चंडीगढ़ में गर्मियों की छुट्टियों में यात्रियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कालका-शिमला नैरोगेज रूट पर 3 बोगी वाली सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट (SPHMU) ट्रेन चलाई जाएगी। इस ट्रेन का अंतिम ट्रायल सफल रहा है और इसके कोच कालका पहुंच चुके हैं। कालका-शिमला ट्रैक पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए पहले दो ट्रायल असफल रहे थे। हालांकि, दिसंबर में हुए तीसरे ट्रायल में सफलता मिली। इस दौरान ट्रेन ने 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की स्पीड पकड़ी, जबकि मौजूदा ट्रेनों की अधिकतम गति केवल 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। बिना इंजन की ट्रेन, मॉडर्न सुविधाओं से लैस यह ट्रेन सेट बिना इंजन के चलेगी, क्योंकि इसमें कोच के अंदर ही इंजन लगे होते हैं। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए एसी, हीटर, एलईडी लाइट्स और डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। इस ट्रेन के सभी तीन कोच आपस में वेस्टिबुल (जुड़े हुए) हैं, जिससे यात्री आसानी से एक कोच से दूसरे कोच में जा सकते हैं। 103 सुरंगें और 869 पुल पार करेगी ट्रेन कालका-शिमला रेलवे ट्रैक नैरोगेज लाइन पर स्थित है, जिसकी चौड़ाई मात्र ढाई फिट है। इस ट्रैक पर ट्रेन को 103 सुरंगों और 869 पुलों से गुजरना होता है। इसके अलावा, रूट पर 919 घुमाव आते हैं, जिनमें से कुछ पर ट्रेन 48 डिग्री के तीव्र कोण पर घूमती है। स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे कर रहा है प्रयास रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस रूट पर ट्रेन की औसत गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सैल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन नई तकनीक से बनी हल्की ट्रेन है, जो यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव देगी। चंडीगढ़ में गर्मियों की छुट्टियों में यात्रियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए कालका-शिमला नैरोगेज रूट पर 3 बोगी वाली सेल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट (SPHMU) ट्रेन चलाई जाएगी। इस ट्रेन का अंतिम ट्रायल सफल रहा है और इसके कोच कालका पहुंच चुके हैं। कालका-शिमला ट्रैक पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए पहले दो ट्रायल असफल रहे थे। हालांकि, दिसंबर में हुए तीसरे ट्रायल में सफलता मिली। इस दौरान ट्रेन ने 30 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की स्पीड पकड़ी, जबकि मौजूदा ट्रेनों की अधिकतम गति केवल 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। बिना इंजन की ट्रेन, मॉडर्न सुविधाओं से लैस यह ट्रेन सेट बिना इंजन के चलेगी, क्योंकि इसमें कोच के अंदर ही इंजन लगे होते हैं। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए एसी, हीटर, एलईडी लाइट्स और डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं। इस ट्रेन के सभी तीन कोच आपस में वेस्टिबुल (जुड़े हुए) हैं, जिससे यात्री आसानी से एक कोच से दूसरे कोच में जा सकते हैं। 103 सुरंगें और 869 पुल पार करेगी ट्रेन कालका-शिमला रेलवे ट्रैक नैरोगेज लाइन पर स्थित है, जिसकी चौड़ाई मात्र ढाई फिट है। इस ट्रैक पर ट्रेन को 103 सुरंगों और 869 पुलों से गुजरना होता है। इसके अलावा, रूट पर 919 घुमाव आते हैं, जिनमें से कुछ पर ट्रेन 48 डिग्री के तीव्र कोण पर घूमती है। स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे कर रहा है प्रयास रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस रूट पर ट्रेन की औसत गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सैल्फ प्रोपेल्ड हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट ट्रेन नई तकनीक से बनी हल्की ट्रेन है, जो यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव देगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
