नागपुर हिंसा के बाद औरंगजेब विवाद पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, ‘इन लोगों को अब…’

नागपुर हिंसा के बाद औरंगजेब विवाद पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, ‘इन लोगों को अब…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Raj Thackeray on Aurangzeb Row:</strong> महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने की मांग और उसको लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है. मंगलवार (18 मार्च) को अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक में राज ठाकरे ने कहा, “इन लोगों को अब औरंगजेब की याद आ रही है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवाजी सावंत द्वारा लिखे गए ‘छावा’ उपन्यास की जिक्र करते हुए मनसे मुखिया ने नागपुर हिंसा की बात रखी. राज ठाकरे ने कहा, “60 साल पहले छावा उपन्यास शिवाजी सावंत ने लिखा था, लेकिन फिल्म अब आई है. इसलिए अब सबको औरंगजेब की याद आ गई है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>औरंगजेब विवाद के बीच नागपुर में भड़की थी हिंसा</strong><br />गौरतलब है कि औरंगजेब के नाम पर हो रहे दंगों की आग में सोमवार (17 मार्च) की शाम नागपुर झुलसने पर मजबूर हो गया. इस पूरे मामले में पुलिस की तरफ से एक्शन लिया जा रहा है. नागपुर हिंसा मामले में पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. करीब 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 10 थाना इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है. अभी भी उपद्रवियों की धड़ पकड़ जारी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना में डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया गया. डीसीपी समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए. वहीं, कुछ आम लोगों के भी इस हिंसा में घायल होने की खबर है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री का क्षेत्र है नागपुर</strong><br />गिरफ्तार किए गए उपद्रवियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है ताकि हिंसा के और भी आरोपियों की पहचान की जा सके. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार भी सवालों के घेरे में है. एक ओर देवेंद्र फडणवीस सरकार आक्रामक मोड में नजर आ रही है. सीएम फडणवीस ने खुद कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, बड़ी बात भी यह है कि नागपुर खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस का क्षेत्र है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी यहीं से आते हैं. यहां आरएसएस का मुख्यालय है. ऐसी जगह पर इतना बड़ा दंगा हो जाना नागपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. इसलिए अब पुलिस दंगाइयों को ढूंढ-ढूंढ कर उन्हें कानून के घेरे में ला रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Raj Thackeray on Aurangzeb Row:</strong> महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने की मांग और उसको लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है. मंगलवार (18 मार्च) को अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक में राज ठाकरे ने कहा, “इन लोगों को अब औरंगजेब की याद आ रही है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिवाजी सावंत द्वारा लिखे गए ‘छावा’ उपन्यास की जिक्र करते हुए मनसे मुखिया ने नागपुर हिंसा की बात रखी. राज ठाकरे ने कहा, “60 साल पहले छावा उपन्यास शिवाजी सावंत ने लिखा था, लेकिन फिल्म अब आई है. इसलिए अब सबको औरंगजेब की याद आ गई है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>औरंगजेब विवाद के बीच नागपुर में भड़की थी हिंसा</strong><br />गौरतलब है कि औरंगजेब के नाम पर हो रहे दंगों की आग में सोमवार (17 मार्च) की शाम नागपुर झुलसने पर मजबूर हो गया. इस पूरे मामले में पुलिस की तरफ से एक्शन लिया जा रहा है. नागपुर हिंसा मामले में पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. करीब 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 10 थाना इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है. अभी भी उपद्रवियों की धड़ पकड़ जारी है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना में डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया गया. डीसीपी समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए. वहीं, कुछ आम लोगों के भी इस हिंसा में घायल होने की खबर है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री का क्षेत्र है नागपुर</strong><br />गिरफ्तार किए गए उपद्रवियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है ताकि हिंसा के और भी आरोपियों की पहचान की जा सके. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार भी सवालों के घेरे में है. एक ओर देवेंद्र फडणवीस सरकार आक्रामक मोड में नजर आ रही है. सीएम फडणवीस ने खुद कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, बड़ी बात भी यह है कि नागपुर खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस का क्षेत्र है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी यहीं से आते हैं. यहां आरएसएस का मुख्यालय है. ऐसी जगह पर इतना बड़ा दंगा हो जाना नागपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है. इसलिए अब पुलिस दंगाइयों को ढूंढ-ढूंढ कर उन्हें कानून के घेरे में ला रही है.&nbsp;</p>
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