राजस्थान के इस गांव में खेली जाती है ‘बारूद’ की होली, तोप और राइफल से मनता है जश्न

राजस्थान के इस गांव में खेली जाती है ‘बारूद’ की होली, तोप और राइफल से मनता है जश्न

<p style=”text-align: justify;”><strong>Udaipur Gunpowder Holi:</strong> राजस्थान के उदयपुर जिले के मेनार गांव में अनोखे तरीके से होली का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में बारूद से होली खेलने का रिवाज है. यानी यहां तोप और बंदूकें चलाकर ‘बारूद की होली’ खेली जाती है. इस दौरान पटाखों के साथ-साथ बंदूकों की प्रदर्शनी सी लगती है और स्थानीय लोग अपने घरों से हथियार लाते हैं और एकसाथ इकट्ठा होकर जश्न मनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शनिवार (15 मार्च) की शाम होली के इस अनोखे पर्व के साथ मेनार गांव की गलियां गूंज उठीं. यह सालाना परंपरा गांव के इतिहास से जुड़ी है. शनिवार की शाम गोलियों और तोप की आवाजें सुनकर बाकी लोग भी घरों के बाहर आ गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वीर योद्धाओं के सम्मान में बारूद की होली</strong><br />न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह त्योहार उस ऐतिहासिक जंग को समर्पित है, जब मेनार के योद्धाओं ने मुगल सेना को खदेड़ दिया था. उनकी वीरता को याद रखने के लिए हर साल बारूद की होली मनाने की परंपरा चली. यह मेनार के योद्धाओं की वीरता और प्रतिरोध का प्रतीक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/16/7120c5495e746db8ab954c34e39d2b7d1742128385373584_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन सुनिश्चित करता है सबकी सुरक्षा</strong><br />मेनार गांव को योद्धाओं की विरासत माना जाता है. इसलिए हर साल यहां स्थानीय लोग बड़े धूमधाम से बारूद की होली का पर्व मनाते हैं. एक ओर लोकल लोग इकट्ठा होकर पूरे जोश से तोप और बंदूकें दागते हैं, दूसरी ओर प्रशासन सबकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जाता है कि उदयपुर से शुरू हुई बारूद की होली को देखने राजस्थान की अन्य जगहों से भी लोग पहुंचते हैं. राजस्थान में योद्धाओं और राजपरिवारों की होली खासतौर पर मनाई जाती है. बारूद की होली को झांकी और लोकनृत्य के साथ मनाया जाता है, जिसके लिए जयपुर और पुष्कर से भी लोग आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत के हर राज्य में होली की अनोखी परंपरा</strong><br />उत्तर प्रदेश के बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली बेहद लोकप्रिय है, जहां महिलाएं लट्ठ लेकर होली खेलती हैं. मथुरा और वृंदावन में होली का सप्ताह भर लंबा जश्न चलता है, जिसमें फूलों की होली और विधवाओं की होली फेमस हैं. इसी तरह पंजाब के आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला मनाया जाता है, जिसमें निहंग योद्धा घोड़े पर सवार होकर करतब करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार और झारखंड में फगुआ मनाया जाता है, जिसमें लोकगीत, भांग और होलिका दहन के साथ जश्न मनता है. महाराष्ट्र में भी मटकी फोड़ होली मनाई जाती है, जिसमें श्रीकृष्ण का बचपन दर्शाते हुए दही की हांडियां फोड़ी जाती हैं. ऐसे ही देश के अलग-अलग राज्यों में होली की अलग और अनोखी परंपराएं हैं.&nbsp;</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/s8Lwankh5DE?si=7aEKJ_STbOS8UmSt” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Udaipur Gunpowder Holi:</strong> राजस्थान के उदयपुर जिले के मेनार गांव में अनोखे तरीके से होली का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में बारूद से होली खेलने का रिवाज है. यानी यहां तोप और बंदूकें चलाकर ‘बारूद की होली’ खेली जाती है. इस दौरान पटाखों के साथ-साथ बंदूकों की प्रदर्शनी सी लगती है और स्थानीय लोग अपने घरों से हथियार लाते हैं और एकसाथ इकट्ठा होकर जश्न मनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शनिवार (15 मार्च) की शाम होली के इस अनोखे पर्व के साथ मेनार गांव की गलियां गूंज उठीं. यह सालाना परंपरा गांव के इतिहास से जुड़ी है. शनिवार की शाम गोलियों और तोप की आवाजें सुनकर बाकी लोग भी घरों के बाहर आ गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वीर योद्धाओं के सम्मान में बारूद की होली</strong><br />न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह त्योहार उस ऐतिहासिक जंग को समर्पित है, जब मेनार के योद्धाओं ने मुगल सेना को खदेड़ दिया था. उनकी वीरता को याद रखने के लिए हर साल बारूद की होली मनाने की परंपरा चली. यह मेनार के योद्धाओं की वीरता और प्रतिरोध का प्रतीक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/03/16/7120c5495e746db8ab954c34e39d2b7d1742128385373584_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन सुनिश्चित करता है सबकी सुरक्षा</strong><br />मेनार गांव को योद्धाओं की विरासत माना जाता है. इसलिए हर साल यहां स्थानीय लोग बड़े धूमधाम से बारूद की होली का पर्व मनाते हैं. एक ओर लोकल लोग इकट्ठा होकर पूरे जोश से तोप और बंदूकें दागते हैं, दूसरी ओर प्रशासन सबकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहता है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जाता है कि उदयपुर से शुरू हुई बारूद की होली को देखने राजस्थान की अन्य जगहों से भी लोग पहुंचते हैं. राजस्थान में योद्धाओं और राजपरिवारों की होली खासतौर पर मनाई जाती है. बारूद की होली को झांकी और लोकनृत्य के साथ मनाया जाता है, जिसके लिए जयपुर और पुष्कर से भी लोग आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>भारत के हर राज्य में होली की अनोखी परंपरा</strong><br />उत्तर प्रदेश के बरसाना और नंदगांव की लट्ठमार होली बेहद लोकप्रिय है, जहां महिलाएं लट्ठ लेकर होली खेलती हैं. मथुरा और वृंदावन में होली का सप्ताह भर लंबा जश्न चलता है, जिसमें फूलों की होली और विधवाओं की होली फेमस हैं. इसी तरह पंजाब के आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला मनाया जाता है, जिसमें निहंग योद्धा घोड़े पर सवार होकर करतब करते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार और झारखंड में फगुआ मनाया जाता है, जिसमें लोकगीत, भांग और होलिका दहन के साथ जश्न मनता है. महाराष्ट्र में भी मटकी फोड़ होली मनाई जाती है, जिसमें श्रीकृष्ण का बचपन दर्शाते हुए दही की हांडियां फोड़ी जाती हैं. ऐसे ही देश के अलग-अलग राज्यों में होली की अलग और अनोखी परंपराएं हैं.&nbsp;</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/s8Lwankh5DE?si=7aEKJ_STbOS8UmSt” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>  राजस्थान Uttarakhand News: केदारनाथ धाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कही ये बड़ी बात