चारधाम यात्रा में प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती, जानें क्या है धामी सरकार का नया प्लान

चारधाम यात्रा में प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती, जानें क्या है धामी सरकार का नया प्लान

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<div class=”n0jPhd ynAwRc tNxQIb nDgy9d” style=”text-align: justify;” role=”heading” aria-level=”3″><strong>Chardham Yatra 2025: </strong>उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मिलकर एक नई रणनीति तैयार की है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यात्रा मार्गों को स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित बनाना है.</div>
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<p style=”text-align: justify;”>राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीडीआरएस) की शुरुआत की है. इस प्रणाली के तहत, यात्रियों को प्लास्टिक बोतलों और मल्टी-लेयर प्लास्टिक पैकेट्स पर एक क्यूआर कोड स्कैन करके अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के ऊपर एक जमा राशि का भुगतान करना होगा. यात्रा समाप्ति पर, इन प्लास्टिक वस्तुओं को निर्दिष्ट स्थानों पर वापस जमा करने पर यह राशि वापस कर दी जाएगी. इस प्रणाली का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और यात्रियों को प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान के लिए प्रोत्साहित करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ‘प्लास्टिक निरीक्षण एवं जागरूकता रथ’ नामक एक पहल शुरू की है. इन रथों का उद्देश्य यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक कचरे की निगरानी करना और स्थानीय लोगों, व्यापारियों, और यात्रियों को प्लास्टिक कचरे के प्रभाव और उसके प्रबंधन के बारे में जागरूक करना है. इन रथों ने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं और प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार ‘ग्रीन चारधाम यात्रा’ की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग यात्रा मार्गों पर होटलों और खाद्य व्यापारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है, जिसमें उन्हें खाद्य पदार्थों में तेल, नमक और चीनी के उपयोग को कम करने और एकल-उपयोग प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यावरणविदों ने प्लास्टिक कचरे के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरणविदों ने चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की है, जो स्थानीय जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन सकता है. उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के सख्त अनुपालन की सिफारिश की है, ताकि प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ये संयुक्त पहलें चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे को कम करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. इन प्रयासों की सफलता के लिए यात्रियों, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का सहयोग आवश्यक है, ताकि हिमालयी क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी को संरक्षित रखा जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-yogi-government-international-potato-research-centre-is-being-established-in-agra-ann-2921702″>यूपी में आलू किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, योगी सरकार के प्लान से इन जिलों को फायदा</a></strong></p> <div class=”lSfe4c O5OgBe M9rH0b LDuQLd”>
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<div class=”n0jPhd ynAwRc tNxQIb nDgy9d” style=”text-align: justify;” role=”heading” aria-level=”3″><strong>Chardham Yatra 2025: </strong>उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मिलकर एक नई रणनीति तैयार की है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यात्रा मार्गों को स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित बनाना है.</div>
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<p style=”text-align: justify;”>राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीडीआरएस) की शुरुआत की है. इस प्रणाली के तहत, यात्रियों को प्लास्टिक बोतलों और मल्टी-लेयर प्लास्टिक पैकेट्स पर एक क्यूआर कोड स्कैन करके अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के ऊपर एक जमा राशि का भुगतान करना होगा. यात्रा समाप्ति पर, इन प्लास्टिक वस्तुओं को निर्दिष्ट स्थानों पर वापस जमा करने पर यह राशि वापस कर दी जाएगी. इस प्रणाली का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और यात्रियों को प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान के लिए प्रोत्साहित करना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ‘प्लास्टिक निरीक्षण एवं जागरूकता रथ’ नामक एक पहल शुरू की है. इन रथों का उद्देश्य यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक कचरे की निगरानी करना और स्थानीय लोगों, व्यापारियों, और यात्रियों को प्लास्टिक कचरे के प्रभाव और उसके प्रबंधन के बारे में जागरूक करना है. इन रथों ने विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं और प्लास्टिक कचरे के उचित निपटान के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य सरकार ‘ग्रीन चारधाम यात्रा’ की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग यात्रा मार्गों पर होटलों और खाद्य व्यापारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है, जिसमें उन्हें खाद्य पदार्थों में तेल, नमक और चीनी के उपयोग को कम करने और एकल-उपयोग प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यावरणविदों ने प्लास्टिक कचरे के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पर्यावरणविदों ने चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त की है, जो स्थानीय जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा बन सकता है. उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के सख्त अनुपालन की सिफारिश की है, ताकि प्लास्टिक कचरे के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ये संयुक्त पहलें चारधाम यात्रा के दौरान प्लास्टिक कचरे को कम करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. इन प्रयासों की सफलता के लिए यात्रियों, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का सहयोग आवश्यक है, ताकि हिमालयी क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी को संरक्षित रखा जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-yogi-government-international-potato-research-centre-is-being-established-in-agra-ann-2921702″>यूपी में आलू किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, योगी सरकार के प्लान से इन जिलों को फायदा</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड गुना को मिलेगी ‘गौ अभ्यारण और अनुसंधान केंद्र’ की सौगात, ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले- ‘गाय सिर्फ पशु नहीं बल्कि…’