श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री दमदमा साहिब से ज्ञानी सुल्तान सिंह को सेवामुक्त करने के बाद अकाली दल में भी बगावती सुर उठने लगे हैं। अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया व 6 अन्य नेता इस सेवामुक्ति के फैसले के विरोध में आ गए हैं। वहीं, पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने मजीठिया को पार्टी व बादल परिवार के पीठ पर छुरा घोंपने वाला करार दे दिया है। जत्थेदारों की सेवामुक्ति के बाद शुरू हुए इस पूरे घटनाक्रम में मजीठिया और बादल परिवार के बीच दूरी दिखने लगी है। जबकि इन दोनों परिवारों के बीच सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, पारिवारिक रिश्ते भी हैं। जिसमें मजीठिया परिवार की बेटी हरसिमरत कौर की शादी प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल से हो रखी है। इस घटनाक्रम के बीच श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से गठित भर्ती कमेटी के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि मैंबरशिप ड्राइव जारी रहेगी। ये जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश है और उसकी पालना की जाएगी। बिक्रम मजीठिया ने कहा- हमारे मनों को ठेस पहुंची अकाली दल में ये विरोध बिक्रम मजीठिया के साथ 6 सीनियर नेताओं सरदार शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, सरदार जोध सिंह सामरा, सरबजीत सिंह साबी, रमनदीप सिंह संधू और सिमरजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से जारी प्रेस-नोट के बाद शुरू हुआ। जिसमें कहा गया- पिछले दिनों हुई घटनाओं को लेकर जो फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लिया है, उससे संपूर्ण संगत और हमारे मनों को को गहरी ठेस पहुंची है। गुरु साहिब जी ने भी संगतों को भी गुरु का स्थान दिया है, वही संगतों के विचारों को महत्व देते हुए, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म और धार्मिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी गलत परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा, उसे सिख मर्यादा के अनुसार जवाब दिया जाएगा। जो लोग सिख परंपराओं और धर्म की रक्षा के लिए खड़े हैं, वे सिख समुदाय के सही मार्ग पर चलने वाले लोग हैं। भूंदड़ ने कहा- बादल परिवार का समर्थन नहीं किया शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने बिक्रम मजीठिया के विरोध के बाद लिखित बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा- बिक्रम सिंह मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है, जबकि यही वह कमेटी है, जिसके पहले प्रधान उनके परदादा सुंदर सिंह मजीठिया थे।एसजीपीसी की अंतरिम कमेटी द्वारा जत्थेदार साहिबान को लेकर लिया गया फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया गया है। बिक्रम सिंह मजीठिया को बीबी हरसिमरत कौर बादल ने बचपन से पाला और बादल परिवार का हिस्सा होने के कारण उन्हें बहुत सम्मान दिलाया गया। सुखबीर सिंह बादल ने मुश्किल समय में मजीठिया का पूरी तरह समर्थन किया, लेकिन आज जब अकाली दल और सुखबीर सिंह बादल कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो मजीठिया को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, मगर उन्होंने पीठ में छुरा घोंप दिया है। स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद अकाली दल के अंदर बने हालातों को देखते हुए मजीठिया का कर्तव्य था कि वह उस महान नेता के अहसानों के कारण उनकी विरासत को संजोने में सुखबीर बादल का पूरा समर्थन करते। मैं फिर से बिक्रम सिंह मजीठिया के इस कदम को गलत ठहराते हुए उन्हें सलाह देता हूं कि वह विरोधियों की साजिश का हिस्सा बनने के बजाय मिलकर इन साजिशों का मुकाबला करें। वडाला बोले- 18 से शुरू होगी ड्राइव इसी बीच बागी गुट के नेता व अकाल तख्त साहिब की तरफ से अकाली दल में भर्ती के लिए गठित कमेटी के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने फोन पर बातचीत में कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर बनी कमेटी अपना काम करती रहेगी। इस कमेटी के 7 में से 5 सदस्य ही बचे हैं। तय समय अनुसार 18 मार्च से इस ड्राइव को शुरू किया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार से भी बातचीत की जाएगी। वडाला ने कहा कि अकाली दल ने कभी भी 7 सदस्य कमेटी को मान्यता नहीं दी। लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश माना जाएगा। उन्होंने बीते दिनों जत्थेदारों को हटाए जाने का विरोध भी जताया। वडाला ने कहा कि कमेटी अकाली दल से बातचीत करेगी। अगर वे साथ चलने को तैयार हुए तो ठीक, अन्यथा कमेटी अलग भी चल सकती है और अलग पार्टी का गठन भी संभव है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री दमदमा साहिब से ज्ञानी सुल्तान सिंह को सेवामुक्त करने के बाद अकाली दल में भी बगावती सुर उठने लगे हैं। अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया व 6 अन्य नेता इस सेवामुक्ति के फैसले के विरोध में आ गए हैं। वहीं, पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने मजीठिया को पार्टी व बादल परिवार के पीठ पर छुरा घोंपने वाला करार दे दिया है। जत्थेदारों की सेवामुक्ति के बाद शुरू हुए इस पूरे घटनाक्रम में मजीठिया और बादल परिवार के बीच दूरी दिखने लगी है। जबकि इन दोनों परिवारों के बीच सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, पारिवारिक रिश्ते भी हैं। जिसमें मजीठिया परिवार की बेटी हरसिमरत कौर की शादी प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल से हो रखी है। इस घटनाक्रम के बीच श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से गठित भर्ती कमेटी के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि मैंबरशिप ड्राइव जारी रहेगी। ये जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश है और उसकी पालना की जाएगी। बिक्रम मजीठिया ने कहा- हमारे मनों को ठेस पहुंची अकाली दल में ये विरोध बिक्रम मजीठिया के साथ 6 सीनियर नेताओं सरदार शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, सरदार जोध सिंह सामरा, सरबजीत सिंह साबी, रमनदीप सिंह संधू और सिमरजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से जारी प्रेस-नोट के बाद शुरू हुआ। जिसमें कहा गया- पिछले दिनों हुई घटनाओं को लेकर जो फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लिया है, उससे संपूर्ण संगत और हमारे मनों को को गहरी ठेस पहुंची है। गुरु साहिब जी ने भी संगतों को भी गुरु का स्थान दिया है, वही संगतों के विचारों को महत्व देते हुए, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म और धार्मिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी गलत परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा, उसे सिख मर्यादा के अनुसार जवाब दिया जाएगा। जो लोग सिख परंपराओं और धर्म की रक्षा के लिए खड़े हैं, वे सिख समुदाय के सही मार्ग पर चलने वाले लोग हैं। भूंदड़ ने कहा- बादल परिवार का समर्थन नहीं किया शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने बिक्रम मजीठिया के विरोध के बाद लिखित बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा- बिक्रम सिंह मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है, जबकि यही वह कमेटी है, जिसके पहले प्रधान उनके परदादा सुंदर सिंह मजीठिया थे।एसजीपीसी की अंतरिम कमेटी द्वारा जत्थेदार साहिबान को लेकर लिया गया फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया गया है। बिक्रम सिंह मजीठिया को बीबी हरसिमरत कौर बादल ने बचपन से पाला और बादल परिवार का हिस्सा होने के कारण उन्हें बहुत सम्मान दिलाया गया। सुखबीर सिंह बादल ने मुश्किल समय में मजीठिया का पूरी तरह समर्थन किया, लेकिन आज जब अकाली दल और सुखबीर सिंह बादल कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो मजीठिया को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, मगर उन्होंने पीठ में छुरा घोंप दिया है। स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद अकाली दल के अंदर बने हालातों को देखते हुए मजीठिया का कर्तव्य था कि वह उस महान नेता के अहसानों के कारण उनकी विरासत को संजोने में सुखबीर बादल का पूरा समर्थन करते। मैं फिर से बिक्रम सिंह मजीठिया के इस कदम को गलत ठहराते हुए उन्हें सलाह देता हूं कि वह विरोधियों की साजिश का हिस्सा बनने के बजाय मिलकर इन साजिशों का मुकाबला करें। वडाला बोले- 18 से शुरू होगी ड्राइव इसी बीच बागी गुट के नेता व अकाल तख्त साहिब की तरफ से अकाली दल में भर्ती के लिए गठित कमेटी के सदस्य गुरप्रताप सिंह वडाला ने फोन पर बातचीत में कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर बनी कमेटी अपना काम करती रहेगी। इस कमेटी के 7 में से 5 सदस्य ही बचे हैं। तय समय अनुसार 18 मार्च से इस ड्राइव को शुरू किया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार से भी बातचीत की जाएगी। वडाला ने कहा कि अकाली दल ने कभी भी 7 सदस्य कमेटी को मान्यता नहीं दी। लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश माना जाएगा। उन्होंने बीते दिनों जत्थेदारों को हटाए जाने का विरोध भी जताया। वडाला ने कहा कि कमेटी अकाली दल से बातचीत करेगी। अगर वे साथ चलने को तैयार हुए तो ठीक, अन्यथा कमेटी अलग भी चल सकती है और अलग पार्टी का गठन भी संभव है। पंजाब | दैनिक भास्कर
