्यकता है. बेरोजगार युवक ने स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के लिए जालसाज को 70 हजार रुपये दे दिए. पुलिस आरोपी से और भी ठगी मामले का पता लगा रही है. </p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/xrxawUn8etM?si=oiD7PjpchZEYDxWE” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”ऑनलाइन गेम खेलने से मना करने पर खूंखार बना NEET का छात्र, माता-पिता पर किया हमला, एक की मौत” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/balaghat-neet-student-attack-on-parents-for-stopping-online-games-mother-death-ann-2897873″ target=”_self”>ऑनलाइन गेम खेलने से मना करने पर खूंखार बना NEET का छात्र, माता-पिता पर किया हमला, एक की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Indore News:</strong> इंदौर पुलिस ने जालसाज को गिरफ्तार किया है. जालसाज खुद को राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बताकर बेरोजगार युवकों को ठगने का काम करता था. पुलिस के मुताबिक फर्जी अधिकारी ने स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने की एवज में बेरोजगार युवक से 70 हजार रुपये वसूल लिए थे. फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. एसीपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि सारांश मिश्रा नामक युवक ने एमआईजी पुलिस से ठगी की शिकायत की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायतकर्ता का कहना था कि स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के लिए अपर कलेक्टर बताने वाले शख्स को 70 हजार रुपये दिए थे. पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की. जांच-पड़ताल के दौरान फरियादी की शिकायत सही निकली. पुलिस को पता चला कि अपर कलेक्टर बताने वाला शख्स राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी नहीं है. आरोपी मूल रूप से महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है. पुलिस ने जालसाज को गिरफ्तार कर लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फर्जी अधिकारी की खुली पोल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूछताछ में आरोपी ने नाम संकेत चव्हाण बताया. एसीपी अमरेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपी सार्वजनिक स्थानों पर जान पहचान बढ़ाकर लोगों को झांसे में लेता था. राज्य प्रशासनिक सेवा में बड़े पद के हवाले से लोग जल्दी प्रभावित हो जाते थे. उसने महालक्ष्मी नगर निवासी सारांश मिश्रा से दोस्ती कर स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने का वादा किया था. बदले में 70 हजार रुपये बेरोजगार युवक से ले लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नौकरी के नाम पर लगाया चूना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने बताया कि संकेत चह्वाण बत्ती वाली कार का भी इस्तेमाल करता था. कार के आगे एसडीएम की नेम प्लेट लगा रखी थी. मुलाकात के दौरान जालसाज राजस्व विभाग भोपाल में पोस्टिंग होना बताता था. सारांश मिश्रा को बताया था कि खुद के लिए स्टेनोग्राफर की आवश्यकता है. बेरोजगार युवक ने स्टेनोग्राफर की नौकरी दिलाने के लिए जालसाज को 70 हजार रुपये दे दिए. पुलिस आरोपी से और भी ठगी मामले का पता लगा रही है. </p>
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