<p style=”text-align: justify;”>26/11 मुंबई आतंकी हमले की रात गोलियों और ग्रेनेड की बौछार के बीच डटे रहने वाले जांबाज आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ देश की सबसे अहम लड़ाई के अगुआ बने हैं. अब बतौर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) प्रमुख, उन्होंने अमेरिका से 2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में एडिशनल कमिश्नर (सेंट्रल रीजन) थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1990 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस दाते, 2008 में हमले के वक्त मुंबई पुलिस में एडिशनल कमिश्नर (सेंट्रल रीजन) थे. सीएसटी स्टेशन और कामा अस्पताल पर जब आतंकी हमला कर रहे थे, तब दाते ने बहादुरी से मोर्चा संभालते हुए कसाब और अबू इस्माइल का सामना किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जवाबी कार्रवाई में घायल हुआ था अबू इस्माइल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जवाबी कार्रवाई में अबू इस्माइल घायल हुआ और दोनों आतंकी वहां से भागने पर मजबूर हो गए. हालांकि इस संघर्ष में दाते खुद भी ग्रेनेड हमले में घायल हुए, लेकिन उन्होंने डटकर आतंकियों को टक्कर दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कसाब के खिलाफ गवाही रही निर्णायक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कसाब के खिलाफ चले मुकदमे में उनकी गवाही बेहद निर्णायक रही और न्याय प्रक्रिया को मजबूती मिली. मार्च 2024 में एनआईए का नेतृत्व संभालने के बाद से दाते ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब उनके नेतृत्व में ही एनआईए ने अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण करवा कर एक बड़ी सफलता हासिल की है. राणा पर 26/11 हमलों की साजिश में शामिल होने का आरोप है और वह डेविड कोलमैन हेडली का नज़दीकी सहयोगी बताया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दाते से देश को फिर उम्मीद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब जब राणा भारत में है, उसके खिलाफ चल रही एनआईए की जांच की बागडोर भी सीधे सदानंद दाते के हाथों में है. ऐसे में देश को एक बार फिर दाते से उम्मीद है कि वे 26/11 की साजिश की परतें खोलने और असली मास्टरमाइंड तक पहुंचने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे. अमेरिका से लाए जाने के बाद गुरुवार (10 अप्रैल) को तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया.</p> <p style=”text-align: justify;”>26/11 मुंबई आतंकी हमले की रात गोलियों और ग्रेनेड की बौछार के बीच डटे रहने वाले जांबाज आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ देश की सबसे अहम लड़ाई के अगुआ बने हैं. अब बतौर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) प्रमुख, उन्होंने अमेरिका से 2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2008 में एडिशनल कमिश्नर (सेंट्रल रीजन) थे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1990 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस दाते, 2008 में हमले के वक्त मुंबई पुलिस में एडिशनल कमिश्नर (सेंट्रल रीजन) थे. सीएसटी स्टेशन और कामा अस्पताल पर जब आतंकी हमला कर रहे थे, तब दाते ने बहादुरी से मोर्चा संभालते हुए कसाब और अबू इस्माइल का सामना किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जवाबी कार्रवाई में घायल हुआ था अबू इस्माइल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जवाबी कार्रवाई में अबू इस्माइल घायल हुआ और दोनों आतंकी वहां से भागने पर मजबूर हो गए. हालांकि इस संघर्ष में दाते खुद भी ग्रेनेड हमले में घायल हुए, लेकिन उन्होंने डटकर आतंकियों को टक्कर दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कसाब के खिलाफ गवाही रही निर्णायक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कसाब के खिलाफ चले मुकदमे में उनकी गवाही बेहद निर्णायक रही और न्याय प्रक्रिया को मजबूती मिली. मार्च 2024 में एनआईए का नेतृत्व संभालने के बाद से दाते ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब उनके नेतृत्व में ही एनआईए ने अमेरिका से तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण करवा कर एक बड़ी सफलता हासिल की है. राणा पर 26/11 हमलों की साजिश में शामिल होने का आरोप है और वह डेविड कोलमैन हेडली का नज़दीकी सहयोगी बताया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दाते से देश को फिर उम्मीद</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अब जब राणा भारत में है, उसके खिलाफ चल रही एनआईए की जांच की बागडोर भी सीधे सदानंद दाते के हाथों में है. ऐसे में देश को एक बार फिर दाते से उम्मीद है कि वे 26/11 की साजिश की परतें खोलने और असली मास्टरमाइंड तक पहुंचने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे. अमेरिका से लाए जाने के बाद गुरुवार (10 अप्रैल) को तहव्वुर राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया.</p> महाराष्ट्र AAP ने करवाया जिन सरकारी स्कूलों का निर्माण, उनकी होगी विजिलेंस जांच, मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिए आदेश
कौन हैं IPS सदानंद दाते? तहव्वुर राणा को भारत लाने में अहम भूमिका, आतंकी हमले में हुए थे घायल
