<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रेमचंद अग्रवाल ने आज अपना सरकारी आवास खाली कर दिया. आवास छोड़ने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने समर्थकों से अपील की कि वे प्रदेश में किसी भी प्रकार का बंद न करें और अपने प्रतिष्ठान खुले रखें. उन्होंने कहा, “राजनीति में यह सब चलता रहता है. मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तरक्की करे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने उत्तराखंड बंद का आह्वान किया था. इस दौरान डोईवाला सहित कई क्षेत्रों में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद नजर आए. हालांकि, अग्रवाल ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन न करें और सामान्य रूप से अपना काम जारी रखें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग को लेकर देना पड़ा इस्तीफा<br /></strong>प्रेमचंद अग्रवाल पर आरोप था कि उन्होंने सदन में भाषण के दौरान पहाड़ी मूल के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इस बयान के बाद प्रदेशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. जगह-जगह धरने और नारेबाजी होने लगी, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया. विरोध को शांत करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा मांग लिया, जिसे उन्होंने दे दिया. आवास खाली करने के बाद प्रेमचंद अग्रवाल अपनी विधानसभा ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए. उन्होंने जाते-जाते समर्थकों को शांति बनाए रखने का संदेश दिया और कहा कि वे प्रदेश के विकास के लिए कार्य करते रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, कांग्रेस ने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे को देर से लिया गया फैसला बताया. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “जो काम पहले होना चाहिए था, वह काफी देर से हुआ. सरकार को पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन जनता के भारी विरोध के बाद मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/VDzopxfmtFg?si=OKArxvbsfw1sfdvL” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद सियासी हलचल तेज<br /></strong>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बावजूद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि भाजपा सरकार को अब स्पष्ट करना चाहिए कि वह पहाड़ी मूल के लोगों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी. इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bsp-chief-mayawati-message-to-relatives-akash-anand-and-ashok-sidharth-with-party-leader-2905575″>रिश्तों पर खुलकर बोलीं मायावती, अपनों को दिया सीधा संदेश, कहा- ‘कमजोर नहीं पड़ूंगी'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रेमचंद अग्रवाल ने आज अपना सरकारी आवास खाली कर दिया. आवास छोड़ने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने समर्थकों से अपील की कि वे प्रदेश में किसी भी प्रकार का बंद न करें और अपने प्रतिष्ठान खुले रखें. उन्होंने कहा, “राजनीति में यह सब चलता रहता है. मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तरक्की करे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने उत्तराखंड बंद का आह्वान किया था. इस दौरान डोईवाला सहित कई क्षेत्रों में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद नजर आए. हालांकि, अग्रवाल ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन न करें और सामान्य रूप से अपना काम जारी रखें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग को लेकर देना पड़ा इस्तीफा<br /></strong>प्रेमचंद अग्रवाल पर आरोप था कि उन्होंने सदन में भाषण के दौरान पहाड़ी मूल के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. इस बयान के बाद प्रदेशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. जगह-जगह धरने और नारेबाजी होने लगी, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया. विरोध को शांत करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा मांग लिया, जिसे उन्होंने दे दिया. आवास खाली करने के बाद प्रेमचंद अग्रवाल अपनी विधानसभा ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए. उन्होंने जाते-जाते समर्थकों को शांति बनाए रखने का संदेश दिया और कहा कि वे प्रदेश के विकास के लिए कार्य करते रहेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं, कांग्रेस ने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे को देर से लिया गया फैसला बताया. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “जो काम पहले होना चाहिए था, वह काफी देर से हुआ. सरकार को पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन जनता के भारी विरोध के बाद मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/VDzopxfmtFg?si=OKArxvbsfw1sfdvL” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद सियासी हलचल तेज<br /></strong>प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बावजूद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि भाजपा सरकार को अब स्पष्ट करना चाहिए कि वह पहाड़ी मूल के लोगों के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी. इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं.</p>
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