आतिशी ने विधानसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी, ‘सदन में बोलने के लिए आम आदमी पार्टी को सिर्फ…’

आतिशी ने विधानसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी, ‘सदन में बोलने के लिए आम आदमी पार्टी को सिर्फ…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Atishi Letter To Speaker Vijender Gupta:</strong> बजट सत्र से पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पिछले सत्र के दौरान विपक्ष पर की गयी कार्यवाही की कड़ी निंदा की और विपक्षी विधायकों के साथ उचित व्यवहार की मांग की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में विपक्षी विधायकों को बोलने नहीं दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ”सदन में बोलने के लिए भाजपा को 86 फीसद का समय दिया गया, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 14 फीसद का ही समय मिला.” आतिशी ने स्पीकर के इस व्यवहार की निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर हमला बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AAP विधायकों को गैरकानूनी तरीके से निलंबित किया गया- आतिशी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों को गैरकानूनी तरीके से सदन से निलंबित किया गया और जानबूझ कर विधानसभा में प्रवेश प्रतिबंधित कर उनके विरोध को दबाने का प्रयास किया गया था, जिससे दिल्ली के 44 फीसद मतदाताओं की आवाज दब गई. आतिशी ने स्पीकर को याद दिलाया कि उनका कर्तव्य विधायी अखंडता को बनाए रखना है, न कि सत्ताधारी दल के हितों की सेवा करना.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्पीकर का काम हर आवाज को सुनना है- आतिशी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित पत्र में नेता विपक्ष आतिशी ने हाल ही संपन्न विधानसभा सत्र के संचालन के तरीके पर अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा, ”संसदीय लोकतंत्र में अध्यक्ष विधायी बहस के निष्पक्ष संरक्षक के रूप में कार्य करता है, नियमों को बनाए रखता है, शिष्टाचार बनाए रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि हर आवाज सुनी जाए. अध्यक्ष को निष्पक्ष बहस और जिम्मेदार शासन का माहौल बनाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सदन में नारेबाजी की घटना पर आतिशी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा नारेबाजी की घटना पर आतिशी ने लिखा, ”गत 25 फरवरी, 2025 को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा नारेबाजी की गई. विपक्ष ने &lsquo;जय भीम&rsquo; के नारे लगाए, जबकि सत्ता पक्ष ने &lsquo;मोदी, मोदी, मोदी&rsquo; के नारे लगाए. सभी विपक्षी विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया. लेकिन सत्ता पक्ष के किसी भी विधायक को नारेबाजी करने के बावजूद बाहर नहीं निकाला गया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने सदन में निष्पक्षता बहाल करने के लिए AAP के सभी विधायकों की ओर से निम्नलिखित मांगें रखी हैं-</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>सदन से निलंबित विधायकों को विधानसभा के परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्हें विधानसभा के लॉन में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने और विपक्ष के नेता के कार्यालय तक पहुंचने की अनुमति दी जानी चाहिए.</li>
<li>विधानसभा के आगामी सत्रों में प्रत्येक चर्चा के लिए आवंटित समय को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या के अनुपात में विभाजित किया जाए. इसके बाद संबंधित विधायक दल का नेता तय करे और अध्यक्ष को सूचित करे कि उस समय को उनके विभिन्न वक्ताओं के बीच कैसे विभाजित किया जाए.</li>
<li>अगर कोई विधायक हंगामा करता हुआ या चर्चा के विषय से भटका हुआ पाया जाता है या पॉइंट ऑफ ऑर्डर का प्रश्न उठाता है, तो सत्ता पक्ष और विपक्ष पर समान मानदंड लागू हों.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र के अंत में <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> ने लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष का कर्तव्य विधायी अखंडता को बनाए रखना है, न कि सत्तारूढ़ पार्टी के हितों की सेवा करना है. मुझे पूरी उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष 8वीं विधानसभा के पहले सत्र में लोकतांत्रिक मानदंडों को हुए नुकसान को पहचानेंगे और दिल्ली विधानसभा के आगामी बजट सत्र में सदन में निष्पक्षता, शिष्टाचार और सम्मान बहाल करने के लिए उचित कदम उठाएंगे.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/D07CIX_Fv2E?si=riNX4BtIvX4tjiw1″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Atishi Letter To Speaker Vijender Gupta:</strong> बजट सत्र से पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पिछले सत्र के दौरान विपक्ष पर की गयी कार्यवाही की कड़ी निंदा की और विपक्षी विधायकों के साथ उचित व्यवहार की मांग की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में विपक्षी विधायकों को बोलने नहीं दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ”सदन में बोलने के लिए भाजपा को 86 फीसद का समय दिया गया, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 14 फीसद का ही समय मिला.” आतिशी ने स्पीकर के इस व्यवहार की निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर हमला बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>AAP विधायकों को गैरकानूनी तरीके से निलंबित किया गया- आतिशी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों को गैरकानूनी तरीके से सदन से निलंबित किया गया और जानबूझ कर विधानसभा में प्रवेश प्रतिबंधित कर उनके विरोध को दबाने का प्रयास किया गया था, जिससे दिल्ली के 44 फीसद मतदाताओं की आवाज दब गई. आतिशी ने स्पीकर को याद दिलाया कि उनका कर्तव्य विधायी अखंडता को बनाए रखना है, न कि सत्ताधारी दल के हितों की सेवा करना.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>स्पीकर का काम हर आवाज को सुनना है- आतिशी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित पत्र में नेता विपक्ष आतिशी ने हाल ही संपन्न विधानसभा सत्र के संचालन के तरीके पर अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा, ”संसदीय लोकतंत्र में अध्यक्ष विधायी बहस के निष्पक्ष संरक्षक के रूप में कार्य करता है, नियमों को बनाए रखता है, शिष्टाचार बनाए रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि हर आवाज सुनी जाए. अध्यक्ष को निष्पक्ष बहस और जिम्मेदार शासन का माहौल बनाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सदन में नारेबाजी की घटना पर आतिशी ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा नारेबाजी की घटना पर आतिशी ने लिखा, ”गत 25 फरवरी, 2025 को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा नारेबाजी की गई. विपक्ष ने &lsquo;जय भीम&rsquo; के नारे लगाए, जबकि सत्ता पक्ष ने &lsquo;मोदी, मोदी, मोदी&rsquo; के नारे लगाए. सभी विपक्षी विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया. लेकिन सत्ता पक्ष के किसी भी विधायक को नारेबाजी करने के बावजूद बाहर नहीं निकाला गया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने सदन में निष्पक्षता बहाल करने के लिए AAP के सभी विधायकों की ओर से निम्नलिखित मांगें रखी हैं-</p>
<ul style=”text-align: justify;”>
<li>सदन से निलंबित विधायकों को विधानसभा के परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्हें विधानसभा के लॉन में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने और विपक्ष के नेता के कार्यालय तक पहुंचने की अनुमति दी जानी चाहिए.</li>
<li>विधानसभा के आगामी सत्रों में प्रत्येक चर्चा के लिए आवंटित समय को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या के अनुपात में विभाजित किया जाए. इसके बाद संबंधित विधायक दल का नेता तय करे और अध्यक्ष को सूचित करे कि उस समय को उनके विभिन्न वक्ताओं के बीच कैसे विभाजित किया जाए.</li>
<li>अगर कोई विधायक हंगामा करता हुआ या चर्चा के विषय से भटका हुआ पाया जाता है या पॉइंट ऑफ ऑर्डर का प्रश्न उठाता है, तो सत्ता पक्ष और विपक्ष पर समान मानदंड लागू हों.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र के अंत में <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> ने लिखा है कि विधानसभा अध्यक्ष का कर्तव्य विधायी अखंडता को बनाए रखना है, न कि सत्तारूढ़ पार्टी के हितों की सेवा करना है. मुझे पूरी उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष 8वीं विधानसभा के पहले सत्र में लोकतांत्रिक मानदंडों को हुए नुकसान को पहचानेंगे और दिल्ली विधानसभा के आगामी बजट सत्र में सदन में निष्पक्षता, शिष्टाचार और सम्मान बहाल करने के लिए उचित कदम उठाएंगे.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/D07CIX_Fv2E?si=riNX4BtIvX4tjiw1″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>  दिल्ली NCR देवघर के बैद्यनाथ मंदिर में हरि और हर मिलन का मोहक होगा दृश्य, जानें महत्व