रोहतक जिले के पीजीआईएमएस में ऑर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा दो दिवसीय छठे पीजी टीचिंग कोर्स का आयोजन किया गया। कोर्स का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने किया। टीचिंग कोर्स के दौरान पीजी विद्यार्थियों को नई तकनीकों की जानकारी दी गई। टीचिंग कोर्स के दौरान कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के कोर्स में केस डिस्कशन, एक्स-रे जांच और वार्ड राउंड होते हैं, जिससे सीनियर और जूनियर रेजिडेंट को काफी फायदा होता है और उनका ज्ञान बढ़ता है। मरीजों के हित में ऑर्थोपेडिक्स विभाग को जो भी जरूरत होगी, संस्थान उसे प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराएगा। नई तकनीकों से रखे अपडेट
निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल ने कहा कि हड्डी रोग विभाग हमेशा से प्रगतिशील विभाग रहा है और खुद को नवीनतम तकनीक से अपडेट रखता है। आने वाले समय में विभाग नई ऊंचाइयों को छुएगा। यह संस्थान के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि यहां पूरे देश से चिकित्सक आए हैं। इस कोर्स में पीजी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो उन्हें ताउम्र काम आएगा। यह कोर्स वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। पीजी छात्रों का होगा ज्ञान वर्धन
डॉ. रूपसिंह ने बताया कि इस कोर्स में देश के विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ बुलाए गए हैं ताकि वें पीजी छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्रदान कर उनका मार्गदर्शन कर सकें। हमें किसी भी मरीज की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, मरीज की सभी जांच करवाएं ताकि बीमारी की जड़ को पकड़ा जा सके और उसकी पूरी हिस्ट्री लेकर अपनी जांच के आधार पर सही इलाज का चयन करें। देश के चुने हुए सेंटर पर होता है कोर्स
डॉ. आशीष देवगन ने कहा कि यह कोर्स पूरे देश में सिर्फ गिने चुने सेंटर पर ही होता है। यह आसपास के प्रदेश के पीजी छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है, जिसमें वे अपना केस लाइव प्रस्तुत करते हैं और बाहर से आई फैकल्टी फिर उस केस पर चर्चा करती है जो पीजी छात्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग का कार्य करती है। इस कोर्स में डॉक्टर को सिखाया जाएगा कि मरीज से कैसे बातचीत की जाए। 8 साल बाद फिर से यह कोर्स शुरू हो पाया है। रोहतक जिले के पीजीआईएमएस में ऑर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा दो दिवसीय छठे पीजी टीचिंग कोर्स का आयोजन किया गया। कोर्स का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने किया। टीचिंग कोर्स के दौरान पीजी विद्यार्थियों को नई तकनीकों की जानकारी दी गई। टीचिंग कोर्स के दौरान कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा कि इस प्रकार के कोर्स में केस डिस्कशन, एक्स-रे जांच और वार्ड राउंड होते हैं, जिससे सीनियर और जूनियर रेजिडेंट को काफी फायदा होता है और उनका ज्ञान बढ़ता है। मरीजों के हित में ऑर्थोपेडिक्स विभाग को जो भी जरूरत होगी, संस्थान उसे प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराएगा। नई तकनीकों से रखे अपडेट
निदेशक डॉ. एस.के. सिंघल ने कहा कि हड्डी रोग विभाग हमेशा से प्रगतिशील विभाग रहा है और खुद को नवीनतम तकनीक से अपडेट रखता है। आने वाले समय में विभाग नई ऊंचाइयों को छुएगा। यह संस्थान के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि यहां पूरे देश से चिकित्सक आए हैं। इस कोर्स में पीजी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो उन्हें ताउम्र काम आएगा। यह कोर्स वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। पीजी छात्रों का होगा ज्ञान वर्धन
डॉ. रूपसिंह ने बताया कि इस कोर्स में देश के विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ बुलाए गए हैं ताकि वें पीजी छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ ज्ञान प्रदान कर उनका मार्गदर्शन कर सकें। हमें किसी भी मरीज की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, मरीज की सभी जांच करवाएं ताकि बीमारी की जड़ को पकड़ा जा सके और उसकी पूरी हिस्ट्री लेकर अपनी जांच के आधार पर सही इलाज का चयन करें। देश के चुने हुए सेंटर पर होता है कोर्स
डॉ. आशीष देवगन ने कहा कि यह कोर्स पूरे देश में सिर्फ गिने चुने सेंटर पर ही होता है। यह आसपास के प्रदेश के पीजी छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है, जिसमें वे अपना केस लाइव प्रस्तुत करते हैं और बाहर से आई फैकल्टी फिर उस केस पर चर्चा करती है जो पीजी छात्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग का कार्य करती है। इस कोर्स में डॉक्टर को सिखाया जाएगा कि मरीज से कैसे बातचीत की जाए। 8 साल बाद फिर से यह कोर्स शुरू हो पाया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
