<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi <a title=”Hindi News” href=”https://www.abplive.com/” data-type=”interlinkingkeywords”>Hindi News</a>:</strong> आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने एसिड पीडितों के पुनर्वास को लेकर केंद्र सरकार से कई पहल करने की मांग की है. बुधवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एसिड अटैक पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाने के लिए फास्ट्रैक कोर्ट बनाए. ये लोग अपनी जिंदगी में हर रोज मरते हैं और इनको न्याय पाने के लिए 20-20 साल तक भटकना पड़ता है. उन्होंने मांग की कि सरकार एसिड पीड़ितों का फ्री इलाज कराने की व्यवस्था करे और मुआवजा बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया जाए. साथ ही, सीएसआर फंड को इनके कल्याण व रोजगार के लिए निर्धारित किया जाए और एसिड अटैक के केस की समीक्षा के लिए केंद्रीय समिति बनाई जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संजय सिंह ने एसिड पीडितों के पुनर्वास को लेकर राज्यसभा में कहा कि एनसीआरबी का डेटा बताता है कि साल 2014 से लगभग हर साल करीब 200 महिलाएं एसिड अटैक की शिकार होती हैं. इनमें करीब 80 फीसद महिलाएं होती हैं, जिसमें 30 फीसद नाबालिक बच्चियां होती हैं. मुझे इनके दर्द को जानने का मौका ब्रेव सोल फाउंडेशन के जरिेए मिला. यह संस्था दिल्ली में काम करती है. मैं उसके एक कार्यक्रम में गया था. वहां रह रहीं बच्चियों को देखते ही आंखों में आंसू आ जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संजय सिंह ने कहा कि एसिड पीड़ितों को न्याय मिलने में काफी समय लगता है. वहां शाहीन मलिक नाम की एक महिला है. वह 16 साल से न्याय की आस में भटक रही है. उसको न्याय नहीं मिला. उसका पूरा चेहरा बिगड़ गया, एक आंख चली गई है. सिवान की अनुपमा और मोहिता नाम की 14 साल की दों बच्चियां थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन पर एसिड अटैक हुआ. उनको न्याय मिला भी तो 20 साल बाद मिला, जब उनकी मृत्यु हो चुकी थी. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल, 2015 को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि प्राइवेट हो या सरकारी अस्पताल, दोनों जगहों पर एसिट पीड़ितों का इलाज पूरी तरह से फ्री होना चाहिए. मैं सरकार से विनती करता हूं कि उनके फ्री इलाज की व्यवस्था की जाए. इनको मुआवजे के नाम पर केवल पांच लाख रुपए मिलते हैं. इनके इलाज के लिए कम से कम 50 लाख रुपए करने का इंतजाम किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-riots-case-karkardooma-court-framed-charges-against-8-accused-ann-2907629″>दिल्ली दंगों से जुड़े केस में 8 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय, कड़कड़डुमा कोर्ट ने 11 को किया बरी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi <a title=”Hindi News” href=”https://www.abplive.com/” data-type=”interlinkingkeywords”>Hindi News</a>:</strong> आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने एसिड पीडितों के पुनर्वास को लेकर केंद्र सरकार से कई पहल करने की मांग की है. बुधवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एसिड अटैक पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाने के लिए फास्ट्रैक कोर्ट बनाए. ये लोग अपनी जिंदगी में हर रोज मरते हैं और इनको न्याय पाने के लिए 20-20 साल तक भटकना पड़ता है. उन्होंने मांग की कि सरकार एसिड पीड़ितों का फ्री इलाज कराने की व्यवस्था करे और मुआवजा बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया जाए. साथ ही, सीएसआर फंड को इनके कल्याण व रोजगार के लिए निर्धारित किया जाए और एसिड अटैक के केस की समीक्षा के लिए केंद्रीय समिति बनाई जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संजय सिंह ने एसिड पीडितों के पुनर्वास को लेकर राज्यसभा में कहा कि एनसीआरबी का डेटा बताता है कि साल 2014 से लगभग हर साल करीब 200 महिलाएं एसिड अटैक की शिकार होती हैं. इनमें करीब 80 फीसद महिलाएं होती हैं, जिसमें 30 फीसद नाबालिक बच्चियां होती हैं. मुझे इनके दर्द को जानने का मौका ब्रेव सोल फाउंडेशन के जरिेए मिला. यह संस्था दिल्ली में काम करती है. मैं उसके एक कार्यक्रम में गया था. वहां रह रहीं बच्चियों को देखते ही आंखों में आंसू आ जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संजय सिंह ने कहा कि एसिड पीड़ितों को न्याय मिलने में काफी समय लगता है. वहां शाहीन मलिक नाम की एक महिला है. वह 16 साल से न्याय की आस में भटक रही है. उसको न्याय नहीं मिला. उसका पूरा चेहरा बिगड़ गया, एक आंख चली गई है. सिवान की अनुपमा और मोहिता नाम की 14 साल की दों बच्चियां थीं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन पर एसिड अटैक हुआ. उनको न्याय मिला भी तो 20 साल बाद मिला, जब उनकी मृत्यु हो चुकी थी. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल, 2015 को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि प्राइवेट हो या सरकारी अस्पताल, दोनों जगहों पर एसिट पीड़ितों का इलाज पूरी तरह से फ्री होना चाहिए. मैं सरकार से विनती करता हूं कि उनके फ्री इलाज की व्यवस्था की जाए. इनको मुआवजे के नाम पर केवल पांच लाख रुपए मिलते हैं. इनके इलाज के लिए कम से कम 50 लाख रुपए करने का इंतजाम किया जाए.</p>
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