हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नाबालिग छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना के वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। कुछ देर बाद उसकी मां घर लौटी तो बेटी को कमरे में बंद पाया। घटना किशोरी 11वीं क्लास में पढ़ रही थी। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के ईस्ट मेदिनीपुर जिले के रहने वाले गोपाल राणा के मुताबिक, उसकी पत्नी 15 मार्च को शाम करीब 7 बजे उसे खाना देने दुकान पर आई थी। इस दौरान उसकी 17 साल की बेटी प्रतिमा घर में अकेली थी। कुछ देर बाद उसकी पत्नी घर लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक प्रतिमा ने दरवाजा नहीं खोला तो उसकी पत्नी से उसे सूचना दी। मौके पर पहुंचकर उसने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा की कुंडी तोड़ दी। मानसिक तनाव बनी वजह अंदर देखा तो उसकी बेटी प्रतिमा साड़ी के फंदे से छत की कुंडी से लटकी हुई थी। उसने उसे तुरंत नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बंगाल से पिहोवा आने के बाद उसकी बेटी लगातार मानसिक तनाव झेल रही थी। इस वजह से उसने यह कदम उठाया। इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। उनको किसी पर कोई शक भी नहीं है। कुछ महीने पहले पिहोवा आया परिवार गोपाल राणा के मुताबिक, वह पिछले करीब 15 साल से पिहोवा में सोने-चांदी के जेवर बनाने का काम कर रहा है। वह कुछ महीने पहले ही अपने परिवार को पिहोवा लेकर आए थे। यहां वो अपने परिवार के साथ नंद कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहा है। उधर, सिटी पुलिस ने बयान के आधार पर इत्तफाकिया रिपोर्ट दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नाबालिग छात्रा ने संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना के वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। कुछ देर बाद उसकी मां घर लौटी तो बेटी को कमरे में बंद पाया। घटना किशोरी 11वीं क्लास में पढ़ रही थी। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के ईस्ट मेदिनीपुर जिले के रहने वाले गोपाल राणा के मुताबिक, उसकी पत्नी 15 मार्च को शाम करीब 7 बजे उसे खाना देने दुकान पर आई थी। इस दौरान उसकी 17 साल की बेटी प्रतिमा घर में अकेली थी। कुछ देर बाद उसकी पत्नी घर लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक प्रतिमा ने दरवाजा नहीं खोला तो उसकी पत्नी से उसे सूचना दी। मौके पर पहुंचकर उसने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा की कुंडी तोड़ दी। मानसिक तनाव बनी वजह अंदर देखा तो उसकी बेटी प्रतिमा साड़ी के फंदे से छत की कुंडी से लटकी हुई थी। उसने उसे तुरंत नीचे उतारा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बंगाल से पिहोवा आने के बाद उसकी बेटी लगातार मानसिक तनाव झेल रही थी। इस वजह से उसने यह कदम उठाया। इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। उनको किसी पर कोई शक भी नहीं है। कुछ महीने पहले पिहोवा आया परिवार गोपाल राणा के मुताबिक, वह पिछले करीब 15 साल से पिहोवा में सोने-चांदी के जेवर बनाने का काम कर रहा है। वह कुछ महीने पहले ही अपने परिवार को पिहोवा लेकर आए थे। यहां वो अपने परिवार के साथ नंद कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहा है। उधर, सिटी पुलिस ने बयान के आधार पर इत्तफाकिया रिपोर्ट दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
